सास और बीवी दोनों को एक साथ चोदा

मैं विवेक एक बार फिर आप लोगों के लिए अपनी सेक्स कहानी लेकर आया हूं.

आज आप मेरी और मेरी पत्नी वैशाली की सुहागरात की रात की न्यू वाइफ चुदाई कहानी सुनिए.

वैशाली कमरे में मेरा इंतजार कर रही थी. मैं रूम में गया तो वैशाली लाल साड़ी में घूंघट ओढ़ कर बैठी थी.

मैंने उसका घूंघट उठाया और एक बार को तो उसे देखता ही रह गया.
क्या माल लग रही थी वह … जैसे मेरे लिए कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो.

उसने मुझे दूध का गिलास दिया और मैं उसे देखते हुए पूरा गिलास पी गया.
वह भी कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराती रही.

वैशाली का 30-28-32 वाला फिगर तो मैं आप लोगों को बताना ही भूल गया.
क्या कांटा माल लग रही थी वह … जो कोई भी उसे देखे, तो बस देखता ही रहे और उसका हाथ सीधा खुद के लंड पर चला जाए.

वैशाली की एकदम मस्त मोटी गांड देख कर सच में मेरा दिल खुश हो गया था.

मैंने वैशाली को खींचा और उसके होंठों पर किस करना चालू कर दिया.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
जल्द ही हम दोनों फुल मूड में आ गए थे.

धीरे धीरे मैं उसकी साड़ी ब्लाउज पेटीकोट उतारने लगा और उसे टू पीस में कर दिया.
काले रंग की ब्रा और पैंटी में वह गजब का आइटम लग रही थी.

उसने भी मेरी तरफ देखा और मेरी शर्ट पैंट को उतार दिया.

मैं सिर्फ चड्डी में था.
आगे बढ़ कर मैंने उसे बांहों में लेकर लिटा दिया.

उसका एकदम मक्खन सा चिकना और मुलायम बदन मेरे आगोश में था.

मैं उसके हर एक अंग को चाटने लगा, पांव से लेकर माथे तक किस किया और उसकी ब्रा पैंटी को भी उतार दी, उसे पूरी नंगी कर दिया.
वह एकदम कच्ची कली जैसा माल लग रही थी.

मैंने उसकी चूत के ऊपर हाथ फेरा.
आह … एकदम क्लीन करके आई थी.
चूत पर एक भी बाल नहीं था.

मुझसे रहा न गया और मैं उसकी चूत चाटने लगा.

वैशाली अपनी चूत चटवाने में पहले तो सिहर रही थी और मुझे हटा रही थी.
मगर मैं लगा रहा तो वह आह आह करने लगी थी.

कुछ ही देर में उसे भी चूत चटवाने में मजा आने लगा था और वह भी टांगें फैला कर चूत चुसवा रही थी.

मैंने काफी देर तक उसकी चूत चाटी और जब उसने पानी छोड़ दिया, तो मैं पूरा पानी पी गया.
एकदम नमकीन रस लगा.

अब वैशाली ने मेरी चड्डी उतार दी और मेरा लंड देख कर चौंक गई.
वैशाली की आंखें फैल गईं और उसके मुँह से निकल गया- उई मां … इतना बड़ा!

मैं अपने नए मित्रों को बताना भूल गया कि मेरा लंड काफी बड़ा है. जब ये किसी भी लड़की या औरत की चूत में घुसता है तो चूत को फाड़ कर रख देता है.
रंडियां भी मेरे लौड़े से एक बार हिल जाती हैं.

वैशाली मेरे लौड़े को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी और मेरे कहने पर उसने लंड को मुँह में ले लिया.
वह बड़ा ही मस्त लंड चूस रही थी, साली एकदम रांड लग रही थी, पूरा गले तक लंड ले रही थी.
मैं समझ गया कि ये साली चुदाई की खिलाड़िन है.

उसके लौड़े चूसने के अंदाज से मेरे मुँह से ‘उम्म्म अह्ह्ह …’ की आवाजें निकलने लगी थीं.
मैंने भी अति उत्तेजित होकर उसके गले में पूरा लवड़ा ठूंस दिया.

थोड़ी देर में मेरे लंड ने वैशाली के मुँह में पानी छोड़ दिया.
आधा पानी उसके कंठ से अन्दर चला गया और आधा पानी मैंने उसके चूचों के ऊपर डाल दिया.

अब हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे.

मैं- वैशाली तुमने कभी सेक्स किया है!
वैशाली- नहीं.

