होली पर चाची की चूत चोदने को मिली

दोस्तो, मेरा नाम नितिन है मेरी उम्र 26 साल हैं और मैं जोधपुर में रहता हूँ मेरी यह चुदाई की कहानी जो मैं आपको बताने वाला हूँ ये सेक्स कहानी करीब 1 साल पहले की है जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था।

मेरे चाचा और चाची हमारे घर से करीब कुछ दुरी पर ही रहते हैं मेरी चाची एकदम मस्त फिगर की मालकिन हैं। उनका गोरा रंग, मोटे दूध, पतली कमर, उभरी हुई मोटी गांड, उन्हें जो भी देख ले तो बिना मुठ मारे न रह पाए।

मेरी चाची बहुत मजाक करती हैं और मैं भी उनसे खूब मजाक करता हूं। एक दिन हुआ यह कि मैं चाचा के पास किसी काम से गया तो चाचा नहीं मिले और सिर्फ कमरे में चाची ही थी।

उन्होंने एक गहरे गले का सूट पहन रखा था जिसमें से उनके थोड़े दूध और क्लीवेज साफ दिख रहे थे मैं कुछ देर उनके बूब्स को देखता रहा।

चाची मुझे देख रही हैं, मुझे इस बात की खबर ही नहीं थी।

कुछ देर बाद चाची बोली- क्या देख रहा है? मैंने भी मजाक में बोल दिया- जो दिखा रही हो।

इस पर चाची बोली- बहुत बदमाश हो रहा है तू आजकल और मैं इस बात पर बस हंस दिया।

फिर मैं वहाँ रखे सोफे पे बैठ गया और इधर उधर की बातें करने लगा।

चाची- अच्छा बता तेरी कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड बनी क्या?

मैं- नहीं यार, कोई भी नहीं है आप ही बन जाओ ना!

चाची- हट पगले, ऐसा नहीं होता।

और चाची बात को काटती हुई बोली- मुझे अब खाना बनाना है तू रुक थोड़ी देर … आज खाना खाकर जाना। मैंने भी हां कर दी.

चाची ने खाना बनाया उसके बाद मैं खाना खाकर अपने घर को निकल गया। कुछ दिन ऐसे ही बीत गए

और फिर वो पल आया जिसका मुझे इंतजार था।

मेरे परिवार को किसी जरूरी काम से गांव जाना पड़ा और मेरे एग्जाम होने की वजह से मैंने जाने से मना कर दिया।

तो मेरे घर वाले गांव के लिए निकल गये और मैं कॉलेज के लिए।

दोपहर को मैं कॉलेज से वापस आया और खाना खाकर सो गया। शाम को उठा तो चाची की कॉल आई- क्या कर रहा है?

मै- कुछ नहीं अभी जगा हूँ।

चाची – यहाँ आ जा, तेरे चाचा की नाइट शिफ्ट है इधर मैं अकेली हूं। तू घर का लॉक लगा के जल्दी आ जा!

इतना सुन कर मेरे मन में तो लडडू फूट गए और मैं अपने घर का लॉक लगा कर चाची के घर के लिए निकल गया।

वहाँ पहुंच कर बेल बजाई तो चाची निकल कर आई उन्होंने दरवाजा खोला और मुझे अंदर ले लिया।

मैंने चाची से पूछा- चाचा कब आएंगे तो वे बोली- कुछ ही देर में आने वाले होंगे उनका कॉल आया था अभी!

मैं- आप तो बोल रही थी नाइट शिफ्ट में रुक गए हैं।

चाची- हां मुझे भी यही लगा था पर वे ओवरटाइम कर रहे थे।

यह सुन कर मेरा सारा मूड खराब हो गया और फिर कुछ देर में चाचा भी आ गए उन्होंने खाना खाया और फिर सब सोने चले गए।

रात को मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि चाचा चाची सेक्स करने में लगे हुए हैं। चाचा बहुत जल्दी झड़ गए पर चाची  अभी तक नहीं झड़ी थी।

इस प्रकार चाचा खुद तो ठंडे हो गए पर चाची को गर्म ही छोड़ दिया। चाची कुछ बड़बड़ाती हुई सो गई और फिर मैं भी सो गया।

अब ऐ से ही कई दिन बीत गए और होली का दिन भी आ गया मेरे भी पेपर निपट गए थे तो मैं भी एकदम फ्री था, कोई टेंशन नहीं थी।

चाचा दोनों हमारे घर होली मिलने आए। पापा और चाचा ने साथ मिलकर दारू पी और हम सबने खूब होली खेली।

दोपहर का वक्त हो चला था, सब नहाने में लगे थे और मैं नहा चुका था।

चाचा दारू पी कर हमारे घर ही सो गए थे तो चाची मुझसे बोली- चल मुझे घर छोड़ कर आ. तेरे चाचा तो पता नहीं अब कब उठेंगे।
तो मैं चाची को उनके घर छोड़ने के लिए निकल गया।

मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और चाची को बैठाया। चाची मुझसे बिल्कुल सट के बैठ गई।

रास्ते में उनके 36 साइज के दूध मेरी कमर पर दब रहे थे। मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैं जब भी ब्रेक मारता तो चाची के दूध और ज्यादा दब जाते। आह … क्या एहसास था वो!

