दोस्तों मेरा नाम गौरव हैं और मैं जयपुर से हूँ मैं B. COM. फाइनल की पढाई कर रहा हूँ मेरी उम्र 23 साल हैं मेरी हाइट छह फीट की है और मेरा लंड का साइज 7 इंच हैं।
मेरी भाभी का नाम आरती है उनकी उम्र 30 साल की है भाभी का फिगर 32-28-34 का है, वे अभी कमसिन लड़की जैसी ही लगती हैं।
यह कहानी कुछ समय पहले की है बहुत तेज सर्दी थी वह दिसंबर का महीना था।
उस समय हमारे घर में मैं, भाभी और मेरी मम्मी ही थीं, भैया अपनी कंपनी के काम से दिल्ली गए थे।
आज मम्मी को भी किसी काम से मौसी के घर जाना था तो मैं उन्हें मौसी के घर छोड़ के आया तो शाम हो चुकी थी। घर आकर मैंने कुछ देर अपने कमरे में पढाई की फिर समय देखा तो रात के नौ बज चुके थे। खाने का टाइम हो गया था तो भाभी ने मुझे खाने के लिए आवाज़ लगाई।
अब मेरी पढाई भी पूरी हो चुकी थी तो मैं कमरे से बाहर आया और भाभी और मैं दोनों साथ खाना खाने लगे, खाना खाने के बाद भाभी अपने कमरे में सोने चली गई थीं।
रात में ठंड बहुत तेज थी और मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं कंबल ओढ़कर लेटा था और करवटें बदल रहा था। तभी भाभी मेरे कमरे में आईं और कहने लगीं- सोए नहीं अभी तक गौरव तुम।
मैंने कहा- भाभी, ठण्ड लग रही हैं लेकिन नींद नहीं आ रही है।
भाभी ने कहा- तुम भी न गौरव तुम्हारे कमरे मे तो हीटर लगा हैं फिर भी तुम्हें ठण्ड लग रही हैं। हाँ, वैसे ठण्ड तो मुझे भी लग रही हैं मेरे कमरे में हीटर होता तो मैं भी………
मैंने कहा तो क्या हुआ भाभी आप हीटर ऑन कर लीजिये और यही सो जाइये। मेरे मुँह से ये बात सुनकर भाभी मुझे हैरानी भरी नजरो से देखने लगी।
उन्होंने कहा नहीं मैं तुम्हारे कमरे में कैसे सो सकती हूँ? किसी को पता चल गया तो, नहीं ऐसा…..
मैंने भाभी की बात काटते हुए कहा नहीं भाभी किसी को पता नहीं चलेगा।
हैं ही कौन इस वक़्त हमारे अलावा इस घर में मम्मी तो आज ही मौसी के यहाँ गई हैं और भैया भी नहीं हैं। मेरी यह बात सुनकर भाभी को तसल्ली हुई तो भाभी मेरे कमरे में सोने के लिए मान गई और मैं सोफे पर सो गया और भाभी मेरे बेड पर।
मैंने कहा- बस आप जरा हीटर को फुल पर कर देना वे हीटर को तेज स्पीड पर करके मेरे बेड पर आ गईं और मेरी तरफ गांड करके सोने लगीं।
रात के करीब 1 बजे मेरी आंख खुली, तो हीटर के कारण कमरे में गर्मी हो गई थी और भाभी ने कंबल नहीं ओढ़ रखा था। उनकी साड़ी उनके घुटने के ऊपर थी और उनके बूब्स ब्लाउज से बाहर आ रहे थे।
मैंने अपने एक हाथ को उनकी गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया और अपना पैर उनके पैर के ऊपर रख दिया। भाभी धीरे धीरे गर्म होने लगी उनकी मादक आहें निकलने लगी थीं। फिर मैंने अपने दूसरा हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और उनके बूब्स दबाने लगा।
भाभी थोड़ी जोश में आने लगीं उसके बाद वे मेरी तरफ मुड़ गईं और हम दोनों के होंठ एक दूसरे से टकरा गए। मैंने उनके होंठों को अच्छे से चूसा उनका हाथ मेरे लंड को मसल रहा था।
मैं भाभी को नंगी करने लगा उनके नंगे बूब्स और गांड देख कर मेरा लंड सख्त हो गया। मैं भाभी के बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ने लगा।
उनकी दोनों चूचियों को मैंने बारी बारी से चूसा उसके बाद मैं भाभी की चूत को चूसने लगा। भाभी गर्म होने लगी थी और अपने मुँह से मादक सिसकियाँ निकाल रही थी और अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं।
करीब 15 मिनट तक मैंने भाभी की चूत को चूसा तो भाभी झड़ गईं मैं उनकी चूत को चूसता रहा।
कुछ देर बाद भाभी उठीं और वे मेरे ऊपर आ गईं वे मेरे होंठों को किस करने लगीं और मेरा लंड सहलाने लगीं।
मैंने कहा- चूस लो न!
