मैं कोमल 23 साल की एक सेक्सी लड़की हूँ, मेरा बदन 32-27-34 हैं। अब आप लोग खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं कितनी सेक्सी हूँ।
मेरी एक छोटी बहन जिसका नाम प्रीती हैं वो अभी 20 साल की हैं वो अभी से ही बहुत सेक्सी दिखाई देती हैं उसके बूब्स का साइज़ पहले से बढ़ गया हैं।
हम दोनों बहनों में बहुत प्यार हैं, वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती हैं। प्रीती मेरे साथ ही सोती हैं।
एक दिन बातों बातों में मैंने प्रीती से पूछा मैंने उसको पूछा- तेरा कोई बॉयफ्रेंड है? तो वो बोली- नहीं दीदी।
फिर हम ऐसे ही इधर उधर की बात करते करते सो गई। एक रात प्यास लगने की वजह से मेरी नींद टूट गई, मैं उठी तो मैंने देखा कि प्रीती बेड पर नहीं थी।
मैंने सोचा शायद टायलेट गई होगी, बाथरूम की लाईट भी चालू थी।
मैं उठी और फ्रिज से पानी की बॉटल निकालकर पानी पीने लगी।
तभी मुझे बाथरूम से सिसकारियाँ भरने की आवाजें आने लगी।
मैं एकदम चौंक गई कि क्या हुआ?
और एकदम भागकर बाथरूम के गेट तक पहुँची लेकिन जैसे ही मैंने अंदर देखा तो प्रीती का टॉप बाथरूम के गेट पर ही पड़ा था और थोड़े आगे उसके शॉर्ट्स पड़े थे और फिर ब्रा पेंटी पड़ी थी।
मैं समझ गई कि कुछ तो गड़बड़ है, और धीरे धीरे गेट के अंदर गई और गेट के बगल में बनी दीवार के पीछे खड़ी हो गई।
मैंने अंदर देखा तो प्रीती बिल्कुल नंगी खड़ी थी और अपने एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी, उसकी चूत पर झांटें नहीं थी, शायद उसने झांटे साफ़ की हुई थी।
जबकि मेरी चूत पर बाल थे।
वो दूसरे हाथ से अपने निप्पल को मसल रही थी।
ऐसा नहीं था कि मैंने प्रीतीको नंगी नहीं देखा हो, बल्कि बचपन से ही जब हम दोनों साथ रहती थी, रोज ही हम दोनों एक दूसरी के सामने ही कपड़े बदलती थी और एक दूसरे को आधी नंगी यानी टॉपलेस तो रोज ही देखती थी।
बचपन में तो एक साथ ही नहाती थी और आज भी कभी कभी हम जब लेट उठती हैं तो एक ब्रश कर रही होती है तो दूसरी नंगी नहा रही होती है।
लेकिन यह सीन कुछ अलग था वो नंगी तो थी ही, लेकिन आज मैं उसके बदन को पहली बार इस तरह मचलता देख रही थी।
थोड़ी देर तक उसे यह करते देख में भी गर्म हो गई और अपनी शॉर्ट्स के ऊपर से ही अपनी चूत रगड़ने लगी।
वहाँ प्रीती ने एक उंगली अपनी चूत में डाली और बड़े हल्के हल्के से उसे अंदर बाहर करने लगी।
थोड़ी देर ऐसा करते-करते उसकी चूत गीली हो गई और वो पस्त होकर वहीं अपने चूतड़ के बल बैठ गई और अपनी दोनों टाँगें खोलकर अपनी चूत हल्के हल्के सहलाने लगी।
उसकी वजह से मुझे उसकी चूत पूरी दिखाई देने लगी और मुझे पता नहीं उसे नंगी देख कर क्या हो रहा था, जो मैं इतनी गर्म हो गई थी।
फिर वो थोड़ी देर में उठी और दरवाजे की तरफ आने लगी, तब मैं फटाफट बेड पर आकर लेट गई और उसके आते ही सोने का नाटक करने लगी।
उसने मुझे देखा कि कहीं मैं जाग तो नहीं रही, और फिर धीरे से मेरे बगल में लेट गई और कुछ देर में शायद सो गई।
लेकिन मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, मैं पूरी रात करवटें बदलती रही और यही सोचती रही कि मुझे क्या हुआ था प्रीती को नंगी देख कर?
