दोस्तो, मेरा नाम पंकज हैं मैं जबलपुर मध्य प्रदेश का रहने हूँ। देखने में मैं अच्छा हूं, रंग गोरा है और शरीर भी ठीक-ठाक है। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ।
बात पिछले साल की है। हमारे घर में एक कामवाली काम करने आती थी जिसकी उम्र लगभग 30-32 साल की थी। उसका फिगर 34-32-36 का था।
वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी लेकिन रंग हल्का सा सांवला था।
मैं एक दिन नाईट शिफ्ट करके सुबह ही ऑफिस से आया था।थका हुआ था तो मैं सोने लगा फिर कुछ देर के बाद लेटते ही मुझे नींद आ गयी।
ज्यादा देर नहीं हुई थी कि किसी ने मेरे रूम की लाइट जला दी मैंने आंखें खोलीं तो वो पौंछा लगाने मेरे कमरे में आई हुई थी।
मैं तो उसके लिए पहले ही कामुक हो चुका था उसके सेक्सी बदन को ताड़ने के लिए मैं सोने का नाटक करता रहा। उसकी गांड और चूचे अलग से उभरे हुए दिख रहे थे मेरे मन में चुदाई के ख्याल आने लगे।
जब वो सामने झुककर पौंछा लगा रही थी तो उसकी चूचियां सूट में अंदर हिलती हुई दिख रही थीं। शायद उसने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए चूची दायें बायें हिल रही थीं।
मैंने चादर ओढ़ी हुई थी और मेरा लंड अब तन कर खड़ा हो चुका था इतने में ही उसने मुझे देख लिया। वो बोली- साहब, बस काम होने वाला है. मैं दो मिनट में यहां की सफाई खत्म कर दूंगी।
फिर वो पौंछा लगाकर चली गयी मेरी नींद टूट चुकी थी इसलिए मैं फिर दोबारा नहीं सोया और बाहर हॉल में आ गया।
वो दिन में दो बार आती थी और घर का सारा काम करके जाती थी मैंने सोच लिया था कि इस नौकरानी की चुदाई तो मैं करके ही रहूंगा।फिर मैंने उसको पटाने की कोशिश शुरू कर दी।
मेरे पापा का बिज़नेस है जिसके सिलसिले में वह बाहर ज़्यादा रहते हैं। मेरी मम्मी स्कूल में टीचर हैं इसलिए वह भी जल्दी ही घर से निकल जाती है।
अब मैं जल्दी उठ जाता था सुबह ताकि जब वो आये तो मैं उससे बातें करते हुए उसको पटाने की कोशिश करूं। मैं उससे रोज किसी न किसी बहाने से बातें करने की कोशिश करता।
मैं जानबूझकर उसके सामने शॉर्टस में घूमा करता था एक दिन तो मैं सीधा बेड से उठकर अंडरवियर में ही उसके सामने वॉशरूम में गया।
उसने मुझे इस हालत में देखा तो एकदम से शर्म के मारे नजर नीचे कर ली और मुस्कराने लगी।
जब मैं वापस आया तो मेरा लंड मेरे अंडरवियर में तनकर एक तरफ निकला हुआ था और उसने वो भी देख लिया मगर मुझे जाहिर नहीं होने दिया कि वो भी देख रही है।
इस तरह से अब दोनों तरफ से ही पहल का इंतजार हो रहा था मैं जानता था कि अगर मैं एक कदम आगे लूंगा तो वो भी फिर चुदने के लिए आराम से तैयार हो जायेगी। मैं बस सही मौके की तलाश में था।
मैं जल्दी से उस नौकरानी की चूत के मजे लेना चाहता था इसके लिए मैंने पूरी प्लानिंग कर ली थी। अब मैं उसके आने का इंतजार करने लग गया।
वह आई और मैं सोने का नाटक करने लगा। मैंने अपने लैपटॉप पर ब्लू फिल्म लगा कर छोड़ दी थी और वह हल्का खोल दिया था। मेरा लंड पहले ही तन कर खड़ा था।
वह आई और उसने मुझे आवाज़ दी मैंने सोने का नाटक किया और कुछ नहीं बोला। वह कमरे में आयी हुई तो उसने जैसे ही लाइट जलाई उसकी नज़र मेरे तने हुए लंड पर गई।
मैं हल्की सी आंख खोलकर देख रहा था उसकी नजर मेरे लंड पर थी मेरा लंड 7 इंच का हैं का है। उसने मुझे बोला पंकज जी उठ जाइये। मुझे कमरा साफ करना है।
उसके आवाज देने पर भी मैं नींद में होने का नाटक करने लगा उसने फिर मेरे लंड को निहारा और उसकी आवाज़ में मादकता आने लगी। फिर मैं उठा और वाशरूम में चला गया वह कमरा साफ करने लगी।
अंदर बाथरूम में जाकर मैं बाहर झांकने लगा फिर चादर ठीक करने के लिए जैसे ही उसने लैपटॉप उठाया तो उसमें ब्लू फिल्म लगी हुई थी।
एक बार तो उसने यहां वहां देखा. फिर वो ब्लू फिल्म देखने लगी। उसके चेहरे पर घबराहट सी मैं साफ देख सकता था मगर उसको वो चुदाई की फिल्म देखने में मजा भी आ रहा था।
मैं चुपके से ये सब देख रहा था और वह चूचियों को दबाने लगी। उनको धीरे धीरे अपने सूट के ऊपर से ही मसल रही थी यही मौका था इस गर्म चूत में लंड पेलने का।
एकदम से मैं बाथरूम में बाहर आ गया तो वो चौंक गयी और उसने एकदम से उठकर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया।
मैंने भी हैरान होने का नाटक किया और उसके सामने ही वो लैपटॉप उठा लिया।
मैंने कहा- अरे … इसके लिए सॉरी।
जब उसे लगा कि मैं सॉरी बोल रहा हूं तो उसकी थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो शर्माते हुए बोली- आप ये सब भी देखते हैं?
