पुलिस वाले ने चूत को चोदकर फाड़ दिया

नमस्कार , मेरा नाम कनिका है और मेरी उम्र 21 साल है मेरी शादी को हुए करीब 7 महीने हुए है और आज में आप सभी चाहने वालों को मेरी खुद की एक सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ, जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई।

मेरे पति का खुद का अपना व्यापार होने की वजह से उनको हमेशा लगातार दूसरे शहर में घूमना पढ़ता है और उस वजह से मुझे मेरे बहुत बड़े घर में अक्सर अकेले रहना पड़ता है।

मेरे फिगर का आकार 36-28-36 है और मेरी लम्बाई 5.4 है और अक्सर मैं स्कर्ट या जीन्स ही पहनना पसन्द करती हूँ, चलिए अब में अपनी आज की सच्ची कहानी पर आती हूँ।

मेरे घर पर मेरे पास ऐसा कोई ख़ास काम नहीं होता है, क्योंकि हमने घर पर काम करने के लिए एक नौकरानी रखी हुई है, वो हर दिन हमारे घर आती है और घर का सारा काम वही संभालती है।

मैं बस कपड़े ही सुखाती हूँ, क्योंकि मेरे कपड़े कोई और छुए मुझे यह बिल्कुल भी पसन्द नहीं है और इसलिए में हर रोज़ की तरह उस दिन भी कपड़े सुखाने बाहर आई और कपड़े सुखाते हुए मैंने ध्यान दिया कि एक हट्टाकट्टा नौजवान मेरी तरफ बहुत देर से लगातार घूर रहा है।

फिर मैंने उसकी इस हरकत को बस ज्यादा ध्यान देकर में अपने कपड़े सुखाकर जल्दी से अंदर की तरफ आ गई. फिर में रोज़ की तरह टी.वी. देखती रहती या फोन पर गेम खेलती या ऐसे ही बैठी रहती।

उस दिन भी मेरे पति अपने किसी काम के सिलसिले में कहीं बाहर गए हुए थे और तभी मुझे उस लड़के के बारे में ख्याल आ गया कि वो कौन होगा, जो मुझे ऐसे देख रहा था?

तो यह बात सोचते सोचते मेरी उंगलियाँ मेरी बुर पर जा पहुंची और उसको ही अपने ख्याल में लाकर ना जाने कब से में बुर में उंगलियाँ करने लगी थी. मैंने सोफे पर ही बैठकर अपने सारे कपड़े उतार लिए और मुझे कोई डर भी नहीं था, क्योंकि मैं उस पूरे घर में अकेली थी।

अब मैं अपनी बुर पर उंगली को फेरने लगी, में अपने एक हाथ को बुर पर और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को सहलाने लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद में जोश में आकर बहुत ज़ोर से उँगलियों को अपनी बुर के अंदर बाहर करके खुद को चोदने लगी और साथ साथ सिसकियाँ भी भरने लगी, उूउउईईईइ उफ़फ्फ़ उउम्माह और अब मैं बहुत ज्यादा गरम होने के कारण झट से आईई हहुउऊ उफफफ्फ़ करके झड़ गई और फिर में कुछ देर ऐसे ही लेटी रही.

उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनकर ऐसे ही बैठ गई और अब यह मेरा हर रोज़ का काम हो गया था और मैं हर रोज़ उसे अपनी तरफ रिझाने के लिए छोटे छोटे कपड़े पहनकर बाहर जाती और में जानबूझ कर झुक जाती और फिर मैं आअहह की ज़ोर से आवाज़ लगाती, जिससे वो मेरी आवाज को सुन ले।

अब यह मेरा हर रोज़ का काम हो गया था कि वो मुझे रोज़ ताकता और मैं जल्दी से काम करके जल्दी से अंदर की तरफ चली आती, वो मेरे पड़ोसी थे और ऊपर से पुलिस वाले.