मैं- सच बोलो, जो होना था वह तो हो ही चुका है. वह तुम्हारा भूतकाल था जो बीत गया है. मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नहीं है. अगर तुम बताना नहीं चाहती हो तो कोई बात नहीं.
वैशाली- हां … मेरा चक्कर था, पर हमने कभी सेक्स नहीं किया था. वह और कोई नहीं, आपके मामा का लड़का जय था, उसके साथ मेरी दोस्ती थी.

मैं- मतलब तुम्हारा चक्कर था. क्या क्या उसके साथ … और चक्कर अभी भी है या नहीं!
वैशाली- हम दोनों ने किस किए थे और कपड़ों के ऊपर ऊपर से ही एक दूसरे को छुआ था. मैं उसके साथ सेक्स करना चाहती थी, पर कोई जगह ही नहीं मिल रही थी. इसलिए नहीं कर पाए. अब कभी कभार ही उससे बात करती हूँ. और आपका था किसी के साथ?

मैं- एक कॉलेज में जीएफ थी. उसी के साथ दो बार सेक्स किया था.
वैशाली- ओके.

इसी तरह की बातों के चलते मैं और वैशाली फिर से मस्ती करने लगे.
हम दोनों वापस किस करने लगे और एक दूसरे को गर्म करने लगे.

मैं फिर से उसकी चूत चाटने लगा.
उसने भी मेरा लंड चाट कर फुल कड़क कर दिया.

मैंने पोज बनाया और धीरे धीरे वैशाली की चूत में लंड डालने लगा.
वैशाली सिसकारी भरने लगी- ओहहह जानू क्या लंड है आपका … आह बिल्कुल लोहे की रॉड घुसा दी है आआह!

कुछ देर बाद मेरी बीवी की आवाज बदल गई- आह उम्म्मा उम्म्म मजा आ रहा है … आह जरा जोर से!

मेरा पूरा लौड़ा चूत में खपाखप अन्दर बाहर होने लगा था.
मैं उसे किस किए जा रहा था.

पूरे कमरे में हमारी दोनों की चुदाई आवाजें आ रही थीं ‘ओह्ह्ह आआह्ह उम्म…’

मेरी वाइफ वैशाली ने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दी थीं और वह मस्त बड़बड़ा रही थी- आआह जानू … क्या लंड है … आह आह आप बस चोदो मुझे … मेरी चूत फाड़ कर रख दो …. आह आह आह जोर से और जोर से!

उसने अपना पानी छोड़ दिया और मुझे कसके पकड़ लिया.
पर मैं उसे चोदे जा रहा था.

थोड़ी देर में ही वह वापस मूड में आ गई और हम दोनों का लंबा राउंड चला.
फिर मैंने उसके पेट के ऊपर ही पानी निकाल दिया.

मैंने देखा कि वैशाली की चूत पर खून के दाग नहीं थे.
मैंने पूछा- तुम तो सील पैक थीं, तो तुम्हारा खून क्यों नहीं निकला?

वैशाली- हां, मैंने आपसे झूठ बोला था. मेरी सील जय ने तोड़ी थी और मैं उससे 2 साल से चुदाई करवा रही हूँ.
मैं- अरे तो जब मैंने पूछा, तो झूठ क्यों बोला … क्या कारण था?

वैशाली- मुझे लगा कि मैं आपको सच बता दूँगी … तो आप मुझे छोड़ न दें. इसलिए सॉरी, मैंने आपको बताया नहीं.
मैं- ओके मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है. बस तुम खुश हो न, वही मेरे लिए मायने रखता है.

वैशाली- पक्का आप नाराज नहीं हो!
मैं- हां बाबा नहीं हूँ. मैं तुम्हें हर बात की छूट देता हूँ … तुम्हें जो अच्छा लगे, वह करो. मुझे कोई ऐतराज नहीं है तुम किसी भी साथ चुदवा सकती हो. बस मुझे भी किसी के भी साथ सेक्स करने पर मत टोकना.

वैशाली- ओके थैंक्स, आप कितने अच्छे हैं!
मैं- हां मैंने भी तुमसे इसी डर की वजह से एक राज छुपाया है. मैंने भी तुम्हारी चाची अंजलि के साथ चुदाई की है.

वैशाली- ओह, ये बात मुझे पता है. मैंने आप दोनों को देखा था. एक दिन आप दोनों हमारे घर के पास वाली गली में एक दूसरे से किस कर रहे थे.

मैं- ओह हां, पर तुमने तो मुझे कभी कहा नहीं?
वैशाली- मैं आपके मुँह से सुनना चाहती थी, पर आपने कुछ नहीं कहा और मैं चाची का फोन हर दिन देखने लगी. आप लोगों ने होटल में जाकर भी चुदाई की थी.

