नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम कबीर है, मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मैं एक योगा ट्रेनर हूँ। मेरी शादी को दो साल हुए हैं, मेरी उम्र 28 साल है और कद 6 फुट, मेरे लंड का साइज बड़ा मस्त है ये पूरा 8 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है दिखने में मैं हैंडसम हूँ और मेरा रंग गोरा है।
मैं आपको अपनी सच्ची सेक्स कहानी के बारे में यहां बताने जा रहा हूं। यह सेक्स कहानी मेरी शादी के एक साल बाद की है, तब मेरी बीवी कुछ महीनों के लिए अपने मायके गई हुई थी।
मैं योगा सिखाने एक योगा सेण्टर में जाया करता था। एक दिन उस योगा सेण्टर में एक भाभी आयी। उसका नाम नीतू था, वो दिखने में सुंदर थी। थोड़ी सी मोटी उसकी चूचियों का साइज 36 इंच का था और कमर 34 और गांड का साइज 38 इंच था। वो दिखने में बड़ी सेक्सी थी।
वो मुझसे आकर बोली कि क्या आप ही योगा ट्रेनर हो?
मैंने कहा- हां जी कहिए, मैं ही ट्रेनर हूं।
वो बोली- मुझे आपसे पर्सनल योगा ट्रेनिंग लेनी है क्योंकि मुझे अपना वजन और पेट कम करना है।
मैंने बोला- ठीक है मेम, हो जाएगा।
वो बोली- मेरी एक प्रॉब्लम है कि मैं जिम नहीं आ सकती क्योंकि मेरे एक साल का छोटा सा बेबी है मुझे उसकी देखभाल करनी होती है मेरे पति जब अपने काम पर चले जाते हैं, तो उस बच्चे को संभालना भी होता है और फिर घर के काम भी करने होते हैं।
अगर आपको कोई परेशानी न हो, तो क्या आप मुझे योगा सिखाने मेरे घर पर आ सकते हैं? मैंने कुछ सोचने के बाद उससे बोला कि ठीक है।
फिर मैंने पूछा कि आपको कौन सा टाइम ठीक रहेगा? वो बोली कि सुबह 11:30 बजे तब तक मेरे पति भी चले जाते हैं और बच्चा भी सो जाता है।
मैंने कहा- ठीक है तो मैं कल से आपके घर आ जाऊंगा।
उसने मुझे अपना फ़ोन नंबर, अपना नाम पता आदि लिखवा दिया और फिर वो चली गई।
मैं अगले दिन उसके दिए हुए पते पर पहुंच गया और जाकर बेल बजाई कुछ सेकंड बाद दरवाजा खुला और वो भाभी मेरे सामने खड़ी थी।
उसने मुस्कुराते हुए मुझसे हैलो कहा और मुझे अंदर बुलाया मैं अन्दर गया और एक सोफे पर बैठ गया उसने चाय पानी के लिए पूछा।
मैंने पानी के लिए कहा, तो वो अन्दर गई और पानी ले आयी. मैंने पानी पिया और कहा- क्या हम योग सेशन शुरू कर सकते हैं ?
