मेरा नाम जतिन है। मेरी उम्र 27 साल हैं और मैं रंगरूप से गोरा चिट्टा और हट्टे कट्टे बदन का लड़का हूँ। मेरा लंड 7 इंच से थोड़ा लंबा है और 3 इंच मोटा है। मेरे लंड की ख़ासियत ये है कि वो आगे से थोड़ा पतला, बीच में मोटा और आख़िर में थोड़ा कम मोटा है।
मैं फिलहाल जयपुर में रहता हूँ और यहीं एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर हूँ। मेरे ऑफिस में करीब ज्यादातर लड़कियां ही है। उन्हीं में से एक लड़की जिसका नाम कामना है, वो मुझसे अब कुछ नजदीकियां बढ़ाने लगी हैं।
चूँकि मैं मैनेजर हूँ, तो उसका काम मुझ से पड़ता रहता था। वो जब भी मुझसे कुछ पूछने आती तो बिल्कुल मेरे करीब आकर खड़ी होती थी।
मैंने शुरूआत में इसे इग्नोर किया और मैं बस अपने काम पर ही ध्यान देने लगा पर जब ऐसा अक्सर होने लगा तो मेरा मन भी भटकने लगा। आखिर मैं भी एक लड़का हूँ, कब तक एक मस्त हसीना को अनदेखा करता भला?
धीरे धीरे मेरे मन में भी उसके करीब जाने का और उससे नजदीकी बढ़ाने के ख्याल आने लगे। वो सांवली सी पतली दुबली लड़की थी, पर उसकी अदायें ऐसी थी कि किसी का भी दिल उस पर आ जाये।
जब मैं उसमें इंटरेस्ट लेने लगा तो वो मुझसे और ज्यादा चिपकने लगी और बाहर मिलने के लिए बोलने लगी।
दोस्तों वो दिसम्बर की सर्दी थी पिछले साल की हम दोनों शाम 4 बजे एक कॉफ़ी हाउस में कॉफ़ी पीने के लिए मिले। हमने कॉफ़ी पी और खूब देर बात की, उसने अपने बारे में बताया कि कैसे उसके पुराने ब्वॉयफ्रेंड ने उसको धोखा दिया था।
हम करीब एक घंटे बाद बाहर निकले और मेट्रो में गए। ट्रेन से उतरते वक्त उसने मेरे गालों पे किस कर लिया और मुस्कुरा कर चली गयी।
मैं उसकी इस हरकत पर हैरान था मैंने ऐसा सोचा न था मैं उसके जाने के बाद बस अपना लंड सहलाता हुआ ही रह गया।
अगले दिन हम ऑफिस में मिले तो वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी। मैंने उसे अपने केबिन में बुलाया और बात करने लगा।
मैं उससे अकेले में मिलने चाहता था,पर मेरे कहने से पहले ही उसने बोला कि वो मुझसे अकेले में मिलना चाहती है और समय बिताना चाहती है।
मैं समझ गया कि वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है। मैंने पूछ लिया कि मिल के क्या करना है?
तो उसने कहा- मुझसे मिलकर आप जो भी करना चाहते हों, वो कर लेना.. मैं आपको रोकूंगी नहीं.
मैंने कहा- फिर भी कुछ बताओ तो कि तुम मुझसे मिल कर क्या करना चाहोगी?
वो हंस दी और बोली- एक लड़की जब अकेले में किसी जवान लड़के से मिलती है तो वो क्या करना चाहेगी? आप खुद सोचो?
मैंने कहा- और ज्यादा तो कुछ नहीं मालूम, लेकिन जो कल तुमने ट्रेन से उतरते समय किया था, बस वही करना चाहती हो या उसके आगे भी कुछ करना चाहोगी?
वो बोली- वो तो मैं अभी भी कर सकती हूँ।
ये कह कर वो मेरी तरफ झुकी और मेरे होंठों से होंठ लगा कर चूमने लगी. मैं भी उसके होंठों का रस पीने लगा।
तभी वो अलग हुई और बोली- इससे ज्यादा इधर और कुछ नहीं हो सकता इसी लिए मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है तुमने मेरी प्यास जगा दी है और अब मैं तुमसे अकेले में मिल कर अपने मन का सब कुछ करना चाहता हूँ. मना तो नहीं करोगी?
