नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. मैं अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ. हम लोग जयपुर में रहते हैं।
मेरे घर में हम 4 लोग हैं. मम्मी-पापा के अलावा मैं और मेरा छोटा भाई ही है।
मेरे पापा एक टीचर हैं और मम्मी हाउस वाइफ हैं. मेरा छोटा भाई अभी आठवीं में पढ़ रहा है।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है लेडीज़ टेलर सेक्स की।
अब मैं आपको मेरी मम्मी की खूबसूरती बता देता हूँ. मेरी मम्मी का नाम प्रभा है. उनकी उम्र 40 साल, रंग गोरा, हाइट लगभग 5 फीट है।
उनकी फिगर साइज की तो क्या ही बात करूं … वे 36-28-36 की फिगर वाली मस्त माल हैं; देखने में एकदम परी की तरह लगती हैं।
मेरी मम्मी को देखकर मोहल्ले के सभी बूढ़े जवान व्यक्ति एक ही बात सोचते होंगे कि वाह क्या आइटम है।
मम्मी हमेशा साड़ी पहनती हैं. जब वे बैकलेस ब्लाउज पहनती हैं तो मेरी मम्मी की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं।
मेरी मम्मी का फिगर ऐसा है कि किसी का भी मन उनके साथ खेलने का हो जाए।
यह बात आज से कुछ समय पहले की है।
मैं और मम्मी शाम को बाजार जाते थे क्योंकि पापा के स्कूल का टाइम 5.30 तक था।
जब भी मेरी मम्मी बाजार जातीं तो मोहल्ले के सारे लोग मेरी मम्मी के ऊपर लाइन मारने की कोशिश करते … और तो और बाजार में दुकान वाले भी मेरी मम्मी के साथ डबल मीनिंग वाली बात करते थे।
मैं कुछ कहता तो वह अपनी बात को घुमा देते रविवार के दिन मैं अपने दोस्तों के साथ गली में क्रिकेट खेल रहा था. तभी बॉल हमारे पड़ोसी के घर चली गई।
उनका नाम महेंदर था था वे एक टेलर थे और उनकी उम्र लगभग 50 साल की रही होगी. उनके घर में ही उनकी दुकान थी. मैं उन्हें अंकल कहता हूँ।
मैं उनके घर बॉल लेने गया तो बोले- बेटा, बहुत अच्छा खेल लेते हो. मैंने कहा- हां धन्यवाद अंकल जी।
मैं बॉल लेकर जाने लगा. जैसे ही मैं गेट के बाहर पहुंचा तो मुझे कुछ सुनाई दिया।
मैंने चुपके से छुप कर सुना तो अंकल फोन पर किसी से कह रहे थे।
अरे क्या बताऊं भाई … मैं तो इस लौंडे की मम्मी का दीवाना हो गया हूँ. अब तो रहा नहीं जाता।
मैंने सोचा कि यह कैसी बात कर रहे हैं?
तभी थोड़ी देर बाद वे बोले कि हां यार क्या माल मिला है रमेश को।
तो मैं समझ गया कि यह मेरी मम्मी की बात कर रहा है. क्योंकि रमेश मेरे पापा का नाम है. उनकी बात सुनने के बाद में घर आ गया।
मैंने खाना खाया और सो गया।
जब मैं उठा तो मम्मी अपनी किसी सहेली से बात कर रही थीं और पापा टीवी देख रहे थे।
मेरी मम्मी बोल रही थीं- हां यार, मुझे भी एक ब्लाउज सिलवाना है. हमारे पड़ोस में ही एक भैया जी रहते हैं. एक ब्लाउज तो मैं उन्हीं से बनवा कर देखूँगी. अच्छी फिटिंग आई, तो फिर तुझे भी बताती हूँ।
उनकी यही सब बातें चल रही थीं. मैं बाहर चला गया।
फिर अगले दिन मम्मी और मेरा छोटा भाई टेलर अंकल के यहां गए. मैंने भी उनका पीछा किया।
मम्मी और छोटू अन्दर गए. टेलर अंकल मेरी मम्मी को देखकर एकदम आश्चर्य चकित हो गया और हैरानी से बोला- अरे आप यहां पर।
हालांकि वह कमीना अन्दर ही अन्दर कितना खुश हो रहा था. ये तो शायद मुझे उसकी आंखें देखकर ही पता चल रहा था।
फिर मम्मी ने कहा- जी, मुझे एक ब्लाउज सिलवाना है।
अंकल ने कहा- हां जी, जरूर सिल दूँगा।
मम्मी बोलीं- बैकलेस बनवाना है।
अंकल ने कहा- हां जी, बैकलेस भी सिल दूँगा. मम्मी ने उसे कपड़ा दे दिया।
फिर उसने मम्मी से कहा- जी, नाप भी दीजिए।
मम्मी ने एक ब्लाउज दिया कि इसी साइज का सिल दीजिए।
पर अंकल बोले- अगर आपको फिटिंग का ब्लाउज चाहिए तो आपको अपना नाप देना होगा।
मम्मी ने कहा- भईया जी इसी नाप का सिल दीजिए।
अंकल थोड़ा फ़ोर्स करने लगे. इस पर मम्मी ने हां कह दी।
मम्मी की हां सुनते ही टेलर अंकल की आंखें चमक उठीं. अंकल ने टेप लेकर मेरी मम्मी की चूचियों का नाप लेना चालू किया।
अंकल ने नाप लेने के बहाने मम्मी का ब्लाउज ही खुलवा लिया. फिर मम्मी ब्रा के अन्दर से ही अपनी चूचियां दिखाने लगीं।
मेरी आंखें देखकर फटी की फटी रह गईं. मेरा सामान एकदम से खड़ा हो गया।
मैंने देखा कि अंकल धीरे धीरे से अपने लंड को सहला रहा था।
फिर अंकल ने मम्मी से कहा- बहन जी, क्या भाईसाहब बहुत व्यस्त रहते हैं?
