कार में वो प्यार भरे पल -1

हमारी जिंदगी भी बहुत अलग तरह के अनुभव करवाती हैं। कभी कभी ऐसे किस्से होते हैं जो जिंदगी का एक अलग ही रंग दिखाते हैं। कुछ  किस्से बहुत  ही  रोमांचक होते हैं जिन्हे भूल पाना नामुमकिन होता हैं।

मेरा नाम शीना हैं मेरी बारहवीं कक्षा की परीक्षा होने के बाद मैं गर्मियों  की छुट्टियां बिताने अपनी नानी के घर गई हुई थी तो वहां एक दिन मैं एक लड़के से मिली जिसका नाम अंशुल था । वो मेरी नानी के घर के पास ही रहता था लड़का देखने में बहुत ही हैंडसम था।

जब  उसने  मुझे  पहली  बार  देखा  तो वो मुझ पर फ़िदा  हो  गया।  कभी कभी वो मेरे  आगे  पीछे  घूमता  और  कभी  बात  भी  करने  लगता।

वो  छत पर  खड़ा  होकर  मेरा  इंतज़ार  करता  और क्योंकि  मुझ  पर  भी  उस  वक़्त  जवानी  का नशा चढ़ा हुआ  था तो  उसे  देखकर  मेरा भी  दिल  धड़कने  लगता। मैं  भी  उसे  देखने  के  लिए  रोज  छत पर जाने  लगी।

एक  दिन  उसने  मौका  पाकर आखिर  मैं मुझे प्यार भरा खत  देकर अपने प्यार का इजहार किया।  पहले  तो  मन  ही  मन  मैं  उसे इंकार करने  लगी  उसके  बाद  मैंने  भी हाँ कह दिया  और  उस  वक़्त  मैं  उसकी  गर्लफ्रेंड  और  वो  मेरा  बॉयफ्रेंड  बन  गया।

उसके  बाद  मुझे  पता  चला  की  उसने  अपने  दोस्तों  को  मुझे  अपनी गर्लफ्रेंड बनाने की  ख़ुशी  में  पार्टी  भी  दी  थी।  कुछ ही दिनों में मेरा  बारहवीं कक्षा  का  रिजल्ट आ  गया  था  और मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में दाखिला लेने अपने  घर आ गई।

कुछ दिन बाद मैंने कॉलेज  में दाखिला ले  लिया  था  उसके  कुछ  समय बाद  वह  भी मेरे शहर  आ  गया  और  उसने भी मेरे कॉलेज  में दाखिला ले लिया।

उसके  बाद  हम  एक  दूसरे  से  मिलने  लगे  और  कुछ  दिन  तो  हमे  एक  दूसरे  को जानने में  बीत  गए  उसके  बाद  उसने  मुझे  एक  दिन  चुम्बन करने  को  कहा  तो मैंने  सिर्फ हाँ में  अपना सिर हिलाया।

मगर  सबके  सामने  तो  चुम्बन  नहीं  किया  जा  सकता  था  इसलिए  वो  मुझे  अपने  दोस्त की  कार  में  कॉलेज  से  कही  दूर  ले  गया।

वहां इतनी  भीड़  नहीं  थी  वह  कार  रोकर  उसने  मुझे आस पास  खामोश माहौल देखकर  कहा की मैं तुम्हारे इन गुलाबी होठों जो गुलाब के फूल से भी ज्यादा गुलाबी हैं को चूमना चाहता हूँ।

मैने  उस  समय  उसकी तरफ मुस्कुराकर  देखा  उसने  कहा  मेरे  नज़दीक  आकर  बैठो  मेरे  पास । मैं  थोड़े  से  नखरे  दिखने  लगी  क्योंकि  यह  मेरी जिंदगी  का  पहला चुम्बन था जो  मुझे  थोड़ा  रोमांचक  भी  लग  रहा  था  और  थोड़ा डर  भी  लग  रहा  था।

उस वक़्त मैने ऐसा कभी नहीं किया था तो मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था इसलिए मुझे बहुत घबराहट हो रही थी लेकिन मेरे मन में धधक रही कामअग्नि ने मेरे डर और शर्म को जला दिया था।

हम दोनों कार में ही बैठे थे मैं थोड़ा सा पीछे की तरफ घूम गई और उसकी तरफ अपनी पीठ कर ली और उसने मुझे प्यार से अपनी बाहों में भर लिया।

हम दोनों के जिस्म में एक अजब सी सनसनी दौड़ने लगी। सबसे पहले उसने मेरे गाल को प्यार से छुआ।