वो बोली- हां … बस मैं अभी आती हूँ।
वो किचन में गई और चाय बना करके ले आयी मैंने और उसने चाय पी और हमने थोड़ी बहुत बातें करते हुए चाय खत्म की।
फिर वो झट से अन्दर के कमरे में गई और थोड़ा सा खुला सा टॉप और लोअर पहन कर आ गई। वो साथ में वो एक योग मैट लेकर आई थी।
मैंने उसे योगा करवाना शुरू कर दिया करीब एक घंटे तक मैंने उसे योगा करवाया फिर मैं वहां से चला आया।
बस इसी तरह मुझे उसे योगा करवाते हुए एक महीना हो चुका था तो हम दोनों में अच्छी जान पहचान हो चुकी थी। पर, हमारे बीच में बस अब चूत और लंड की बातें करना बाकी रह गया था।
मैं जब उसे योगा करवाता था, तो मेरी नज़र कभी कभी उसकी बड़ी बड़ी चूचियों पर जाती थीं। जब वो उलटा लेट कर योगा करती, तो मैं उसकी गांड के बीच की दरार को देखने लगता।
सच में मेरा लंड तो एकदम धीरे धीरे गर्म होने लग जाता और लोअर के अन्दर ही धीरे धीरे अकड़ने लगता।
जब कभी योगा करने के लिए वो थोड़ा ऊपर को उठती, तो मेरे उस खड़े लंड से उसकी सेक्सी गांड टच हो जाती पर वो योगा करती रहती।
उस वक्त मेरा दिल तो करता था कि इसे यहीं पकड़ कर चोद डालूं पर फिर सोचता कि नहीं यार, किसी दिन इसको खुद तैयार होने का मौका दूंगा फिर इसे अच्छे से पेलूँगा।
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की चाहती तो शायद वो भी थी कि मैं उसे चोद दूं पर उसने साफ़ साफ़ कुछ नहीं कहा। एक दिन की बात है, मैं जब उसके घर पर उसे योगा करवाने के लिए गया तो वो बहुत बिजी लग रही थी।
वो बोली- तुम बैठो मैं 15-20 मिनट में अपना सारा काम खत्म करके अभी आयी मैंने बच्चे को तो सुला दिया है ताकि वो मुझे काम करते हुए परेशान न करे।
मैं सोचने लगा कि काश आज इसे ठोकने का मौका मिल जाए मैं बोला- कोई बात नहीं तुम अपना काम खत्म कर लो, मैं इन्तजार कर लेता हूं।
वो ओके कह कर अन्दर चली गई अन्दर का सारा नजारा मुझे यहीं से दिख भी रहा था।
वो जब रसोई में काम खत्म कर रही थी, तो उसके टॉप में से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और लोअर में से उसकी गांड साफ दिखाई दे रहे थे।
ये नजारा देख देख कर मेरा लंड लोअर के अंदर ही अंदर मचलने लगा और गर्म होने लगा, मैंने अपने लंड पर चुपके से हाथ रखा।
जैसे ही मैंने अपने लंड पर हाथ रखा, उसी वक्त उसने अचानक ही मेरी तरफ देखा और मुझसे कुछ कहने लगी। पर मैं अपने लंड को सहला रहा था, तो ये देख कर उसने फिर से मुँह फेर लिया और अपने काम करने में लग गई।
मैंने जल्दी से खुद को ठीक किया और आराम से बैठ गया. मैंने देखा कि वो काम करते वक़्त बीच बीच में मेरी तरफ देखती और फिर मन ही मन में मुस्कुरा देती।
मैं बाहर सोफे पर बैठा यही सोच रहा कि आज तो नीतू को पकड़ ही लूंगा और उसे पेल ही दूंगा।
कुछ देर बाद उसने सारा काम खत्म कर दिया और मेरे लिए और अपने लिए भी चाय बना कर ले आयी।
फिर वो अन्दर चेंज करने के लिए चली गई और जाते हुए बोली- तुम एक मिनट और रुकना, बस मैं अभी तैयार होकर आयी।
अब नीतू आ गई और योगा करने में लग गई वो कुछ देर तक तो योगा करती रही, जैसे जैसे मैंने बताया फिर कुछ देर बाद बोली आज ये वाला आसन करने में तुम मेरी थोड़ी हेल्प कर देना मुझे पीछे कमर में थोड़ा दर्द है।
मैं बोला- ठीक है।
जब वो उठने वाला आसन करने लगी तो उसने मुझे खुद को पकड़ने के लिए बोला ताकि उसे उठने में थोड़ी आसानी हो।
वो जब ऊपर उठी तो उसकी गांड मेरे लंड को छू गई और जब वो नीचे हुई तो मेरे दोनों हाथ थोड़ा फिसल कर उसकी चूचियों को छू गए। शायद वो भी आज मुझसे चुदने के मूड में थी।
तो हर बार मेरा 8 इंच का लंड अकड़ने लगा और सख्त होने लगा शायद यह बात वो समझ चुकी थी।
मैंने नीतू से कहा- अगर तुम बुरा न मानो, तो मैं तुमसे एक बात कहूँ।
वो बोली- हां बोलो न?