मम्मी बोलीं- हां।
अंकल ने धीरे से कहा- क्या हॉट माल है।
मम्मी ने सुन लिया पर उन्होंने कुछ नहीं बोला।
फिर मम्मी और छोटू नाप देकर आने लगे।
तो अंकल बोले कि आप बहुत खूबसूरत हैं. मम्मी मुस्कुरा कर घर कि तरफ बढ़ गईं।
दूसरे दिन मैंने मम्मी को फोन पर बात करते देखा. मैं छिप कर उनकी बातें सुनने लगा।
मम्मी बोल रही थी- कहां यार, मेरी चार साल से हुई ही नहीं है।
तभी उस तरफ से आंटी बोलीं- मैं तो हर हफ्ते करती ही हूँ।
मम्मी बोलीं- कैसे? वे बोलीं- कोई ना कोई सवारी करने वाला मिल ही जाता है।
तभी मम्मी ने बताया कि ब्लाउज का नाप देते समय अंकल कैसे कैसी बात कर रहा था।
थोड़ी देर बार आंटी बोलीं- यह तो तेरे पास अपनी प्यास मिटाने का अच्छा मौका है!
मम्मी बोलीं- टेलर से?
तो आंटी बोलीं- हां 2 बार तो मैंने भी अपने टेलर के साथ किया है।
तभी मेरी मम्मी बोलीं- ठीक है चल सोचती हूँ. अभी घर का काम करना है … फोन रखती हूँ।
आंटी बोलीं- हां ठीक है।
फिर उसी दिन मम्मी ने मुझसे कहा- जरा अंकल का नंबर लेते आना. मैं ले आया।
अगले दिन मेरे पापा बोले कि मुझे 2 दिन के लिए स्कूल के काम से भोपाल जाना है।
पापा अगली सुबह निकल गए और उस दिन मैं भी स्कूल नहीं गया।
मैंने देखा कि मम्मी बेचैन हो रही हैं. थोड़ी देर बाद अंकल को फोन लगाकर मम्मी बोलीं- भैया, ब्लाउज बन गया?
अंकल बोले- नहीं, नाप खो गया है आपका!
