दीदी की कुंवारी चूत चोदकर आया मज़ा

मेरा नाम रोहित है मै कानपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 25 साल हैं। मैं शरीर से हट्टा कट्टा हूँ। मेरी लँबाई 5 फिट 11 इँच है। आज मैं आपको मेरी चुदाई की कहानी के बारे में बताने वाला हूँ। यह कहानी पिछले साल की हैं।

मेरे परिवार मेँ मै मम्मी पापा ऒर दीदी है। दीदी दिखने में बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लगती हैं और लँबाई 5 फिट 8 इँच है।दीदी देखने मै हिरोइन की तरह लगती है वो स्वभाव से शर्मीली हैं वो काॅलेज जाती हैं उनके सेक्सी बदन को देखकर लड़के लार टपकाने लगते लेकिन वो किसी को घास नहीँ डालती थी।

मगर मेरे साथ बहुत मस्ती करती थी। जब मैं दीदी के साथ मस्ती करता था तो उनकी चूचियों पर मेरा हाथ चला जाता मगर वो बुरा नही मानती थी मगर मेरा दिल दीदी को चोदने का करता।

हम दोनोँ का कमरा अलग अलग था लेकिन बाथरुम एक ही था दीदी सुबह योगा करती थी एकदम टाइट कपङे पहन कर जिससे दीदी की 34 साइज की सेक्सी चूचियां और 36 साइज की गांड साफ दिखाई देते थे, उससे वो ओर भी हाॅट लगती थी।

उसी समय मैंने दीदी के पास जाकर देखा उनकी गाँड ऒर चुत का आकार साफ दिखाई दे रहा था। मेरा ध्यान दीदी की गाँड ऒर चूत पर था जिन्हे देखकर पेँट के अँदर मेरा 8 इंच का लोडा खड़ा हो गया।

मै अपने हाथ से लँड को मसलने लगा। तभी दीदी ने आँखे खोली ओर उनका ध्यान मेरे लँड पर चला गया जिसका उभार वो साफ़ साफ़ देख पा रही थी।

वो मेरे लंड को थोङी देर देखती रही और मैं उनकी चूत ओर गाँड को। दीदी ने कहा – क्या देख रहा है? मैंने कहा – कुछ नहीँ और वहां से भाग कर सीधा मै बाथरूम मेँ गया और दीदी के नाम की मुठी मारी।

एक दिन दीदी किचन मेँ काम कर रही थी मैं उन्हें देखने लगा वो नीचे झुककर कुछ उठाने लगी तभी उनकी गोल गोल चूचियां मुझे दिख गई उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को देखकर मेरा लंड खङा हो गया।

मैं पानी पीने के बहाने किचन में गया और अपना लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगा और लंड उनकी गाँड पर अङा दिया दीदी एकदम उछल पङी जिससे दीदी का हाथ मेरे लंड को छू गया।

वो एकदम से बोली – क्या कर रहा हैं यार देखकर नहीँ चल सकता क्या? मै बोला बस दीदी पानी पी रहा था फिर मैं किचन से पानी पीकर बाहर आ गया।

एक दिन मेरा दीदी के सेक्सी बदन को देखकर मूठ मारने का बहुत मन कर रहा था और मैं बाथरुम के दरवाजा के पीछे मूठ मारने लगा।

दीदी पेशाब करने के लिए बाथरुम मेँ आयी ओर अँदर घुसते ही उन्होंने अपनी लेंगिंग उठा ली और चड्डी खोलकर नीचे बैठ गई तभी उनकी मोटी गांड मुझे दिख गई और मैं यह देखकर अपने लोडे को पकड़कर हिलाने लगा।

तभी जैसे ही दीदी खड़ी हुई तो उनका ध्यान मुझ पर पड़ा की मैं लंड को पकड़कर हिला रहा हूँ तो वो मुझे और मेरे लोडे को देखती ही रह गई और अपनी चड्डी और लेंगिंग को नीचे करना भूल गयी।

तभी मुझे उनकी झांटो वाली चूत दिखाई पड़ गई मेरी नजर उसकी चूत पर पङी। हम दोनोँ भाई बहन एक दूसरे की चूत और लंड देखते रहे। कुछ देर बाद दीदी अपनी चड्डी और लेंगिंग को ऊपर करके बोली पागल कही का, तू दरवाजा बँद नहीँ कर सकता क्या?

