मेरा नाम ईशान है दोस्तो! मैं अभी 21 साल का एक मदमस्त नौजवान लड़का हूँ।
मैं जब जवान हुआ तो शुरू शुरू में मैं अपने लण्ड से बहुत परेशान था। साला बिना मतलब हमेशा खड़ा ही रहता था।
सवेरे उठता तो लण्ड खड़ा, रात को सोता तो लण्ड खड़ा, दिन में बैठता तो लण्ड खड़ा, नहाने जाता तो लण्ड खड़ा, हाथ से छू लेता तो लण्ड खड़ा, कपड़े उतारता तो लण्ड खड़ा!
अगर कोई लड़की या मस्त जवान औरत दिख जाती तो लण्ड बहन चोद पैंट फाड़ कर बाहर निकलने लगता।
मैं क्या क्या बताऊँ यार … लण्ड तो साला खड़े खड़े चड्डी के किनारे से बाहर निकलने लगता था।
एक दिन मैंने इंची टेप से लण्ड की नाप ली तो साला 7″ का निकला.
फिर मैंने वही टेप लण्ड के चारों तरफ लपेटा तो मालूम हुआ कि लण्ड 5″ मोटा है।
मुझे अपने लण्ड पर गर्व होने लगा फिर धीरे धीरे मैं लण्ड हाथ से सहलाने लगा और फिर एक दिन मुट्ठ भी मारा जैसा मेरे दोस्तों ने बताया था।
ऐसा करते करते मैं 21 साल का हो गया।
मेरा कद 5′ 10″ है रंग गोरा है और बदन कसरती है। बाल घुंघराले हैं चेहरा गोल और छाती चौड़ी है।
मैं कॉलेज में पढता हूँ। मेरे फाइनल ईयर का इम्तिहान होने वाला था तो मेरे बड़े भइया ने कहा-
ईशान, तुम मेरे घर आ जाओ और यहीं पढ़ाई करके इम्तिहान दो तो तुम्हारा रिजल्ट अच्छा आएगा। हमारे घर में सारी सुविधायें हैं।
मैंने भइया की बात मान ली और उनके घर आकर पढाई करने लगा।
कविता भाभी मेरे ख्याल रखने लगीं।
भइया का जॉब बाहर आने जाने का बहुत रहता है।
तो भाभी ने कहा- ईशान , तुम घर में मेरे साथ रहोगे तो मेरा भी मन लगा रहेगा।
भाभी मुझसे 2 साल बड़ी हैं और भइया 4 साल।
मैं बड़े मजे से भइया के साथ रहने लगा।
एक हफ्ते के बाद भइया को अपने ऑफिशियल टूर पर विदेश जाना पड़ा।
उसने मुझसे कहा- ईशान तुम अपनी भाभी का अच्छी तरह ख्याल रखना. देखो उसे कोई तकलीफ न होने पाए।
मैंने कहा- भइया, आप निश्चिन्त होकर जाईये. भाभी का पूरा ख्याल रखूंगा मैं!
भइया फिर हवाई ज़हाज़ पर बैठ कर उड़ गए।
घर में केवल हम दोनों रह गए, मैं और मेरी कविता भाभी।
भाभी मेरी बड़ी खूबसूरत, सेक्सी और हॉट हैं।
मस्त जवान, बड़े बड़े मम्मों वाली और बड़े बड़े चूतड़ों वाली … एकदम गोरी चिट्टी, गोल गोल चेहरे वाली और गुलाबी होठों वाली! उनकी मुस्कराहट बड़ी सेक्सी है.
उनके पूरे जिस्म से सेक्स टपकता है, देख कर मेरा लण्ड साला खड़ा हो जाता था।
वे हमेशा स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हैं।
उनके चिकने चिकने आर्मपिट देखने में बड़ा मज़ा आता था मुझे!
सबसे अच्छी बात यह थी कि वे हंसी मजाक खूब करतीं थीं।
एक दिन जब मैं आँगन में खड़े खड़े नहा रहा था तो बोली- ईशान, तुम बाथरूम में क्यों नहीं नहाते?
मैंने कहा- अरे भाभी, मैं गाँव वाला हूँ वहां सब लोग ऐसे ही नहाते हैं।
वे बोली- तो फिर नंगे नंगे क्यों नहीं नहाते?
मैंने कहा- भाभी मैं तुम्हारे आगे नंगा कैसे हो सकता हूँ?
