देसी चूत मिली पंपहाउस पर

दोस्तो, मेरा नाम महेश है मैं बाड़मेर से हूँ। आज आपको ऐसी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ जिसे सुनते ही आप अपने लंड को सहलाने पर मजबूर हो जाएंगे।

बात उन दिनों की है, जब मैं अपने खेत को जा रहा था।

उन दिनों में हमारे खेतों में कुछ नहीं लगा था. गर्मी के मौसम में हम लोग पानी की कमी के कारण गर्मी में कोई फसल नहीं लगाते थे।

मैं खेत में पहुंचा तो देखा कि वहां कुछ चरवाहे थे जो अपनी गायों को चारा चरा रहे थे और उनके पीछे कुछ औरतें थीं।

वो लोग कुल 3 आदमी और तीन औरतें थे उनमें से एक औरत काफ़ी खूबसूरत दिख रही थी मैं उसे ही देख रहा था क्योंकि वो देखने वाली चीज़ ही थी।

मैंने देखा कि वो औरत हमारे गांव की नहीं थी वो खूबसूरत औरत यही कोई 20 या 22 साल की रही होगी।

ठोस चूचियां और एकदम गोल गांड, … साली को देख कर ही लौड़े के नीचे दबाने का जी करे।

उसकी मदमस्त जवानी देख कर मुझे ऐसा लगा कि अभी जाकर उसको पकड़ कर चोद दूँ पर क्या कर सकता था क्योंकि कुछ बात करने से पहले वो अकेली हो तो बात बनती।

उसके आगे 2 औरतें और थीं और चरवाहे वाले लोग भी थे तो मैं कुछ नहीं कर पा रहा था वो कान में फोन लगाए बात कर रही थी और उसके बाद उसने फोन अपनी चूचियों में खौंस लिया।

इसके बाद वो माल औरत गोबर उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उसके बड़े बड़े दूध दिखाई दिए।

उसके दूध बहुत ही गोरे थे. उसके ब्लाउज का एक बटन शायद टूटा हुआ था जिस वजह से उसके मम्मे काफी ज्यादा दिखने लगे थे।

मेरा मन अब एक मिनट के लिए भी रुकने को तैयार नहीं था वो लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो उसके झुकने पर साफ साफ दिख रही थी।

उसी समय एक बार उसकी नज़र मेरी तरफ़ पड़ गई फिर वो अपनी साड़ी को ठीक करने लगी शायद उसको पता चल गया था कि मैं उसकी चूचियों को देख रहा हूँ।

मैं भी एकदम से सकपका गया था और मैंने उसकी तरफ से अपनी नजरें हटा लीं अब मैं बार बार उसकी तरफ देखता और वो मेरी तरफ।

कुछ देर ऐसे ही चलता रहा।

फिर चरवाहे लोग आगे निकल गए उनके साथ की दोनों औरतें पीछे रह गई थीं।

वो शायद थक गई होंगी इसलिए एक पेड़ के नीचे बैठ कर सुस्ताने लगी थीं मेरी वाली एक अलग पेड़ के नीचे बैठ गई थी और मेरी तरफ बार बार देख रही थी।

दस मिनट बाद वो अलग वाली दोनों औरतें उठीं और गोबर बीनने के लिए आगे चल दीं अब उधर सिर्फ वही देसी माल उसी जगह बैठी रह गई थी।

मुझे लगा कि यही मौका है जब मैं उसके पास जाकर उससे बात कर सकता हूँ एक पल मैंने इधर उधर निगाह दौड़ाई और मैं उसके पास आ गया।

मैं उन 2 औरतों को भी देख रहा था कि वो पास में तो नहीं आने वाली हैं.मैंने देखा कि वो दोनों औरतें अपना काम करती हुई थोड़ी दूर चली गई थीं।

मैं उसके पास गया और पास जाते ही वो मुझको देख कर एकदम से घबरा गयी और गुस्सा से बोली- तुम कौन हो और तूं कौन है और इहाँ क्यूं आयो है?

