दोस्तो, मेरा नाम प्रशांत है। मैं जोधपुर से हूं मैं 26 साल का हूं। मेरी हाइट 5 फ़ीट 10 इंच है। मैंने ग्रेजुएशन किया हैं अभी जॉब की तलाश में हूँ। मैं दिखने में ठीक-ठाक दिखता हूं।
एक दिन मैं ऑनलाइन जॉब सर्च कर रहा था तो मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जिसका नाम गरिमा था।
गरिमा की उम्र 25 साल की थी रंग की गोरी और देखने में बिल्कुल सेक्सी देसी गर्ल थी वो!
जब उसको देखता था तो लगता था कि अभी पटक कर चोद दूं उसका फीगर 32-28-30 का था गरिमा का बदन काफी सुडौल था।
मैं उसको फेसबुक पर ही मैसेज किया करता था। फेसबुक डाउनलोड किये हुए मुझे थोड़ा ही समय हुआ था कभी कभी जॉब के लिए इंटरव्यू देने के लिए चला जाता था वापस आने के बाद फिर से फेसबुक चैट पर लग जाता था
ऐसे ही दिन बीत रहे थे फेसबुक लॉगइन करते ही सबसे पहले मैं गरिमा के मैसेज ही चेक करता था जब उसका मैसेज नहीं होता था तो मुझे थोड़ी निराशा होती थी फिर भी मैंने हार नहीं मानी।
ऐसे ही बात करते करते हमें काफी वक्त हो गया था अब तक हमने एक दूसरे की फोटो तक नहीं देखी थी इसलिए मैंने गरिमा को एक जगह पर बुलाया और वो भी मुझसे मिलना चाहती थी।
एक दो दिन बाद हम दोनों ने मुलाकात की पहली मुलाकात में हम दोनों के बीच में कुछ खास बातचीत नहीं हो पाई मुझे शर्म आ रही थी।
इसलिए मैं ज्यादा बात नहीं कर पाया. घंटे भर पार्क में बैठ कर बातें करने के बाद हम अपने अपने रास्ते हो लिये. उसके बाद हम दोनों में अक्सर चैट होने लगी।
धीरे धीरे हमारी बातें सेक्स चैट तक पहुंच गईं हम दोनों में देर रात तक बातें होती थीं अब वो भी मेरे साथ काफी खुल कर चैट किया करती थी।
कई बार उत्तेजना में आकर मैं उससे कह देता था कि जब हम मिलेंगे तो मैं तेरे बूब्स को दबाऊंगा, तेरी चूत में उंगली करूंगा।
उसको मेरी बातों का बुरा नहीं लगता था. फिर ऐसे ही हमने दोबारा मिलने के लिए प्लान किया।
दूसरी बार हम लोग उस दिन एक खाली सुनसान जगह में मिले. उसको पहली बार मैंने किस किया।
मैंने उसकी गांड में लंड भी लगाया. वो मेरे लंड को अपनी गांड पर महसूस कर सकती थी. इस तरह से हम दो-तीन बार मिले और हमारे बीच में सिर्फ चूमा-चाटी हुई।
अब मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई के लिए तड़प उठा था. हमने अब तक सेक्स नहीं किया था।
बस एक दूसरे को ऊपर से ही मजा दे रहे थे। एक दिन ऐेसे ही हम दोनों फेसबुक सेक्स चैट कर रहे थे।
बातों ही बातों में बात चुदाई के बाद प्रेग्नेंट होने तक पहुंच गयी।
वो पूछने लगी- बच्चा कैसे पैदा होता है?