मेरे पति अक्सर उनसे बातें किया करते और वो आदमी मुझे ऐसे ही ताकता रहता था अब वो हर कभी मेरे घर पर आ जाता और बहुत देर तक बैठा रहता, इसलिए अब तक मेरे पति और वो बहुत करीबी दोस्त हो गये थे।

एक दिन जब मेरे पति महीने भर के लिए कहीं बाहर जाने वाले थे तो उन्होंने मेरे उसी पड़ोसी से बोला कि तुम मेरी पत्नी का ख्याल रखना और यह बात कहकर वो चले गये।

अब वो मेरे पति के जाने के कुछ घंटो बाद ही मेरे घर पर आ पहुंचा और वो मुझसे बोला कि भाभी जी कैसे हो आप? मैं उसकी यह बात सुनकर सकपका गई कि आख़िर में उसको क्या जवाब दूँ? और मैं कुछ सोचने लगी।

फिर वो मुझसे कहने लगा कि आप मुझसे इतनी डरती क्यों हो? क्या मैंने कुछ ग़लत किया है? तो मैंने बस ना में अपना सर हिला दिया और उससे बोला कि आप अंदर क्यों आए हो, मेरे पति तो इस समय घर पर नहीं है?

तब उन्होंने मुझसे बोला हाँ जी मुझे सब पता है कि वो इस समय घर पर नहीं है, क्योंकि उसने खुद मुझसे आपका ख्याल रखने के लिए कहा है और उसने मुझसे बोला है कि आपकी जो भी ज़रूरत हो वो पूरी कर देना।

मैं उसके मुहं से यह सभी बातें सुनकर एकदम से बहुत चकित थी, क्योंकि इससे पहले मेरे पति ने कभी भी ऐसा नहीं कहा था, मुझे माफ़ करना  तो आप लोगों को बताना ही भूल गई कि उसका नाम कार्तिक था और उसकी उम्र करीब 32 साल होगी और देखने में वो एकदम फिट और उसकी लम्बाई 6.2 होगी।

फिर उसने मुझे कुछ फल लाकर दे दिए और घर पर आकर बैठ गया मैं सच कहूँ तो उसका बहुत मस्त शरीर देखकर तो मेरी बुर वैसे ही अपना पानी छोड़ने लगती थी और तो और वो उससे चुदवाने के लिए भी तिलमिला उठती थी, शायद उसने यह देख रखा था।

फिर मैंने उसे पीने का पानी लाकर दे दिया और फिर मैं ठीक उसके सामने झुकी, जिसकी वजह से मेरे लटकते हुए बूब्स अब उसकी आखों के सामने थे और उसकी भूखी आँखें मेरे बूब्स के अंदर ऐसे पड़ी, जैसे वो मेरे बूब्स को अभी खा जायेगा फिर मैं सही से खड़ी हो गई और फिर वो कुछ देर रुककर वापस चला गया।

मैं टी.वी. देखने लगी और तब तक शाम हो गई थी. मैं जब स्कर्ट पहनती हूँ तो मेरे झुकने की वजह से मेरी बुर के बहुत अच्छी तरह से दर्शन हो जाते थे।

इसलिए मैंने उसके शाम को मेरे घर पर आने के बाद मैं जानबूझ कर किसी काम को करने के बहाने से पीछे की तरफ इस झुकी और वो यह नजारा कुछ देर देखकर झट से मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया।

और वो मुझसे कहने लगा कि अरे भाभी जी क्या आप मुझसे डर गई? तो मैंने तुरंत सीधे खड़े होकर उससे कहा कि क्या हुआ? और मेरे इतना कहने पर ही उसने मुझे झट से अपनी बाहों में दबोच लिया और फिर दीवार की तरफ ले गया।

मैंने कई दिनों से इस दिन का कितना इंतज़ार किया था? जो पूरा होने जा रहा था, लेकिन मैं एक शादीशुदा हूँ, इसलिए मुझे नाटक करना पड़ा इस हेंडसम मस्त लड़के को यह सब करने से रोकना पड़ा।

मैं : आह्ह्ह यह क्या कर रहे हो आप? प्लीज मुझे छोड़िए मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

कार्तिक : जी नहीं मैं बहुत दिनों से इस दिन का इंतज़ार करता आ रहा हूँ जानेमन, तूने मुझसे बहुत इंतजार करवाया है, लेकिन में तुझे अब ऐसे नहीं छोड़ सकताv