वे बोली- अरे मैं अपना मुंह पीछे कर लूंगी। तुम नंगे नहाया करो।
मैंने कहा- ऐसे कैसे होगा भाभी? मुझे शर्म आती है।
वे बोली- अच्छा तो इसका मतलब तेरा वो अंदर वाला हमेशा गन्दा ही रहता है? क्योंकि वहां तो तू साबुन कभी लगाता नहीं। मुझे देखो, मैं हमेशा नंगी ही नहाती हूँ।
पूरा बदन साफ़ रखती हूँ। कल से तुम नंगे नंगे बाथरूम में नहाना … नहीं तो मैं तुझे नंगा कर दूंगी।
भाभी की बातों से मेरे लण्ड में आग लग गई।
लण्ड साला खड़ा हो गया और भाभी की नज़र भी मेरे लण्ड पर पड़ी।
वे बस मेरे लण्ड का उभार देख कर मुस्कराते हुए चली गईं।
उसी दिन शाम को जब मैं घर आया तो देखा कि भाभी एक जालीदार मैक्सी पहने हैं जिसके नीचे न तो ब्रा है और न ही पैंटी!
उनकी मोटी मोटी जांघें, बड़े बड़े चूतड़, बड़ी बड़ी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिख रहीं थीं.
मैंने उन्हें कमरे में जाते हुए देखा।
फिर उन्होंने एक आलमारी खोली उसमें से कुछ कपड़े निकाल निकाल कर बेड पर रखने लगीं।
कुछ कपड़ों की तह ज़माने लगीं।
मेरी नज़र तो उसके नंगे जिस्म पर लगी हुई थी।
मैं चुपचाप एक कोने में खड़े होकर उन्हें एकटक देखने लगा।
उन्हें नहीं मालूम था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ।
एक बार उन्होंने मैक्सी को ऊपर उठा कर अपनी जांघ खुजलाई तो मुझे उनकी चूत की छोटी सी झलक मिल गयी।
ईशान मुझे पता चल गया कि भाभी की चूत पर झांटें नहीं हैं।
मेरा लण्ड साला काबू के बाहर हुआ जा रहा था। मेरा मन हुआ कि मैं दौड़ कर भाभी को अपना लण्ड पकड़ा दूँ, लण्ड उनकी दोनों चूचियों के बीच पेल दूँ.
पर मैं यह सोच कर रुक गया कि कहीं भाभी नाराज़ न हो जाएँ।
भाभी वहां से निकल कर दूसरे कमरे में चली गई।
जाते समय उन्होंने मुझे देख लिया तो बोली- अरे ईशान , तू कब आ गया? वहां क्यों खड़ा है. यहाँ पास में आ मेरे!
मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं उसके पास पहुँच गया पर मेरी नज़र उनकी चूचियों पर ही टिकी रही।
वे बोली- क्या देख रहे हो ईशान ?
मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी, बस यूँ ही!
वे बोली- अब तुम जवान हो, शरमाने की कोई जरूरत नहीं है। मर्द हो और मर्दों की नज़र कहाँ कहाँ पड़ती है, मैं अच्छी तरह जानती हूँ।
फिर हम दोनों एकदम से हंस पड़े।
दूसरे दिन सवेरे मैं बाथरूम में घुस गया और शावर खोल कर नहाने लगा।
दरवाजा अंदर से बंद करना भूल गया।
अचानक भाभी दरवाजा खोल कर अंदर आ गयी और बोली- तू भोसड़ी का मानेगा नहीं … नंगे नहाने में तेरी गांड फटती है क्या?
भाभी ने इतने प्यार से गालियां दी कि मेरा लण्ड साला तन गया।
उन्होंने हाथ बढ़ाकर मेरी नेकर खोल डाली तो मेरा नंगा लण्ड उसके सामने फनफना उठा।
भाभी लण्ड पकड़ कर बोली- ओ माय गॉड इतना बड़ा लण्ड! इतना मोटा और इतना कड़क लण्ड! मैंने ऐसा लण्ड पहले कभी नहीं देखा।
भाभी के मुंह से बार लण्ड सुनकर मेरा लण्ड पूरे ताव में आ गया। मैंने फिर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया।
उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने उछल पड़ीं।
मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा भी खोल डाला।
उनकी मस्तानी चिकनी चूत देख कर मैं पागल हो गया और भाभी को अपने नंगे बदन से चिपका लिया।
भाभी पूरी तरह मुझसे चिपक गईं और 2 मिनट के बाद बोली- ईशान मुझे आज पहली बार किसी मस्त मर्द के नंगे जिस्म का मज़ा मिल रहा है. तुम बहुत हॉट हो ईशान , बड़े क्यूट हो, बड़े सेक्सी हो यार!
