टीचर ने किया मुझे पास करने का वादा

हेलो, मैं हूँ दीपा शर्मा ओर मैं आपको अपनी ज़िन्दगी की एक सची Sex Stories बताने जा रही हूँ, तो आप मुझे जरुर बताना की आपको ये केसी लगी।

ये मेरी परीक्षा का समय है, मेने तो पूरा साल पढ़ाई नही की ओर अब मुझे डर लग रहा है की पास केसे होउंगी, लेकिन मुझे ख़याल आया की मैं अपने टीचर से क्यू ना कह कर देखूं, उसकी ड्यूटी भी है हमारी क्लास मे ओर उनकी काफ़ी चलती है, वो पहले भी नकल करवा चुके है, वो हमे टयुशन भी पढ़ते है।

वेसे तो मैं उनसे जादा टयुशन क्लासस नही लेती, लेकिन अब परीक्षा पास होने के कारण मैं रोज जाने लगी, मैं रोज ये सोचती की उन्हे अपनी सिफर्श बता दूं, लेकिन मैं डरती थी की कही वो बुरा ना मान जाए ओर मेरा रोल नंबर ना रद करवा दे।

एक दिन मेरा सबर टूट गया ओर मेने पूरा मन बनाया की आज तो मैं जाकर कहूँगी, मेने उस दिन सेक्सी ड्रेस पहनी, मेने सफेद टॉप ओर नीली जीन्स पह्न के टयुशन गयी ताकि सर मेरे जिस्म पर रेहम खा कर मेरी मदत करे ओर मेने जब लोग टयुशन से चले गये तो उनसे पुछा..

मैं – सर आप से एक बात करनी है?

सर – हा.. बेटा बताओ।

मई – सर आप बूरा तो नही मनोगे ना?

सर – बेटा मैं बच्चों की बात का बूरा नही मानता।

मैं – सर मैं आपसे ये कहना चाहती हूँ की आपको पता है की मैं पढ़ाई मे थोड़ी कमजोर हूँ ओर मैं शायद पास भी नही हो पाउंगी.. इस लिए।

सर – हाँ बोलो बेटा क्या?

मैं – सर आप मेरी कुछ मदत कर दोगे?

सर – बेटा मेने नोट्स पूरे तेयार करवा दिए है ना?

मैं – सर वो नहीं आप.. मुझे नकल करवा देंगे – मुझे डर लगने लगा।

सर – ये तुम क्या कह रही हो? नही मैं एसा नही करूँगा।

मैं – सर प्लीज़.. ये मेरे भविश्ये का सवाल है सर प्लीज़।

सर – नही ये ग़लत है.. नो प्लीज़।

मेने सोचा ऐसे बात नही बनेगी तो मेने कहा..

मैं – सर आप कुछ भी मुझ से करवा लीजिए, मैं सब करने को तेयार हूँ, पर प्लीज़ आप मुझे पास करवा दीजिए, प्लीज़ सर..

मैं जान भुज कर सर के पेरो मे गिरी थी ओर उनकी पेंट को पकड़ा हुआ था, ताकि मेरे नरम हाथ उनकी बॉडी को महसूस हो जाए।

मैं – सर प्लीज़.. आप जो काम बोलोगे मैं करूँगी।

सर- सोच लो।

मैं – सर जो मर्ज़ी.. प्लीज़।

सर – बूरा तो नही मनोगी?

मैं – सर जो मर्ज़ी काम.. बस मुझे पास करवा दो।

सर – तो मुझे खुश कर दो।

मैं समझ गयी।

मैं – सर आपका मतलब?

सर – देखो मैं ज़बरदस्ती नही करता।

मैं – ठीक है सर.. लेकिन मुझे पास ज़रूर करवा देना।

सर – बिलकूल मेरी बेटी।

सर की पत्नी घर पर नही थी।

सर – बेटी मेरे पास आओ।

मैं सर के पास चली गयी।

सर – बेटा मुझे खुश करना शुरू करो।

मैं तो पास होने के लिए कुछ भी कर सकती थी इस लिए मेने सबसे पहले सर के सामने अपने चुचों को दबाया गोल-गोल.. सर देखते ही रह गये, फिर मेने अपनी चूत के उपर हाथ फेरा ओर अपनी टाँगों को कभी चोडा किया ओर कभी बंद करके सर को धीखाया।

फिर मैं अपनी सबसे अच्छी चीज़ यानी गांड दिखाने के लिए घूम गयी ओर मेने थोडा झुक कर गांड का मूह सर की तरफ किया ओर अपनी गांड को मसला.. सर से रहा ना गया तो वो अपने हाथ मेरी गांड पर फेरने लगे।