मैं क्यों इतना गर्म हो गई थी उसे देख कर? कहीं मुझे भी उसके संग लेस्बीयन सेक्स की इच्छा तो नहीं हो रही थी?
यह सोचते-सोचते पूरी रात गुजर गई और कब मेरी आँख लग गई, मुझे पता भी नहीं चला।
अगली सुबह मैं बहुत लेट उठी, मैं ब्रश करने बाथरूम में जाने लगी, बाथरूम में पहले से ही प्रीती ब्रश कर रही थी, उसे देख मेरे दिमाग़ में फिर कल रात का सीन आ गया कि कैसे प्रीती अपनी चूत को रगड़ रही थी।
प्रीती ने मुझे देखा और बोली- आज तू भी लेट उठी, लेकिन तू तो बहुत जल्दी सो गई थी?
मैंने कहा- पता नहीं, आज नींद नहीं खुली।
और फिर मैंने प्रीती को देखकर पूछा- तू ठीक है ना? तो वो बोली- हाँ, अब मैं ठीक हूँ।
फिर उसने कहा- पहले मैं नहा रही हूँ। मैंने कहा- ठीक है।
यह सुनकर वो थोड़ी चौंक गई क्योंकि हमेशा हम दोनों में पहले नहाने के लिए लड़ाई होती थी, लेकिन आज मेरे कुछ ना कहने पर वो चौंक गई।
फिर उसने हल्का सा मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा- आज तुझे क्या हुआ है? तू आज मुझसे पहले नहाने की जिद नहीं करेगी?
मैंने भी हल्के से मुस्कुराते हुए कह दिया- नहीं, मैंने पहले नहाने का चांस आज तुझे दिया, आख़िर मैं तेरी बड़ी बहन हूँ।
वो भी मुस्कुराई और नहाने के लिए कपड़े उतारने लगी, मैं ब्रश करती रही।
मेरे सामने एक शीशे था, उसमें प्रीती साफ दिख रही थी, अकसर जब वो मेरे सामने नहाती है तो मेरी नज़र कभी उस शीशे पर नहीं जाती थी, लेकिन आज मेरा मन उसे फिर से नंगी देखने का कर रहा था, इसलिये ना चाहते हुए भी मेरी नज़र उस शीशे पर जा रही थी।
प्रीती ने अपना टॉप उतार दिया, हम दोनों ही घर में रात को सोते समय टॉप के नीचे ब्रा नहीं पहनती, इसलिए टॉप के उतरते ही प्रीती के 34″ के गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने आ गये
उन्हें देखकर पहली बार मेरे बदन में कंपकपी सी छूट गई, जबकि जाने कितनी बार मैंने उसे नंगी देखा होगा।
फिर उसने अपने शॉर्ट्स भी ऊतार दिए और सिर्फ़ पेंटी में आ गई। उसने गुलाबी पेंटी पहन रखी थी।
वो शॉवर चालू करके उसके नीचे खड़ी हो गई, जिससे उसके बैक साईड, उसके चूतड़ों को मैं शीशे में देख रही थी।
धीरे-धीरे पानी से उसका पूरा बदन गीला होता जा रहा था और पानी से कुछ ही देर में उसकी पूरी पेंटी गीली हो गई और उसके गोरे-गोरे चूतड़ो से चिपक गई।
वो घूम कर अपने पूरे बदन पर शॉवर ले रही थी, उसकी पेंटी के बाहर से उसकी चूत साफ दिख रही थी।
मैं किसी भूखे लड़के की तरह उसे देख रही थी, मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे मन में क्या चल रहा है।
मुझको अपने लेस्बियन होने का डर भी लग रहा था, लेकिन मैं क्या करती?
