बिजनेस टूर पर सर ने मुझे चोदा

मेरा नाम दीपाली है मैं इंदौर की रहने वाली हूँ। मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। मैं इंदौर के एक आईटी कंपनी में काम करती हूँ। मैं मार्केटिंग में हूँ। और ऑफिस का भी कई काम संभालती हूँ। मेरे सर मुझे काफी जिम्मेदारी दिए हुए है। यहाँ तक की कंपनी के कई काम को मैं देखती हूँ।

दिल्ली में तीन दिन का कांफ्रेंस था। तो सर मुझे बोले दीपाली क्या तुम दिल्ली चलोगी। तो मैं बोली मुझे एक बार अपने घर में बात करना होगा। मैं कल बताउंगी। तो सर बोले देखो आगे बढ़ने के लिए तुम्हे कई जिम्मेदारियां लेनी होगी।

और मैं चाहता हूँ तुम कंपनी का कामकाज अच्छे से हेंडल करो। तो मैं बोली हां सर मैं भी ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती हूँ। फिर सर बोले अभी दिल्ली तीन दिन के लिए जाना है सारा खर्चा कंपनी के तरफ से होगा। और साथ में तुमको दस हजार और भी मिलेंगे।

तो मैं बोली ठीक है सर मैं जाउंगी अपने घरवाले को मना लुंगी। मैं घर गई और बातचीत की अपने पेरेंट्स से। उन्होंने खा देखो बेटी जो भी करना अपने लिए सही करना और सोच समझकर करना।

ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए तो तुम्हे अलग होना ही पडेगा। तो मम्मी पापा आराम से मुझे जाने का परमिशन दे दिए। और मैं दूसरे दिन आकर सर को बोल दी की मुझे जाने की अनुमति मिल गई है।

सर ने मेरा टिकट करवा दिया अपना भी। हम दोनों ही जा रहे थे। पर घर में मैं ये बोल दी थी की और भी दो एम्प्लोयी जा रहे हैं। हम दोनों दिल्ली पहुंच गए। तीन दिन एक फाइव स्टार होटल में कांफ्रेंस था और एक दिन अपने घूमने के लिए रखे थे।

दोस्तों कांफ्रेंस का पहला दिन। सुबह सुबह ही दिल्ली पहुंचे थे। उसी फाइव स्टार होटल में ही सर ने रूम बुक किया था रहने के लिए। जैसे ही मैं कमरे में गई दंग रह गई। आलिशान होटल का आलिशान कमरा। दो बेड लगे थे जो गजब के थे। मजा आ गया था देखकर।

मुझे काफी ख़ुशी हुई अपनी कामयाबी पर, मैं इस मुकाम तक पहुंची तो सही की मैं ऐसे जगह पर रुक सकूँ। मैं तुरंत ही तैयार हो गई। मैं गजब की हॉट लग रही थी। मैं एयर होस्टेस की तरफ बाल बनाई और कपडे पहनी। सर देखकर देखते ही रह गए। वो बोले गजब लग रही है। ऐसी ही एम्प्लोयी की जरुरत थी जो की लगे सुन्दर। मैं बोली अब तो आपके साथ हूँ आपके कंपनी के साथ हूँ। तो वो बोले हां हां तुम आगे बढ़ो मैं यही चाहता हूँ।

शाम चार बजे तक हम लोग कॉन्फ्रेंस में ही रहे। उसके बाद आकर थोड़ा आराम किये फिर माल घूमने चले गए. सर जी ने मेरे लिए एक बेहतरीन ड्रेस लिए। मैं बहुत खुश हुई फिर हम दोनों अपने कमरे में चले गए। सर जी ने एक शराब की बोतल निकाली और दो पेग बनाये मैं बोली, नहीं पीती तो उन्होंने कहा पहले नहीं पीती थी पर अब पीना ही होगा। ऐ

से कोई इतने बड़े मुकाम तक पहुँचता है उसके लिए तो तुम्हे मॉडर्न बनना पडेगा। खुले विचार का होना होगा। और बियर व्हिस्की सिगरेट तो आम बात होने चाहिए।

तुम खुद ही देख लो जितनी भी लड़कियां आई हुई थी कॉन्फ्रेंस में करीब करीब सिगरेट पी रही थी। और वो सब अपने बॉस के साथ रात में एक ही बिस्तर पर ही सोयेंगे तभी तो उन सबों की सैलरी ज्यादा होती है। क्यों की वो बॉस के करीब होती है।

मैं समझ गई। वो क्या कहना चाह रहे थे। मैं उनके बात से सहमत थी। मुकाम पाने के लिए अपना कई चीज शेयर करना होता है। तो मैंने भी उनको शराब के लिए हां कह दी। वो दो पेग बनाये और फिर हम दोनों मिलकर पीने लगे. इसके पहले मैं एक दो बार ही पी थी अपने दोस्तों के साथ। फिर क्या था वो अपनी बात बताने लगे की वो अपने बीवी से खुश नहींहै। वो सेक्स में संतुष्ट नहीं करती है मॉडर्न नहीं है।

