हेलो दोस्तों, मैं मोहन आप सभी का antarvasna2.com में स्वागत करता हूँ। मैं सेक्स कहानियों का नियामित पाठक हूँ और २ सालों से यहाँ से मस्त कहानियाँ चुपके चुपके पढता हूँ। कभी घर के बाथरूम में छिपकर, अभी गैराज में, कभी बगीचे में। आज मैं भी आप लोगो को अपनी कहानी सुनाना चाहता हूँ।
दोस्तों, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरी बहन शुभावरी बहुत थी सुंदर थी और बड़ी मस्त माल की थी। वो अब २१ साल की चुदने लायक माल हो गयी थी। मैंने उसे कई बार ब्लू फिल्म दिखाकर चोद भी लिया था। मेरे माँ और पापा बहुत पहले ही मर चुके थे। इसलिए अब मेरे पास शुभावरी के सिवा कोई नही था। घर पर अब हम २ लोग ही रहते थे, इसलिए हम खूब प्यार करते थे और कई कई बार तो हम भाई बहन पूरा पूरा दिन घर से बाहर नही निकलते थे और सिर्फ और सिर्फ चुदाई में लीन रहते थे।
मेरी बहन बड़ा कड़क माल थी। उसका बदन दुबला पतला और एथलेटिक टाइप का था। क्या मस्त पतली सेक्सी कमर थी शुभावरी की। कई बार मैंने उसे गोद में लेकर खूब चोदा था। उसको चोद चोदकर मैंने उसकी बुर फाड़कर रख दी थी।
शुभावरी के जिस्म पर एक इंच भी एक्स्ट्रा मॉस नही था, पर जहाँ होना चाहिए वहां भरपूर मात्रा में था। उसके दूध बेहद कसे और संगमरमर जैसे चिकने और सफ़ेद थे। मैंने भी खूब पी पीकर मजे लिए थे दोस्तों। कोई १ महीने तक हम लोग घर में ही रहे और खूब चुदाई करते थे। १ मिनट बाद मेरी हवस शांत हो गयी। मैंने शुभावरी की योनी की कई तस्वीरे मेरा लंड खाते हुए ले ली।
कुछ दिनों बाद मैं साइबर कैफ़े गया और मैंने शुभावरी का रिजल्ट चेक किया। माँ कसम दोस्तों उसने संयुक्त इंजीनियरिंग परीक्षा पास कर ली थी पेपर फाड़कर रख दिया था। उसे एक सरकारी कॉलेज बी टेक करने के लिए जयपुर में ही मिल गया था। पर २ लाख रुपए का इंतजाम करना था।
ये बात सच थी की बाद में शुभावरी को स्कोलर शिप मिल जाती पर सारा पैसा वाफिस मिल जाता, पर वो तो बाद की बात थी। अभी तो हम दोनों को कही से २ लाख का इंतजाम करना था। दोस्तों, जब कोई मुसीबत में होता है तो सबसे पहले अपने रिश्तेदारों से मदद मांगता है। जब मैंने अपने चाचा, मामा, मौसी, मौसा, बुआ और अन्य लोग से २ लाख का कर्ज माँगा तो सबसे अपनी तरह तरह की घरेलू समस्या बताकर कोई ना कोई बहाना बता दिया और एक चवन्नी नही थी।
हम सिर्फ १ महीने का समय मिला था पैसा जमा करने के लिए। धीरे धीरे वक़्त निकलता जा रहा था और फीस जमा करने की डेट पास आती जा रही थी। मैंने अपने दोस्तों से पैसा माँगा तो सबने कह दिया की उनको हजार, पांच सौ रूपए मिलते है उससे क्या मदद हो पाएगी। मैं और शुभावरी दोनों टेंशन में आ गए। फिर एक दिन मेरा दोस्त पियूष मेरे साथ बैठा था।
“यार!!….लगता है शुभावरी का बी टेक छूट जाएगा!…मेरा तो बहुत दिमाग खराब है। सब जगह हाथ पाँव मार के देख लिया पर पैसा का बन्दोबस्त नही हो पाया” मैंने पियूष से बहुत दुखी होकर कहा
“….तब तो भाई मोहन एक ही रास्ता है….पर शायद तुझे अच्छा ना लगे” पियूष बोला
“….बता भाई। पैसे के लिए मैंने और शुभावरी कुछ भी करेंगे!” मैंने कहा
“भाई आपनी जवान बहन को कसके चुदवा दे…..भाई माँ कसम खा के कहता हूँ…पैसा बरस जाएगा। शुभावरी तो इतनी मस्त माल है की १० १० हजार मिलेंगे उसको रात भर चुदवाने के। कस्टमर का इंतजाम मैं कर दूंगा….” पियूष बोला