मेने फिर अपने होंठ सर के होंठों पर रख दिए ओर गपा-गॅप चूसने लगी.. उम्म्म्म हमारी जीभ फेविकोल की तरह एक दूसरे से जुड़ी रही.. सर एक लड़की की जीभ का सारा मीठा रस पीने लगे ओर मैं भी सर की जीभ अपने अंदर खिचने लगी, सर मेरे चुचों को गोल-गोल दबाने लगे।

मेने सर को कस के पकड़ा हुआ था ओर रसपान कर रही थी ओर सर ने भी अपना हाथ मेरी गांड के उपर फेरना शुरू कर दिया, हमने कुछ देर तक एक दूसरे का शरीर मसाला ओर चूमा – चाटी की, फिर सर मेरे दोनो चुतड़ों को मसल रहे थे ओर मेरी गांड के छेद मे उंगली डाल रहे थे।

सर मेरी चूत का छेद कपड़ो के ऊपर से ही अपने हाथों से खोलने की कोशिश कर रहे थे, फिर सर ने मेरे कपड़े धीरे – धीरे खोलने शुरू किए..

सर – बेटी तुम मस्त हो.. क्या जवानी है मेरी बेटी.. क्या चुचे है तेरे..

यार मैं भी गरम हो गयी थी।

मेने कहा सर मेरा पूरा जिस्म आपका है.. जो मर्ज़ी कीजिए एक-एक चीज़ चूसिये..

सर ने मेरे उपर के अंगों को कपड़ों से आज़ाद कर दिया ओर मेरे चुचे देखने लगे।

सर – वाह बहुत अच्छे है गोल-गोल.. आज तो बहुत चुसूंगा।

सर जल्दी चूसिये अब रहा नही जाता।

सर ने मेरी एक चुचि को मसला ओर दूसरी को जीभ का मज़ा देने लगे, अब तक तो मेरी चूत भी गीली होने लगी थी, मैं भी मज़ा ले रही थी, सर ने मेरे चुचों को बच्चों की तरह बहुत देर तक चूसा ओर उन्हे लाल कर दिया.. मेरे निपल्स भी लाल कर दिए।

फिर अपने कपड़े उतारे ओर मेरे भी सारे उतार दिए ओर उनका लंड इतना लंबा भी न्ही था ओर ना ही इतना छोटा था, मुझे चुदाई का मन हो रहा था।

मैं – सर प्लीज़ आ जाओ मेरे पास मेरी चूत मारिए सर.. प्ल्स मेरी चूत चोदिये।

सर – क्या चूत है तेरी..

सर ने अपना थूक मेरी चूत पर लगाया ओर थोडा अपने लोडे पर ओर मेरी चूत के उपर मूह रख दिया।

अहह!!!

मेने कहा सर जल्दी से एक ही धका मार कर अंदर डाल दीजिए, सर मुझे कोई दर्द नही होगा, मेरी सील पहले ही टूट गयी है।

सर ने एक ही धक्के मे अपना लोडा मेरी चूत के अंदर कर दिया.. अंदर जाते ही वो घस्से मारने लगे.. ह.. दीपा तेरी चूत हा हाअ…

मुझे भी उनका लोडा अपनी चूत के अंदर अच्छा लग रहा था.. सर प्लीज़ ओर चोदिये मेरी सर ओर चोदिये मेरी चूत.. अपनी ज़िंदगी की सारी प्यास भुझाइय सर मेरी चूत मारो अहह.. बहुत मज़ा आ रहा है सर।

सर का लोडा मेरी चूत के अंदर रगड़ खा-खा कर मुझे भी मज़ा दे रहा था ओर खुद भी बहुत मज़ा ले रहा था, मेने कहा सर हर एक पोज़ बना लीजिए ये चूत आपको सारा मज़ा देगी.. सर ने मेरी टाँगें अपने कन्धों पर रखी ओर अपने पूरे ज़ोर के साथ मेरी चूत को छोड़ने लगे.. उनका पूरे का पूरा लोडा अंदर पेट से मिल रहा था..

मैं आँखें बंद करके मज़े से अपनी इज़्ज़त लूटा रही थी.. अहह सर.. अह्ह्ह सर.. आप बहुत मज़ा दे रहे है, सर ने काफ़ी देर तक मेरी इज़्ज़त लूटी.. फिर उनका लोडा जवाब देने ही वाला था की उन्होने वो बाहर निकाला ओर मेरे पेट के उपर अपना माल पचर्ररर से निकल दिया..

अहह.. दीपा आअहह.. हाँ उनका गरम-गरम माल मेरे पेट पर फेल गया..

