दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं अभी सत्ताईस साल का हूँ। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है। ये मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है जो करीब एक साल पहले की है। मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ। दिखने में अच्छा हूँ। मेरी ऊंचाई 5 फुट 9 इंच है और लंड का साइज 7 इंच है।
मुझे चूत बहुत अच्छी लगती है मेरी इच्छा हैं कि मैं किसी चूत पर चॉकलेट लगा कर चूत को चाटूं किसी लड़की की चूत में अपनी जीभ डालकर उसका रस पीऊं और किसी दूध देने वाली भाभी या रंडी की चूचियां चूस ने का मज़ा लूँ।
मेरे कुछ दोस्त भी मेरे साथ जॉब करते थे उस समय हम एक दूसरे से हमेशा ब्लू फिल्म्स लेकर देखते और अपने लंड को हिला कर शांत कर लिया करते थे।
एक बार मेरे एक दोस्त ने ऐसे ही मुझसे कहा- तुझे कभी किसी को चोदने का मन नहीं करता क्या? तेरे पास हमेशा ही इतनी सारी ब्लू फिल्म्स होती हैं और तू मुठ भी मारता है, तो एक बार असली चुदाई की जन्नत का मजा भी तो ले ले यार.
मैंने उस दोस्त से कहा- यार, चूत चुदाई करने का मन तो मेरा भी करता है, पर डर भी लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो क्या होगा?
उसने मुझसे पूछा- किस बात का डर लगता है?
मैंने कहा- यार मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हैं तो कैसे मैं अपनी इस इच्छा को पूरा कर सकता हूँ?
उसने कहा- यार तू सबसे पहले किसी रंडी को क्यों नहीं चोदता? तेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।
मैंने उससे कहा- यार ये बात मैंने भी सोची थी, लेकिन मुझे ऐसे किसी रंडी के बारे में नहीं पता जिससे मैं चुदाई की बात कर सकूं।
इस पर उसने कहा- जब मैं पहली बार यहाँ आया था, तो मैंने एक बार एक रंडी के साथ चुदाई की थी वो दिखने में भी बड़ी खूबसूरत है, वो तुझे लंड चूत का खेल सिखा भी देगी।
मैं खुश हो गया और मैंने उससे कहा- उससे मैं कैसे मिल सकता हूँ?
उसने मुझे उस रंडी का नंबर दे दिया और कहा- ले इस नम्बर पर उस रंडी से चुदाई की बात कर ले।
इतनी बात होने के बाद मैंने उसे धन्यवाद किया मैंने उसके दिए हुए नंबर को देखा और सोचा कि उससे अभी ही बात कर लूं, पर किस तरह से बात शुरू करूंगा, ये मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था।
उस रंडी से चुदाई की बात करने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी मैं बस उस नंबर को देखता रहा और ऑफिस के काम से बाहर निकल गया।
फिर जब शाम को दोस्त ने मुझसे पूछा कि तूने उससे बात की या नहीं? क्या कहा उसने?
मैंने उससे कहा- यार उससे बात करने की मेरी हिम्मत ही नहीं हुई मैं बात करके उससे क्या पूछूं?
दोस्त ने हंसते हुए कहा- यार तू अभी से डरेगा, तो चुदाई के टाइम तेरा क्या होगा? वो जोर से हंसने लगा.
मैंने उसे गुस्सा दिखाते हुए कहा कि चल जाने दे. मैं मेरी शादी के बाद ही चुदाई का देख लूंगा.
मैं वहां से जाने लगा, तो उसने मुझसे कहा- सॉरी यार … रुक मैं उससे बात करता हूँ.
उसने उस रंडी को कॉल किया और फोन स्पीकर पर लेकर कहा- मेरा एक दोस्त है, वो तेरे साथ चाहता है, बता कितना लोगी और कब मिलोगी?
उसकी इस तरह की सीधी बात सुन कर मैं तो चकित रह गया
फिर उस रंडी ने फोन पर कहा- मैं तो कभी भी रेडी हूँ. कब चाहिए तुम्हें … तुम बता दो, मैं आ जाती हूँ.
मैं थोड़ा डर रहा था, तो उसने फोन पर उस रंडी से कहा- अभी बताता हूँ
फोन काटते हुए ने दोस्त ने मुझसे कहा- यार, तू उसके पास एक बार जा तो सही, फिर तुझे असली जन्नत का मजा आएगा.