फिर उसने मेरी आखों में देखकर बिना कुछ कहे उसने अपने होठों को मेरे होठों से छुआ पहले हल्के से लेकिन फिर बाद में उसने मेरे होठों को अपने होठों से चिपका दिया।

उसके बाद मुझे एक अजीब सी झनझनाहट महसूस होने लगी जैसे ही यह चिंगारी मेरे स्तनों से होते हुए मेरी कमर और फिर मेरी योनि में होने लगी।

उस वक़्त मुझे यह पहली बार एहसास हुआ की चुम्बन इतना जादुई होता हैं पर शायद ये मेरा पहला चुम्बन था तो मुझे बहुत रोमांच महसूस हुआ जो भी था बहुत ही प्यारा था।

उसने उस चुम्बन के बाद मुझसे पूछा कैसा लगा तुम्हे ? मैने कहा बहुत अच्छा लगा, उसने मुझसे पूछा एक और हो जाये मैने अपना सिर हिलाकर हाँ कर दी।

उसके बाद उसने मेरा नीचे वाला होंठ इस तरह अपने होठों में लिया जैसे कोई भवंरा किसी खिली हुई कली को प्यार से छूता हैं। होठों को चूसते हुए उसने मुझे मदहोश ही कर दिया उसकी जीभ में तो जैसे कोई जादू ही था।

मैने अपना हाथ उसकी गर्दन के पीछे रखा और उसके होठों को अपने होठों से चिपका लिया और मुझे भी अब जोश आने लगा था अब हम दोनों एक दूसरे का चुम्बन लेते हुए प्यार करने लगे।

तब मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी थी और मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी योनि में से रस निकल गया हैं उसके चुम्बन में मैं ऐसी खो गई की उसका हाथ कब मेरे स्तनों को छू गया मुझे पता ही नहीं चला।

मेरे स्तनों को उसने अपने हाथों में पकड़कर बहुत ही प्यार से दबाया मैने उसे बिलकुल भी नहीं रोका क्योंकि स्तनों को दबवाना मुझे काफी अच्छा लग रहा था।

वो मेरे आकर्षक और बड़े स्तनों को नीचे से ऊपर की तरफ दबाने लगा मैं उसे एक बार भी रोक नहीं पायी क्योंकि मैं तो उसके चुम्बन से ही इतनी मदहोश हो गई थी की मुझे अब प्यार का बहुत ज्यादा नशा होने लगा था।

फिर वो थोड़ा रुका और उसने मुझसे कहा अब तुम्हें कैसा लग रहा हैं? मैने कहा मुझे नहीं पता क्योंकि यह सब तो मैं पहली बार महसूस कर रही थी उसके बाद उसने मेरे होठों को ही नहीं चूमा बल्कि मेरे कान , मेरी गर्दन को भी चूमना शुरू कर दिया।

मुझे बहुत ज्यादा नशा होने लगा और मैंने कहा अब बस करो मगर वो नहीं माना वो मुझे और भी ज्यादा प्यार करने की कोशिश कर रहा था।

उसके बाद उसने अपना हाथ सीधा मेरी जांघो के बीच में रख दिया जैसे ही उसने अपनी उँगलियों के जादू से मेरी लेग्गिंग के ऊपर से ही मेरी योनि को सहलाया तो मैं उसे रोकने लगी तो उसने मुझसे कहा आज मुझे मत रोको मैं तुम्हे करीब से देखना चाहता हूँ तुम्हे बहुत सारा प्यार करना चाहता हूँ।

मगर मेरे मना करने के बाद भी वो नहीं माना मुझे उसका स्पर्श पागल कर रहा था उसने मुझे कहा की अपनी योनि को मुझे थोड़ा सहलाने दो उसके बाद जैसे मुझे कोई नशा चढ़ने लगा हो ऐसा महसूस हुआ।

योनि तो मेरी पहले ही रस से भर गई थी फिर उसने कहा एक बार और इन गुलाब की पंखुड़ियों से भी नरम होठों को चूमने दो तो मैं जबरदस्ती उठने लगी उसके बाद उसने मेरे स्तनों को दबाया और चूमने लगा।

उसके बाद मैने होश संभाला और हम दोनों अलग हो गए और अपने अपने घर आ गए। रात को घर पर वो पल मुझे बहुत ज्यादा याद आ रहा था।

मैं करवट बदल बदल कर सोचने लगी उसका छूना उसका चूमना मुझे बार बार याद आ रहा था अब मेरा दिल करने लगा था की अगर वो आये और मैं उससे कहूं की वो सारी रात मुझे जी भर कर प्यार दे।

 

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