शादी में दो अजनबी लौड़ों को दी अपनी चूत

हेलो दोस्तों मेरा नाम जिया हैं  मैं 32 साल की हूँ और शादीशुदा हूँ मेरा फिगर 36-34-38 का हैं यह जो कहानी में आपको बताने वाली हूँ ये मेरी सेक्स कहानी कुछ समय पहले की हैं।

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मेरे कॉलेज की दोस्त शिखा मुझे और मेरे पति को अपनी शादी में बुलाया।

मेरी सहेली की शादी में मैंने और मेरे पति ने दूल्हे और दुल्हन को बधाई दी। फिर हमने अपनी सीट ले ली।

मैंने मेरे पति को व्याकुलता में उसकी टांगें मचलाते हुए देखा। वो दरअसल वहां शादी में आई खूबसूरत औरतों को देखकर ज्यादा ही उत्तेजित हो रहे थे।
काफी टाइम से हमने चुदाई नहीं की थी। मेरे काम के कारण मौका नहीं मिल पाया था।

मैंने चारों तरफ देखा तो सब लोगों का ध्यान स्टेज पर ही था तो मैंने अपने पति की जांघों पर हाथ फेरते हुए उसके लंड को सहलाना शुरू किया।

उसका लंड तना हुआ था जिसको मैं अब और ज्यादा कड़क करने पर तुली हुई थी।

पति – चलो कहीं जल्दी से सेक्स कर लेते हैं। मैं और नहीं रुक सकता हूं। और मेरे लंड को छूना बंद करो तुम

मैं- फोटो सेशन होने के बाद करेंगे, अभी नहीं मैं अपनी ड्रेस और मेकअप को खराब नहीं करना चाहती।

जब मैं अपने पति के लंड को तड़पा रही थी तो एक बंदे ने मुझे देख लिया वो सभी को ड्रिंक सर्व कर रहा था। वो देख रहा था कि मैं कैसे अपने पति के लंड को सहला रही थी।

फोटो सेशन हुआ जो काफी कमाल था। फिर मैं और मेरी फ्रेंड्स शिखा को लेकर गईं और हमने उसके साथ बहुत सारी पोज में फोटो खिंचावायी। कुछ देर हमने गपशप की और फिर डिनर के लिए बैठ गये।

मेरे पति मेरे सामने ही बैठे थे। उस वक्त तक वो इतने गर्म हो चुके थे कि वो अपने पैरों से मेरे लहंगे को उठाने लगे।

मैं- रुक जाओ हम घर पर करेंगे

पति – नहीं, मेरे पास एक प्लान है अभी। मैं एक ऐसी जगह जानता हूं यहां जहां पर मैं तुम्हें अच्छे से चोद सकता हूँ।

जब पति ऐसा कह रहे थे तो वही ड्रिंक सर्व करने वाला वेटर हमारे पास आ गया।

उसने सबको ड्रिंक देना चाहा मगर पति ने मना कर दिया।

डिनर खत्म होते ही मेरे पति मूड में आ गये और मेरा हाथ पकड़कर सीढ़ियों से ऊपर ले जाने लगे जैसे हम नव विवाहित कपल हों।

वो मुझे एक रूम में ले गए।

पति- अच्छा है न? अब मेरे पास आओ पति ने मुझे कस कर बांहों में भर लिया। फिर मेरी गर्दन पर चूमने लगे ।

मैंने चारों ओर देखा कि कहीं कोई कैमरा लगा दिख जाए और मुझे यहां से जाने का बहाना मिल जाए। मेरी ड्रेस बहुत महंगी थी और मैं उसे खराब नहीं करना चाह रही थी।

मैं- देखो, मैं यहां पर नंगी नहीं हो सकती हूं। बस मेरे लहंगे को उठा लो और अपना काम कर डालो। हम किसी भी तरह यहां से दो-तीन मिनट में निकल जाएँगे।

मेरी बात पूरी होने से पहले ही पति ने मुझे जकड़ लिया और मेरे लहंगे को उठा लिया।

वो अपने हाथों को मेरे गर्म चूतडों पर फिराने लगे और उनकी उंगली मेरी गांड की दरार में फिर रही थी।

मैं- मेरी गांड से खेलना बंद करो … आह्ह।

मैं उस रूम से बाहर जाना चाहती थी इसलिए मैंने उसकी जिप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया। फिर पति ने अपने लंड को मेरी हल्की गीली चूत पर लगाया और अंदर घुसाकर तेजी से चोदने लगे।

उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरी गांड में लंड को अंदर तक घुसाकर चोदने लगे। अचानक से मुझे मजा आने लगा।

मैंने देखा कि दरवाजा हल्का खुल रहा था और एक सिर दरवाजे के अंदर झांकने की कोशिश कर रहा था।

मैं- साले हरामी!!

पति – क्या मतलब ? मजा नहीं आ रहा क्या? रुको मैं तुम्हें दिखाता हूं!

पति अपनी चुदाई में इतने मशगूल थे कि उन्हें खबर ही नहीं थी कि कोई हमें देख रहा है। वो हरामी मुझे ही घूरे जा रहा था।

मुझे चुदती हुई देखकर उसने अपने सांवले लंड को निकाल लिया और वहीं पर मुठ मारने लगा।

यहां तक कि वो इशारे में मेरे पति से मेरी चूत चुदवाने के बाद मुझे उसके साथ चुदाई के लिए उकसा रहा था।

मैं- आह्ह … कितना बड़ा लंड है!