मैंने कहा- ठीक है, मैं कल शाम 7 बजे फ्री होकर उससे मिलता हूँ
दोस्त ने रंडी से फोन करके कहा- कल शाम 7 बजे तैयार रहना
उसने मिलने की जगह फिक्स कर दी और कहा- मेरा दोस्त नया है … उसने अभी तक कुछ भी नहीं किया है, तो उसे थोड़ा सिखा भी देना.
ये कह कर फ़ोन पर बात करते हुए मुझे देख कर वो उस रंडी के साथ हंसने लगा. मुझे बहुत शर्म आ रही थी.
फिर उसने फ़ोन रख दिया और कहा- अब तू इस एड्रेस पर चले जाना … और जाने से पहले एक बार रीमा को कॉल कर लेना.
फिर हम लोग अपने अपने घर आ गए रात को सोते समय मैं बहुत बैचैन था कि मैं पहली बार किसी रंडी को नंगी देखूंगा और उसके साथ चुदाई भी करूंगा. मैं चूत के सपनों में खो गया.
मेरा हाथ लंड पर चला गया और लंड हिला कर मैं रीमा की चुदाई सोचते सोचते सो गया जब मैं सुबह उठा तो देखा कि मेरे लंड ने तो नींद में पानी छोड़ दिया है.
फिर मैं नहा-धोकर ऑफिस चला गया उस दिन पूरा समय ऑफिस के काम के बाद मैं और रीमा के बताए एड्रेस पर पहुंच गया.घर के लिए निकला
मैंने घड़ी की तरफ देखा, तो अभी 7 बजे थे. मैंने रीमा को कॉल लगाया, लेकिन उसने उठाया ही नहीं.
मैं वहीं बाइक पर बैठे हुए फोन आने का वेट करने लगा. थोड़ी देर बाद रीमा का कॉल आया.
मैंने फट से फोन उठाया और पूछा- कहां हो तुम?
उसने मुझसे कहा कि मैं तो यही हूँ … तुम कहां हो?
उसे मैंने एक जगह का नाम बताया, तो उसने कहा कि मैं तुम्हारी ठीक बाजू वाली रोड पर हूँ. मैंने तुम्हें देख लिया है तुम उधर ही रुको, मैं आती हूँ.
मैंने अपनी लेफ्ट वाली रोड पर देखा, तो वहां से काले रंग की साड़ी में एक मदमस्त रंडी मेरी तरफ देखते हुए मेरे पास आ रही थी. मैं समझ गया कि ये ही रीमा है. रीमा बहुत माल लग रही थी.
उसने अपने मुँह पर स्कार्फ बांधा हुआ था. उसने आंखों से इशारा करके खुद को रीमा बताया. वो मस्त चाल से चलते हुए मेरी तरफ आ रही थी. मैंने देखा कि उसकी छातियां इतनी उभरी हुई थीं कि उसकी दोनों चूचियां एकदम गोल गोल लचक रही थीं. उसक कमर तो इतनी लचीली दिख रही थी कि पूछो ही मत.
वो मेरे पास आई और पूछा- ?आकाश
मैंने हां कहा.
वो बोली- चलो हम लॉज में चलते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर वो मेरी बाइक पर बैठ गयी और हम दोनों लॉज की तरफ निकल गए.
बाइक पर उसने मुझसे कहा कि तुम्हारी उम्र कितनी है?
मैंने कहा- सत्ताईस साल.
उसने कहा कि इतना लगते नहीं हो. तुम तो मुझे उन्नीस साल के लड़के लगते हो.
मैंने कहा- नहीं मैं सत्ताईस साल का हूँ
ऐसे ही बात करते करते उसने अपने चूचे मेरी पीठ से लगा दिए और मुझसे चिपक कर बात करने लगी. मुझे उसके चूचों की नरमी से बहुत ज्यादा उत्तेजना लग रही थी.
कोई दस मिनट बाद हम दोनों एक लॉज मैं पहुंच गए. उसने मुझसे कहा कि तुम कंडोम तो लाए हो ना!
मैंने कहा- हां लाया हूँ.
उसने कहा- तुम काउंटर पर जाओ और एक रूम बुक कर लो, मैं यहीं रूकती हूँ.
मैं आगे गया और रूम ले लिया.