वह सारी बातें मैंने मोबाइल में देखा था. सारे मैसेज और फोटो देखी थीं. पहले तो मुझे आप पर गुस्सा आया था, पर बाद में पता नहीं, यही सब बातें सोच रही थी. काफी दिनों से मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. ऐसे में जय मुझपर लाइन मारता था.

एक दिन उसने प्रपोज कर दिया और मैंने भी हां कर दी. मैंने सोचा कि आप भी मौज करते हो तो मैं भी करूंगी.

दोस्तो वैशाली और जय की चुदाई फिर कभी आपको बताऊंगा.

मैं- तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना … मैं तुम्हारी चाची की चुदाई करूं तो?
वैशाली- हां, पर मेरी एक शर्त है!
मैं- बोलो?
वैशाली- मैं भी जय से चुदाई करवाती रहूंगी.
मैं- हां, तुमको जो अच्छा लगे सो करो और मुझे जो अच्छा लगे, वह मैं करूंगा.

वैशाली- हां … मैं आपके साथ थ्रीसम सेक्स करना चाहती हूँ. आप, मैं और जय … बोलो क्या बोलते हो?
मैं- हां, मैं भी थ्रीसम करूंगा. पर मैं तुमको और अंजलि को साथ पेलूँगा!
वैशाली- ओके.

उस रात वैशाली की मैंने 3 बार चुदाई की और थक कर सो गए.

सुबह मैंने चाची सास अंजलि को कॉल किया और सारी बात बता दी.

वह सुन कर खुश हो गई और बोली- तो जल्द कहीं प्रोग्राम सैट करो, मुझसे रहा नहीं जाता.
मैंने हां कहा और ‘जल्द ही मिलेंगे.’ कह कर फोन काट दिया.

उतने में ही बाथरूम से वैशाली नहा कर बाहर निकली.
गुलाबी साड़ी में उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसे वहीं पकड़ कर मैं किस करने लगा.

वैशाली- आप तो सुबह सुबह शुरू हो गए. कोई देख लेगा.
मैं- कोई नहीं देख सकता. चलो मेरा मूड हो गया है. जल्दी से एक राउंड हो जाए.

मैं उसे किस करने लगा.
वैशाली भी गर्म थी, उसने भी साथ देना शुरू कर दिया.

हम दोनों ने जल्दी जल्दी एक राउंड पूरा किया और अलग हो गए.

दोपहर को मैंने अंजलि की बात को वैशाली को बताई कि तुम्हारी चाची जल्द ही बिस्तर पर मिलना चाहती है.

वैशाली- हां, पर कहां मिलेंगे?
मैं- हम लोग होटल में चले जाएंगे और घर पर बोल देंगे कि हम फ्रेंड्स की पार्टी में जा रहे हैं.

वैशाली- ओके, आप एक बात और बताओ कि जो अंजलि चाची का दो साल का लड़का विजय है, वह क्या आपका दिया हुआ है?
मैं- हां.

वैशाली- मुझे लगा ही था कि आपने ही मेरे चचेरे भाई को पैदा किया होगा. चाचा से तो कुछ होता नहीं है शायद!
मैंने कहा- हां, यही बात थी जान!

वैशाली- आज इसके बदले मैं भी आपसे कुछ मांगना चाहती हूँ.
मैं- हां बोलो न!

वैशाली- मैं भी जय से प्रेगनेंट होना चाहती हूँ, जिससे हमारा हिसाब बराबर हो जाए.
मैं- ओके तुम्हारी इच्छा के लिए हां … अब तो खुश!

वैशाली- हां, थक्स जानू आई लव यू माय बेबी.
हम दोनों सेक्स करके सो गए.

सुबह मैंने घर में बता दिया कि मैं और वैशाली शाम को फ्रेंड्स की पार्टी में जा रहे हैं.
घर वालों ने हां कह दिया. मेरा काम हो गया.

मैंने अंजलि से कॉल करके पूछा.
तो उसने भी बताया कि मेरा आना भी तय हो गया है. मैं शाम को आ जाऊंगी, मुझे होटल का एड्रेस मैसेज कर देना.

मैंने एक होटल में कमरा बुक किया और अंजलि को मैसेज कर दिया.

उस दिन वैशाली ने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी थी, साली गजब की पटाखा लग रही थी.

शाम को मैं और वैशाली होटल पहुंच गए.
हमारे आने से पहले ही अंजलि होटल के बाहर खड़ी हमारी प्रतीक्षा कर रही थी.
उसने मरून रंग की साड़ी पहनी थी. वह भी एकदम पटाखा लग रही थी.