पति – आह्ह बेबी … तुम्हें ऐसे ही कहना चाहिए … मुझे अच्छा लगता है। मैं मस्ती में सिसकार रही थी जब उस मर्द के लंड को चखने की सोच रही थी।

मैंने पति के साथ चूत गर्म करने की सोची। मैं उसके लंड पर चूत को तेजी से लेने लगी।

उनका मजा दोगुना हो गया और वो दो मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाए । मेरे पति ने मेरी जांघों पर अपना पानी छोड़ दिया और अपनी पैंट को ठीक करने लगे।

जैसे ही पति निकले, वो दूसरा आदमी अंदर आ गया।

मैं- आओ, आओ। वो मेरी ही हाइट का था और शरीर से थोड़ा भारी था। मगर उसका लंड बहुत मोटा और तगड़ा था।

मैंने उसका लंड पकड़ लिया और प्यार से मुठ मारने लगी। उसने भी मेरी गांड को पकड़ लिया और मेरा लहंगा उठाने लगा तो मैंने रोक दिया।

मैं- ये ऐसे नहीं होगा। मैं कोई रंडी नहीं हूं … समझे?

मैं- मैं तुम्हारे बड़े लंड को चाहती हूं मगर तुम्हें मेरी बात माननी होगी। अगर तुम मेरी चूत में ये लंड देना चाहते हो तो जैसे मैं बोलूंगी वैसे ही करोगे!

वो बोला- ओह्ह … तुम सीधे क्यों नहीं कह देती कि तुम मेरे लंड को लेना चाहती हो, रंडी!

मैं- अब चुप रहो और अपनी मालकिन को साफ करो।

उसने एक रूमाल निकाला और एक एक करके मेरी जांघों को पौंछने लगा।

मैं- पहले अपना ये काम खत्म करो। मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है।

मैं- अब नीचे लेटो और मेरी गीली चूत को मजा देने के लिए तैयार हो जाओ।

मैंने अपना लहंगा उठाया और मेरी कोमल गांड की दरार को उसके होंठों पर रख दिया।

मैं- अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद में डालो, इसे अच्छे से साफ करो।

जैसे ही उसने मेरी चूत चाटनी शुरू की मैंने आगे झुक कर उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया।

मैंने उसे खड़ा होकर नंगा होने के लिए कहा।

वो मेरे सामने नंगा हो गया फिर जैसे ही मैंने अपनी गांड उसके लंड से सटायी तो उसने मेरी गांड को पकड़ लिया।

मैं- मुझे हाथ मत लगाओ

मैं बोली- अपने हाथ ऊपर रखो।

मैंने उसका लंड अपनी चूत में लिया और गांड को उसके पेट की ओर धकेलने लगी।

उसका मोटा लम्बा कड़क लंड मेरी चूत में अंदर तक जाने लगा और मुझे अब तक का सबसे ज्यादा मजे वाला अनुभव मिलने लगा।

ज्यादा से ज्यादा मजा लेने के लिए मैंने अपने पंजे छू लिए और अपनी मोटी गांड को उसके लंड पर पीटने लगी।

मैं चुद ही रही थी कि मेरी नजर फिर से दरवाजे पर चली गयी जो खुल रहा था।

मैंने उम्मीद की थी कि ये मेरा पति होगा। मगर यह तो वही ड्रिंक सर्व करने वाला वेटर था।

मैं- तेरी प्राब्लम क्या है साले? यहां आ हरामी। मैंने उसका कॉलर पकड़ा और अंदर रूम में ले आयी।

मैं- तू काफी किस्मत वाला है जो ये सीन देख पा रहा है।

मैंने उसकी चड्डी खोली और नीचे करके वेटर के सोये लंड को पकड़ लिया। इस बीच को उस आदमी मौका मिल गया कि वो मेरी चूत में फिर से लंड घुसा दे।

वो पीछे से फिर मुझे चोदने लगा। वो आदमी पीछे से मेरी चुदाई कर रहा था। मैं आगे झुकी हुई उस वेटर के लंड की मुठ मारने लगी।

वो बेचारा चकरा सा गया था मगर उसको मजा भी आ रहा था।

कुछ देर बाद उस आदमी ने लंड को बाहर निकाल लिया और अपना वीर्य मेरी गांड पर छोड़ दिया। मैंने उन दोनों को अपनी गांड चाटने में लगा दिया। उन दोनों की जीभ मेरी गांड में जाने के लिए टकरा रही थीं।

जब वो दोनों मेरी गांड को चाट रहे थे मैंने उन दोनों के कपड़े उठा लिए और नीचे रख लिये।

जब से रिसेप्शन में आई थी मैंने मूता नहीं था। मैंने उन कपड़ों पर अपना गर्म पेशाब निकाला और अपने मूत की खुशबू से उनके कपड़े महका दिए।

उनमें से एक मेरी गांड पर हल्के से चांटे मारते हुए मेरे मूत का मजा लेने लगा। तो इस तरह से मुझे शादी में दो अजनबी लोड़ो से चुदने का मज़ा मिला आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी कमेंट में अपनी राय जरूर दे।

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