सारी औपचारिकताएं पूरी करके मैंने उसे इशारा किया कि आ जाओ.
वो आ गयी और हम दोनों रूम में आ गए.
जैसे ही हम दोनों रूम में गए, उसने कहा- पहले रूम का दरवाजा अच्छे से बंद कर दो.
मैंने रूम का दरवाजा बंद किया और पीछे मुड़ कर देखा, तो तो रीमा अपने चहरे से स्कार्फ हटा रही थी. जैसे ही उसने अपने स्कार्फ को हटाया, मैं तो उसे देख कर दंग रह गया.
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा था, छोटी छोटी आंखें, आंखों में काजल, माथे पर छोटी सी बिंदी, होंठों पर लाल लिपस्टिक. रीमा बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया.
उसने मेरी तरफ देख कर कहा- सिर्फ देखोगे या कुछ करोगे भी?
मैंने उससे कहा- मुझे कुछ नहीं आता, ये मेरा फर्स्ट टाइम है.
ये सुनकर वो हंसने लगी और बोली- हां वो तो दिख रहा है … और पंकज ने भी कहा था.
मैं चुपचाप खड़ा उसे सुन रहा था. उसने उंगली के इशारे से मुझे अपनी तरफ बुलाया और बेड पर बिठा कर कहा- कोई बात नहीं … डरो मत मैं सब सिखा दूंगी.
उसने मुझे हग किया मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई बिजली का करंट लग गया हो.
उसके दूध मेरे सीने से लगते ही नीचे पेंट में मेरा लंड खड़ा हो गया, जो उसे चुभने लगा.
उसने हंस कर मेरे कान में कहा- देखो, तुम्हारा बाबू तो खड़ा भी हो गया.
मैं झेंप गया.
फिर रीमा ने मुझसे अलग होकर कहा- बताओ तुम्हारी कोई स्पेशल इच्छा हो, तो बोलो, मैं पूरी कर दूंगी.
मैंने अपनी दोनों इच्छाएं उसे बता दीं.
वो बोली- पहली तो पूरी कर दूंगी, दूसरी मेरे पास तुमको पिलाने दूध के लिए फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है.
ये कह कर वो हंसते हुए मेरे कपड़े खोलने लगी और बोली- तुम भी मेरे कपड़े उतारो.
मैंने भी उसकी साड़ी उतारनी शुरू कर दी. जैसे ही मैंने उसका पल्लू हटाया, उसके दोनों चूचे और उसके बीच की दरार को मैं देखता रह गया. उसके चूचे बयालीस इंच के थे. साड़ी को हटाने के बाद मैंने उसके ब्लाउज को छुआ, तो इतने बड़े बड़े और गोरे गोरे चूचे ब्लाउज से बाहर आने को बेताब थे … और बहुत मुलायम थे.
मैंने ऊपर से ही उनको पकड़ कर दबाया, तो रीमा के मुँह से ‘आह. … आउच..’ निकल गया.
मैं और भी ज्यादा जल्दी जल्दी उसके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा और ब्लाउज को उतार कर नीचे गिर जाने दिया.
रीमा ने अन्दर नीले रंग की ब्रा पहनी थी, जो उसके दूधिया मम्मों पर और भी ज्यादा सुन्दर लग रही थी. उसके बड़े बड़े संतरे जैसे चूचे उसकी ब्रा से बाहर आने को बेताब दिख रहे थे.
मैंने जल्दी से उसकी ब्रा के हुक को खोल कर उसके चुचों को आज़ाद कर दिया. उसके दोनों मम्मे ब्रा के खुलने से एकदम से फुदक कर ऐसे बाहर आ गए, जैसे दो पंछी पिंजरे से बाहर आ गए हों.
पहली बार मैं अपने सामने किसी के नंगे चूचे देख रहा था और वो मेरे हाथ में थे मैंने रीमा के दोनों चुचों को हाथ में पकड़ लिया और दबाना शुरू कर दिया.
रीमा के मम्मे इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में ही नहीं आ रहे थे. मैंने जोर से उनको मसला, तो रीमा के मुँह से फिर से आह … की आवाज निकल गई.
रीमा रंडी के साथ चूत चुदाई की कहानी में मुझे क्या क्या अनुभव हुए, आगे के भाग में जरूर पढ़िएगा. मुझे मेल करना न भूलें.