मैं बोला- कुछ नहीं, बस मैं ऐसे ही आया हूँ ये पास में मेरा ही खेत है तो बस देखने आया था।

अब सीधे सीधे से तो उससे बोल नहीं सकता था कि मुझे तुमको चोदना है उसने मेरे खेत का सुना तो कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने कहा- पानी पियोगी? चूंकि उन दिनों गर्मियों का मौसम था और मुझे उसके पास पानी की बोतल आदि कुछ दिखाई नहीं दे रही थी।

मैं अपने साथ पानी की बोतल लाया था तो मैंने उसको पानी दे दिया।

फिर मैंने उससे पूछा- तुम कहां से आई हो? मैंने तुमको यहां कभी नहीं देखा है उसने कहा- मैं इया की नांई हूँ. मैं अपनी मौसी के घर आई थी अर मौसी गोबर के लिए आई, तो मैं भी उननै संग आ गई।

वो पानी पी रही थी, तो अपना सिर ऊपर करके पी रही थी इस स्थिति में उसके दूध और ज्यादा तने हुए साफ साफ दिख रहे थे।

पानी की कुछ बूंदें नीचे गिर रही थीं जिस वजह से उसका ब्लाउज भीग गया था. एक बटन टूटा था तो उसके मम्मों की खासी झलक दिख रही थी।

मैं उसको ध्यान से देख रहा था तभी उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ी कि वो बोली- के देख रिया हो, थोडी देर पाछो भी ऐसे ही देख रिया था?

मैंने भी बोल दिया- तुम बहुत ही खूबसूरत हो. जब से तुमको देखा है, तो मेरी नजरें मान ही नहीं रही हैं. सच में तुम मुझे बहुत अच्छी लगने लगी हो।

वो हंस कर बोली- बढिया? मैं भी बोला- हां।

कुछ पल हम दोनों मौन रहे. फिर वो बोली- अब मैं जाऊं हूं, मेरी मौसी बडी दूर चल गई है. वो लोग मने देख रिया होवेंगे। मैं बोला- रुक जाओ, कुछ देर बातें करेंगे।

वो इठला कर बोली- मैं यहाँ रुक गइ तो मेरी इज़्जत खतरे में आ सकै है।

तो मैं हंसते हुए बोला- ऐसा कुछ नहीं होगा, रुक जाओ ना प्लीज़.
वो मान गयी.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारे पति क्या करते हैं? उसने उदास भरे स्वर में कहा- वो काम पे जावै है और बहोत ही ज्यादो शराब पीवै है।

फिर मैं बोला- वो तुमको प्यार तो करते हैं कि नहीं? वो बोली- न करां

मैंने मन में सोचा कि ये जब इतना खुल कर बता रही है तो शायद यही सही मौका है, जिससे इसे पाया जा सकता है।

मैंने कहा- क्यों, प्यार क्यों नहीं करते हैं? वो मानो मेरे सामने फट पड़ना चाहती थी।

उसने बिना समय गंवाए कहा- वो काम स्यूं आवता ही शराब पीण लागता है, फेर सो जात है।

अब मैंने सीधे सीधे पूछा- आखिरी बार उसने तुम्हारे साथ वो कब किया था?

उसने जवाब दिया- 2 महीने पहले

मैंने कहा- तुम्हारा मन नहीं करता कुछ करने को?

वो बोली- कसै न करसी, मगर मैं कर भी कियाँ सकी हूँ, किस्से प्यार कर सकी हूँ?

मैंने कहा- मेरे साथ प्यार कर लो.

वो मुझे देखती हुई बोली- ना … मैं वो सब थारे संग नहीं कर सकूं।

मैंने कहा- क्यों? वो बोली- ऐसे ही।

मैं समझ गया और मैंने उससे फिर से कहा- तुम बहुत ही हॉट सेक्सी खूबसूरत हो. मुझको ये समझ नहीं आता कि तुम्हारे पति तुमको प्यार क्यों नहीं करते हैं।

कोई आदमी ऐसे कैसे कर सकता है यार … अगर तुम मेरी पत्नी होतीं, तो मैं तुमको रोज पटक पटक कर कई बार चोदता।

यह सुन कर वो मेरी तरफ़ देखने लगी मैं भी उस भाव से उसे देखने लगा कि वो बस अब हां कह ही देगी वो बोली- यो के बोल रिया हो आप?