मम्मी बोलीं- भैया, मुझे अर्जेंट में 2 दिन बाद ब्लाउज चाहिए।
अंकल बोले- आप अभी आ जाइए नाप देने … मैं आपका ब्लाउज तैयार कर दूँगा।
तभी मम्मी बोलीं- ठीक है, मैं शाम को आती हूँ।
मम्मी ने खाना बनाया और वे तैयार होने लगीं।
जब मम्मी तैयार होकर बाहर निकलीं तो मेरी आंखें मम्मी के ऊपर से हट ही नहीं रही थीं।
उन्होंने लाल साड़ी और ब्लैक ब्लाउज पहना था।
खुले हुए सुनहरे बाल और होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई हुई थीं।
ऐसा लग रहा था कि कोई परी मेरी सामने खड़ी हो।
तभी मम्मी बोलीं- मैं ब्लाउज सिलवाने जा रही हूँ. मुझे देर लग सकती है, तो तुम डिनर कर लेना और छोटू को भी खिला देना।
तब मैंने सोचा इतनी सज-धज कर जा रही हैं. जरूर कुछ गड़बड़ मामला है. मैंने कहा- हां ठीक है मम्मी।
मम्मी निकल गईं और मैंने चुपके से उनका पीछा किया।
मम्मी अंकल के घर में अन्दर गईं. मैं बाहर की खिड़की से सब देख रहा था।
तभी अंकल बोले- जी आइए भाभी जी, आपका स्वागत है. मम्मी बोलीं- जी, नमस्कार।
कुछ देर बैठने के बाद अंकल बोले- आइए भाभी, अब आपका नाप ले लूं।
मम्मी भी जल्दी से पहुंच गईं. फिर अंकल ने नाप लेना शुरू किया।
अंकल ने नाप लेने के बहाने से मेरी मम्मी तो टच करना शुरू कर दिया था. लेकिन मम्मी ने कुछ नहीं बोला।
अंकल बोले- आपको अगर फिटिंग का ब्लाउज चाहिए तो मुझे कुछ छूट दीजिए।
मम्मी ने सहमते हुए कहा- ठीक है, पर ब्लाउज गड़बड़ नहीं होना चाहिए।
मैं समझ गया कि मम्मी तो आज चुदना चाहती हैं।
थोड़ी देर बाद अंकल ने कहा- आप ब्लाउज उतार दीजिए, तभी सही नाप आएगा।
फिर मम्मी ने अपना ब्लाउज खोल दिया. अब मेरी मम्मी के मम्मे दिख रहे थे।
मम्मी ने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी।
अंकल नाप लेते लेते ही मम्मी के मम्मे टच करने लगा और मम्मी भी गर्म होती जा रही थीं।
अंकल मम्मी की पीठ पर हाथ फेरने लगा और मम्मी से बोला- मुझे लगता है कि आपकी चुदाई बहुत समय से नहीं हुई है।
मम्मी हंस कर बोलीं- हां 4 साल हो गए।
तो अंकल बोले- अरे चार साल से आपको सुख नहीं मिला।
मम्मी कुछ नहीं बोलीं।
अंकल बोला- आपको नहीं लगता कि कोई आपकी इस ख़ूबसूरती का मज़ा उठाए?
मम्मी बोलीं- लगता तो है … पर कोई मिल नहीं रहा है।
मुझे समझ आ गया कि अब मम्मी पूरी तरह से गर्म हो चुकी हैं।
अंकल- कोई मिल नहीं रहा?
मम्मी- हां!
अंकल- अरे तो एक मौका हमें देख कर देखिए भाभी जी. कसम से आपको पूरा खुश कर दूंगा।
मम्मी- ठीक है … आप ही सेवा कर दीजिए।
अंकल- हां बिल्कुल, मैं तो आपको जब भी देखता हूँ, तो मुझे तो सिर्फ आपकी चुदाई का भूत चढ़ जाता है।
मम्मी लेडीज़ टेलर सेक्स का मजा लेने की गरज से बोली- हां मुझे भी बहुत दिनों से चुदवाना है, पर कोई मिल नहीं रहा था।
अंकल- तो चलो आज आपको सेक्स का सुख देता हूँ।
अंकल ने मम्मी की ब्रा खोल दी और उनके रसभरे दूध देख कर बोला- वाह ऐसा लग रहा कि कि इन्हें चूस चूस कर खाली कर दूँ।
मैंने मम्मी के बूब्स को देखा तो मेरे लंड से संयम ही नहीं हो रहा था।
उनके मम्मे एकदम गदराए हुए और भरे भरे थे।
मम्मी- अब इंतजार किस बात का है … कर दो ना खाली।
अंकल ने शटर बंद कर दी और कमरे की लाइट चालू कर दी।
अंकल ने फोन उठाया और एक दोस्त को आने के लिए कहा।
अंकल मम्मी के बूब्स पर टूट पड़ा और उसने मम्मी की साड़ी उतार दी।
अब मम्मी सिर्फ पेटीकोट पहनी हुई थीं।
अंकल मम्मी के पूरे बदन को चाटने लगा. मम्मी कामुक सिसकारियां ले रही थीं।
अंकल ने मम्मी के मम्मों को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखे थे और वह उन्हें सहला रहा था।
साथ ही पीछे से वह मम्मी की पीठ चूम रहा था।
लगभग 5 मिनट बूब्स सहलाने के बाद अंकल मेरी मम्मी को सामने से आकर किस करने लगा।
वह मम्मी के रसीले होंठों को चूस रहा था।