यह सुनते ही भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं उस वक्त मुझे बहुत मजा आ रहा था। भाभी के लंड चूसने से मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था, भाभी उसको चूसे जा रही थीं।
फिर भाभी कहने लगीं- अब चोद दो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है मैं भाभी की चूत को चूसने लगा उसके बाद मैं अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा।
भाभी तड़पने लगीं, वे बार बार कह रही थीं- जल्दी से चोद दो… चोदो ना जल्दी से! मैंने अपना पूरा लंड एक बार में भाभी की चूत के अन्दर डाल दिया।
भाभी जोर से चीख पड़ीं और ‘आह आह मर गई’ की आवाज करने लगीं उनकी आंखों से आंसू आने लगे, मैं समझ गया था कि भाभी बहुत दिनों से नहीं चुदी इसीलिए उन्हें थोड़ा दर्द हो रहा था।
भाभी बस चिल्ला रही थीं और मेरी बाहों में तड़प रही थीं मैं उन्हें ताबड़तोड़ चोदता जा रहा था और उनकी चूत में लंबे लंबे झटके मारने लगा था।
वे मेरे लौड़े का जमकर मुकाबला कर रही थीं और मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपनी चूचियों की तरफ खींच रही थीं और जोशीले अंदाज़ में कह रही थी मुझसे चूची भी चूस साले… आह कितना अन्दर तक पेल रहा है लौड़े को। आह मजा आ गया आह चोद मेरे राजा।
मैं भाभी की चूची को मुँह में भर कर उन्हें चोद भी रहा था और उनके दोनों दूध को बारी बारी से खींचता हुआ चूस रहा था।
मेरा लंड उन्हें कई दिनों से चोदना चाहता था जिसका मौका मुझे आज मिल रहा था। भाभी को भी देवर के लौड़े से चुदने में खूब मजा आ रहा था- आह अम्म आह चोद दे रगड़ दे आह बना ले अपनी रंडी आह।
उनकी कामुक सिसकियाँ मुझे और भी ज्यादा उत्तेजना से भर रही थी। मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत को रगड़ कर चोदते हुए और जोर से चुम्मा चाटी करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों के ऊपर रख लिया और लंड पेला तो पता चला उनकी चूत पूरी खुल चुकी थी।
फिर से मैं भाभी की चुदाई करने लगा वे आह आह करती हुई अपनी गांड उठा उठा कर लंड ले रही थीं।
मैं अपने दोनों हाथों से उनकी टांगों को अपनी बांहों में दबाए हुए थे और भाभी को दबा कर चोद रहा था।
मैं एक हाथ से उनकी चूचियों को भी दबा रहा था और उनके होंठों को भी चूम रहा था।
भाभी- आ आह… बहुत अच्छा लग रहा है ऐसे तो तुम्हारे भैया भी मुझे नहीं चोद पाए… आह अम्म अम्म ऊह आह फाड़ दो मेरी चूत को।
मैंने कहा- भाभी, मुझे आपके साथ सेक्स करने में बहुत ही मजा आ रहा है।
भाभी बोलीं- मुझे मालूम होता कि तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो तो मैं तो उसी के बाद मैं तुम्हारे पास आ जाती, जब तुम्हारे भैया बाहर गए थे।
मैंने कहा- भैया को आने में अभी 2 हफ्ते बाकी हैं न भाभी।
भाभी- हां हां मैं जानती हूं… आह तुम उनके आने तक मेरी लेते रहना ऊह आह।
बस हम दोनों का कुछ ही देर में रस झड़ने वाला था भाभी को भी वासना की नदी में डुबकी लगाने को मिलने वाला था और मुझे भी।