मैं उनकी तरफ देख कर चुप खड़ा रहा तभी बाहर भाग गयी शाम को दीदी छत पर से कपडे उतरने आयी तो मन भी छत पर ही खड़ा था और मै ओर दीदी खङे खङे बातें करने लगे मेरी नजर दीदी की चूचियों पर ही थी दीदी बोली क्या देख रहा मै बोला कुछ नहीं

दीदी – सच सच बता मै कुछ नही कहूगी।

मै – दीदी तुम्हारे चूचियां बहुत मस्त है।

मेरी यह बात सुनकर चल हट बदमाश यह कहते हुए दीदी शर्माने लगी और कपडे उतारने लगी ।

मै – एक बार दिखा दो दीदी।

दीदी – नहीँ, अच्छा मुझे ये बता उस दिन बाथरूम मेँ क्या रहा था।

मै – क्यों बताऊँ, तुम तो कुछ नही बताती। अच्छा पहले अपनी चूचियां खोलकर दिखा दो फिर मै बता दूँगा।

ये सुनकर दीदी कहने लगी तूँ तो बेशर्म हो गया हैं आजकल। फिर मैंने ही कह दिया दीदी तुम्हे देख कर उस दिन मूठ मार रहा था बाथरूम में यह सुनकर दीदी शरमाते हुए

वो मुझे एक साइड मेँ ले गयी ओर एक चूचियां खोलकर दिखा दिया मैंने पकङना चाहा पर वो पीछे हट गयी ओर बोली अब बता बाथरूम मेँ उस दिन क्या कर रहा था।

दीदी ने उस दिन मूठ मारने के बार में मुझसे पूछकर यह बता दिया था की उनके अंदर भी चुदाई की आग लग चुकी है मगर वो शरमाती बहुत हैं।

एक दिन की बात है मम्मी पापा शादी मैं गए थे उस रात दीदी को सर्दी बहुत लग रही थी क्योंकि और दीदी के कमरे का हीटर खराब हो गया था तो दीदी मुझसे पूछने आयी की तेरे कमरे का हीटर तो ठीक हैं न मेरे कमरे का हीटर ख़राब हो गया हैं।

रात के 11 बज रहे थे दीदी को नींद की झपकी आने लग गयी थी मैंने कहा कोई बात आज दीदी तुम मेरे कमरे में सो जाओ। वो बोली ठीक हैं।

वो मेरे बेड पर आकर बैठ गई और कुछ देर में दीदी को नींद आ गई। वो आज गुलाबी रंग की नाइटी में थी। उनको देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था ओर मन अँदर से मचल रहा था दीदी को चोदने के लिये मगर मै चुपचाप लेटा रहा मेंने काफी कण्ट्रोल करने की कोशिश की।

मैं भी कमरे में रखे सोफे पर सो गया और मेरी आदत हैं रोज चड्डी में सोने की तो आज भी चड्डी में सो गया कुछ देर बाद मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ तो मेरी नींद खुल गई।

मैं देखकर चौंक गया। दीदी मेरे लंड को मेरी चड्डी के ऊपर से अपने हाथ से सहला रही थी और मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। दीदी को देखकर मेरे तन बदन में हीटर से भी ज्यादा गर्मी बढ़ने लगी। मुझे सच में बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने भी दीदी की एक चूची को पकङ लिया।

वो गरम हो गई थी मैंने दोबारा चूचियां को पकङा कसकर दबाने से उसके मुँह से आह… आह… भरी मादक सिसकारी निकल गयी। उसने अपने हाथ से लँड को पकङ लिया ओर दबाने लग गयी। अब वो बुरी तरह से गरम थी।

फिर उसने मेरी चड्डी को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया ओर अपने होठोँ पर रगङने लग गयी मै भी एकदम गरमा गया था।

फिर दीदी ने मेरे लंड को अपने मुँह मेँ ले लिया मै दीदी की चूचियां दबा रहा था ओर वो मेरे लंड को चूस रही थी थोङी देर बाद वीर्य उसके मुँह मेँ छूट गया वो पूरा पी गयी फिर लंड को चाटने लगी।