तेरा लण्ड मादरचोद मेरी चूत में घुसने के पहले मेरे दिल में घुस गया है। मुझे तुमसे और तेरे लण्ड से प्यार हो गया है।
फिर मुझे आँख मारती हुई बोली- तेरी माँ का भोसड़ा साले, तेरी बहन की चूत … अब मैं तेरे लण्ड का पूरा मज़ा लूंगी।
मैंने जब तुमको पहली बार देखा था तो ठान लिया था कि एक दिन इस लड़के के लण्ड पर सवारी करुँगी मैं!
ऐसा बोल कर भाभी स्टूल पर बैठ गई, लण्ड पकड़ कर पूरा का पूरा मुंह में भर लिया और चपर चपर चूसने लगीं।
मैं दीवार के सहारे खड़े खड़े अपना लण्ड चुसवाने लगा।
फिर मैं भाभी का सिर पकड़ कर आगे पीछे करने लगा।
लण्ड बार बार उसके मुंह के अंदर बाहर होने लगा।
मैं वास्तव में मुंह को चूत समझ कर चोदने लगा।
मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और भाभी भी मस्त होकर एन्जॉय करने लगी।
थोड़ी देर में मैंने कहा- भाभी, लण्ड बाहर निकालो, नहीं तो मैं अंदर ही झड़ जाऊंगा।
भाभी ने इशारे से कहा- झड़ जा तू अंदर ही!
मैं सच में झड़ गया। मुझे यह देख कर बड़ी हैरानी हुई कि भाभी सारा वीर्य गटक गई, एक बूँद भी बाहर नहीं गिरा और लण्ड का टोपा चाट चाट कर एकदम लाल सुर्ख कर दिया.
वे बोली- ईशान, तेरा लण्ड बड़ा स्वादिष्ट है। मेरे मन का है तेरा लण्ड! बड़ा शरारती और हरामजादा है तेरा लण्ड!
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाया और बड़े प्रेम से नहाये।
नंगे नंगे हम दोनों बाहर आकर फिर एक बार एक दूसरे से चिपक गए।
मैंने कहा- भाभी, बहुत दिनों से तुम्हें लण्ड चुसवाने की इच्छा थी, आज मेरी इच्छा पूरी हुई।
वे बोली- मेरी इच्छा तो तेरा लण्ड अपनी चूत में पेलवाने की थी. वो अभी पूरी नहीं हुई मादरचोद भोसड़ी के ईशान ! उसे पूरा कर!
इस बात पर हम दोनों फिर खिलखिलाकर हंस पड़े।
इतने में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और भाभी की चूचियाँ भी तन कर खड़ीं हो गयीं।
भाभी घूम कर मेरे पूरे बदन पर फिर से हाथ फिराने लगीं और मैं भी उनके नंगे बदन से खेलने लगा।
उनका पूरा बदन चमक रहा था.
मैंने उनकी चुम्मी ली और सिर से पाँव तक चूमना चाटना शुरू कर दिया।
उनकी मस्तानी चूचियाँ मुझे बहुत उत्तेजित कर रहीं थीं।
मैं उन्हें दबाने और मसलने लगा। भाभी भी मेरे लण्ड के खेलने लगी।
तभी मैंने अपना मुंह उनकी जाँघों के बीच घुसेड़ दिया और चूत चाटने लगा वे मेरा लण्ड चाटने लगीं।
हम दोनों 69 की पोजीशन में मस्त हो गए।
मैं उनकी चूत में जबान घुसेड़ कर मज़ा लेने लगा तो वे मेरे लण्ड के टोपा पर जबान फिराने का मज़ा लेने लगीं।
चूत के लिप्स मुझे बड़े प्यारे लग रहे थे।
उधर भाभी मेरे लण्ड पर थप्पड़ मार मार कर उसे उत्तेजित करने लगीं, बोली- तू साला मादरचोद बड़ा क्यूट लग रहा है मुझे!
तूने मेरी चूत में आग लगा दी है लण्ड राजा! तू बहनचोद बड़ा कमीना भी है लेकिन प्यारा भी बहुत है।
भाभी की बातें मेरे मन में रस घोल रही थीं। मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हो गया।
बदन पूरा गरम हो गया तो मैंने भाभी की दोनों टांगें फैला दीं और उनकी चूत पर लण्ड सेट कर दिया।
फिर लण्ड गच्च से घुसाने लगा।
लण्ड सरसराता हुआ अंदर घुसा जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है।
देसी हॉट भाभी के मुंह से निकलने लगा- उफ्फ़ उफ़ … उई माँ … मर गई मैं! बड़ा मोटा लण्ड है तेरा भोसड़ी का!
लेकिन फिर थोड़ी देर में बोली- पूरा घुसा दे न अंदर … और चोद अपनी भाभी की चूत! आज तुझे मौका मिल ही गया मुझे चोदने का!
मैं तो चूत का भूखा था ही … तो मैं लण्ड पूरा पेल पेल कर चोदने लगा; धक्के पे धक्के लगाने लगा।
भाभी भी अपनी गांड उठा उठा के धक्के का जवाब धक्के से देने लगी।
मुझे उन्हें चोदने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
भाभी सिसकारियां भरने लगी- मुझे चोदो मेरे राजा! इतनी बढ़िया चुदाई मेरी किसी ने नहीं की आज तक! तेरा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है. हाय रे आआ आआ आहूउ उउउ हाआआ हेहेहे ऊऊउ फाड़ डालो मेरी चूत।
चोद डालो मेरी माँ का भोसड़ा! हाय रे मैं सातवें आसमान में हूँ. तू साला बड़ा हरामी है! बहुत दिनों के बाद मिला है मुझे कोई मर्दाना लण्ड! पूरा पेल यार … अंदर घुसेड़ लण्ड, हां हां ऐसे हो चोदे जा … वोवो हाहाहा ओओओ!
भाभी की सिसकारियां मेरा जोश बढ़ा रही थी।
फिर पता नहीं क्या हुआ उन्हें … वे अपने आप नीचे से निकल कर सीधे मेरे खड़े लण्ड पर बैठ गयी और बोली- ले माँ के लौड़े ईशान , देख मैं तेरे लण्ड की सवारी कर रही हूँ।
अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड! बड़ी देर से तेरा लण्ड उधम मचाये हुए है, अब मैं इसकी गांड़ मारूंगी। मैं चोदूँगी तेरा लण्ड! देखूंगी इसकी ताकत!
वे थोड़ा आगे झुक कर अपनी गांड उठा उठा के मेरे लण्ड पर पटकने लगी और सच में चोदने लगी मेरा लण्ड!
मैं भी चुदाई की मस्ती में चूर होता जा रहा था।
भाभी लण्ड पूरा का पूरा अपनी चूत में पेलवा रही थीं, बार बार चुदाई का आसन बदल रही थी।
लण्ड पर बैठने के बाद वे घोड़ी बन गयी और बोली- ईशान मुझे पीछे से चोद!
मैं तो चाहता यही था।
मैंने लौड़ा पीछे से जोश में आकर 10-12 बार पेला और निकाला तो भाभी की चूत ने एकदम से पानी छोड़ दिया।
देसी हॉट भाभी की चुदाई से ढीली हो गई भाभी की चूत …निकल गई सारी गर्मी!
तब फिर वे मेरे लण्ड पर जुट गईं, उसे पकड़ कर जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगीं.
बस थोड़ी देर में लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य भाभी के मुंह में।
भाभी ने मेरा झड़ता हुआ लण्ड चाटा और कहा- आज तुमने अपने लण्ड से मेरी चूत का ताला खोला है ईशान . आज तक मुझे कोई खलास नहीं कर पाया। तुम्हारे भइया भी मेरी चूत का ताला नहीं खोल पाया। मैं हर चुदाई के बाद भी चुदासी रह जाती थी।
मेरे खलास होने के पहले ही वह झड़ जाता है और मुझे चुदासी छोड़ कर चला जाता है। तुम पहले मर्द हो जिसके लण्ड ने मेरी चूत का ताला खोला है और अंदर घुस कर मेरी चूत का पानी बाहर निकाला है। अब तो मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ ईशान !
मैंने कहा- भाभी, तुम चिंता न करो, मेरा लण्ड तुम्हारी का चूत का ताला हर रोज़ खोलेगा, सुबह शाम खोलेगा, दिन में खोलेगा रात में खोलेगा।
तुम्हारी चूत चाहे कितनी गहरी हो, मेरा लण्ड अंदर घुस कर ताला खोलेगा और चोद चोद कर तुम्हें पहले खलास करेगा।