लाख चाहते हुए भी मेरी नज़र प्रीती के नंगे बदन से हट नहीं रही थी और बार-बार कल रात हुई घटना का मुझे ख्याल आ रहा था।
वहाँ प्रीती को यह नहीं पता था कि मैं उसे नंगी देख रही थी। वो सोच रही थी कि मैं पीछे खड़े होकर ब्रश कर रही हूँ।
फिर उसने शॉवर को बंद कर दिया और बगल से साबुन उठाकर उसे अपने बदन पर लगाने लगी।
पीठ, जांघ और पैर पर साबुन लगाने के लिए उसे झुकना पड़ता, जिससे उसकी गांड और बाहर आ गई और उसकी पेंटी भी थोड़ी नीचे हो गई जिससे उसके चूतड़ों की दरार दिखने लगी।
फिर उसने अपनी जाँघों पर साबुन लगाया, उसकी जांघें उसकी उम्र के हिसाब से काफ़ी मोटी-मोटी और चिकनी हैं। मेरी भी जांघें चिकनी हैं लेकिन मेरी जाँघों पर मांस थोड़ा कम है।
फिर वो साबुन अपने चेहरे पर लगाने लगी। इतने में ही साबुन उसके हाथ से फिसल गया और थोड़ी देर वो नीचे बैठ कर साबुन ढूँढती रही, लेकिन उसे साबुन नहीं मिला।
उसने मुझसे साबुन उठाकर देने को कहा तो मैंने साबुन उठाया और उसे दे दिया लेकिन उस शैतान ने मज़ाक मज़ाक में शॉवर चालू करके मेरी तरफ कर दिया और मैं पूरी गीली हो गई।
मैंने कहा- प्रीती, यह क्या बदमाशी है?
तो वो बोली- अरे क्या बदमाशी? तुझे भी तो नहाना था ना, तो मेरे साथ ही नहा ले!
और फिर हंसने लगी।
मैंने सोचा कि अगर मैं इसके साथ नहाने लगी तो कहीं मेरी लेस्बियन की इच्छा और ना बढ़ जाये और मैं कुछ ग़लत ना कर बैठूँ।
लेकिन मेरी चूत में भी बहुत ज्यादा खुजली होने लगी थी मगर मैंने कभी लेस्बियन सेक्स नहीं किया था तो मैं थोड़ा डर भी रही थी।
इसलिये मैंने उससे कहा- मुझे अभी नहीं नहाना, पहले तू नहा ले, मैं बाद में नहा लूँगी!
लेकिन वो तो आज पूरे मज़े के मूड में थी, उसने शॉवर और तेज कर दिया और मैं बुरी तरह भीग गई।
मैंने शॉवर उससे छीन लिया और बंद कर दिया और बाथरूम से बाहर जाने लगी, लेकिन प्रीती ने कहा- अरे अब इतना भीग गई है तो पूरा ही नहा ले, क्यों नखरे कर रही है।
बहुत दिनों बाद हम दोनों एक साथ नहायेंगे।
मैंने भी सोचा कि जब मैं भीग ही गई हूँ तो पूरा ही नहा लूँ, लेकिन मुझे अपनी हरकतों पर कंट्रोल करना होगा।
फिर मैंने अपना टॉप उतारा और मेरे बूब्स भी बाहर आ गये।
मैंने अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए और मैं भी पेंटी में आ गई मेरी पेंटी पहले से ही भीगी हुई थी।
प्रीती ने शॉवर फिर से चालू कर किया और कभी पानी अपनी और तो कभी मेरी ओर करने लगी।
फिर वो मुझसे बोली- यार, मेरी पीठ पर साबुन लगा दे, कई जगह मेरा हाथ नहीं पहुँचता है।
मैं मुस्कुराई और बोली- चल घूम!
उसकी चिकनी पीठ पर मैं साबुन लगाने लगी। इस बीच मेरा हाथ कई बार उसके बूब्स की साईड से भी टकराया।
हम जब पहले नहाते थे तो तब हम दोनों इतने छोटे थे कि हमारे बूब्स उगे तक नहीं थे और अब दोनों के बूब्स अच्छे बड़े थे।
प्रीती अचानक घूम गई और मेरे हाथों से अपने बूब्स पर साबुन लगवाने लगी, मुझे भी उसके बूब्स को छूने में मज़ा आ रहा था। इसलिये मैं उन पर साबुन लगाती रही।
फिर प्रीती ने मुझसे साबुन लेकर कहा- ला अब मैं तेरे को भी साबुन लगा दूँ!
और फिर उसने साबुन लगाने की शुरुआत मेरे बूब्स से की, लेकिन वो बूब्स को साबुन लगाते-लगाते मसल रही थी और वो मेरे बूब्स के अलावा कहीं साबुन लगा ही नहीं रही थी।
फिर वो अचानक बोली- यार, एक बात बता कि तेरा कोई बॉयफ़्रेंड है?