मैंने कहा- मैं सच बोल रहा हूँ. तुम कितनी ज्यादा सुंदर हो, तुमको पता ही नहीं है. तुम्हारा गोरा रंग और तुम्हारे बड़े बड़े बूब्स कितने अच्छे हैं।

ये सुन कर वो छी छी करती हुई बोली- आप किणे दूसरौ की बीवी स्यूं ऐसो केसो बात कर सको हो मैंने कहा- मैं सच बोल रहा हूँ।

वो मेरी तरफ न जाने किस भाव में देखने लगी मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए।

फिर मुझे न जाने क्या हुआ, मैंने उसके चेहरे को ठोड़ी से पकड़ा और उसके होंठों को चूमने लगा वो मेरे मुँह से अपने मुँह को हटाने की कोशिश करने लगी।

वो मुँह हटाने जैसा कर तो रही थी मगर ताकत नहीं लगा रही थी मैं किस कर रहा था … मुझे उसके रसीले होंठ चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था।

कुछ पल बाद वो भी शान्त हो गई और मेरा साथ देने लगी अब वो भी मेरे चुम्बन कर बहुत मजा ले रही थी।

कुछ ही देर में बहुत ही ज्यादा गर्म हो गयी थी।

तभी अचानक से वो रुक गयी मैंने कहा- क्या हुआ? रुक क्यों गयी?

वो बोली- मेरी मासी पास में ही है। हम ये सब नहीं कर सकै। मैंने कहा- क्यों नहीं कर सकते हैं?

मेरा लंड खड़ा हो गया था और चुदाई का मूड बन गया था मुझे हर हाल में उसके साथ चुदाई का मजा लेना था।

वो कुछ नहीं बोली मैं समझ गया कि चुदने को मचल तो रही है लेकिन कुछ डर रही है, मैंने कहा- तुम्हारी मौसी कुछ नहीं देख सकेगी।

वो बोली- कैसे नहीं देख सकेगी. मैं उसका हाथ पकड़ कर बोला- हम थोड़ा दूर चले जाते हैं।

वो बोली- कहां जाएंगे, कहां जावां, मौसी मने नहीं पावैगी तो परेशान हो जासी

मैं बोला- यहां से एक खेत के बाद मेरा पंप हाउस है. हम दोनों वहां चलकर प्यार करते हैं, वहां कोई नहीं आएगा. तुम्हारी मौसी भी यही सोचेगी कि तुम आराम कर रही हो।

वो मान गयी और मेरे साथ चल दी।

मैंने उससे पूछा- आग लगी है न वो मेरी बांह में मुक्का मारती हुई बोली- हां बहुत।

हम दोनों लगभग भागते हुए पंपहाउस में घुस गए अन्दर जाते ही हम दोनों फिर से किस करने लगे।

मुझे मालूम था कि हमारे पास समय कम है इसलिए मैंने उसके होंठों को किस करते हुए ही उसके मम्मों को दबाना चालू कर दिया।

वो भी एकदम चुदासी हुई पड़ी थी, मुझसे मजा लेने लगी।

वो बहुत दिनों से चुदी नहीं थी इसलिए कामुक आवाजें ले रही थी- आआह आह और जोर से करो. वो सच में बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई थी।

मैंने उसके ब्लाउज को जल्दी से निकाल दिया।

उसके दूध इतने बड़े बड़े थे कि उसकी ब्रा में समा ही नहीं रहे थे. शायद उसके मम्मों का साइज़ 36 इंच का रहा होगा।

वो मेरे सामने ब्रा में थी. उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी।

