वासना की आग जब शरीर में लग जाये तो रिश्ते भी नहीं दिखाई देते हैं। कई बार तो ऐसा हो जाता है की ना करते हुए भी चुदाई हो जाती है। कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते हैं जो दोनों के लिए भी सही हो या यूँ कहिये की बाहर मुँह मारने से अच्छा है घर में ही सेक्स की भूख मिटा लें।
इसलिए मैं आज अपनी कहानी आप लोगों को बताने जा रही हूँ। ताकि मैं आपको अपनी मन की बात सूना सकूँ और अपने दिल को हल्का कर सकूँ।
पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ मेरा नाम शालिनी हैं मैं देहरादून की रहने वाली हूँ। मेरे पति फ़ौज में थे पर अब नहीं हैं। मेरी एक बेटी है जो 20 साल की है। और मेरी उम्र मात्र 38 साल है। मैं अभी जवान हूँ, सुन्दर हूँ, अपने बॉडी को मैंटेन करके रखी हूँ।
किसी भी अठारह साल की लड़की को मात दे सकती हूँ। इसी सब की वजह से कल रात चुद गई अपने दामाद से जो मेरे से ज्यादा छोटा नहीं है उसकी उम्र 28 है और मेरी 38। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ।
मेरी बेटी की शादी हो चुकी हैं लेकिन वो जॉब करना चाहती हैं इसलिए कुछ दिनों से जॉब ढूंढ रही थी अब मेरी बेटी को जॉब मिल गई हैं इसलिए वो ट्रेनिंग के लिए गई है।
कल रात दामाद जी आ गए वो मुंबई के रहने वाले हैं। मुंबई में ज्यादा सर्दी नहीं पड़ती इसलिए वो देहरादून की सर्दी से परेशान हो गए। उन्होंने रात में दो कंबल लिए फिर भी सर्दी नहीं जा रही थी।
हम दोनों एक ही कमरे में सोये थे पर अलग अलग बेड पर मैं रोजाना की तरह सेक्स कहानी को पढ़ रही थी क्योंकि मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ना बहुत ही पसंद हैं, हॉट कहानी पढ़कर मैं पागल हो गई थी।
इतनी जबरदस्त सेक्सी कहानी थी की मुझसे रहा ही नहीं गया और मैं अपने कपडे उतार कर अपनी चूचियाँ सहलाने लगी और चूत में ऊँगली करने लगी। पर पता ही नहीं चला कब आह आह आह की आवाज निकाल रही थी।
मेरी कामुक आवाज़ सुनकर दामाद जी मेरे बेड पर आ गए वो समझ गए थे मैं क्या रही थी। उन्होंने झटके से कम्बल को हटा दिया मैं तो अंदर नंगी थी बड़ी बड़ी चूचियों छोटे छोटे निप्पल, मोटी जाँघे पतली कमर गोरा बदन खुले बाल थे।
लिपस्टिक भी लगा रखी थी काजल मेरे आँखों को और भी कातिलाना बना रहा था। उन्होंने कहा मैं जब आपके पास हूँ तो अपने आप से क्या काम चलाना। ये कहकर उन्होंने अपना हाथ मेरी चूचियों पर फेरना शुरू कर दिया।
पर मैं मना करने लगी। मुझे एकदम से लगा ये ठीक नहीं है। मैं नहीं चाहती थी की दामाद से मेरा सेक्स रिश्ता बने क्यों की आखिर वो मेरी बेटी के पति है और अपने बेटी के पति के साथ मैं कैसे सेक्स कर सकती हूँ।
पर वो नहीं माने और कंबल के अंदर आ गए और अपना लिप मेरे लिप से लॉक कर दिए। वो पागलों की तरह ऊपर से नीचे जा रहे थे कभी मेरे होठ को चूसते कभी मेरे गर्दन को, कभी बूब्स को दबाते कभी निप्पल रगड़ते, कभी नाभि में ऊँगली करते और कभी चूत सहलाते।
दोस्तों पांच मिनट के अंदर मैं भूखी शेरनी की तरह हो गई। पहले तो मना किया पर अब चुदने के लिए राजी हो गई। और शायद इस कदर हो गई की अगर वो मुझे नहीं चोदता तो मैं नहीं छोड़ती।
मैंने अपने बाहों में भर लिया और चूमने लगी फिर उसको नीचे जाने को बोली अपना दोनों पैर फैला दी और अपनी चूत चटवाने लगी।
मैं बार बार पानी चूत से निकाल रही थी चूत मेरी गीली हो रही थी।
पर वो चाट चाट कर साफ़ कर रहा था। फिर मैंने उसे ऊपर आने को कहा और चूमने लगी। मैं अपना जीभ उसके मुँह में घुसा दी वो मेरी जीभ को चूसने लगा मैं और भी ज्यादा पागल हो गई और बोली अब नहीं अब देर मत करो मुझे चोद दो।
अब क्या बताऊँ दोस्तों मोटा लंबा लौड़ा जैसे ही मेरी चूत में गया मैं कामुक हो गई तुरंत ही सिसकारियां निकलने लगी, आह आह आह की आवाज कमरे में गूंजने लगी। बेड की आवाज भी आने लगी थी और फच फच करके मेरी चूत में लौड़ा जा रहा था।
