गर्लफ्रेंड की गांड मारी

नमस्कार दोस्तो, मैं हार्दिक कॉलेज की पढाई पूरी कर रहा हूँ कॉलेज में मेरी एक लड़की से दोस्ती हो गई हैं उसका नाम भाविका हैं भाविका मुझे बहुत अच्छी लगती थी

उसका फिगर एकदम मस्त था बड़े बड़े उसके बूब्स देखकर तो मेरा मन ललचाने लगता था हम दोनों पढाई के नोट्स एक दूसरे को देने लगे

मैं चाहता चाहता था की दोस्ती के रिश्ते से भी ज्यादा बात आगे बढे इसलिए मैंने उसके फ़ोन नंबर ले लिए

लेकिन कभी भी मैं उसको कॉल करके परेशान नहीं करता था, न ही उसे मिलने के लिए पहले से बोलता था क्योंकि मुझे लगता है कि लड़कियों की भी अपनी लाइफ होती है, उनको भी आज़ादी मिलनी चाहिए।

तो जब भी उसका बात करने का मन होता वो कॉल करती थी और हमारी बात होती थी।
मैं भी अपनी पढ़ाई में बिजी रहने के कारण उसे ज्यादा परेशान नहीं करता था।

उसका कॉल नहीं आता तो मैं समझ लेता था कि शायद वो अपने काम में बिजी होगी।
ऐसे ही वक़्त गुजर रहा था।

फिर एक दिन मैं किसी काम से उसके घर गया। मैंने उसको बताया नहीं कि मैं आ रहा हूं।

उसके घर से थोड़ी दूर पहुँच कर रास्ते में ही मैंने उसका नंबर डॉयल किया मैंने उसे कॉल किया।

उसने कॉल रिसीव नहीं किया तो मैंने मैसेज किया।

मैं उसके फ्लैट के पास ही था।

तभी मैंने देखा कि वो किसी अधेड़ उम्र के आदमी के साथ फ्लैट से निकली।
एक बार तो मेरा दिमाग खराब हो गया।

उसने कहा कि वो घर है लेकिन वो फ्लैट पर ही थी, वो भी किसी अधेड़ मर्द के साथ।
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था।

मेरे दिमाग ने कुछ देर के लिए काम करना बंद कर दिया था।

लेकिन मैंने फिर बात की जड़ तक जाने की सोची। मैं भी देखना चाहता था कि वो कितनी धोखेबाज है।

कुछ दिन बाद मैं उससे मिलने गया। इस बीच न तो उसने कॉल किया और न ही कोई कोशिश की मुझसे मिलने की।

मैंने उसको अभी तक नहीं बताया था कि मैं उसको किसी गैर मर्द के साथ देख चुका हूं।

वो ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं; प्यार जता रही थी।

फिर धीरे धीरे उससे बात होना कम हो गई। टाइम बीतने लगा और हमारा रिश्ता कमजोर पड़ता गया।

अब फोन आए एक महीना भी हो जाता था।

6-7 महीने के बाद जब उसको लगा कि मैं दूर जा रहा हूं तो फिर उसने अपना नाटक शुरू कर दिया।

वो फिर कहने लगी कि मेरे बिना नहीं रह सकती। कुछ बात है तो बताओ, सारी गलतफहमी दूर कर देगी। ऐसे करके वो रोज मुझे मनाने की कोशिश करने लगी।

मैं भी देखना चाहता था कि वो अब सच्चाई बताती है या नहीं। फिर मैं एक रात उसके फ्लैट पर गया।

फिर वो वो मुझे देखकर नाटक करने लगी और रोने लगी। मैंने उसे चुप कराया और फिर हमने साथ में खाना खाया।

इस बीच बार बार उसके फोन में किसी का मैसेज रहा था। वो फोन देखने की बजाए उसको साइलेंट कर देती थी।

मैंने उसे फ़ोन उठाते देखा। मैंने उसका लॉक पैटर्न भी देख लिया था।

लाइट बंद करके हम बेड पर लेट कर बातें करने लगे।

हमने धीरे धीरे फिर एक दूसरे को किस करना शुरू किया। हम दोनों एक दूसरे के बदन में हाथ फिरा रहे थे।