मैं अपने मुँह से उसके एक दूध को चूसने लगा।

वो मस्त आवाज़ निकालने लगी- आआह पी लो आह … । बस अपने हाथ से अपने दूध को मेरे मुँह में देती रही।

मेरा लंड एकदम खड़ा था मैंने अपनी पैंट खोली और लंड बाहर निकाल कर उसको नीचे झुका दिया।

मैंने उससे कहा- चूसो इसे! वो बोली- नहीं, इससे पहले मैंने कभी नहीं चूसा।

मैं बोला- लाइफ में कुछ चीज़ पहली बार ही मिलती हैं जल्दी से चूसो रानी फिर तुझे इसका मजा आएगा मगर वो नहीं ले रही थी।

मैंने उसकी गर्दन को पकड़ा और उसके मुँह में अपना लंड दे दिया. वो बेमन से लंड चूसने लगी और मेरे मुँह से ‘आआह आंह …’ निकलने लगी।

कुछ ही देर में शायद उसको लंड चूसने में मजा आने लगा था और वो अब मजे से कुल्फी के जैसे लंड चूसने लगी थी।

फिर मैंने उसको उठा कर दीवार से लगाया और पलट दिया, फिर उसकी साड़ी उठाई तो सामने उसकी काले रंग की पैंटी दिखाई दी।

फिर उसकी चड्डी को नीचे किया और उसके पैरों से बाहर निकाल दिया।

अब उसकी चूत में मैंने अपनी उंगली डाल दी इससे उसके मुँह से आवाज़ निकल गयी- उई मर गई मम्मी रे … आह धीरे!

उसकी चूत बहुत कसी हुई थी और रेशमी झांटों से भरी हुई थी।

मैं अपनी उंगली को उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा उसके मुँह से आवाज़ निकलती रही।

फिर मैं नीचे को मुँह ले गया और उसकी चूत को अपने मुँह से चाटने लगा बहुत रस निकल रहा था, चूत पूरी पानी पानी हो गई थी।

इधर मैं उसकी चूत को चाटता रहा और वो अपने मुँह से कामुक आवाजें निकालती रही।

फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपने लंड को उसकी चूत में फंसा दिया।

मैंने सुपारा सैट होते ही एक धक्का दे दिया. उसकी चीख पंप हाउस में गूंज गई- उई मम्मी रे मर गई रे मेरी फट फट गई … आं मुझे नहीं चुदवाना … आह बाहर निकालो।

उसकी चूत बहुत टाईट थी मगर मैं लगा रहा, उसकी चूत में धक्के पे धक्का देता गया।

वो कुछ देर बाद शांत हो गई और लंड का मजा लेने लगी मैंने उसको घोड़ी बना कर बहुत देर तक पेला फिर नीचे लेटा कर उसकी चूत में लंड पेल कर चोदा।

वो दो बार झड़ गई थी और मुझसे बस करने को कह रही थी।

मगर मैंने उससे कहा- आज मौका है चुद ले मेरी जान … फिर न जाने कब तेरी चूत को लंड मिलेगा।

वो भी राजी हो गई और बोलने लगी- आह हां … चोदो मुझे … और चोदो मज़ा आ रहा है … मैं बहुत दिनों की प्यासी हूँ।

मैं ये बात सुन कर उसकी दोनों टांगों को उठाया और अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर धकापेल चोदने लगा।

कोई आधा घंटा तक धकापेल के बाद मैं झड़ने वाला था मैंने उसे बताया।

वो भी बोली- हां मैं भी फिर से झड़ने वाली हूँ हम दोनों साथ में झड़ गए।

फिर मैंने अपने लंड को उसके मुँह में देकर लंड साफ कराया।

उसने मेरे माल को मुँह में लेकर चाट लिया चुदाई के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने।

वो बाहर निकल कर चली गई।

जाने से पहले वो अपना पता और मोबाइल नम्बर दे गई वो पास के गांव की थी।

अब जब भी उसे चोदने का मन करता है, तो फोन से समय सैट कर लेते हैं और हम दोनों चुदाई कर लेते हैं।

 

 

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