“……और क्या तू भी कुछ दलाली लेगा????” मैंने पियूष से पूछा
“हाँ मेरा 20% बनेगा….” पियूष बोला
“ये तो बहुत जादा है!!” मैंने ऐतराज किया
“चल तू मेरा ख़ास यार है। तेरा माफ़ करता हूँ बस एक रात शुभावरी को चोदने नोचने के लिए दे देना!!” पियूष बोला
“डील डन!!” मैंने कहा
कुछ दिन बाद पियूष एक कस्टमर एक मोटे सेठ में ले आया। मुझे उस सेठ का नाम नही मालूम था। पर वो मोटा आसामी थी। मैंने उसे बिठाया और पानी पिलाया। मैंने पियूष को एक किराने खींचा और पूछा की शुभावरी को चोदने के कितने पैसा देगा। पियूष से बताया की अगर शुभावरी ने उसके मनमुताबिक उसे खोलकर चूत देगी तो सेठ १० हजार दे देगा।
“बहनचोद!! 10 हजार????” मैं आश्चर्य से मुँह फाड़कर कहा
“हाँ!! बहन के टके!!…..चुदाई और रंडीबाजी में बहुत माल है बे!!” पियूष बोला
उसके बाद मैंने सेठ को कमरे में भेज दिया। मेरी बहन शुभावरी सलवार सूट में थी। सेठ ने उसे देखा तो देखता ही रहा गया। क्या मस्त कबूतरी हाथ लगी थी सेठ के। सेठ ने अपने शर्ट की एक एक बटन खोलना शुरू हुई। उसकी आँखों में सिर्फ वासना और हवस भरी थी। उसे सिर्फ मेरी जवान २१ साल की सुंदर बहन की चूत मारनी थी।
कुछ देर बाद सेठ पूरी तरह से नंगा हो गया। और पलंग पर जाकर बैठ गया और शुभावरी को चूमने लगा और टच करने लगा। १५ मिनट बाद उसने मेरी जवान चुदाई बहन को पूरी तरह से नंगा कर दिया। फिर शुभावरी को पलंग पर लिटा दिया। और उसके नर्म नर्म होठ पीने लगा। सेठ मेरी बहन के उपर लेट गया और उसने शुभावरी को अपनी बाहों में कस लिया और अपनी महबूबा समझ के चूमने लगा और प्यार करने लगा।
फिर शुभावरी के सफ़ेद सफ़ेद उजले दूध पीने लगा। कितना अजीब संयोग था। कुछ दिनों पहले शुभावरी अपने भाई यानी मेरा लंड खा रही थी और आज वो इस सेठ का लंड खा रही थी।
सेठ खूब मजे मार रहा था और शुभावरी के ३६” के दूध को मुँह में भरके पी रहा था। धीरे धीरे सेठ उसके मखमली पेट को सहला रहा था। बड़ी देर तक ये मनभावन रति क्रीडा चलती रही। सेठ ने मेरी बहन के दोनों दूध ना जाने कितने मिनट तक चूसे। कई बार चुदास में आकर उसने दूध को अपने दांत से काट भी लिया।
‘आउच!!!….” शुभावरी सिसक पड़ती थी। सेठ उसके मक्खन जैसे पेट को सहलाता रहा। कुछ देर बाद वो मेरी बहन की कमर पर पहुच गया। मैंने आपको पहले ही बताया की शुभावरी की कमर बहुत ही पलती और बहुत ही सेक्सी थी। सेठ अपनी जीभ ने मेरी बहन की चिकनी कमर को चाट रहा था। वो सारा अपने पैसा का पूरा मजा ले रहा था।
उसने शुभावरी की गोरी गोरी झांघों को काफी देर तक अपने हाथों से सहलाया और मजे लेता रहा। फिर वो बहन की सेक्सी नाभि पर आ गया और उसमे ऊँगली करने लगा।
मेरी बहन भी आज मजे ले रही थी। रोज मेरा वही पुराना लंड खा खाकर वो पक गयी थी। आज उसको एकदम नया लंड मिलने वाला था। सेठ बड़ी देर तक शुभावरी की सेक्सी नाभि से छेद छाड़ करता रहा। फिर उसने अपनी जीभ डालकर पीने लगा। बहन को इतनी खुजली हुई की उसने अपना पेट उपर उठा दिया। सेठ का हाथ मेरी बहन की चूत पर आ गया।