मैंने कहा- तुम बुरा तो नहीं मानोगी।
वो थोड़ा ज़ोर से बोली- अगर तुमने नहीं बोला, तो मैं ज़रूर बुरा मान जाउंगी।
मैंने सोचा कि इससे पहले कि ये चुत हाथ से निकल जाए, मैं खुल कर बोल ही देता हूं।
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं, तुम मुझे बहुत अच्छी बहुत हॉट और बहुत सेक्सी लगती हो मैं तुम्हें चोदने के सपने देखता हूँ।
बस इतना कहते ही मैंने उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दिया और उसको कसके पकड़ कर पीछे से ही उसे चूमना शुरू कर दिया। मैं पागलों की तरह उसके चूचों को दबाता रहा।
उसने मुझसे हटने को कहा, पर मैं उसकी चूचियां दबाता रहा और उसे चूमता रहा।
कुछ देर ऐसे ही वो मुझसे हटने को बोलती रही और मैं अपनी मस्ती में दबाने और चूमने में लगा रहा।
वो सीधा हुई और वो भी अपने घुटनों के बल बैठ गई. वो मेरी तरफ देखने लगी।
मैं उसके चेहरे पर थोड़ा गुस्सा और नाराज़गी देख रहा था, तो मैंने झट से नीतू से बोला- नीतू मुझे माफ़ कर दो प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, मैं तुम्हें सच में बहुत पसंद करता हूं।
मैंने कहा- मैं क्या करूं नीतू … जब से तुम्हें देखा है और योगा करते वक़्त तुम्हारी चूचियां और गांड और उसके बीच की दरार देख देख कर मैं तुम्हें बेहद पसंद करने लगा हूं और हर रोज़ तुम्हें चोदने के सपने देखता हूं। मैं चाहते हुए भी खुद को ऐसा सोचने और देखने से रोक नहीं पाता।
पहले तो उसने अपने चेहरे पर नाराज़गी दिखाई और फिर कुछ पल के लिए एकदम से चुप हो गई वो अचानक मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगी और फिर हंस पड़ी।
वो कुछ देर तक हंसती रही और मैं चुपचाप उसे देखता रहा।
वो मुस्कुराने लगी और बोली- मुझे माफ़ करना, मैं तो बस मज़ाक कर रही थी।
फिर उसने कहा- मुझे पता हैं की तुम मुझे पसंद करते हो तुम्हारा मन मुझे चोदने का है मुझे सब पता है। तुम्हारी ही तरह मेरा भी तुम्हारे से अपनी चूत और गांड को चुदवाने का मन होता है।
ये कहते हुए उसने मुझे अपने गले से लगा लिया और मुझसे लिपट गई। वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी। उसके मुँह से लंड चूत चुदाई जैसे शब्द सुनकर मेरे लंड में गर्मी छाने लगी।
बस फिर क्या था, मैंने बिना वक़्त गंवाए नीतू को कसके अपने गले से लगा लिया और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। जैसे हम दोनों जन्मों से अपनी चुदाई की आग को बुझाने के लिए प्यासे हों।
हम करीब 15 मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे और मैं उसकी चूचियों को दबाता रहा. वो भी मेरे लोअर के ऊपर से ही एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी। आह आह आह की आवाजों से कमरा गूंज रहा था।
कुछ देर बाद मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी चूचियों को ब्रा के बाहर से ही दबाने लगा. वो लगातार ‘उंहहम्म … हहम्म …’ की मादक सिसकारियां भर रही थी। मैं उसे बिना रुके चूमता ही जा रहा था।
एक दूसरे को चूमते हुए, मैं उसकी चूचियों को मसलने और दबाने लगा।
फिर हम दोनों कुछ ही देर में एक दूसरे के सामने पूरे नंगे हो चुके थे. कब हमने एक दूसरे के कपड़े उतार फेंके, हमें खुद भी पता ही नहीं चला।
मैंने नीतू को मैट पर लिटा दिया और उसके मुँह में अपना मुँह डाल कर उसे चूमने लगा। अपनी जीभ से उसकी जीभ को चूसने लगा। कम से कम 5 मिनट तक उसे चूमने के मैंने मुँह हटा दिया।
वो मुझे प्यार से देखने लगी फिर मैं उसकी गर्दन से चूमने लगा और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा अब पहले तो मैंने उसकी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से काफी देर तक दबाया और खूब चाटा। वो भी लेटे हुए ही अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