वो मुझसे यह बात कहकर मुझे चूमने लगा और मैंने उससे कहा कि प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा और हमें ऐसे देख सकता है. मैं उससे बहुत बार आग्रह करने लगी, लेकिन उसने मेरी एक भी ना सुनी और वो मुझे लगातार चूमता गया।

अब क्या था, फिर मैंने भी कुछ देर बाद उसके सामने हार मानकर उसकी तरफ पलटकर उसको बेड की तरफ धकेल और ताबड़तोड़ किस करने लगी थी. जिसकी वजह से पूरे घर में उमाहह उफ़फफुऊ उम्म्म आअहहहह की आवाज़ गूंजने लगी थी।

मेरी शादी मेरे घरवालों ने ज़बरदस्ती करवाई थी और उस वजह से मैंने कभी भी अपने पति को मुझे छूने नहीं दिया था और मेरी शादी के बाद यह मेरा पहला किस था, जो बहुत जोश भरा था और अब तक हम दोनों एक दूसरे में बिल्कुल मदहोश हो गये थे।

मैंने उसकी शर्ट को जोरदार झटका देकर फाड़कर उसके बदन से अलग कर दिया था और अब मैं उसकी छाती को चूमने चूसने लगी थी।

उसने मेरी स्कर्ट को बहुत ही बेरहमी से उतारकर फेंक दिया था और अब मेरे दिमाग़ में चल रहा था कि हम किस करते वक़्त ही एक दूसरे में इतना खो गये थे तो चुदाई के वक़्त हमारे साथ क्या होने वाला है?

इतने में दरवाजे पर बाहर लगी घंटी बज गई और उसकी आवाज को सुनकर मैं तो एकदम से चौंक गई. मेरे चेहरे से डर की वजह से पसीना आने लगा और उसका भी ठीक यही हाल था. उसके भी चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ा हुआ था और अब मैं सोचने लगी थी कि ना जाने इस समय बाहर कौन होगा।

अब मैं और वो एक दूसरे को देखने लगे थे. फिर मैंने बहुत हिम्मत करते हुए अंदर से ही एक आवाज़ लगाई और पूछा कि कौन है? तो मुझे बाहर से आवाज आई, जिसको सुनकर मैं तुरंत समझ गई कि वो मेरी नौकरानी थी, इसलिए मैंने झट से उसको जवाब दे दिया कि आज कोई काम नहीं है तुम कल आ जाना।

और वो वहीं से वापस चली गई और उसके जाते ही हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर हंस पड़े और अब हम एक दूसरे को लगातार ऐसे ही देखते रहे और उसके बाद हमारी बात चालू हुई।

मैं : क्या आपकी शादी हो गई?

कार्तिक : जी अगर हो गई होती तो क्या मैं आपके पास इधर आ पाता? वैसे आप ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत सुंदर हो और में बहुत दिनों से आपको ऐसे ही ताकता आ रहा हूँ और वो मौका मेरे हाथ आज लगा है।

फिर उसके मुहं से मेरी इतनी तारीफ सुनकर में शरमाते हुए हंस पड़ी और अब में ऐसे ही बिना स्कर्ट के चलने लगी और मैं स्कर्ट खोजने लगी. फिर ऐसे मुझे चलता देखकर झट से पीछे से गले लगाकर उसने मुझसे कहा कि इस दिन का मैंने बहुत दिनों से कितना इंतज़ार किया है?

अब मैंने उससे कुछ भी नहीं बोला और बस मैं उसको लगातार देखती रही और मैं इतने में उसकी गोद में छोटे बच्चो की तरह समा गई थी और वो मुझे अपनी गोद में लेकर हॉल में पहुंच गया और अब वो मुझे दोबारा चूमने लगा।

इस बार मैं भी शुरू से ही उसकी मदद करने लगी थी. अब कभी में उसके ऊपर तो कभी वो मेरे ऊपर आ जाता. हम एक दूसरे के अंदर समा रह थे और पूरे घर में बस एम्म मुऊऊ आअहह उूुउउउउंम की गूँज फैली हुई थी।