मेरे दिमाग में अब भी वही सीन घूम रहा था जब मैंने उसको उस दूसरे मर्द के साथ हंसते, ठहाके लगाते देखा था।

मैं भले ही उसके बदन को चूम रहा था लेकिन अंदर से कोई फीलिंग नहीं आ रही थी।

वो मुझे चूमते हुए मेरे कपड़े उतारने लगी और मेरे लंड को ऊपर से ही रगड़ने लगी।

उसने मुझे जल्दी ही नंगा कर दिया और अब नीचे मेरे लंड की तरफ बढ़ने लगी।

उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और सुपाड़ा खोलकर उसको चाटने लगी।
मुझे मजा आने लगा।

मैं उसके सिर को लंड की तरफ दबाने लगा, वो समझ गयी और मेरा लंड पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी।

मुझे मजा तो आ रहा था लेकिन उसका धोखा भी मन से नहीं निकल रहा था।

मैंने उसको ऊपर उठाया और उसके कपड़े उतारने लगा। उसके बदन को मैं चूमने लगा।

वो चाहती थी कि मैं उसकी चूत चाटूं लेकिन अब मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला था।

मैंने उसे जल्दी से नंगी किया और चूत को रगड़ने लगा। उसकी चूत गीली थी तो मैंने जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में डाला और उसे चोदने लगा।

लेकिन चूत में लंड डालकर चोदने में भी आज वो मजा नहीं आ रहा था जैसा कि पहले आता था।
वो आह्ह … आह्ह … करके चुदवा रही थी।

फिर उसने एकदम से ऊपर आने के लिए कहा। वो उठी और मुझे नीचे लेटाकर खुद मेरे लंड पर बैठकर कूदने लगी। अब वो मुझे ऊपर से चोद रही थी।

उसके चेहरे पर ऐसी चुदास मैंने पहली बार देखी थी। वो ऐसे मजा ले रही थी जैसे लंड के लिए मरी जा रही हो।

उसकी आंखें मजे में बंद हो गई थीं और चूत मलाई की तरह मेरे लंड पर आगे पीछे हो रही थी।

धीरे धीरे उसकी स्पीड तेज हो गई। मैंने भी जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए।

शायद हम दोनों ही झड़ने के करीब थे। फिर एकदम से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

तब मैंने जल्दी से उसे नीचे पटका और उसकी चूत में तेज तेज धक्के मारने लगा। धक्कापेल चुदाई करते हुए मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों हांफ रहे थे। मैं उसकी साइड में जाकर लेट गया। हम दोनों चुपचाप पड़े रहे।

मैं इसी इंतजार में था कि वो कब सोए। जैसे ही मुझे लगा कि वो सो गई है, मैंने जल्दी से उसका फोन उठाकर देखा।

मैंने लॉक खोला और मैसेज देखने लगा। उसके फोन के मैसेज देख मैं हैरान रह गया।

मैंने देखा कि वो एक, दो नहीं बल्कि कई सारे लड़कों से बात किया करती थी। उसके मैसेज चेक करने में मुझे एक घंटा लग गया।

उसने फोन पर खूब सारी गंदी गंदी बातें भी अपने यारों के साथ की हुई थीं। उसके नंगे फोटो भी फोन में उसने रखे थे।

भाविका के फोन में कई सारे लड़कों ने अपने लंड की मुठ मारते हुए वीडियो भेजे हुए थे।

ये सब देखकर मुझे उस चुदक्कड़ से घिन सी आने लगी और मैं फोन को एक तरफ रखकर लेट गया।

कुछ देर बाद उसकी नींद खुली और वो फिर से मेरे बदन से चिपकने लगी। वो मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी।

वैसे तो मैं गुस्से में था लेकिन जब कोई लंड को छेड़े तो वो खड़ा हो ही जाता है। मेरा लंड खड़ा होने लगा और वो लौड़े को चूसने लगी।

मैंने सोचा कि मेरे साथ तो इसकी ये आखिरी चुदाई होने वाली है; इसको इतना दर्द दूंगा कि ये फिर चुदने से पहले सोचेगी।