“ओह्ह्ह…..वाह भाई!! क्या मस्त चूत है इस कबूतरी की!!” सेठ खुद में बुदबुदाया पर फिलहाल वो शुभावरी की नाभि पी रहा था। बहन ने ५ दिन पहले अपनी चूत की झाटे बना ली थी। इसलिए ढाई मिली सेंटीमीटर जितनी हल्की हल्की झांटे शुभावरी की पूरी चूत पर उग आयी थी। सेठ बड़े प्यार से अपनी उँगलियाँ मेरी बहन की चूत पर फेर रहा था।
फिर वो शुभावरी क चूत की घाटी में आ गया। और मुँह लगाकर रसीली चूत का पान करने लगा। बहन की बुर बहुत गुलाबी, बहुत सेक्सी और बहुत मीठी थी। शुभावरी की चूत का डिसाईन बिलकुल मोमोस जैसा लगता था। चूत के होठ अपने में ऐठे हुए थे और बहुत आकर्षक लगते थे। सेठ मेरी बहन की चूत मस्ती से पी रहा था। फिर उसने मस्ती से चूत के दोनों होठ अपनी ऊँगली से खोल दीये और मजे से मेरी बहन की बुर पीने लगा।
जैसे जैसे सेठ जल्दी जल्दी अपनी जीभ को शुभावरी की बुर से टकराता था, शुभावरी अपनी गांड उठा देती थी। ना जाने क्यों सेठ कम से कम आधे घंटे तक बहन की बुर पीता रहा। शुभावरी पागल सी हो गयी।
“सेठ जी….अपनी माँ मत चुदाओ!!….चोदना है तो चोदो…मुझे इस तरह मत तड़पाओ!!” उसने बोल दिया। कुछ देर बाद सेठ ने शुभावरी के दोनों घुटने उपर कर दिए और उसकी रसीली चूत में लौड़ा डाल दिया। उफफ्फ्फ्फ़ …..क्या मोटा 7” का लौड़ा था सेठ जी का। बड़ी मुस्किल ने लौड़ा बहन की चूत में घुस पाया।
उसके बाद सेठ मेरी बहन को मजे से चोदने लगा। भाई साहब मजा आ गया उस सेठ को मेरी बहन की चूत लेकर। वो बहुत भरी कद का सेठ था। उसकी तोंद भी खासी निकली हुई थी। कितनी गलत बात थी की मेरी बहन को किसी जावन लड़के से चुदना चाहिए था। पर वो एक ५० साल के उम्र दराज के अंकल टाइप के सेठ से चुदवा रही थी। सेठ फट फट करके मेरी बहन शुभावरी को पेल रहा था। आवाज हम तक आ रही थी। मैं अपने दोस्त पियूष के साथ बैठा बियर पी रहा था।
“हूँ हूँ हूँ….” पियूष हँसने लगा।
“मोहन !! देख सेठ तेरी बहन को इतनी तेज तेज पेल रहा है की आवाज वहां पर आ रही है!!…हूँ हूँ हूँ!!” पियूष बोला
“हाँ भाई…..मैंने शुभावरी से बोल दिया था की खुलकर चुदवाये। सेठ पर कोई रोक टोक ना लगाए” मैंने कहा
“दोस्त….आज मेरी बहन तो रंडी बन गयी!!” पियूष बोला और फिर से बियर की बोतल को मुँह से लगाकर पीने लगा
“क्या करता यार……पैसे के लिए बहन को रंडी बनाना ही पड़ा!!” मैं कहा
उसके बाद तो कोई १ घंटे तक फट फट की आवाज शुभावरी के कमरे से आती रही। “आह …ओह माँ माँ…..तेज तेज सेठ जी….ओह्ह्ह..और तेज पेलो सेठ जी…..आऊ आऊ ऊँ उंहू उंहू!!” शुभावरी की मीठी आवाजे मैं और पियूष बाहर सुन रहे थे। मैं कैसा भाई था, पैसे के लिए अपने बहना को ही कस्टमर से चुदवा रहा था।
बीच में मेरा लंड बहुत तेज खड़ा हो गया। मन हुआ की अभी कमरे में घुस जाऊ और शुभावरी की चूत में अगर सेठ का लौड़ा है तो उसकी गांड में अपना लंड डाल दो और उसको एक असली रंडी आज बना दूँ। मन तो मेरा बहुत हो रहा था, फिर सोचा की इससे तो सेठ का मजा ख़राब हो जाएगा। क्या पता नाराज हो गया तो कहीं पैसा नही ना थे।
उपर से ये रंडीबाजी चोरी छिपे घरों में होती है। सेठ से पैसा भी खुलकर नही मांग सकता। दोस्तों, ये सब सोचकर मैं अपनी बहना को चोदने अंदर नही गया। मैं बाहर से ही उसके चुदने की मस्त मस्त आवाज सुन रहा था। वही मीठी मादक आवाजे मुझे खूब सुनने को मिल रही थी।