वह हमें देख कर खुश हो गयी.

होटल के बाहर सब हमें ही देख रहे थे.
सब लोग यही सोच रहे होंगे कि मैंने क्या किस्मत पाई है. दो दो पटाखे साथ में … अंजलि और वैशाली दोनों को देख कर सबके लंड खड़े हो गए होंगे.

हम लोग रूम की चाबी लेकर रूम में गए.

वैशाली- चाची, आपने एक बार तो मुझे बताया होता आपका और विवेक का चक्कर है, मैं आपको थोड़े ही ना कहती कि आप विवेक से मत मिलो. मैंने तो आपके साथ जय को भी शेयर किया था. एक बार तो कह सकती थी न!
अंजलि- हां बोल तो सकती थी, पर थोड़ा सा डर था इसलिए नहीं कहा.

मैं तो दोनों की बात सुन कर कोमा में चला गया कि बहन की लौड़ी ये दोनों तो पक्की छिनालें हैं.
वैशाली ने मुझे हिला कर जगाया और कहा- कहां खो गए विवेक? क्या हुआ?

मैंने अंजलि से गुस्से में बात की- तुझे पता था कि तुमने और वैशाली ने एक साथ जय का लौड़ा लिया. तूने तो मुझे कभी इस बारे में कुछ बताया ही नहीं.
अंजलि- सॉरी विवेक, मुझे वैशाली ने मना किया था कि ये राज हम दोनों के बीच में ही रहना चाहिए!

वैशाली और अंजलि दोनों मुझसे माफी मांगने लगीं. वैशाली तो लगभग गिड़गिड़ाने सी लगी.

मैंने भी सोचा कि मैंने भी बहुतों को चोदा है; इसमें इनका क्या कसूर.
इसलिए मैंने दोनों को माफ कर दिया और दोनों को साथ में ही अपने गले से लगा लिया.

मैं अब अंजलि को किस करने लगा.
वैशाली और मैं दोनों अंजलि को किस किए जा रहे थे.

वैशाली ने अंजलि की साड़ी उतारी तो अंजलि ने वैशाली की साड़ी उतार दी.
फिर वैशाली ने मेरे कपड़े उतारे.
हम सब अंडर गारमेंट्स में हो गए.

अंजलि ने गहरे नीले रंग की ब्रा पैंटी पहनी थी और वैशाली ने लाल रंग की … दोनों गजब की माल लग रही थीं.

मैं अंजलि की टांगों पर किस कर रहा था और वैशाली और अंजलि एक दूसरे के होंठों पर चुंबन कर रही थीं.
मैंने अंजलि की ब्रा और पैंटी उतार दी और उसे पूरी नंगी कर दिया.

अंजलि ने वैशाली की चड्डी और ब्रा उतार दी और वैशाली ने मेरी चड्डी उतार दी.
हम सब नग्न हो गए थे.

मेरा लौड़ा हवा में फनफना रहा था.
उसे देख कर दोनों की जीभ लपलपाने लगी.

मैंने पोज बनाया और अंजलि की चूत चाटने लगा.
अंजलि वैशाली की चूत चाटने में लग गई थी.

थोड़ी देर के बाद मैंने चूत बदली और अब मैं वैशाली की चूत चाट रहा था.
वैशाली अंजलि की चूत चाट रही थी.

फिर अंजलि ने कहा- विवेक, प्लीज मेरी चूत में लंड डालो, काफी दिनों से लौड़े की प्यासी हूँ मैं … प्लीज जल्दी अन्दर लंड डालो.

मैंने अंजलि के मुँह में लंड दे दिया और उसी के साथ में वैशाली भी मेरा लौड़ा चूसने लगी थी.

कमाल का मजा आ रहा था यार … दो हुस्न की हसीनाएं जब साथ में आपका लंड चूस रही हों … तो जन्नत की हूरों से चुदाई का मजा आने लगता है.

फिर मैं चुदाई की पोजीशन में आया और अंजलि की चूत पर लंड घिसने लगा.
उसने अपनी टांगें फैला कर चूत खोल दी.

मैं धीरे धीरे लौड़े को अन्दर पेलने लगा.
अंजलि मादक सिसकारी भर रही थी- आआहह ह जमाई राजा, क्या लंड है आपका … डाल दो पूरा एक ही बार में … और फाड़ दो अपनी सासु मां की चूत को आह!