उस वक्त मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार और बढ़ा दी और मैं भाभी की चूत की चुदाई और जोर जोर से करने लगा साथ ही मैं अपने हाथ से उनकी चूत के ऊपर दाने को भी मसलने लगा।
भाभी को बहुत ही ज्यादा चरमसुख का मजा मिल रहा था फिर जैसे ही मेरा झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी के पेट पर अपना सारा माल झाड़ दिया।
मैं और भाभी हम दोनों बहुत ज्यादा थक गए थे इसलिए मैं भाभी के ऊपर गिर गया और भाभी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया वह मेरे सिर को अपने नर्म हाथों से सहलाने लगीं।
भाभी कहने लगीं- तुमने मुझे असली प्यार दिया है हम दोनों हंसने लगे और मैं भाभी की बांहों में ही सो गया। मैं कुछ देर बाद उठा मैंने उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और अपना खड़ा लंड भाभी की गांड में दबा दिया।
थोड़ी देर में यूं ही पड़ा रहा था, फिर लंड की अकड़न से भाभी भी होश में आने लगीं और मजा लेने लगीं।
मैंने उस रात भाभी को 3 बार चोदा भाभी की चूत दर्द करने लगी थी फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए।
सुबह भाभी मेरे पास आईं और मुझे जगाती हुई बोलीं- देवर जी, नहा लो।
मैंने कहा- भाभी, आज तुम्हारे साथ नहाना है चलो न मेरे रूम वाले बाथरूम में।
उन्होंने मना कर दिया- अभी नहीं।
मैंने कहा- चलो ना भाभी शाम को तो मम्मी आ जाएगी।
भाभी ने कहा- ओके तुम चलो, मैं आती हूं।
जैसे ही मैं बाथरूम में अन्दर आया, पीछे से भाभी भी अन्दर आ गईं। मैंने उनको पीछे से अपनी बांहों में ले लिया और गर्दन को चूमने लगा।
भाभी घूम कर सामने से आ गईं और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे मजे में भाभी मेरे होंठों को काटे जा रही थीं।
हम दोनों के कपड़े अलग हो गए, तभी मैंने फव्वारा चालू कर दिया और हम दोनों नहाने लगे। भाभी मेरा लंड सहलाने लगीं और नीचे बैठ कर चूमने लगीं।
उनके मुँह में जाते ही मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया। मैं भी उनका सर पकड़ कर मुँह चोदने लगा भाभी भी मजे में अपना मुँह चुदवा रही थीं।
दस मिनट बाद मैंने सारा माल़ भाभी के मुँह में छोड़ दिया भाभी बड़े मजे से सारा रस पी गईं फिर मैं फर्श पर लेट गया और 69 में आकर भाभी की चूत चाटने लगा भाभी मेरा लंड चूसने लगीं।
कुछ ही देर बाद फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत मारने लगा।
भाभी पूरी पागल हो गई थीं और गाली देने लगी थीं- देवर साले, चोद ना… फाड़ दे मेरी चूत को… आह अपनी राण्ड बना ले मुझको… अह अह्ह फाड़ दी बहन के लौड़े ने मेरी चूत।
मैं भाभी को धकापेल चोदे जा रहा था करीब पंद्रह मिनट बाद मैंने अपना सारा माल भाभी की चूत में ही निकाल दिया और भाभी देवर दोनों एक साथ झड़ गए। फिर हम दोनों नहाकर बाहर आए अब जब घर में कोई नहीं रहता है, तो मैं भाभी को बहुत चोदता हूँ।
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दोस्तों आपको देवर और भाभी की सेक्स कहानी केसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये, धन्यवाद।