मैंने अपनी पैंट में अपना हाथ डाल दिया और लंड फेटने लगा। सेठ ने मेरी बहन को बिलकुल असली रंडी की तरह चोदा। फिर वो तेज तेज अपनी कमर चलाने लगा। हपर हपर करके वो कमर चला रहा। उसका लौड़ा बड़ी तेज तेज शुभावरी के भोसड़े में जाकर तूफ़ान मचा रहा था। शुभावरी गांड उठा उठाकर लंड खा रही थी और चुदवा रही थी।
फिर उसने सेठ को कसके बाहों में भर लिया और इधर उधर यहाँ वहां चूमने लगी। सेठ उसे अपनी औरत की तरह चोदने लगा। कुछ देर बाद सेठ का माल गिरने वाला था इसलिए उसका पूरा बदन अकड़ने लगा। शुभावरी जान गयी की उसका छूटने वाला है इसलिए उसने सेठ को अपने सीने से लगा लिया।
सेठ किसी बिजली की रफ़्तार से मेरी बहन की गर्म खौलती चूत में लंड डालने और निकालने लगा। कुछ देर बाद उसने अपना माल शुभावरी के भोसड़े में ही छोड़ दी। १ घंटे बाद वो बेहद गर्म गर्म आवाजें आना बंद हो गयी। इसका मतलब था मेरी बहन चुद गयी थी। इस महाचुदाई में मेरी बहन शुभावरी और सेठ दोनों के पसीने छूट गए थे। दोनों प्यार करने लगे। पियूष ताली बजाने लगा।
“चुद गयी रे!!!…..आज तेरी बहन चुद गयी!!! बन गयी आज ये एक असली रंडी!!” पियूष हसंकर बोला
उसके बाद सेठ ने मेरी बहन को अपनी बाहों में भर लिया।
“जान!!!…….कैसी बनी रंडी तुम!! देखने से तो अच्छे घर की लगती हो!!” सेठ शुभावरी के गाल पर किस करते हुआ पूछा जैसे कोई आपनी माशूका से पूछता है।
“वो…..बी टेक की फीस जमा करनी थी इसलिए मुझे रंडी बनना पड़ा!!” शुभावरी ने कहा।
कुछ देर तक वो मेरी बहन के गाल पर प्यार भरे अंदाज में चुम्मी देता रहा। फिर उसके होठ पीने लगा। उसके बाद काफी देर तक उसने शुभावरी के मस्त मस्त नशीले दूध पिये और अपनी वासना की आग बुझाई। फिर उसकी बुर पीने लगा।
कुछ देर बाद उसने मेरी बहन को घोड़ी बना दिया। और पीछे से उसकी लम्बी लम्बी फूली और नाव जैसी दिखने वाली चूत की एक एक फांक को सेठ बड़े प्यार से पीने लगा। शुभावरी घोड़ी बन चुकी थी। उसके 36” के मस्त मस्त आम निचे की तरफ लटक रहे थे जैसे किसी असली पेड़ के आम हो। सेठ बड़ी देर तक सुभावरी के सुंदर चुतड सहलाता रहा।
और यहाँ वहां चूमता रहा। फिर उसने पीछे से उसकी गुलाबी चूत में लंड डाल दिया और मजे लेकर चोदने लगा। कुछ देर बाद शुभावरी को भी बड़ा सुख मिलने लगा।
“चोद डालो सेठ जी……आज चोद डालो इस रंडी को!!…फाड़ दो मेरी फटी चूत को!!!” शुभावरी कसकस कर चिल्लाने लगी। सेठ ने मेरी बहन के दोनों हाथ पकड़ लिया और उसे कोई घोड़ी बना दिया और गपागप उसकी बुर में लंड देने लगा। सेठ ने करीब ५० मिनट तक मेरी बहना शुभावरी को दोनों हाथ पकड़कर जी भरकर चोदा और खूब मजा मारा।
शुभावरी की बुर में उस रात हजारों बार सेठ का लंड अंदर गया और बाहर निकला। उसकी बुर पूरी तरह से फट गयी थी। पट पट और चट चट के मीठे शोर के बीच सेठ मेरी बहन को ठोकता रहा और ५० मिनट तक टेस्ट मैच खेलने के बाद सेठ एक बार फिर से क्लीन बोल्ड हो गया। उसके कई बार अपनी सफ़ेद गाढ़ी मलाई की फुहारे शुभावरी के भसोड़े में छोड़ दी। सुबह तक उसने मेरी बहन को ५ बार चोदा, फिर उसने मुहे १० हजार की गड्डी थी।
इस तरह दोस्तों, मैंने कई दिन अपनी बहन को चुदवाया और २ लाख जमा करके उसकी बी टेक की फीस जमा कर दी। अब बहन मजे से अपना बी टेक कर रही है। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।