वो आँख मारते हुए ‘पूरे बुद्धू हो.. मैं तो खुद वो सब चाहती हूँ.’ कह कर हवा के झोंके की तरह मेरे केबिन से बाहर निकल गई।
इसके बाद हम दोनों में सब कुछ खुलता चला गया और अकेले मिलने का समय और जगह भी तय हो गई।
हम दोनों ने 2 दिनों की एक साथ छुट्टी ले ली। कामना ने घर पे बता दिया कि उसे ऑफिस के काम से 2 दिनों के लिए बाहर जाना है। वो मुझे एक होटल में मिली।
शाम हो गई थी। उसके बाद वो बाथरूम में अपना हैंडबैग लेकर गई और 5 मिनट बाद बाहर आई तो मैं उसे देखता रह गया। उसने बेबीडॉल नाइट सूट पहन रखा था, जिससे उसके शरीर का हर अंग दिख रहा था. उसके शरीर पे एक भी बाल नहीं था।
वो मेरे पास अपने कमर हिलाते हुए आने लगी। मैं भागते हुए उसके पास गया और उसके गले पर किस करने लगा। वो इतने में ही बेकाबू होने लगी और मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगी।
मैंने उसके शरीर से नाम मात्र के कपड़ों को भी आज़ाद कर दिया और खुद भी नंगा हो गया। मेरा लंड बिल्कुल सख्त था और उसके पेट से लग रहा था। उसने मेरा लंड अपने हाथों में लिया, उसने मेरी आंखों में देखा और नीचे बैठकर अपने मुँह में ले लिया।
मैं बता नहीं सकता, मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। करीब 5 मिनट में मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने अपना माल उसके मुँह में ही निकाल दिया और उसने उसे पूरा पी लिया।
बाद में उसने बताया कि उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ ओरल सेक्स किया था और वो उसका पानी पीती थी उसको बहुत मज़ा आता था।
अब मेरी बारी थी। मैंने उसके दूध को सहलाना और चूसना शुरू किया। मेरा एक हाथ उसकी चूत से खेल रहा था। उसकी चूत से पानी की बौछार होने लगी थी।
धीरे धीरे मैं नीचे होते हुए उसकी चूत तक पहुंचा और जैसे ही मैंने जीभ लगाई, वो झड़ने लगी। उसने बताया कि वो करीब 10 महीने से नहीं चुदी है और अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।
मैंने उसको किस करना शुरू किया तो वो फिर से गर्म हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के पास ले गयी। मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी चूत पर अपने लंड को सैट किया।
उसकी चुत उसके ही पानी से गीली हो रही थी। मैंने जैसे ही धक्का लगाया, मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया, पर दर्द के मारे उसके आंखों से आंसू निकल गए।
मैं अपना लंड आराम से घुसाने लगा, तो वो बोली- तेज धक्का मारकर एक बार में अन्दर डाल दो।
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे तेज धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर रखा था तो उसकी आवाज़ तो बाहर नहीं आई, पर उसकी आंखों ने पूरा हाल बयान कर दिया।
करीब दो मिनट तक मैं बिना हिले उसके ऊपर पड़ा रहा। जब वो अपनी कमर नीचे से हिलाने लगी तो मैंने भी धीरे धीरे उसे चोदना शुरू कर दिया. जब उसका दर्द खत्म हो गया तो वो गालियां दे कर कहने लगी- चोद दो मुझे, फाड़ दो मेरी कमीनी चूत को, दो दिन तक लंड को बाहर मत निकालना।
मैंने भी उसे उसी भाषा में जवाब दिया. हम गालियों में बात करने लगे मैंने उसकी गर्म गुलाबी चूत को करीब 15 मिनट तक अलग अलग तरीकों से चोदा। इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी और मैं और मैं भी अब थकने लगा था।
आख़िर में मैंने उसे अपने ऊपर बैठाया और नीचे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया वो मेरे ऊपर लेट गई और अपनी कमर हिलाने लगी।
दो मिनट बाद मैंने उसे बोला कि मैं झड़ने वाला हूँ तो वो और ज़ोर से मुझे चोदने लगी और बोली कि वो भी अब झड़ने वाली है।
बस 10-15 धक्कों के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और वो मेरे ऊपर ही लेट गयी. मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था और कड़क था।
करीब 15 मिनट बाद वो दुबारा वैसे ही मुझे चोदने लगी. हमने दुबारा चुदाई की। बाद में जब हम अलग हुए और तब मैंने ध्यान से उसके नंगे बदन को देखा।
अगले दो दिनों तक हम होटल में ही और हम दोनों ने दो दिन में करीब 8-10 बार सेक्स किया। इन दो दिनों में मैंने उसकी गांड भी मारी तो इस तरह से मेरी ऑफिस की लड़की कामना की चुदने की तमन्ना मेरे द्वारा पूरी हुई।