मैं उसकी चूची को अपनी जीभ से चाटने लगा वो बेहद चुदासी हो गई थी और मादक सिसकारियां भर रही थी। इस तरह करीब आधा घंटे चुम्मा चाटी करने के बाद हम दोनों का जिस्म पूरी तरह से गर्म हो गया था।
मैं लगातार उसकी चूचियों को चूसता मसलता जा रहा था और दबाता जा रहा था वो भी सिसकारी भरती हुई मेरे लंड को हाथ से आगे पीछे करती जा रही थी। इस वक्त मेरा लंड एकदम लोहे की तरह कड़क हो गया था।
अब उसने मुझे कसके पकड़ लिया। मैं अपना एक हाथ उसके पेट से फेरता हुआ उसकी चूत तक ले गया और उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा। उसने मेरे सिर को अपने हाथ से कस के पकड़ लिया। मैं समझ गया कि अब वो पूरी गर्म हो चुकी है, उसे चूत का मजा लेने को तैयार है।
बस अब बिना वक़्त गंवाए मैंने उसकी चूत को पहले कुछ देर सहलाया और फिर अपनी उंगली को उसकी चूत में ऊपर नीचे फेरने लगा।
उसकी चूत को थोड़ा सा खोल कर अपनी उंगली ऊपर नीचे फेरने लगा। बीच बीच में मैं अपनी उंगली उसकी चूत के अन्दर डाल देता और वो आह आह की आवाज़ निकाल देती थी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसे घुटनों के बल घोड़ी बन कर बैठने को बोला। वो झट से वैसे ही बैठ गई फिर मैं उसके मुँह की तरफ गया और अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसे लंड को चूसने को कहा।
वो इतनी अधिक प्यासी और चुदासी थी कि उसने मेरे लंड को अपने हाथ से नहीं पकड़ा, सीधे अपने मुँह में लेकर लंड को चूसना शुरू कर दिया। उसकी जीभ और मुँह का गर्म अहसास पाते ही मेरी सीत्कार निकल गई- आह आह मेरी जान।
वो मेरे लंड को अन्दर तक लेकर चूसने में मस्त होने लगी और एक हाथ से मेरे आंडों को भी सहलाने लगी। मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरता जा रहा था।
वो मेरे लंड को अन्दर तक लेकर चूसने में मस्त होने लगी और एक हाथ से मेरे आंडों को भी सहलाने लगी। मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरता जा रहा था और उसकी चूचियों को दबाता और मसलता जा रहा था जैसे जैसे मैं उसकी चूचियों को जोर से दबाता और मसलता, वो और तेज़ तेज़ से मेरा लंड चूसने लगती और उसे पूरा अन्दर तक ले जाती।
मैं उसके मुँह को अपने लंड से चोदता रहा कोई 15-20 मिनट ऐसे ही चलता रहा फिर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसकी टांगें खोल कर फैला दीं।
इसके बाद मैंने अपने मुँह को उसकी चूत के पास ले जाकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. चूत पर मेरी जीभ का टच पाते ही उसने एक बड़ी लंबी सिसकारी भरी- उईई…मर गई।
वो मेरे सिर को ज़ोर से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी। मैं लगातार उसकी चूत को चाटता जा रहा था और बीच बीच में अपनी जीभ उसकी चूत के काफी अन्दर तक डाल कर उसे अन्दर ही घुमाता इससे वो तड़प उठती और अपनी मोटी और सेक्सी गांड को ऊपर उठा देती।
मैं कम से कम आधे घंटे तक उसकी चूत को चाटता रहा और वो इस बीच दो बार झड़ भी गई थी। मैं उसकी चूत का सारा रस पी कर उसकी चूत को चाटने में लगा रहा।
अब उससे मेरा उसकी चूत को लगातार चाटना और चूसना सहा ही नहीं जा रहा था। उसने मुझसे कहा- प्लीज़ अब अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो … मुझे जल्दी से चोद दो … आह मुझसे अब और नहीं सहा जा रहा है … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है।
मैंने बोला कि ठीक है … जान मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में पीछे से अपने लंड को रख कर उसे अन्दर घुसेड़ने लगा।
मेरा लंड अभी 2 इंच ही अन्दर घुस पाया था कि वो जोर से चीख उठी- आई आई मरी … ऊफ़्फ़ ऊफ़्फ़ … थोड़ा धीरे डालो न … मुझे दर्द हो रहा है।
मैंने आश्चर्य किया और पूछा- क्या हुआ तुमको दर्द क्यों हो रहा है?