फिर जैसे ही उसने पूरे दम से मेरे बूब्स को दबाया तो मैं उस दर्द की वजह से चिल्ला उठी और उस जोरदार चीख को सुनकर उसने मेरे होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिए, जिसकी वजह से मेरी आवाज अंदर ही दबकर रह गई और उसने एक बार फिर से मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया।

उसने मेरी स्कर्ट को तो पहले से ही किसी कोने में फेंक दिया था और अब उसने मेरे टॉप को भी उतारकर फेंक दिया था और अब मैं अपनी जालीदार लाल कलर की ब्रा में उसके सामने लेटी हुई थी, मेरा बेड स्प्रिंग वाला होने की वजह से हम उसमें दबते ही जा रह थे, क्योंकि कार्तिक मुझ पर हावी होने लगा था।

उसने अपना पूरा शरीर मुझ पर एकदम ढीला छोड़कर मुझे चूमने लगा था जैसे कि उसने कई सालों से किसी को चूमा ना हो अब धीरे धीरे उसने मेरे गले को चूमते हुए वो मेरे बूब्स पर पहुंच गया और अब मेरे बूब्स उसके दोनों होंठो पर थे।

और मैं अपनी दोनों आखें बंद करके इस सारे अनुभव के मज़े ले रही थी और उसके साथ साथ मैं ज़ोर ज़ोर की सिसकियाँ भी ले रही थी।

जैसा कि मैंने पहले आपको बताया था कि हमारा घर बहुत बड़ा है और वहां पर इतनी शांति होने की वजह से मेरी आवाज़ गूंजने लगी थी।

मैं आआयुम्मम उफ्फ्फफ्फ्फ़ कहती तो दुबारा मुझे मेरी आवाज़ मेरे कानों में सुनाई पड़ती और वो लगातार मेरे बूब्स को खाए जा रहा था और मैं अपने हाथों से उसके बालों को पकड़कर अपने बूब्स पर और भी ज़ोर से दबाने लगी थी।

जिसकी वजह से वो और भी ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को अपने मुहं से चूसते हुए मेरी निप्पल को निचोड़े जा रहा था

और मैंने बहुत ज़ोर से उसे जकड़ा हुआ था।

ऐसा मैंने पहले कभी किसी को भी ना पकड़ा था, वो मुझे ऊपर चूमता, लेकिन मैंने अपना पैर पहले ही फैला रखे थे, जिस वजह से उसका लंड अब मेरी बुर पर रगड़े जा रहा था, मैं और भी ज्यादा पगलाती जा रही थी और एकदम मदहोश हो बैठी थी।

मैं उससे बस कहने लगी कि काश तुम मेरे पास पहले आते तो मेरी शादी तुमसे ही होती और अब तक तो मैं गर्भवती भी हो गई होती, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ बेबी और वो भी मुझसे हाँ मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ बेबी, कहकर उसने मेरे बूब्स को काटा और वो नीचे मेरी नाभि पर पहुंच गया।

अब वो मेरी नाभि को चूमने चाटने लगा, मैं तो उसकी वजह से बिल्कुल तड़प ही उठी. ऐसा मैंने कभी भी महसूस नहीं किया था और में वर्जिन तो नहीं हूँ।

लेकिन पिछले एक साल से में नहीं चुदी थी और ना ही ऐसे बंदे ने मुझको कभी ऐसे चूमा चाटा था. अब उसने मेरी बुर पर अपनी एक ऊँगली को रख दिया और उसके स्पर्श से में तो उसी पल कांप उठी।

मैंने महसूस किया कि उस बंदे में बहुत ही अलग सा नशा था, ना जाने क्यों वो मुझको इस एक घंटे में इतना पसन्द आने लगा था? और उसकी उँगलियाँ जो मेरी बुर को छू रही थी, वो भी मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी।

अब वो धीरे धीरे नीचे आते हुए तुरंत मेरी बुर के पास पहुंचकर वो अब अपनी जीभ से मेरी बुर को चाटने चूसने लगा था और मैं बस आअहहुउ उम्म्मउूउउ उफ़फ्फ़ हाँ उउक्ककक बेबी प्लीज़ मेरे बुर में अब जल्दी से अपना लंड डाल दो, उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब में ज्यादा और नहीं सह सकती कहने लगी थी और अपनी सिसकियों की आवाज़ को सुनने लगी।