मैंने उसे झूठ बोल दिया- मेरा कोई बोयफ़्रेंड नहीं है।
तो वो बोली- नहीं प्लीज़ सच बता ना?
मैं थोड़ा उस सवाल से सकपका गई कि यह क्या पूछ रही है? और इसका मैं क्या उत्तर दूँ?
लेकिन फिर मैंने कहा- हाँ है। वो बोली- सच? मैंने कहा- हाँ सच।
फिर वो बोली- अच्छा एक बात बताऊँ? मैंने कहा- हाँ बता।
तो वो बोली- तू ग़लत मत समझना। मैंने कहाँ- बोल ना क्या बात है?
वो बोली- यार, बहुत सारे लड़के मुझे लाइन मारते हैं और मेरा भी मन होता है उनके साथ मज़े लेने का। यार, मैं लड़कों के साथ मज़े करना चाहती हूँ।
तो मैंने कहा- तू पागल हो गई है।
उसके हाथ अभी तक मेरे बूब्स पर ही चल रहे थे, वो बोली- हो सकता है मैं पागल हो गई हूँ।
फिर उसने मेरे बूब्स को हल्का हल्का दबाना शुरू कर दिया, मैंने उससे पूछा- तू यह क्या कर रही है?
वो बोली- तुझे प्यार करने का मन कर रहा है।
मैंने कहा- हट, पागल है तू?
तो वो बोली- हो सकता है, लेकिन तू तो मेरी बड़ी बहन है, तू मेरी परेशानी समझ सकती है।
अभी तक उसके हाथ मेरे बूब्स को दबा रहे थे और मैं उसके हाथ अपने बूब्स से हटा नहीं रही थी।
इससे उसको और बढ़ावा मिल रहा था और कहीं ना कहीं जो हो रहा था वो मेरे भी मन में था, लेकिन मैं ऐसा करना नहीं चाह रही थी।
लेकिन प्रीती तो सब कुछ भूल कर बेशर्म बन गई थी।
मैंने उससे कहा- तुझे तो डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा!
और मैं हल्का सा मुस्कुरा दी और मेरे मुस्कुराने को वो समझ गई कि मेरे मन में भी वो ही है जो उसके मन में है।
अब वो मेरे बूब्स को छोड़ मुझसे लिपट गई और हम दोनों के बूब्स आपस में चिपक गये।
मेरा पूरा बदन थरथरा उठा और मैं भी अब उत्तेजित हो गई।
मैंने प्रीती का चेहरा अपनी ओर किया, उसकी आँखों में देखा और फिर उसके होठों को अपने होठों से चूम लिया।
फिर बाकी काम उसने किया, वो मेरे होठों को चूसने लगी, कभी नीचे के होंठ तो कभी ऊपर के होंठ को।
मेरी और उसकी जीभ भी आपस में टकराने लगी, ऐसा स्मूच था कि हम दोनों पागल हो गये।
मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ पर थे और उसके हाथ मेरे चूतड़ पर, वो धीरे धीरे मेरे चूतड़ों को मसल रही थी और मैं उसकी चिकनी पीठ पर हाथ फेर रही थी।
उसने मेरी पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया और गांड की दरार को अपनी उंगलियों से चोदने लगी।
मैंने भी अब उसकी पेंटी में हाथ डाल दिया और उसकी पेंटी को आधा उतार दिया और उसकी चूत को आधी नंगी कर दिया।
लेकिन उसने मेरे हाथ पकड़े और वहीं रोक दिए, वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरी पेंटी की इलास्टिक पकड़ी, पूरी नीचे तक उतार दी। मेरी चूत पर झांटें थी, उन्हें देखकर वो बोली- तेरी चूत पर कितनी झांटें हैं। मेरी तो अभी क्लीन है।
मैंने कहा- हाँ, मैंने कल रात तुझे हस्तमैथुन करते हुए देखा था।
उसने अचानक मेरी ओर देखा और हल्का सा मुस्कुराई।
मैं कुछ नहीं बोली और फिर वो अपनी एक उंगली मेरी चूत पर रगड़ने लगी।
मेरे पूरे बदन में आग लग गई, पानी भी भाप बनकर उड़ रहा हो, ऐसा लग रहा था और उसकी उंगली के हल्के से स्पर्श से ही मैं अपने पंजों के बल उछल पड़ी।
वो यह देख हंस पड़ी। वह फिर हल्के-हल्के से उंगली मेरी चूत पर रगड़ने लगी और मेरी आँखें अपने आप बंद हो गई और मैंने उसका दूसरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया, वो अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को दबाने लगी।
कुछ देर तक चूत को रगड़ने के बाद उसने मेरी चूत के अंदर उंगली डाल दी, मेरे मुँह से आह्ह निकल गया।
वो मुस्कुराई और बोली- तूने अभी तक कितने लड़कों के साथ सेक्स के मज़े लिए हैं?
