मेरी सुहागरात और चुदी चुदाई बेवफा बीवी

दोस्तो, मेरा नाम निशांत है मैं यूपी का रहने वाला हूं। देखने में मैं एक औसत कद-काठी का युवक हूं।

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यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी हैं मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं। स्कूल और कॉलेज में मैंने कभी किसी लड़की पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, सोचा शादी होगी तो बीवी के साथ ही मेरा पहला और आखिरी प्यार होगा।

मेरी शादी अर्चना नाम की लड़की से हो गई वह देखने में ठीक ही थी मैंने कभी किसी लड़की के बारे में ठीक से सोचा नहीं था तो अर्चना ही मेरी सपनों की रानी बन गई।

धूमधाम से शादी हुई और वह रात आई जिसका हर लड़के और लड़की को जीवन भर इंतजार रहता है यानि सुहागरात का।

कमरे में अर्चना पहले से ही घूंघट निकाल कर बैठी हुई थी मैं उसके पास गया जब उसको मैंने देखा तो बस देखता ही रह गया।

मैंने थोड़ी देर उससे बात की और कहा कभी किसी लड़की को न तो दोस्त बना पाया और न ही किसी लड़की के बारे में सोचा।

अर्चना बस थोड़ा शर्माई और उसने अपना मुँह नीचे कर लिया।

मैंने उसका मुँह उठा कर उसके होंठ ध्यान से देखे और धीरे से अपना एक अंगूठा उसके नीचे के होंठ पर फिराया।

अर्चना ने आंखें बंद कर लीं, तो मैंने प्यार से उसका चेहरा पकड़ कर उसको किस किया ये मेरा पहला किस था तो ऐसा लगा कि मैं किसी जन्नत की परी को चूम रहा हूँ।

हम दोनों एक दूसरे को करीब 5 मिनट तक किस करते रहे।

फिर मैंने उसकी साड़ी को खोला, ब्लाउज की डोरी खोली और उसको गर्दन पर किस करते हुए उसका ब्लाउज खोल कर निकाल दिया।

अर्चना आंखें बंद करके ‘सी सी आह्ह्ह …’ की आवाज करने लगी।

अर्चना ने लाल रंग की फैंसी ब्रा पहन रखी थी. गोरा बदन और उस पर लाल ब्रा को देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं।

खैर … मैं ललचाई आंखों से अपनी बीवी को ऊपर से नीचे तक देखने लगा मेरे लंड में भी तनाव आने लगा था।

झटके से मैंने उसका पेटीकोट भी निकाल दिया अब अर्चना सिर्फ लाल रंग की ब्रा पैंटी में थी उसका चमकीला गोरा बदन मेरे सामने गजब का कामुक नजारा बिखेर रहा था।

मैं बस अपनी पत्नी के चूत को टकटकी लगाए देख रहा था अर्चना ने अपना मुँह अपने मेहंदी लगे हाथों से छुपा लिया था।

अब मैं होश में आया और अपनी बीवी के ऊपर झुक कर उसको चूमने चाटने लगा कमरे का माहौल, चूमने चाटने की आवाज़ों और बीवी की सिसकारियों से रोमांटिक हो गया।

मैंने भी देर ना करते हुए अपने कपड़े उतार दिए और केवल कच्छे में आ गया अपनी बीवी को मैंने जी भर के चूमा, हर जगह चाटा उसकी गर्दन पर मेरे ज्यादा जोर से चूमने से निशान पड़ गए थे।

अब तक अर्चना भी मदहोश हो गई थी और उसके दोनों हाथ कभी मेरे बालों में, तो कभी मेरी कमर पर चल रहे थे।

मैंने ज्यादा देर न करते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और किस करते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी अर्चना की चूचियों का साइज 34 इंच का था।

बूब्स देख कर मैंने पहले तो दोनों हाथों से उन्हें महसूस किया फिर एक चूची हाथ से दबाई और दूसरी चूची को मुँह में भर कर किसी पगले की तरह से चूमने लगा, उन्हें दांतों से काटने लगा।

अर्चना के दोनों हाथ मेरी कमर और बालों में चलने लगे वह लगातार ‘आह्ह्ह उम्म्म सीई …’ की आवाजें निकाल रही थी।

मेरे चूमने काटने की वजह से उसकी आंखों से आंसू आने लगे लेकिन वह तो मानो किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई थी अब मैं खड़ा हुआ और उसकी पैंटी को दोनों हाथों से साइड से पकड़ लिया।

अर्चना समझ गई और उसने अपनी गांड थोड़ा ऊपर उठा दी मैंने उसकी पैंटी निकाल दी।

आह क्या जांघें थीं साली की … और उसकी क्लीन शेव्ड चूत …मेरी दिल की धड़कनें बढ़ गईं।

मैं देर न करते हुए अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गया और सूंघने लगा।

अपनी उंगलियों से चूत की कलियां फैलाई और सूंघने लगा फिर मैं जीभ निकाल कर किसी कुत्ते की तरह उस बेवफा रंडी की चूत चाटने लगा यह सोच कर कि ये अनछुई सील पैक चूत है।