उस समय मुझे बिल्कुल भी होश नहीं था कि मेरी चीखने चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक भी जा सकती है, मैं तो बस आज उससे अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. अब वो मेरी बुर को और भी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा था।

तभी मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसका सर पकड़कर अपनी पूरी ताकत लगाकर उसका मुहं मेरी बुर पर दबा लिया, जिसकी वजह से उसकी जीभ पूरी अंदर तक जा पहुंची और मैंने एकदम से उसको जकड़कर उसके मुहं पर अपनी बुर का गरम गरम पानी छोड़ दिया।

जिसकी वजह से उसका पूरा मुहं मेरे चिपचिपे गरम माल से भर गया और उसने बड़े प्यार से मेरा सारा पानी गटक लिया और फिर ऊपर मेरे मुहं के पास आ गया, उसने मेरे होंठो पर अपने दोनों गीले होंठ रख दिए और वो मुझे किस करने लगा।

मैंने आज पहली बार अपनी बुर का रस चखकर देखा था और वो बहुत ही नमकीन सा लग रहा था और फिर उसे चूमते हुए मैंने उसको नीचे जमीन पर गिरा दिया और अब में उसके ऊपर चढ़कर उसे चूमने लगी और कुछ देर चूमते हुए में नीचे आ गई और जब मैंने उसके लंड देखा तो में बिल्कुल ही दंग रह गई।

क्योंकि उसका लंड करीब 6 इंच लंबा और करीब 3 सेंटीमीटर मोटा था, इसलिए वो मेरे मुहं में पूरी तरह से घुस भी नहीं रहा था, शायद यह बात कार्तिक को अब समझ में आ रही थी।

इसलिए वो आधा उठा और मुझे किस करते हुए गोद में उठाकर बेड पर ले आया और उसने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आते ही उसने मेरे सर पर किस किया और उसके बाद मेरे होंठो को किस किया और फिर उसने अपने लंड को मेरी बुर के मुहं पर सेट किया।

तब मैंने उससे कहा कि बेबी बहुत मोटा है आपका, प्लीज मेरा थोड़ा सा ख्याल जरुर रखना. फिर उसने स्माईल करके मुझसे कहा कि तुम्हें कुछ भी नहीं होगा मेरी जानेमन, मैं हूँ ना और फिर वो सेट करके मेरे चेहरे के पास आ गया।

उसके बाद उसने अपने लंड को अंदर डालने की बहुत कोशिश की, लेकिन मेरी बुर ठस से मस ना हुई उसने अपना पूरा दम लगाया, लेकिन मेरी बुर का आकार बहुत छोटा था, इसलिए लंड हर बार फिसल जाता और अब मैं अपनी चुदाई के लिए बहुत बेताब हुई जा रही थी।

फिर मुझे एक बात सूझी और मैंने उसके लंड को अपनी जीभ से चाटकर उस पर बहुत सारा अपना थूक लगाकर उसको एकदम गीला कर दिया और फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम इसे प्लीज़ जल्दी से मेरे अंदर पूरा उतार दो।

फिर कार्तिक ने बड़े प्यार से मेरी बुर के मुहं पर अपना टोपा रखा और धीरे से अंदर की तरफ दबाव बना दिया, जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मेरी बुर के अंदर जा पहुंचा और उतने में मेरे मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकल पड़ी, उफ्फ्फ्फ़ आईईई माँ मैं मर गई, प्लीज थोड़ा धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, इस दर्द से मर जाउंगी उूुुउउ एम्म्मएम्म उउंमम्‍मा प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल लो, मुझे इसके आगे कुछ नहीं करना आह्ह्हह्ह्ह्ह।

फिर कार्तिक ने झट से मेरे होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिया और वो कुछ देर तक मेरे बूब्स को सहलाने लगा, उसने मेरे पूरे शरीर को अपने हल्के हाथ से सहलाया और मैं थोड़ा सा शांत लगने लगी।