यह सुनकर मैंने एक ही बार में पूरा लंड अपनी सासु मां अंजलि की चूत में डाल दिया.
अंजलि जोर से चिल्ला उठी- आआह आआह … मां चोद दी मेरी … आआहहह फाड़ दी भोसड़ी वाले जमाई ने.
वह गाली देती हुई माहौल को और ज्यादा कामुक कर रही थी.

दूसरी तरफ वैशाली अपनी चूत अंजलि के मुँह के पास ले गई और उसके मुँह से आवाजें बंद करने के नजरिए से चूत को अपनी चाची के मुँह पर जमा दिया.

अंजलि की आवाजें निकलना बंद हो गईं. अब उसके मुँह से सिर्फ गूँ गूँ की आवाजें आ रही थीं.

मैं अंजलि की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और वैशाली की गांड के ऊपर चांटें मारते हुए गाली दे रहा था- साली बहन की लौड़ी रंडी … ले लंड खा मेरी सास … भोसड़ी वाली आह … सासु मां तेरी मां की चूत … आज तो तेरी चूत फाड़ कर इसका भोसड़ा बना दूंगा … तुम भी क्या याद करोगी कि क्या जमाई मिला है.

अंजलि गांड उठाती हुई चुदाई का मजा ले रही थी और कह रही थी- आह हां … वह बात तो है जमाई राजा … आपके लौड़े में दम है … मेरी किस्मत अच्छी थी जो आपका लंड मेरे भाग्य में आया है … आआआह्हह और जोर से जमाई राजा … फाड़ दो आज अपनी सास को … कुत्ता बनकर चोदो मुझे … आह फाड़ दो.

वैशाली- हां विवेक, आज दिखा दो अपनी ताकत … आज मेरी चाची की चूत का वह हाल करो कि साली जिंदगी में कभी लंड लेने का नाम ही ना ले. फाड़ दो … और आज मेरी भी फाड़ देना मेरे खसम … आआआहह साली ये चूत बहुत परेशान करती है.

मैंने अपना लंड निकाल कर वैशाली की चूत में पेल डाला.
वह चिल्ला उठी क्योंकि मैंने एक बार में ही पूरा लौड़ा चूत में डाल दिया था.

वैशाली- आआ आहह उई मां … तेरी मां की चूत … साले धीरे कर न … मेरी मां चोद दी तूने!
मैं- हां कुतिया … अब तेरी मां की चूत भी मार दूंगा … तेरा सारा खानदान चोद दूंगा बहन की लौड़ी.

मैं उसे खपाखप चोदने लगा और वैशाली चिल्लाती रही.
वैशाली के शोर को रोकने के लिए अंजलि ने अपनी चूत वैशाली के मुँह में लगा दी और मैं वैशाली को ताबड़तोड़ चोदने लगा.

मैं बीस मिनट तक चोदता रहा.
वैशाली का हो गया था तो वह हट गई और मैंने वापस अंजलि की चूत में लंड डाल दिया.

मैं उसे भी चोदने लगा.

कुछ मिनट तक मैंने अंजलि को तबीयत से चोदा और अपना लंड का पानी बाहर निकाल कर दोनों रंडी के मुँह में पिला दिया.

वे दोनों अपने मुँह में मेरा लंड लेकर चाटने लगीं और उसका पूरा पानी पी गईं.

हम तीनों चुदाई के बाद काफी थक गए थे और साथ में लेटे थे.

मैंने कहा- वैशाली, मुझे एक और चूत चाहिए जो तुम दिला सकती हो.
वैशाली- किसकी?

आप लोगों को मैंने बताया था कि अगली सेक्स कहानी में मैं वैशाली के ताऊ जी की बेटी माधुरी को चोदने वाला हूँ. वह मेरा पहला प्यार थी. मगर इस बार तो नहीं, पर अगली बार जरूर माधुरी की चुदाई की कहानी लिखूँगा.

मैं- तुम्हारे ताऊजी की बेटी माधुरी. उसे मैं बचपन से प्यार करता हूँ, पर कभी बोल नहीं पाया. प्लीज तुम मुझे उसकी चूत दिला दो. मैं तुमको जिसका भी चाहोगी, उसका लंड दिला दूंगा.

अंजलि की तरफ देख कर वैशाली ने कहा- हां ठीक है, काम हो जाएगा. इसके बदले में मुझे जो लंड चाहिए वह आपको दिलाना होगा … बोलो मंजूर है!
मैं- हां मंजूर है.

उस रात मैंने अंजलि की दो बार और चुदाई की और एक बार वैशाली की चुदाई की.
इस तरह से पूरी रात मस्ती भरी रही.

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