मैंने कहा- तो क्या करूँ … अब जब तक शादी नहीं होती तो यही करना पड़ेगा।
वो बोली- तो फिर शादी कर लो आप। मैंने कहा- उसके लिए कोई मिले भी तो।
वो बोली- आप को कैसी लड़की चाहिए? मैंने तुरंत कहा- तुम्हारे जैसी।
वो बोली- क्या?
मैंने उसे खींच कर अपनी बांहों में भर लिया और उसकी गांड दबाते हुए अपने तने हुए लौड़े को उसकी जांघों पर रगड़ने लगा।
धीरे धीरे मैं अपने होंठ उसके होंठों पास ले गया और उसकी आँखें बंद होती चली गयीं। मैं उसके होंठों को चूसने लगा और वो भी जैसे मेरी बांहों में लिपटती चली गयी।
अब मैं उसे किस कर रहा था और उसके मुंह से आवाज़ आ रही थी- आह.. उम्म… साहब ये क्या कर रहे हो … कोई आ गया तो?
मैं जानता था कि वो ये सब नाटक कर रही है। चूत तो उसकी भी पूरी गर्म थी। मैं बोला- अब ज्यादा बनो मत, मैं जानता हूं कि तुम मेरे अंडरवियर में मेरे हथियार को देखती रहती हो। उसने फिर कुछ भी बोलना बंद कर दिया और आराम से मेरा साथ देने लगी।
उसके होंठों को मैं दो मिनट तक चूसता रहा और फिर उसकी चूचियों को दबाने लगा। उसके हाथ को मैंने नीचे अपने हाथ से पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया तो उसने पहली बार में ही मेरे को लंड को ऊपर से पकड़ लिया और उसको दबा दबाकर सहलाने लगी।
मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत में घुसने को हो रहा था फिर मैंने उसे नीचे बैठने का इशारा किया तो वो समझ गयी।
वह घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से खींचकर मेरी अंडरवियर को उतार दिया।
मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत में घुसने को हो रहा था फिर मैंने उसे नीचे बैठने का इशारा किया तो वो समझ गयी।
वह घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से खींचकर मेरी अंडरवियर को उतार दिया।
वो मेरे 7 इंच के लंड को हैरान होकर देखने लगी मैंने कहा- पसंद आया? वो शर्मा गयी और मैंने उसको आंख मारकर लंड चूसने का इशारा किया।
उसने मुंह खोला और अपने होठों से गर्मागर्म लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी उसने जैसे ही लंड मुंह में लिया और वो चुदक्कड़ औरत की तरह लंड को चूस रही थी।
मैं भी उसके बाल पकड़ कर उसके मुंह को आगे पीछे कर रहा था और उसका मुंह चोदे जा रहा था।
अब मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और उसे गले पर किस करने लगा, उसके होंठ चूमने लगा धीमे धीमे उसके दूधों को ऊपर से चूस चूसकर उसके कुर्ते को गीला कर दिया।
मैंने उसे उठाया और उसका कुरता उतरवा दिया फिर उसकी सलवार भी जल्दी से निकलवा दी अब मैं ज्यादा देर लंड को इंतजार नहीं करवा सकता था. मैं जल्दी से उसकी चूत मारना चाह रहा था।
वो मेरे सामने पैंटी और ब्रा में थी … उफ्फ … क्या लग रही थी उसके पसीने की महक मुझे पागल कर रही थी. मैंने उसकी चूचियों को दबाया और उसकी चूत को सहलाया तो उसने भी मेरे कपडे़ उतार दिए।
अब उसकी ब्रा और पैंटी को उतरवा कर मैंने भी उसको पूरी की पूरी नंगी कर दिया पहली बार मैंने किसी नौकरानी को नंगी देखा था।
हम दोनों पूरे के पूरे नंगे हो चुके थे उसकी चूचियां एकदम गोल गोल तनी हुई थीं। मैंने उसके दूध को पागलों की तरह पीना शुरू कर दिया।
वो बोली- आराम से पीजिए साहब। मैंने कहा- साहब कहना बंद करो … जान कहो मुझे।
वो ये सुनकर और ज्यादा चुदासी हो गयी और मेरे मुंह को अपनी चूचियों में दबाने और मेरे बालों को सहलाने लगी।
नीचे से मैं उसकी चूत को हथेली से रगड़े जा रहा था उसकी चूत अब गीली होने लगी थी और मुझे उसको रगड़ने में गजब का मजा आ रहा था।
कुछ देर उसकी चूचियों को पीने के बाद मैंने उसे अब 69 में कर लिया और हम दोनों अब 69 में आ चुके थे।