वो बोली- मुझे चुदाई का सुख मिलता ही नहीं है अभी तुम धीरे धीरे करो।
फिर मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत में एक ही झटके से पूरा अन्दर डाल दिया।
इससे उसे एक ज़ोर से झटका लगा और वो चिल्ला उठी- आई ऐईई … मर गई … मेरी फट गई … आह तूने मार दिया।
दस मिनट तक मैंने नीतू भाभी को घोड़ी बना कर चोदा और इसके बाद उसे नीचे सीधा लेटा दिया।
वो अपनी चूत खोल कर मेरे लंड के लिए फ़ैल गई. मैंने उसकी दोनों टांगों को हाथ से पकड़ कर और ज्यादा फैला दिया और उसकी चूत में अपने लंड को घुसेड़ दिया।
लंड घुसवाते ही वो झटके से हिली, पर अगले ही पल उसे लंड का मज़ा आने लगा. वो अपनी गांड उठाते हुए अपनी चूत की ठुकाई का मज़ा लेने लगी।
मेरे हर झटके के साथ उसके मुँह से मस्त आवाज़ आ रही थी. वो मेरे 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड से अपनी चूत की चुदाई का मज़ा ले रही थी।
कुछ देर बाद मेरे कुछ और झटकों के बाद वो झड़ गई और निढाल होकर लेट गई।
वो तो झड़ गई थी, पर मेरा लंड तो अभी खड़ा ही था और लोहे की तरह सख्त था। मेरा लंड अभी भी उसकी चूत को लगातार पेले जा रहा था।
अब वो कराह रही थी- आह जल्दी करो न … मुझे बहुत दर्द हो रहा है तुम्हारा लंड बहुत मस्त लम्बा और मोटा है मुझे मज़ा भी आ रहा है … और दर्द भी हो रहा है।
करीब और 5 मिनट उसकी चूत को ठोकने के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया। मैंने अपने लंड का सारा पानी उसकीचूत के अन्दर ही गिरा दिया। मैं उसके ऊपर यूं ही चित लेट गया।
हम दोनों एक दूसरे से इसी तरह न जाने कितनी देर तक लिपटे रहे। फिर करीब आधे घंटे बाद हम दोनों उठ गए। पहले तो हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर एक दूसरे की चूमने लगे।
थोड़ी देर बाद फिर से वही सारा सिलसिला शुरू हो गया। मैंने दो घंटे तक लगातार भाभी को चोदा चुदाई का भरपूर मजा लेने के बाद हम दोनों बाथरूम में आ गए।
मैं खुद को साफ किया। तभी उसने शॉवर चला दिया। हम दोनों नंगे तो थे ही, फव्वारे के नीचे खड़े होकर एक दूसरे के साथ चुदाई का खेल खेलने लगे।
बाथरूम में फव्वारे की बौछार के नीचे फिर से एक बार हमने खुल कर चुदाई की और नहा कर अपने अपने कपड़े पहन लिए।
बाहर निकल कर मैं सोफे पर बैठ गया. वो मेरे लिए गर्म गर्म कॉफ़ी बना कर लाई और अपने लिए भी।
हम दोनों ने साथ में बैठ कर कॉफ़ी पी और कुछ देर बातें की. मैंने उसे एक बार गले से लगा कर कर किस किया और चला गया।
उस दिन मैंने 3 बार भाभी को चोदा था जब भी मैं रोज़ उसे योगा करवाने उसके घर जाता और मौका देख कर उसे चोद देता।
आपको भाभी को योगा करवाते हुए चोदने की मेरी कहानी को पढ़कर कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताइयेगा।