दोस्तों मेरा नाम नमन हैं और मेरी उम्र 24 साल है इस कहानी की रंडी मेरी हॉट और सेक्सी माँ माधुरी उम्र 40 साल है।
दोस्तों मेरी माँ दिखने में बहुत सेक्सी है और इसी करण मेरी गली के छोटे से लेकर बूढ़े तक माँ को गन्दी नज़रों से देखते हैं। माँ अक्सर साड़ी या सूट ही पहनती है साड़ी को नाभि के 2 इंच नीचे बांध कर जब निकलती है तो गाली के सभी लंड सलामी देते हैं।
माँ का फिगर 38-32-42 के करीब होगा, अब बिल्कुल सही तो नहीं बता सकता, माँ है मेरी, कभी नापा नहीं है उसका फिगर। मेरी माँ के दूध से भरे बूब्स बहुत मोटे मोटे है और वो थोड़े गहरे गले के ब्लाउज पहनती है जिनसे उसके मम्मे उनके ब्लाउज और सूट के गले से बाहर झांकते रहते हैं।
खास तौर पर वो जो ब्लाउज पहनती है न, वो पीछे से बैकलेस होते हैं, जैसे बस थोड़ा कपड़ा या पीछे पीठ पर सिर्फ एक धागा होता है, गोरी खुली हुई रंडी माँसल पीठ और पीठ के बीच में बनती गहरी खाई।
नाभि के नीचे तक गोरा मखमली पेट और चलते वक़्त उस पेट का थरथराना, वो रंडी माँस का हिलना तो बस बाहर वालों का तो क्या हमारे घर के सभी लंडों को खड़ा कर देता है।
मेरे पापा बाहर जॉब करते हैं जिसके कारण मेरी माँ की चुदाई बहुत कम होती है, ऐसा मुझे लगता है क्यों की मैंने मेरी माँ और पापा को बहुत कम सेक्स करते हुए देखा है।
मेरे परिवार के सभी चाचा, ताऊजी, दादा जी सभी मेरी हॉट और सेक्सी माँ को जैसे हवस भरी नज़रों से देखते हैं और देखें भी क्यों न… जब घर में इतनी जबरदस्त और सेक्सी महिला हो जिसका शारीर गदराया हुआ हो, एक ऐसी मदमस्त औरत जो दिखने में ही इतनी बड़ी रंडी लगती थी की मानो कितने मर्दों के लंड निगल जाएगी।
मेरी सेक्सी माँ किसी हीरोइन की तरह बन संवर के रहती है। इतना ही नहीं, गहरा ब्लाउज नाभि से नीचे बांधी साड़ी ओर हील्स की बजह से उभरी हुई मोटी मस्त गांड जो ऐसे मटकती है कि मेरा खुद का लंड भी खड़ा हो जाता है जो बाहर वाले तो हिला हिला के कितनी बार अपने मन में मेरी माँ को अपनी रखैल बना कर चोद चुके होंगे।
एक दिन मेरी माँ और उनकी सहेली सीमा ओर सेक्सी शालू आँटी हमारे घर आई हुई थी और चारों की किटी पार्टी और बातें चल रही थी। मैं घर में ही था, और इनकी बातें मैं चुपके से सुन रहा था।
शालू आँटी बोली मेरी माँ से- और तेरी जवानी कैसी कट रही है? तो मेरी माँ बोली- उंगली के सहारे! ओर सभी जोर जोर से हंसने लगी.