अब मैं उसकी चूत का रसपान कर रहा था और वो मेरे नागराज को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी क्या मस्त माल थी वो यार उफ्फ़… मजा आ रहा था उसके साथ।
उसकी चूत को चूसते और चाटते हुए मैंने उंगली उसकी गांड में डाल दी जिससे वह उछल गई। मैं कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था … जीभ डाल कर अंदर भी घुमा रहा था जिससे वह बहुत ज्यादा कामुक हो गयी।
अब वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी। मेरी झांटों में जीभ फिरा रही थी। कभी मेरी गांड को उंगली से सहलाने लगती थी। उसकी चूत का हाल मैंने बेहाल कर दिया था।
वो बिल्कुल एक रंडी की तरह मेरे लंड से खेल रही थी। अब हम दोनों चुदाई के लिए तैयार हो चुके थे मैंने उसे लिटा दिया और टांगें फैला दीं।
मैं उसकी चूत में लंड को पेलने ही वाला था कि उसने मुझे रोक दिया- रुको साहब! तो मैं बोला- क्या हुआ?
उसने मेरी ओर हवस भरी निगाहों से देखा झट से उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे लंड पर आकर बैठ गयी। फिर प्यार से मेरे मूसल को पकड़ा और फिर धीरे धीरे … आहिस्ता आहिस्ता … अपनी गर्म चूत में उतरवा लिया।
मैं सिसकार उठा- आह्ह … आह्ह … क्या बात है मेरी रानी … तू तो कमाल है वो सिसकारते हुए बोली- बस अब देखते जाओ जान … आपको मजा तो मैं ही देती हूं आज।
वो मेरे लंड पर आगे पीछे चूत को करने लगी। उसकी चूत में लंड चलना शुरू हुआ तो मैं जैसे स्वर्ग के आनंद में खो गया उसकी चिकनी चूत में मेरा लंड पूरा फंसकर जा रहा था।
धीरे धीरे उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो मेरे लंड को चोदने लगी। मैं तेजी से सिसकारने लगा और वो भी जोर जोर से आह्ह … आह्ह … साब जी … आपका लौड़ा … आह्ह … ओह्ह … क्या मजा दे रहा है … आह्ह … हाय।
मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और तेजी से उसके चूतड़ आगे पीछे करवाने लगा हम दोनों चुदाई के नशे में डूबने लगे।
उसकी चूचियां जोर जोर से डोल रही थीं जिनको मैं बीच बीच में पकड़ पकड़ कर जोर से दबा देता था।
कुछ देर तक वो मुझे चोदती रही. अब मैं बिना लंड निकाले उसके ऊपर आ गया और उसके पैर अपने कंधे पर रख कर उसे चोदने लगा जिससे कमरे में फच … फच … फच …. ओह … ओह … की आवाज गूंजने लगी।
चुदाई की आवाजों और सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था।बीच बीच में मैं उसके दूध चूस ले रहा था … उफ्फ़… क्या मस्त लग रही थी वो चुदते हुए।
फिर वो मदहोश होकर बोली- आह्ह साब … अब मैं झड़ने वाली हूं आह्ह … चोदो … आह्ह … फाड़ दो।
मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए और उसकी चूत से रस का अहसास मैं अपने लंड पर कर सकता था।
वह निढाल होकर बिस्तर पर लेट गयी और मैं धक्के मारे जा रहा था मेरा भी निकलने वाला था। मैं पूरी ताकत से उसकी चूत को फाड़ने लगा और उसके चेहरे पर दर्द साफ देखा जा सकता था।
फिर मैंने धक्के मारते हुए उसकी चूत में ही सारा माल निकाल दिया और मैं हांफता हुआ उसके ऊपर गिर गया।
मेरा मन अभी भी नहीं भरा था। मैं अपने पिलपिले हो रहे लंड से अभी भी उसकी माल भरी चूत में लंड को आगे पीछे करता रहा।
वो भी मेरी पीठ को सहलाती रही। मैं उसकी चूचियों को पीता रहा। उसकी चूत से पच पच हो रही थी मगर लंड डालने में अभी भी उतना ही मजा रहा था।
कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मेरा लंड अंदर ही अंदर उसकी चूत में तन गया और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत चोद डाली।
उस दिन के बाद से मैंने कई बार उसकी चूत मारी।
दोस्तो, आपको मेरी कामवाली के साथ चुदाई की ये कहानी को पढ़कर कैसा लगा कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दे।