मैंने कहा- जब मर्द का लंड औरत की योनि में जाता है और उसकी योनि में स्पर्म गिरता है तो
औरत के अंडे से स्पर्म मिल कर बच्चा पैदा होता है. औरत के गर्भाशय में बच्चा बनता है।
फिर वो कहने लगी- मुझे स्पर्म देखना है।
मैंने कहा- जब हम चुदाई करेंगे तब दिखाऊंगा।
वो बोली- नहीं, मुझे अभी देखना है।
मेरे काफी समझाने पर भी वो नहीं मानी।
उसकी जिद पर मैं बाथरूम में गया. मैंने हस्तमैथुन करके अपने लंड को हिलाया।
जब मेरा वीर्य निकलने को हो गया तो मैंने लंड से वीर्य छूटने का वीडियो रिकॉर्ड किया फिर उसको वीडियो दिखाया. तब जाकर उसको चैन मिला।
एक दिन वो कहने लगी- मैंने जब से तुम्हारा हस्तमैथुन करने का वीडियो देखा है तब से मेरी चूत में कुछ कुछ होने लगा है. मुझे कुछ फील होता है।
मैंने पूछा- क्या फील होता है? वो बोली- मुझे कुछ चिपचिपा सा लगता है।
मैं समझ गया कि उसकी चूत में खुजली हो रही है। अब मौके पर चौका मारने का टाइम आ गया था. फिर मैं रूम का जुगाड़ करने में लग गया क्योंकि मैं घर में रह रहा था और वहां पर चुदाई संभव नहीं थी।
काफी कोशिश की मैंने लेकिन रूम का कोई जुगाड़ नहीं हो पा रहा था।
उस दिन गरिमा ने गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था वो उसमें कयामत लग रही थी। हम दोनों उसी की स्कूटी पर बैठ कर जाने लगे मैं पीछे बैठा हुआ था और वो ड्राइव कर रही थी।
मैंने उसके कान में कहा- आज तो कहर बरपा रही हो तुम. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है।
मैं गरिमा की गांड से सट कर बैठा हुआ था. मेरा लौड़ा खड़ा हो चुका था मेरा लंड उसकी गांड में वो महसूस कर सकती थी मैंने भी अपने लंड को गरिमा की गांड से सटा दिया था।
शहर से बाहर निकलते ही मैं उसके साथ चिपक गया. अब मेरा लंड उसकी गांड में बिल्कुल सट गया था. लंड में झटके लग रहे थे। जब-जब सड़क पर सुनसान सी जगह आती थी तो मैं उसकी चूचियों को दबा देता था।
मैंने उसकी चूत पर भी हाथ फिराना शुरू कर दिया था।
वो बोली- अभी रुक जाओ, बैलेंस खराब हो गया तो हम गिर जाएंगे।
मगर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने उसकी सलवार के नाड़े को हल्का सा ढीला कर दिया था।
अब मेरी उंगलियों की पहुंच उसकी चूत तक हो गयी थी मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया।
उसने अब स्कूटी की रफ्तार धीमी कर दी थी और वह चूत पर मेरी उंगलियों की छुअन को महसूस कर मजा लेने लगी थी।
फिर सुनसान जगह पर मैंने उसको स्कूटी रोकने के लिए कहा. उसने स्कूटी रोक दी. स्कूटी को रोक कर हम दोनों उतरे और देखा कि पास में ही एक बड़ा सा झाड़ था।
झाड़ के पीछे ले जाकर मैंने उसको अपनी बांहों में ले लिया। उसको किस करना शुरू कर दिया. मैं उसके पीछे गया और उसकी चूचियों को पीछे से दबाते हुए उसकी गांड पर लंड को रगड़ने लगा वो भी थोड़ी मदहोश होने लगी थी।
मगर हम लोग सड़क के किनारे पर ही थे इसलिए ज्यादा देर रुक नहीं सकते थे. हमने थोड़ी चूमा-चाटी की और फिर दोबारा से बाहर आकर स्कूटी लेकर निकल लिये. मेरा लंड अभी भी फटने को हो रहा था. उसकी चुदाई के लिए तड़प उठा था मैं।
वो भी मेरे लंड को अपने हाथ से दबा कर देख रही थी. मगर फिर भी आसपास किसी के देखने का डर था. उसके बाद हम लोग वहां से निकल लिये क्योंकि वहां पर रुकने का कुछ फायदा नजर आ ही नहीं रहा था।
जितना हमने उम्मीद किया था उतना कुछ नहीं हो पाया. वापस जाते हुए हमने दूसरे रास्ते से जाने के बारे में सोचा। वह नहर वाला रास्ता था उस समय हल्का अंधेरा हो रहा था. इस बार स्कूटी को मैं चला रहा था।
8-10 किलोमीटर चलने के बाद गरिमा बोली- मुझे पेशाब लगी है.
मैंने स्कूटी एक तरफ रोक दी, मैंने कहा- कर लो.
वो कहने लगी- यहां पर तो किसी के आने का डर है. थोड़ा नीचे की तरफ चलते हैं.
फिर हम लोग नहर में बने पुल के नीचे चले गये नीचे अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था. मगर जब उसने अपनी सलवार उतारी तो उसकी सफेद पैंटी हल्की सी दिख रही थी।
जब वो पेशाब करके उठने लगी तो मैंने सोचा कि यह जगह ठीक है. सुनसान भी है और अंधेरा भी हो चुका है। मौके का फायदा उठाना चाहिए। यही सोच कर मैंने पीछे से गरिमा को पकड़ लिया
वो बोली- क्या कर रहे हो? कोई आ जायेगा!
मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी सलवार को नीचे कर दिया। उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा। फिर मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. उसकी चूत को मसलने लगा।
अब मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की चूत में उंगली डाल दी. उसकी चूत के दाने को मसलने लगा वो गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।
मैं उसकी गर्दन पर और कानों पर पीछे से किस कर रहा था. अब मैंने उसकी पैंटी को नीचे कर दिया. उसके कुर्ते को भी ऊपर कर दिया और उसको अपनी तरफ घुमा लिया।
उसका कुर्ता उसकी ब्रा तक चढ़ा हुआ था मैंने उसकी ब्रा को ऊपर करके उसकी चूचियों को नंगी कर लिया।
अब मैं उसकी चूचियों को बारी बारी से पीने लगा. कभी उसकी चूचियों को काट रहा था तो कभी उसके निप्पल को मसल रहा था।
वो भी पूरी गर्म हो गई और बोली- अब जल्दी करो, अंदर डाल दो. मुझे अजीब सा लग रहा है।
मगर अभी मैं चूत में लंड नहीं डालना चाह रहा था क्योंकि गरिमा ने कभी सेक्स नहीं किया था।
अगर मैं ऐसे ही एकदम से चूत में लौड़े को घुसा देता तो वो दर्द के मारे मना कर देती. इसलिए मैं उसको अभी और ज्यादा गर्म करना चाह रहा था।
कई मिनट तक मैं उसकी चूचियों और चूत के साथ खेलता रहा जब उससे रहा न गया तो वो नीचे बैठ कर मेरी पैंट को खोलने लगी।
उसने मेरी जीन्स को खोल कर नीचे कर दिया. मेरे अंडरवियर को भी नीचे सरका दिया और मेरे लंड को हाथ में ले लिया।
मेरे लंड की मुठ मारते हुए वो बोली- अब कर दो न जल्दी से, प्लीज … मुझसे नहीं बर्दाश्त हो रहा है।
फिर मैंने उसको पुल की दीवार के साथ लगने को कहा उसने अपनी चूत मेरी तरफ करते हुए अपनी पीठ झुका ली मैंने उसकी चूत को टटोला और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो एकदम से सिसकारने लगी. मेरा हाल भी कुछ ऐसा ही था. मैंने उसकी चूत पर लंड को सेट किया और धीरे से थोड़ा सा झटका दिया।
मेरे लंड का आधा हिस्सा ही अंदर घुसा था. मुझे पता था कि उसका पहली बार सेक्स है इसलिए मैंने पहले से ही उसके मुंह पर हाथ रख दिया।
लंड चूत में घुसते ही वो छूटने की कोशिश करने लगी. मगर मैंने एक जोर का शोट मार कर पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ गर्म सा लगा।
मेरे लंड में दर्द हो रहा था. कुछ पल तक मैंने लंड को उसकी चूत में घुसा कर पूरा मजा लिया।
फिर वो गांड को हिलाने लगी वो चुदाई के लिए तैयार थी मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया।
उसकी चूत में धक्के लगाते हुए मैं उसकी चूचियों को भी मसल रहा था वो भी गांड हिला हिला कर लंड को अंदर लेते हुए चुदाई का मजा ले रही थी।
दस मिनट तक मैंने उसकी चूत को चोदा। मैं उसकी चूत में झड़ ही गया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. वो इस दौरान दो बार झड़ गई थी।
हमने अपने कपड़े ठीक किये और निकलने लगे।
मैंने गरिमा को उसके घर के थोड़ी पहले तक छोड़ कर फिर मैं भी अपने घर के लिए निकल गया।
बाद में फोन पर जब मैंने उसने चुदाई के पहले एक्सपीरियंस के बारे में पूछा तो वो हंसने लगी और कहने लगी- बहुत मजा आया सड़क पर चुदाई करके!
मैंने गरिमा से पूछा- तो फिर दोबारा कब मिल रही हो?
वो बोली- जल्दी ही।
उसके बाद मैं गरिमा और कई बार मिले लेकिन चुदाई नहीं हो पाई. बस एक दूसरे के जिस्मों के साथ खेलकर ही मन बहला लिया हमने।
मेरे लिए आज भी वो पल काफी सुखद अनुभव का अहसास करवाते हैं।