वो लगातार मेरे लंड को चूसते हुए उसकी मुठ मार रही थी।

अब मेरा मन उसकी गांड मारने का कर रहा था। मैंने उसकी गांड में उंगली देना शुरू कर दिया।

वो भी समझ गई कि मैं उसकी गांड चुदाई करना चाहता हूं। तो वो कहने लगी- वहां मत डालो, दर्द होता है।

मैं जान गया था कि जब ये इतनी चुद चुकी है तो फिर गांड भी चुदवा चुकी होगी। मैंने उसे डॉगी पोजीशन में आने कहा।

जल्दी ही वो मान भी गई। अब मैंने उसकी गांड के छेद में थोड़ा थूक गिराया और उंगली से गांड के छेद को खोलने लगा।

मैंने लंड पर क्रीम लगाई और टोपा उसकी गांड के छोटे से छेद पर रख दिया।

मैं उसकी गांड में लंड को धकेलने लगा। टोपा अंदर घुस गया और वो जोर से चिल्लाई- आईई … मर गई!

मुझे अब और ज्यादा गुस्सा आ रहा था इसलिए मैं चाहता था कि उस चीटिंग गर्ल को और ज्यादा दर्द हो।

मैंने उसकी गांड को कसकर पकड़ा और लौड़ा धक्के के साथ घुसा दिया। आधा लंड उसकी गांड में घुस गया।

मैंने देखा कि वो रोने लगी। फिर मैंने सोचा कि अगर मैं भी इसके जैसे बदला लेने लगा तो फिर हम दोनों में क्या फर्क रह जाएगा।

इसलिए मैंने उसकी गांड से लंड निकाला और उसकी चूत में डाल दिया और उसे पीछे से चोदने लगा।

मैं उसकी चूत चुदाई करने लगा। चूंकि लंड खड़ा था तो अब पानी तो निकालना ही था।

चुदाई के साथ ही मैं अपना गुस्सा भी उस पर निकाल रहा था।

उसके बूब्स को दबाते हुए मैं पीछे से उसे चोदे जा रहा रहा था और उसके निप्पलों को मसल रहा था।

वो आह … आह … करते हुए चुदवा रही थी।

पांच मिनट की चुदाई के बाद ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

फिर मैंने उसको नीचे लेटने को कहा।

वो नीचे लेट गई और मैं उसके ऊपर लेटकर उसे चोदने लगा। वो मेरे होंठों को चूसने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं हटा लेता था।

मैं बस उसकी चूत को रौंदना चाहता था। तेजी से मैं उसकी चूत में पूरे जोश के साथ धक्के लगा रहा था।

वो हर धक्के के साथ उचक रही थी, लग रहा था जैसे मेरा लंड उसकी चूत को खोद रहा है।

चुदाई काफी तेज और जोशीली थी तो मैं भी अब झड़ने ही वाला था।

मैंने जल्दी से उसकी चूत से लंड को निकाल लिया और उसके मुंह में दे दिया।

मैं लंड मुंह में देकर उसके गले तक घुसेड़ने लगा। उसकी हालत खराब होने लगी।

इतने में ही मैंने जोर से उसका सिर अपने लंड पर दबाया और उसके गले में लौड़ा फंसा दिया।

उसके गले में ही मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। सारा वीर्य उसके गले में गिरते हुए पेट में जाने लगा। मैं भी बुरी तरह से हांफ रहा था।

कुछ देर मैंने लंड उसके मुंह में ही रखा। उसने मेरे लंड को चूस चूसकर साफ कर दिया।

फिर मैं एक तरफ लेट गया। वो मुझसे चिपक कर सोने लगी लेकिन मुझे उसका ये झूठा प्यार अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

मैं चाहता था कि बस ये रात खत्म हो जाए। कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से अलग कर दिया और मैं भी गहरी नींद में चला गया।

सुबह उठते ही मैं जल्दी से कपड़े पहन कर उसे बाय बोलकर। मैं वहां से जल्दी से निकल गया।

मैंने सोच लिया कि आज के बाद इससे कभी नहीं मिलूंगा।

दोस्तो, अब उसकी शादी हो चुकी है। अभी भी वो मुझसे मिलने के लिए कहती रहती है। कहती है कि मुझसे प्यार करती है।

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