तब वो एक बार फिर से धीरे धीरे मेरी छोटी सी बुर में अपना मोटा लंबा लंड जबरदस्ती ठूंसने लगा था और अब उसका लंड मेरी बुर में आधा अंदर था।

जिसकी वजह से मुझे अपनी बुर में एक अजीब सी जलन होने लगी थी, उसके लंड ने मेरी बुर की दीवारों को अंदर से पूरी तरह से जबरदस्ती घिसकर छिल दिया था और यह उसी का नतीजा था।

लंड अब मेरी बुर के अंदर था और मैं लगातार ज़ोर ज़ोर से चिल्लाए जा रही थी, आअहहह उूउउउउफफफ्फ़ उूउउएम्म्म एम्म्म उउउक्च्छ हुउूहह. अब मैं थोड़ी सी शांत हुई तो कार्तिक ने फिर से अपना लंड थोड़ा और अंदर घुसाया और वैसे ही मेरे ऊपर लेट गया।

मैं उसके गरम लंड को महसूस कर रही थी और अब में भी झड़ने लगी, लेकिन मुझे उससे चुदना ही था, इसलिए मैंने उससे कहा कि प्लीज बेबी अब चोदो ना मुझे में कब तक और इंतजार करूं, जल्दी से चोद दो मुझे और अपना बना लो आह्हह।

फिर वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया. उसने मुझसे यह बात सुनकर और एक बार जोरदार धक्का देकर अपना पूरा 6 इंच का मोटा लंड पूरा मेरी बुर के अंदर डाल दिया।

जिसकी वजह से मैं एकदम से चिल्ला उठी, आआहहहुउ उउफफफ्फ़उू उउईईईईईइ माँ मर गई, आउूउचहह और में बोलने लगी कि नहीं प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल दो, उफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है वरना में मर ही जाउंगी प्लीज़, लेकिन अब क्या था?

उसने मेरी एक भी बात को नहीं सुना और अब बस वो मेरी बुर में ज़ोर ज़ोर के धक्के मारने लगा और लगातार मेरी आवाज़ निकलती रही, आआहह हुउऊउफफफ्फ़ उूईईईईईई उउउफ़फ्फु।

अब मैंने उसे ज़ोर से जकड़ा हुआ था, वो मेरी बुर में अपने लंड को घोड़े पर सवार की तरह उचक उचककर धक्के देते हुए चोदे जा रहा था और कुछ समय बाद मुझे भी आनंद आने लगा था, जिसकी वजह से में भी अब उसके साथ साथ नीचे से अपनी बुर को उठा उठाकर धक्के देने लगी थी और मैं अपनी कमर को उठाकर उससे चुदने लगी।

अब बहुत समय हो गया था तो भी कार्तिक मुझे लगातार धक्के देकर चोदता जा रहा था, वो बिल्कुल भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, पता नहीं उस पर कौनसा भूत सवार था, मैं इस बीच ना जाने कितनी बार झड़ गई थी।

मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था, अब पूरे रूम में हम दोनों के नंगे बदन के टकराने की फच फच फच की आवाज़ और मेरी सिसकियों की आवाज़ गूंजने लगी थी. पूरे एक घंटे तक मैं उसी के नीचे लेटी हुई चुद रही थी और वो भी बहुत जोश में आकर मुझे चोदे जा रहा था।

फिर कभी मैं उसको किस करती तो कभी वो मुझे किस करता तो कभी वो मेरे बूब्स को चूमता और कभी उसे जमकर पकड़कर निचोड़ देता तो कभी वो मेरे बूब्स पर अपना सर रखकर उस पर लेट जाता. मित्रों वो जो भी मेरे साथ करता में उसका पूरा पूरा साथ देती जाती।

अब इस तरह  मेरी शादी के बाद की पहली चुदाई खत्म हुई, जिसमें मैंने अपने पड़ोसी पुलिस वाले का मोटा लंबा लंड लेकर उससे अपनी चुदाई के भरपूर मज़े लिए और उसको जोश में लाकर अपनी उससे जमकर चुदाई करवाई और अपनी प्यासी बुर को चुदवाकर शांत किया।

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