सर – दीपा मेरी एक और इच्छा है।

मैं – बोलिए सर..

सर – मेरा लंड तुम मूह मे लेकेर चूसो.. प्लीज़ मेरी पत्नी भी नही मनती.. तुम प्लीज़ अपने मूह मे मेरा लंड लेकर मेरा माल पीओ..

मैं – सर मैं आपके चुपे तो मार दूँगी लेकिन माल नही पियूंगी प्लीज़।

सर – प्लीज़ बेटी.. देखो पास ज़रूर कवाऊंगा..

मैं – ओके सर..

फिर मैं नीचे झुकी ओर उनका बेठा लोडा अपने मूह मे लेकर चूसने लगी, सर मज़े मे पागल होने लगे, सर का लोडा पहली बार किसी ने मूह मे लिया था..

दीपा.. ओर ज़ोर से चूसो.. ज़ोर ज़ोर से चूसो अहह.. हाँ… टोपा अंदर तक लेकर जाओ… हाँ रानी.. उनका लोडा फिर से फोलाद की तरह तन गया ओर मैं ज़ोर ज़ोर से चुपे मारती रही.. सर भी अपनी कमर हिला कर मेरे मूह मे अपना लोडा अंदर बाहर करते रहे.. मैं गोली की तरह लोडा चूस रही थी.. थूक लगा लगा कर उनका लोडा गीला कर दिया था।

मैं कभी पूरा लोडा अंदर लेकर एक मिनट तक रुकती ओर फिर झटके से बाहर निकालती.. सर को ये बहुत मज़ा दे रहा था।

फिर सर ने कहा – बेटा माल आने वाला है और तभी मेरे मूह में लंड की धार आई पचर्ररर..

सर – अहह.. मेरी बच्ची अहह.. अंदर ही रखना लोडा अहह..

उन्होने अपना सारा पानी मेरे मूह मे निकल दिया ओर मेने उल्टी करके माल बाहर फेंक दिया, सर ढीले होकर बेड पर गिर पढ़े.. मेरा अभी तक पानी नही निकाला था तो मैं एक दम उठ कर सर के उपर जाकर बैठ गयी।

उनका लोडा मेरी चूत को टच करने लगा और मैं उसके घसे लगाने लगी.. उनका लोडा फिर से तन गया, मैं ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को उनके लोडे पर रगड़ने लगी.. उनकी पवर फिर वापिस आ गयी और अब मेने उनका लोडा अपनी चूत के अंदर डाला ओर उछलने लगी.. उनको भी मज़ा आने लगा।

मैं भी अपनी पसंद की पोज़िशन मे थी.. जिसमे मेरा पानी जल्दी निकल जाता है.. मैं कस कस के उपर उछलने लगी ओर वो भी मेरी गांड को पकड़ कर मुझे लोडे की हसीन सेर कराने लगे, अहह.. बहुत मज़ा आ रहा था.. उनका तीसरी बार था इस लिए उनको थोडा टाइम लगेगा पर मैं भारी जवानी अपने सर के लोडे के उपर नाच रही थी, मुझे थोड़ी देर बाद कोई भी होश ना रही..

सर.. अह्ह्ह्ह.. मेरी चूत फाड़ डालो.. अहह… लोडा अंदर तक डालो चिर दो मेरी चूत अहह..

बाद मे सर तेज़ी से उपर नीचे करने लगे ओर मेरा शरीर अकड़ गया ओर मेरी चूत से पानी झरने की तरह बाहर निकाला।
अहहह्ह्ह.. सर को भी मेरी चूत का गरमा गरम पानी लोडे के उपर महसूस हुआ, मैं मज़े मे मद-होश हो गयी थी, मैं बेसूद होकर पड़ी रही और सर मेरी जवानी लूटते गये।

फिर उन्होने मेरी चूत के अंदर ही अपना लोडा खाली किया..

वाह दीपा… तेरी फुदी तो मैं रोज मारूगा.. वाह मज़ा आ गया..

फिर थोड़ी देर बाद मैं उठी ओर फिर से कपड़े डाल कर सेट हो गयी.. सर भी तेयार हो गये..

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कमेंट सेक्शन में जरुर लिखे, ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

फिर मेने पुछा सर से।

मैं – सर मेरा काम हो जाएगा ना?

सर – पहला स्थान बेटा.. फस्ट डिविजन..

मैं – सर मैं फस्ट डिविजन लेकर आपको पार्टी देने ज़रूर आऊगी..

सर – बेटा ज़रूर आना बेटा.. ज़रूर आना..

अब तो मुझे परीक्षा का इंतेज़ार है.. ताकि मैं जल्दी से पास हो जाऊं।

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