उसने मेरे हाथों से अपनी नाइटी खुलवाई और जो मादक दृश्य था उसे देखकर तो मेरी लार टपकने लगी क्योंकि दीदी ने ऊपर ब्रा नहीं पहनी थी और नीचे चड्डी भी गायब थी।

मतलब दीदी का गोरा नंगा बदन मेरे सामने था फिर मैनेँ अपना बनियान भी निकाल दिया चड्डी तो दीदी पहले ही उतार चुकी थी अब मैं भी एकदम नँगा हो गया और दीदी का हाथ मेरे लंड पर था। दीदी ने मेरा हाथ पकङा ओर अपनी चूत पर ले जाकर रख दिया।

उनकी चूत पर बिलकुल कम बाल थे मेरे चूत पर हाथ रखते ही दीदी मचल उठी। मै अपने हाथ से दीदी की गोरी चूत को रगङनेँ लगा दीदी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।

नँगी चूत को हाथ लगाते ही मेरा लोडा फिर से खङा होना शुरू हो गया दीदी हाथ से फिर लँड को मसलने लग गयी।

लँड फिर टाइट हो गया दीदी ने फिर से उसे मुँह मेँ ले लिया। दीदी लँड को चूस रही थी मै नँगी चूत को सहला रहा था। दोनोँ ही चूत और लंड का मज़ा एक साथ ले रहे थे।

मैंनेँ धीरे से अपनी एक ऊँगली चूत के मुँह पर रखी ओर अचानक अँदर डाल दी। चूत टाइट थी दीदी एकदम से ऊछल पङी ओर मेरा हाथ झटक दिया।

फिर दीदी मेरे लोडे को चूसे जा रही थी वो झङ चुकी थी मैं भी उनके चूत का रस पी गया। मै दीदी की कुँवारी चूत के पानी की सुगंध से मदहोश हो रहा था।

फिर वो मेरे बालोँ मेँ उँगली फिराने लगी और मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी दीदी की गर्म चूत लंड के लिए बेताब हो गयी मै दीदी को और भी ज्यादा गरम करना चाहता था ताकी वो लंड चूत में डलवाने के लिये तैयार हो जाये।

मैंने दीदी की चूचियों को होठों से चूसने लगा और वो एकदम गरम हो गयी थी।

दीदी – तेरा लंड तो बहुत मोटा तगङा है। ये तो एक ही बार मेँ मेरी फाङ देगा।

मै – नहीँ फाङेगा दीदी इसको एक बार अँदर ले लो।

दीदी – नहीँ मैनेँ आजतक किसी से चुदवाया नही हैं और तेरे लंड को देखकर मुझे डर लग रहा है।

मै – कुछ नहीँ होगा दीदी।

मै – दीदी प्लीज मान जाओ।दीदी मुझे मना करने लगी पर मैनेँ दीदी की एक नहीँ सुनी।

दीदी – ठीक ह फिर धीरे धीरे अँदर डालना। इतना कहकर अपने शरीर को ढीला छोङ दिया।

मैनेँ लंड का चूत पर रगड़ने लगा लेकिन लंड फिसल गया और लंड अंदर नहीं जा पा रहा था

मै – दीदी , तुम्हारी चूत बहुत टाइट हैं।

तभी मैं तेल लेकर आया दीदी बेड पर लेती हुई थी मेरा लँड आगे से हिल रहा था।

फिर मैंने लंड और चूत दोनोँ पर तेल लगाया मैनेँ जोरदार शाॅट मार दिया मगर चूत इतनी टाइट थी की मेरे लँड का सुपाङा ही अँदर जा पाया, दीदी ने दर्दभरी सिसकारी ली।

मै थोङी देर के लिये रुक गया ओर दीदी के होटोँ को अपनेँ मुँह मेँ लेकर चूसने लग गया फिर दूसरा शाॅट मारा तो आधा लँड अँदर चला गया। दीदी की आँखोँ मेँ आँसू आ गये बोली मार डाला आह धीरे कर न।