और धीरे धीरे वो मेरे करिब्ब आ गए। मैं बोली सर ये सब ……… फिर कभी तो वो बोले फिर कभी क्या इससे बढ़िया मौक़ा कब आएगा। तुम्हारी ये पहली सीढ़ी है आगे बढ़ने की। मैं चुप रही क्यों की मैं भी अपनी ज़िंदगी में एक नया मुकाम चाहती थी। तभी मैं उनको देखि अपना नजर उठाकर। फिर बोली धोखा तो नहीं दोगे मुझे वो बोले नहीं नहीं कभी नहीं। मैं तुम्हे किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा। मैं बोली खाओ मेरी कसम वो बोले तुम्हारी कसम। तुम को मैं आगे बढ़ाऊंगा।

और मैं उनके होठ पर अपना होठ रख दी। हम दोनों एक दूसरे को हौले हौले से किस करने लगे। और फिर लिप लॉक कर लिए मैं अपना जीभ सर के मुँह में डाल दी वो मेरी जीभ को चूसने लगे। उनका हाथ मेरी स्तन पर आ गया। वो हौले हौले से दबाने लगे।

मैं अपना आँख बंद कर चूमती रही और उनको सहलाती रही। उनकी उम्र 40 साल है और मैं 25 की। अब वो मुझे अपने तरफ खींच लिए और पीठ को सहलाते हुए चूतड़ को सहलाने लगे। हम दोनों खड़े हो गए और एक दूसरे के जिस्म को टटोल रहे थे चुम रहे थे।

फिर उन्होंने मेरा नाईट ड्रेस उतार दिया। मैं ब्रा और पेंटी पर थी वो भी अपना कपडा खोल दिए। वो मुझे बेड पर ले गए। अब मुझे चूमने लगे मेरे पैर की ऊँगली से शुरू किया था चाटना और मेरे सिर तक पहुंच गए। मैं पानी पानी हो गई थी।

मेरे बदन में आग जल रही थी। चूत गरम हो गई थी। चूचियां बड़ी बड़ी और टाइट हो गई थी। मेरे मुँह से आवाज आने लगी आए आ आ आ आ आ आए आ ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह।

उन्होंने मेरी पेंटी और ब्रा उतार दिया और मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरे होठ को चूसने लगे। मैं पागल होने लगी। अंगड़ाई लेने लगी मेरे रोम रोम खड़े हो रहे थे। उन्होंने मेरी चूत को अच्छे से देखा और बोला वर्जिन हो । सर जी मेरे चूत पर एक किस किये और उठाकर अपना बेग के तरफ गए और एक 500 रूपये की गद्दी जो पचास हजार रूपये थी मुझे दे दिया।

मैं सोची अभी तो चोदे भी नहीं और तुरंत ही पचास हजार मिल भी गए। मैं बोली इसकी जरुरत नहीं है सर। प्यार भी कोई चीज है। मैं पैसे नहीं लुंगी। पर सर जी ने कहा ले लो। कोई बात नहीं। फिर मैंने वो पचास हजार रख लिए।

अब वो मेरे पैरों के बिच में जाकर मेरी चूत को चाटने लगे। मेरे बदन में सिहरन हो रही थी। गुदगुदी हो रही थी। पर एक एक ना सुने और चाटते रहे फिर उन्होंने मुझे उल्ट दिया और फिर मेरी गांड के छेद को भी अपने जीभ से छूने लगे। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था की पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी।

उन्होंने मुझे आधे से करीब एक घंटे तक ऐसे ही करते रहे चूत गीली हो गई थी। चूचियां मेरी तन गई थी निप्पल खड़े हो गए थे। उनका लंड भी खड़ा हो गया था। आप वो मुझे चोदने के लिए तैयार थे।

अपना लंड चूत पर उन्होंने सेट किया और जोर से घुसा दिया। पर गया नहीं पूरा। मैं सेट की फिर से उनका लंड और उन्होंने फिर से धक्का दिया और इस बार पूरा लंड चुत के अंदर चला गया।

मुझे काफी दर्द होने लगा था खून भी निकल आया था। पर वो मुझे चोदते रहे। मेरी चूचियों को मसलते रहे। मुझे भी दर्द कम हो गया था और मैं चुदने लगी थी सर के साथ जबरदस्त तरीके से। फिर क्या था दोस्तों मेरी गदराई हुई बदन को उन्होंने खुब्ब चूमा खूब चोदा खूब पीया मेरी चूत के रस को निप्पल को तो उन्होंने काट खाया।

रात भर हम दोनों ही नहीं सोये। एक दूसरे के बाहों में ही रहे और चुदाई करते रहे दो दो घंटे के गेप में। फिर क्या अतः दोस्तों दूसरे दिन और तीसरे दिन की चुदाई के बाद मैं एक्सपर्ट हो गई थी। अब मैं सर की बीवी की तरह करने लगी वो भी मुझे अपनी बीवी से भी बढ़कर समझने लगे।

 

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