तो मैंने कहा- यह मत पूछ! वो बोली- बता ना यार?
तब मैंने उसको बता दिया कि मैंने अब तक पांच लड़कों से सेक्स के मज़े लिए हैं। वो ये सब सुनकर मुस्कुराने लगी।
उसने मुझसे मेरे पांचवें बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने बोल दिया कि वो तुझे वक़्त आने पर बताऊँगी।
फिर वो उंगली को हल्के-हल्के अंदर बाहर करने लगी और मुझे मज़ा आने लगा, मेरे पेट में गुदगुदी सी होने लगी।
चूत में उंगली देते हुये उसने मेरी चूत को चूमा भी… उसके होठों के स्पर्श से मैं और कामुक हो गई और उसके सर को अपने हाथ से पकड़कर उसके होठों को अपनी चूत पर टिका दिया।
उसने अपना चेहरा ऊपर करके मेरी ओर देखा और बोली- अब तेरी चूत को चाटूं भी?
मैंने कहा- प्लीज प्रीती मज़ाक मत कर, चाट ना बड़ा मज़ा आया था जब तूने होंठ से चूमा था।
फिर वो हल्का सा मुस्कुराई और फिर मेरी चूत की पंखुड़ियों को अपने होठों के बीच दबाकर मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी।
मैं तो उछल ही पड़ी और उसके सर को दूर धकेल दिया, लेकिन उसने मेरे चूतड़ को कसकर पकड़ा और फिर मुझे अपनी ओर खींच लिया और मेरी चूत को चूसने लगी।
अब मुझसे खड़ा नहीं रहा जा रहा था, मैं बाथरूम के फर्श पर ही लेट गई और प्रीती का मुँह मेरी दोनों टाँगों के बीच में ले लिया।
इससे वो भी संतुष्ट हो गई, उसे मेरी चूत पूरी तरह से दिखाई देने लगी और उसने अब अच्छी तरह मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया, वो अब जीभ अंदर बाहर करने लगी।
मेरे पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी और मेरी जाँघों की नसें टाईट हो गई, कुछ ही देर में झड़ गई, जिससे मेरी चूत पूरी गीली हो गई।
प्रीती ने तब मुँह मेरी जांघों के बीच से निकाला, उसके होंठ पर मेरी चूत का पानी लगा हुआ था।
अब मेरी बारी थी!
प्रीती अब मेरे सामने खड़ी थी, मैं घुटनो के बल बैठ गई और प्रीती की पेंटी को पकड़ा और नीचे तक उतार दिया। उसकी नंगी चूत मेरे बिल्कुल सामने थी।
मैंने प्रीती को और पैर फैलाने को कहा, उसने वैसा ही किया।
मैं उसकी टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गई और अब उसकी चूत ठीक मेरे ऊपर थी।
मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर रगड़ा, फिर अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी।
उसके मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली।
मैंने अपनी उंगली अपनी बहन की चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और मैंने एक हाथ से उससे शॉवर ले लिया।
उसने भी बिना कुछ कहे मुझको शॉवर दे दिया।
उसकी गांड के छेद पर मैंने शॉवर रखा और उसे ढंग से साफ किया, वो गांड में ठंडा ठंडा पानी जाने से और कामुक होने लगी, बोली- तू ये क्या कर रही है?
मैंने कहा- तू आज थोड़ा नया मज़ा ले! वो बोली- क्या तू मेरी गांड चाटेगी? तो मैंने कहा- बस देखती जा।
दोस्तो, इसके आगे की कहानी अगले भाग में भी जारी रहेगी।