मैं मन ही मन में सोच रहा था कि मेरी मम्मी ऐसा करेगी, मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था।
किस करते करते वे एक दूसरे में खो गए और इधर मेरा लंड मुझसे लड़ रहा था।
लंड से मेरी मम्मी के बूब्स देखकर कण्ट्रोल नहीं हो रहा था।
फिर दस मिनट तक किस करने के बाद अंकल मम्मी के बूब्स पीने लगा।
अंकल मम्मी के बूब्स पी कम रहा था, साला खा ज्यादा रहा था।
मम्मी अंकल का सर पकड़ कर सहला रही थीं।
फिर थोड़ी देर बाद अंकल ने अपने कपड़े उतारे।
अंकल का 7 इंच का लंड देखकर मेरी मम्मी खुश हो गईं।
तब अंकल ने मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे हटा दिया।
मेरी मम्मी ने आज पैंटी पहनी ही नहीं थी इसलिए टेलर मास्टर को सीधे ही मेरी मम्मी की चूत के दर्शन हुए।
मम्मी की गुलाबी रसीली चूत देखकर अंकल एकदम खुश हो गया।
फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुँह में घुसा दिया. मम्मी भी किसी रंडी की तरह लंड मुँह में ले रही थीं।
कुछ मिनट तक मुँह चोदने के बाद अंकल मम्मी की चूत चाटने लगा।
अब मम्मी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं जो अंकल को मदहोश कर रही थीं।
मम्मी- अब रहा नहीं जाता मेरे राजा जल्दी से अन्दर घुसा दो. अंकल- हां मेरी जान, मुझसे भी अब सब्र नहीं हो रहा है।
फिर अंकल ने अपना 7 इंच का लंड मम्मी की चूत पर रखा और एक ही झटके में पूरा लौड़ा अन्दर घुसा दिया।
मम्मी एकदम से चिल्ला उठीं- आह ऊऊऊ एईई. वे छटपटाने की आवाज़ निकलने लगीं. उनकी आंखों में आंसू आ गए।
वे अंकल से बोलीं- ये क्या कर दिया।
अंकल- थोड़ा दर्द होगा बस जानू. चार साल से इंजन की सर्विस नहीं हुई है।
फिर अंकल धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा. मम्मी के मुँह से ‘आह आह ईई हहह’ की आवाज़ निकल रही थी।
फिर अंकल अपनी स्पीड बढ़ाता गया और मम्मी का भी दर्द कम हो गया।
अब मम्मी बोलीं- आह … मेरी आज और जोर से फाड़ दो राजा।
अंकल- हां रंडी साली, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।
मम्मी- हां चोद डाल साले, आज मेरी फाड़ दे।
अंकल- हां कुतिया बहुत समय से तेरी लेने की सोच रहा था।
थोड़ी ही देर बाद पीछे के गेट से एक आदमी आया जो 55 साल का होगा. मम्मी उसको देखकर हैरान हो गईं।
अंकल बोला- घबराओ नहीं, यह मेरा मित्र है. आज यह भी तुम्हारा मज़ा लेगा।
मम्मी ने पहले तो मना किया, फिर हां कर दी।
अंकल मेरी मम्मी की चूत चोदता जा रहा था और अंकल का दोस्त, जिसका नाम मनीष था, वह अपने कपड़े उतार रहा था।
जैसे ही उसने अपने पजामे का नाड़ा खोला, उसका लम्बा मोटा सामान देखकर मम्मी की गांड फट गई।
मनीष ने अपना लंड मम्मी के मुँह में रख दिया और मम्मी के एक दूध को पकड़कर अपना लंड चुसवाने लगा।
मम्मी सांस भी नहीं ले पा रही थीं; वे बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी।
फिर अंकल झड़ने वाला था तो वह मनीष से बोला- मनीष तू इधर आ, मैं इसके मुँह में दूँगा. उन दोनों ने अपने अपने छेद बदल लिए।
अंकल ने मम्मी के मुँह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया. मम्मी रांड की तरह सारा वीर्य पी गईं।
फिर अंकल बेड पर लेट गया, उधर मनीष मम्मी को कुतिया की तरह घोड़ी बना कर चोद रहा था।
मम्मी की आंखों से आंसू आ रहे थे क्योंकि मनीष का लौड़ा काफी बड़ा और मोटा था। इससे मम्मी की चूत चिर गई थी।
थोड़ी देर बार मम्मी ने अंकल के लंड पर बैठ गईं और मनीष ने मम्मी की गांड पर थूक लगा दिया. उसने अपना लंड मम्मी की गांड में घुसा दिया।
उन दोनों ने मेरी मां को सैंडविच चुदाई का मजा देना शुरू कर दिया था।
उनकी 20 मिनट तक चुदाई के बाद मेरी मम्मी को उन दोनों ने छोड़ दिया. मम्मी ने उन दोनों के लंड चूस कर साफ कर दिए।
मेरी मम्मी पूरी तरह से तृप्त हो गई थीं।
अब जब भी मम्मी को मौका मिलता, वे उन दोनों से चुदवाने टेलर की दुकान में पहुंच जातीं।