करीब दस मिनट के बाद हम चाची के घर पहुंच गए। मैं सोच ही रहा था कि किसी बहाने से चाची के करीब आऊं।

अब मैंने बाइक वही खड़ी कर दी और घर के अंदर चला गया।

चाची नहाने के लिए जाने लगी और रूम से अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गई। बाथरूम में कपड़े रख कर वे वापिस आई तो मैंने देखा कि उनकी सलवार साइड से फट रही थी

वे जैसे ही मेरे पास से निकली, मैंने मजाक में उनकी फटी सलवार में हाथ डालकर खींच दिया और सलवार काफी सारी फट गई।

चाची- भोसड़ी के … फाड़ दी सारी सलवार। मैं- फटी हुई तो ये पहले से ही थी. मैं तो बस देख रहा था।

फिर मैंने चाची की वो फटी हुई सलवार को और खींच दिया और वो पूरी ही फट गई।

इस पर चाची दूसरी तरफ घूम गई और फटी हुई सलवार के साथ ही बाथरूम की ओर जाने लगी।

मैंने भी मौके का फायदा उठा कर उनके पास जाकर उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया चाची की सलवार नीचे गिर गई।

तब मैंने चाची को अपनी ओर खींचा और अपने होंठ उनके होंठ पर रख दिए। इस पर उन्होंने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे।

किस करते हुए ही मैंने उनके दूध को रगड़ना और दबाना शुरू कर दिया चाची मस्त होने लगी।

मैंने फिर धीरे से उनका कमीज भी उतार दिया और उनको बेड पर लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके दोनों दूधों को मसलने लगा और उनको चूमने लगा।

फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रखा और मसलना शुरू कर दिया। चाची के मुंह से एक जोर की सिसकारी निकल गई- आह!

मैं चाची के एक दूध को हाथ से दबा रहा था तथा दूसरे को मुंह में लेकर चूस रहा था। मेरा एक हाथ चाची की चूत को लगातार रगड़ रहा था।

चाची की चूत से अब चिकना पानी निकल रहा था फिर मैंने अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाली तो चाची और भी ज्यादा मस्त हो गई और बोलने लगी- अब नहीं रहा जा रहा है, तू मुझे जल्दी से चोद दे और बुझा दे मेरी इस चूत की आग!

मैंने अपनी लोअर को नीचे किया और जैसे ही अपना लन्ड निकाला तो चाची बोली- ये तो तेरे चाचा के लन्ड से मोटा और बड़ा है।

मैं आपको बता दूँ कि मेरा लंड 7 इंच का है जो किसी भी चूत का भोसड़ा बना सकता है।

चाची आगे बोली- हाय … तेरे इस लन्ड को देख कर मेरी चूत की आग और ज्यादा भड़क रही है। अब देर मत कर और फाड़ दे मेरी इस चूत को!

उनकी इस बात को सुन कर मुझे जोश आ गया मैंने अपने लन्ड पर थूक लगाया और चाची ने अपनी टांगें फैलाकर कहा घुसा दे अपना लण्ड मेरी प्यासी चूत में।

तब मैंने चाची की टांग पकड़ी और अपना लन्ड चाची चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का दे मारा। चाची के मुंह से जोर की सी निकल गई। उनको थोड़ा दर्द हो रहा था।

चाची ने मुझसे थोड़ा रुकने को कहा। थोड़ी देर बाद मैंने धक्के मारने शुरू किए।

मैं जब भी जोर से धक्का मारता, चाची के मुंह से दर्द भरी आह निकल जाती।

थोड़ी ही देर में मेरी भी स्पीड बढ़ गई और चाची भी अपनी गांड उठा कर हर धक्के का जवाब देने लगी। चाची मुझसे चुदवाते हुए बहुत कुछ बोल रही थी- हाय मेरे राजा, और तेज चोद मुझे … आज अपने लन्ड से मेरी इस चूत की प्यास बुझा दे … बहुत दिन से ये प्यासी थी।

हाय … आज इसे फाड़ दे … चोद चोद कर भोसड़ा बना दे मेरी चूत का … हाय … कितना मजा आ रहा है … और तेज … और तेज!

उनकी बातें सुन कर मेरे अंदर एक अलग ही जोश जाग रहा था और मैं पूरे जोश के साथ चाची की चूत में अपना लन्ड पेल रहा था।

करीब 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद चाची का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गई। मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं धक्के मारता रहा।

और कोई 5 मिनट धक्के मारने के बाद मैं चाची की चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर निढाल होकर लेट गया। थोड़ी देर बाद हम उठे और नहाने चले गए।

वहाँ फिर मैंने एक बार और अपनी चाची को चोदा।अब जब भी मौका मिलता है, चाची मुझे फोन करके बुला लेती हैं और हम खूब जम के चुदाई करते हैं।

तो दोस्तो, यह थी मेरी होली पर चाची के साथ मेरी चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी मेरी ये कहानी कमेंट में जरूर बताना।