काफी देर तक मैं कभी अर्चना के बूब्स दबाता, तो कभी उसकी जांघों को पकड़ कर उसकी चूत चाटता तभी अर्चना ने जोर से आह निकाली और अकड़ते हुए अपनी चूत का पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया।

मैं उसका सारा पानी पी गया उसकी सांसें और धड़कनें तेज हो गई थीं।

मैंने अर्चना को देखा, तो भरी सर्दियों में उसे पसीना आ गया था तभी मैंने अपना कच्छा भी निकाल दिया और मैं भी पूरा नंगा हो गया।

मुझे नहीं पता था कि लड़कों के लंड का सामान्य आकार कितना होता होगा लेकिन मेरा लंड देख कर अर्चना ने मुझे बेड पर लिटा दिया।

फिर वो धिरे धिरे निचे गयी और मेरा लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी।

मुझे पहले तो थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर सोचा कि शायद ये भी गर्म हो गई है मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और बस लंड चुसवाने का आनन्द लेने लगा।

पता नहीं कब… वह 69 के पोज में आ गई और अपनी चिकनी और गीली चूत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी।

मैंने भी पूरे जोश में उसकी चूत चाटी अब मैंने ज्यादा देर नहीं की और अर्चना को बेड पर सीधा लेटा दिया उसने खुद ही अपनी दोनों टांगें खोल दीं और अपनी बांहें फैला कर मुझे अपने ऊपर लेटने को बुलाने लगी।

मैंने अपने पर्स में से कंडोम निकाला और पहनने लगा तभी अर्चना ने कहा- अब आ भी जाइए न और मत तड़पाइए।

तभी उसने थोड़ा मुस्कुरा कर कंडोम मेरे हाथ से ले लिया और नीचे झुक कर कंडोम अपने हाथों से चढ़ा दिया।

मैं सुहागरात के एक एक पल को यादगार बना लेना चाहता था मैंने अर्चना को नीचे लिटाया।

उसने फिर से अपनी टांगें खोल लीं और मैं उसके ऊपर लेट कर उसके होठों को चूमने लगा एक हाथ से उसके चूचे दबाने लगा और दूसरे हाथ की उंगलियों को मैं चूत पर चलाने लगा।

अर्चना अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी और धीरे से कान में बोली- अब चोद भी दो ना … क्यों तड़पा रहे हो उसने अपनी गांड उठा दी जिससे लंड चूत में घुस जाए।

लेकिन मैंने लंड पीछे खींच लिया मैंने कहा- जल्दी क्या है मेरी जान पूरी रात पड़ी है।

मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी लेकिन उसके चेहरे पर कोई दर्द नहीं था वह तो बस अपने मुँह से ‘उम्म्म सीइईईई आह …’ की आवाज़ें निकाल रही थी।

मुझे थोड़ी हैरानी हुई लेकिन फिर ज्यादा न सोच कर मैंने दो उंगली अन्दर चूत में डाल दीं लेकिन उसे कुछ दर्द नहीं हुआ बल्कि वह गुस्से में बोली- जब इतना मोटा लंड दिया है भगवान ने तो ये उंगलियां क्यों डाल रहे हो?

अब मुझे थोड़ी चिंता हुई मैंने 3 फिर 4 उंगलियां अन्दर डाल कर थोड़ा दबाव बनाया।

अर्चना की चूत मेरी चारों उंगलियां बड़ी आसानी से खा गई वाइफ की फटी चूत पाकर मेरे पैरों से जमीन निकल गई।

 

मैं रुक गया.

उधर अर्चना ने बिना आंखें खोले फिर से गुस्से में कहा- क्या हुआ रुक क्यों गए … डालो ना अपना लंड मेरी चूत में मुझे इस तरह से खामोश देख कर वह चुप हो गई और आंखें बंद करके रोने लगी।

मैं समझ गया कि यह लड़की बेवफा है, वह पहले से चुदी हुई है।

मेरा मूड ऑफ हो गया था और लौड़े का तनाव खत्म हो गया था।

मेरी पत्नी समझ गई थी कि उसकी असलियत पकड़ी गई है उसने रोना शुरू कर दिया था।

मैं उससे अलग हो गया और उसकी बाजू में लेट गया वह खामोश थी और बस अपने आंसू बहाए जा रही थी।

मैंने भी कुछ नहीं कहा फिलहाल कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं.

तभी अर्चना ने मुझे छुआ और कहा- क्या हुआ जी? मैंने कुछ नहीं कहा।

उसने दो तीन बार मुझसे बात करने की कोशिश की, फिर वह कपड़े पहन कर सो गई।

मैंने भी अपने कपड़े पहने और कब नींद आ गई, कुछ होश ही न रहा।

सुबह अर्चना ने मुझे जगाया लेकिन अब उस पर मुझे प्यार आ रहा था तो मैंने उसे सुबह ही पेल दिया।

मैं जान गया था की वो बेवफा हैं वो चुदाई के बाद मुझसे माफ़ी मांगने लगी और फिर मैंने भी अपनी बेवफा पत्नी को माफ़ कर ही दिया अब तो उसके साथ ही चुदाई करनी जो थी।

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