तभी सीमा आँटी बोली- यार सभी का यही हाल है, 35 के बाद सभी के पति बूढा जाते हैं और हम औरतों की सारी जवानी इस उम्र के बाद रंग देती है जिसे चखने के लिए कोई इन्सान या जानवर ही नहीं है।
सेक्सी शालू आँटी बोली- जरूरी है घर का जानवर ही चखे? जंगल में भूखे भेड़ियों की कमी नहीं है, बस इशारा करो, नोच नोच के खाएंगे! और सभी एक दूसरे की ओर शरारत से देख कर हंसने लगी।
तभी सीमा आँटी बोली- यार तुम में से कोई मेरे दर्जी से कभी ब्लाउज या सूट सिलवाने गयी हैं? तो सब बोली- नहीं, क्यों? तो आँटी बोली- साला बहुत ठर्की है नाप लेने के बहाने ओरतो और लड़कियों के मोटे मोटे बोबे जोर जोर से दबाता है।
सेक्सी शालू आँटी बोली- अहह काश मेरे बोबे भी कोई दबा जाए कितना मजा आयगा मुझे। सब फिर से हंसने लगी और मेरी माँ ने शायद इस बात को अपने मन में बैठा लिया तो उनके जाने के बाद दूसरे दिन मेरी माँ बोली- बेटा, आज मुझे वो आँटी का जो दर्ज़ी है वहाँ ले चल, मुझे एक नया ब्लाउज सिलवाना है।
मैने कहा- चलो! माँ तैयार होने लगी और जब बाहर निकली तो मै देखता ही रह गया कि ये ब्लाउज सिलवाने जा रही है या सुहागरात मनाने जा रही है।
माँ ने ब्लैक साड़ी एकदम ओपन ब्लाउज जो कि सिर्फ नाम के लिए था जिसमें से उसके आधे बोबे बाहर आने को उतावले हो रहे थे पीछे से भी बैकलेस; गोरी, नंगी, दमकती पीठ; आगे भी नाभि का हिस्सा पूरा खुला हुआ और नाभि की गहराई इतनी कि लंड चला जाये।
नीचे हील्स जिससे उसकी गांड सूमो पहलवान सी हिल रही थी। माँ मटक कर चलती हुई आई और मेरे साथ बाइक पर बैठ गयी।
मैंने बाइक स्टार्ट की उसे लेकर दर्ज़ी की दुकान पर पहुंचा। टेलर जो दिखने में लगभग 6 फ़ीट लंबा और तगड़ा किसी कसाई से दिख रहा था, बड़ी बड़ी दाढ़ी, काला रंग… मेरी माँ को देखते ही ब्लाउज टेलर की आंखों में मानो चमक आ गयी.
माँ ने ब्लाउज टेलर को बोला- नमस्ते भाई साहिब। टेलर बोला- आओ मोहतरमा, कहिए मैं आपकी क्या खिदमत कर सकता हूँ? मैं भी वही खड़ा था, माँ बोली- आपकी कारीगरी की बड़ी तारीफ सुनी है, तो मैंने सोचा इस बार मैं अपनी नई साड़ी के लिए आपसे अपने ब्लाउज सिलवा कर देखूँ।
मेरी माँ के चूचों को घूरते हुए ब्लाउज टेलर बोला- आप हुकुम करें कैसा डिजाइन पसंद करेंगी आप?
मैंने देखा उसके पाजामे में हिलता उसका हथियार सनसना रहा था और शायद ये बात मेरी माँ भी ताड़ चुकी थी पर वो तो आयी ही इसीलिए थी, ब्लाउज तो बस एक बहाना था, उसे अपनी जवानी के रसदार फल को किसी तगड़े मर्द से निचोड़वाना था।
शायद टेलर की कद काठी को देख कर मेरी माँ समझ चुकी थी कि अगर हुई तो आज उसकी चुदाई बहुत तसल्ली से होने वाली है। मैंने देखा माँ ने अपना पल्लू सेट करते हुये हल्का सा सरका दिया था जिससे टेलर अच्छे से उसके चूचो को देख कर अपनी निगाहों से उनका रसपान कर सके।
शायद ये कोई इशारा था, जो माँ ने टेलर को किया, पल्लू सेट करते हुये उसे अपने बोबे दिखा कर टेलर भी समझ गया, टेलर ने भी अपने हाथ उसके लंड को सहला कर जैसे माँ को इशारे में जवाब दे रहा था।
उसकी हवस भारी नज़रें मेरी माँ के मदमस्त रसीले बदन पर थी और माँ बेशर्म होकर अपने बेटे के सामने अपनी मखमली जवानी का प्रदर्शन कर रही थी एक गैर मर्द के सामने! तभी माँ बोली- मुझे मेरी सहेली सीमा ने भेजा है और मुझे वैसा ही ब्लाउज सिलवाना है जैसा तुमने उसका सिला है।
तो ब्लाउज टेलर मुस्कुरा कर बोला- अच्छा आप सीमा की फ्रेंड हो तो फिर तो अंदर आ जाओ, अंदर ट्राई रूम में मैं आपको कुछ नए डिजाइन भी दिखा दूँगा और आपका नाप भी ले लेता हूं अच्छे से!
माँ अंदर जाने लगी तो जैसे ही मैं माँ के साथ जाने के लिए आगे बढ़ा तो ब्लाउज टेलर बोला- बेटा आप बाहर ही इंतज़ार करो, वहाँ सिर्फ लेडीज़ ही जाती हैं।
मैं चुप करके बाहर ही खड़ा रह गया। माँ भी बोली- तुम यहीं रुको. और वो दोनों अंदर चले गए। मैं भी समझ गया आज माँ की जम के चुदाई होने वाली है। मैंने सोचा कि क्यों न माँ की चुदाई का लाइव शो देख जाये। तो मैं उस ड्रेसिंग रूम के अंदर देखने की जगह ढूंढने लगा।
मुझे एक छोटी सी खिड़की दिखी जिससे अंदर का साफ साफ दिख रहा था, मैं उस खिड़की के पास खड़ा हो कर अंदर देखने लगा। माँ खड़ी थी ओर ब्लाउज टेलर इंची टेप लेकर उनके पास आया- हां जी मैडम, तो कैसा ब्लाउज सिलवाना चाहेंगी आप?
माँ ने कहा- आप कुछ डिजाइन दिखाओ? तो टेलर ने माँ को एक एल्बम दी जिसमें बहुत से डिजाइन थे, मुझे तो नहीं दिखे पर माँ ने एक डिजाइन पसंद करके टेलर को दिखाया। टेलर बोला- बिल्कुल बनेगा मैडम, आप बस अपना नाप मुझे ले लेने दो।
टेलर ने पहले माँ के एक कंधे से दूसरे कंधे तक का नाप लिया और अपनी डायरी में लिख लिया। फिर उसने माँ की बाजू ऊपर उठा कर बगल से पेट के ऊपर तक का नाप लिया, फिर पीठ का नाप लिया।
जब पीठ का नाप ले रहा था तो माँ बोली- मैं हमेशा बैकलेस ही पहनती हूँ, तो पेट पे कम से कम कपड़ा लगाना, हो सके तो सिर्फ कोई सुनहरी डोरी या ऐसा कुछ ही लगाना। टेलर ने किसी बहुत ही आज्ञाकारी बच्चे की तरह हाँ में सर हिलाया, मगर उसकी आँखों में वासना फूट रही थी।
फिर उसने सामने आकर इंची टेप से पहले माँ के एक बोबे का और फिर दूसरे बोबे का नाप लिया। “मैडम जी” टेलर बोला- अगर पीछे से बैकलेस रखना है तो सामने पैड लगाने पड़ेंगे, क्योंकि बैकलेस में ब्रा तो आप पहन नहीं सकती।
बेशक माँ को भी ये बात पता थी, पर माँ उसकी बात सुन कर मुस्कुरा दी, बोली- हाँ, बैकलेस में ब्रा तो पहनी नहीं जाती, आप मेरे इस ब्लाउज में ही ब्रा बना देना।
तभी ब्लाउज टेलर बोला- मैडम जी, अगर अंदरूनी ब्रा बनानी है तो प्लीज़ पल्लू को हटा दो, इसके साथ साइज सही नहीं आ रहा। तो माँ ने बिना कुछ बोले पल्लू हटा दिया।
माँ का पल्लू हटते ही ब्लाउज टेलर की आंखें बड़ी हो गई, वो माँ के बूब्स को घूरने लगा और माँ का चेहरा गुलाबी पड़ने लगा, पता नहीं शर्म से या माँ की बढ़ रही कामुकता से। माँ के चुचे खुल चुके थे।
ब्लाउज टेलर ने माँ को पलट दिया, उनकी पीठ को देखते ही ब्लाउज टेलर का लंड खड़ा हो गया और वो अपने लंड को मसलने लगा. माँ ये नहीं देख पा रही थी, उसका मुँह दूसरी ओर था टेलर का लंड करीब 8 इंच का होगा. ऐसा ऊपर से किसी मूसल सा दिख रहा था।
टेलर बोला- मैडम, आपको फिटिंग कैसी चाहिए टाइट या लूज़? तो मेरी रंडी माँ बोली- टाइट… ऐसा लगे जैसे बॉडी पे पेंट किया हुआ हो। तो टेलर बोला- फिर आपको अपना ब्लाउज उतारना होगा, तो मम्मी ऊपर मन से थोड़ा सा गुस्सा दिखती हुई बोली- पागल हो? नहीं ऐसे ही लो!
तो टेलर बोला- बुरा मन मानिए मैडम, दरअसल ब्रा वाला ब्लाउज सिलने के लिए आपके बदन के इन हिस्सों का मुझे बिल्कुल सही नाप चाहिए, तभी आपको सही फिटिंग आएगी।
सीमा मैडम ने भी उतारा था, तभी उसकी फिटिंग हुई, आप चाहो तो फोन करके सीमा मैडम से पूछ लो। माँ बोली- नहीं, कोई ज़रूरत नहीं पूछने की, वैसे भी कहते हैं अपने टेलर, वकील और डॉक्टर से कुछ नहीं छिपाते, उतार देती हूँ पर तुम किसी को बोलना मत! और माँ ने अपने ब्लाउज की डोरी खोली और उतार दिया।
अब क्योंकि माँ पहले ही बैकलेस ब्लाउज पहन कर आई थी, तो नीचे से ब्रा तो पहना ही नहीं था, सो ब्लाउज उतरते ही माँ टॉपलेस हो गई और माँ के गोरे गोल मम्मे आज़ाद हो गए जिन्हें देख कर ब्लाउज टेलर बोला- क्या शारीर है… काश आप हमारे होते! और चुप हो गया. तो मेरी रंडी माँ बोली- तो क्या करते?
वो बोला- कुछ नहीं! मेरी रंडी माँ बोली- बता दो? तो टेलर मेरी माँ के मखमली बूब्स को अपनी मजबूत हथेलियों में भरते हुए बोला- इन्हें निचोड़ कर इनका सारा रस पी जाता!
टेलर के मजबूत हाथों में मेरी माँ के चुचे आते ही माँ की सिसकारी निकल गयी- अहह महः क्या कर रहे हो? तो टेलर बोला- जो करवाने तुम यहां आयी हो।
मेरी रंडी माँ बोली- मतलब? तो टेलर बोला- अब ज्यादा बनो मत, तुम्हारी फ्रेंड के जितने ब्लाउज सिले हैं उससे ज्यादा उसकी गांड मारी है और चूत की चुदाई करी है।
माँ बोली- हम्म… तो आज मेरी भी गांड और चूत की प्यास बुझा दो, बहुत प्यासी हूँ मेरे राजा कई दिनों से लंड के दर्शन नहीं हुए ! और माँ ने अपनी बाहों को उसके गले में डाल दिया तो टेलर ने झट से माँ के गुलाबी रसीले होंठ अपने होंटों में ले लिए और माँ भी उसके मोटे काले होठों को चूसने लगी।
टेलर ने माँ को दीवार से उल्टा करके टिका दिया और उसकी नंगी पीठ को चाटते हुए माँ के आम जैसे मोटे मम्मों को आगे हाथ डाल कर दबाने लगा। माँ के कोमल नाजुक शारीर पर अपनी जीभ चलाने के साथ साथ वो अपने दांत गड़ाने लगा जिससे मेरी माँ की आहें पूरे कमरे में गूंजने लगी।
माँ बोल रही थी- आराम से करो, बाहर बैठा मेरा बेटा सुन लेगा. टेलर बोला- कोई बात नहीं, उससे भी उसकी चुदक्कड़ रांड माँ को चुदवा दूंगा। मेरा तो सुनते ही लंड तन गया, मैं अपना लंड निकाल कर जोर जोर से मुठ मारने लगा।
अब टेलर मेरी माँ की साड़ी पकड़ कर उसे उतार रहा था, साड़ी खोल कर उसने माँ का पेटीकोट भी उतार दिया, अब मेरी आँखों में सामने मेरी माँ सिर्फ पेंटी में खड़ी थी वो भी किसी गैर मर्द का लंड लेने के लिए।
टेलर ने मेरी कमसिन नाजुक माँ को टेबल पर बिठा दिया और उसके बाल पकड़ कर माँ के होठों को चूसने लगा, उसके होठों को चबा रहा था और उसका एक हाथ मेरी माँ की पेंटी में था जो उसकी गर्म चूत को कुरेद रहा था, उसे सहला रहा था।
टेलर ने करीब मेरी माँ की आधे घंटे तक चूत और गांड मारी अब मेरी माँ हर हफ्ते टेलर से चुदाई करवाने लगी थी उसकी दुकान पर आखिर उन्हें अपनी चूत की गर्मी को शांत करने का मौका जो मिल गया था।