उसी समय तीसरा शाॅट मार दिया लँड पूरा चूत मेँ घुस गया।

10 मिनट तक दीदी की चूत में लंड पेलते पेलते मैं उनके होटों को चूसने लगा फिर दीदी ने धीरे धीरे मुझे अपनी बाहोँ मेँ जकङा ओर नीचे से अपनी गांड हिलाने लग गयी दीदी की चूत गीली हो गयी थी।

धीरे धीरे मैनेँ अपनी रफ्तार बढा दी अब दीदी को भी मजा आ रहा था वो भी नीचे से साथ दे रही थी।

15 मिनट तक मै दीदी की चोदता रहा, दीदी की हालत खराब हो गयी मगर उसको मजा भी आ रहा था।

हम दोनोँ एक साथ झड़ गए मै थोङी देर तक उपर लेटा रहा फिर लँड बाहर निकाल कर साइड मेँ सो गया दीदी वॆसे ही सोई रही। मैनेँ देखा खून लंड पर लग गया था मैंनेँ आज दीदी की सील तोङ दी थी।

मैनेँ नाईटी से लँड को साफ किया ओर आँख बँद करके दीदी की बगल मेँ लेट गया। दीदी मुझे चूमने लग गयी मै भी दीदी को बाहोँ मेँ लेकर सोया रहा।

दीदी बोली तूँ इतना बङा कब हो गया रे तुमने तो बङी बहन की दो झटकोँ मेँ सील तोङ दी।

मै चुपचाप दीदी के मुँह की तरफ देखता रहा दीदी प्यार से मेरे मुँह पर हाथ फिरा रही थी ओर बोल रही थी।

दीदी – तूँ तो बङा शॆतान निकला आज खूब बजाया तुमने अपनी बहन को।

चल तुमने आज इसको ढीला कर दिया। किसी न किसी को तो यह काम करना ही था आज मेरे छोटे भाई ने कर दिया।

दीदी – आज तुमने मुझे लङकी से ऒरत बना दिया इतना कहकर मेरे होठ चूम लिये।

चुदाई खत्म होने के बाद दीदी को मुझपर बहुत प्यार आया फिर मै भी कपङे पहनकर सो गया।

सुबह 8:00 बजे तक मै सो रहा था मगर दीदी नहा धोकर मेरे लिये चाय लेकर आयी मेरा लँड चड्डी के अँदर से खङा था दीदी ने चाय रखी ओर लँड को पकङकर बोली तूँ तो सो रहा है मगर तेरा ये तो जाग रहा है।

मै उठा ओर मैने बैठी हुई दीदी को धक्का दिया वो बिस्तर पर गिर गयी, अपनी चड्डी उतारकर साइड मेँ रख दी।

दीदी – क्या कर रहे हो?

मैने एक नही सुनी दीदी के दोनों पैरो को चोङा किया ओर नाईटी उठा दी, नीचे पैंटी नहीँ थी ओर चूत अभी भी सूजी हुई थी पैरो को घुटनोँ से मोङा लँड को थूक लगाकर चूत पर रखा।

पूरा लँड एक ही बार मेँ दीदी की चूत मेँ जङ तक चला गया ओर दीदी के मुँह से निकला ऊई माँ मर गयी।

मैने फुल स्पीड मेँ चोदना शुरु कर दिया,दीदी ने भी मुझे बाँहोँ मेँ जकङ लिया ओर गाँड उछालने लग गयी आज दीदी को मजा आ रहा था।

दीदी के मुँह से गरम सिसकारियाँ निकल रही थी उसके बाद वो झङ गयी।

लेकिन स्पीड के साथ मैने जोरदार शाॅट मारा ओर विर्य की पिचकारी निकल गई। मैने लँड बाहर निकाल लिया।

दीदी- तुम्हारी चाय ठँडी हो रही है।

मैं चाय पीने लगा दीदी मुझसे कहने लगी तू तो बहुत शातिर खिलाङी है। लँड भी घोङे की तरह है।

फिर जब इच्छा होती थी हम चुदाई कर लेते थे लेकिन अब दीदी की शादी हो चुकी हैं मैं कभी उनके साथ पहली चुदाई को भुला नहीं पाया हूँ।

आपको मेरी दीदी के साथ चुदाई की कहानी को पढ़कर कितना मज़ा आया कमेंट में जरूर बताना।

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