छोटी बहन के साथ लेस्बियन सेक्स-2

तो पेश हैं आगे हम दोनों बहनों ने क्या क्या किया।

मेरी छोटी बहन प्रीती बोली- अब क्या तू मेरी गांड चाटेगी?

मैंने कहा- तू बस देखती जा!

मैंने उसकी गांड से शॉवर हटा लिया और अब मैंने उसकी चूत में दो उंगली दे दीं। वो हल्का सा कराही, लेकिन थोड़ी देर में मज़े लेने लगी।

उधर मैं उसके चूतड़ों पर किस करने लगी, वो मदहोश हो गई।

अब मैंने अपनी जीभ उसके चूतड़ों की दरार में डालकर उसकी गांड को जीभ से छुआ.. उतने में ही वो उछल पड़ी।

लेकिन मैंने फिर उसे पीछे खींचा और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत से निकालीं और उसकी कमर को आगे से पकड़ करके उसे अपनी ओर खींचा.. जिससे मुझे उसकी गांड के लिए सीधा रास्ता मिल गया।

फिर मैंने अपने दोनों हाथ चूतड़ों पर रख कर उसकी गांड के छेद को खोल कर पहले किस किया।

प्रीती तो इतने में ही पागल हो गई थी और अपने हाथों से अपनी गांड की दरार को और चौड़ा करने लगी।

मैंने उससे कहा- ऐसा कर.. तू घोड़ी बन जा।

वो फिर घोड़ी की तरह फर्श पर बैठ गई। मैंने उसकी गांड की दरार और चौड़ी कर दी और उस पर अपने होंठ रख दिए। वो कामुकता से कराह उठी।

मैंने फिर अपनी जीभ उसकी गांड में डाली और उसकी गांड को चूसने लगी। मैं अपने एक हाथ से उसकी चूत को भी रगड़ने लगी, वो पागलों की तरह अपने मम्मों को मसलने लगी।

मैंने कुछ देर उसकी गांड को खूब चाटा और अपनी उंगलियों से उसकी चूत को चोदा और थोड़ी देर बाद ही वो झड़ गई और हम दोनों बाथरूम में एक-दूसरे के बगल में लेट गई।

थोड़ी देर तक हम दोनों की साँसें तेज चलती रहीं और फिर हम दोनों एक-दूसरे को देखकर हँसने लगी।

फिर हम दोनों उठी और एक दूसरी को एक बार और स्मूच किया और फिर नंगी ही बाथरूम के बाहर आ गई।

कुछ ही देर में हमने ब्रेकफास्ट किया।

आज सन्डे था तो हमें कुछ करना तो था नहीं.. इसलिए हम दोनों ने फटाफट ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और अपने कमरे में आ गई और गेट अन्दर से लॉक कर लिया।

मैं प्रीती से लिपट गई और हम दोनों के नंगे बदन फिर से टकरा गए और एक-दूसरे को स्मूच करने लगी।

स्मूच करते-करते ही मैं उसे बिस्तर तक ले गई और फिर हम दोनों बिस्तर पर गिर गई।

मैं प्रीती के ऊपर थी और उसके होंठों को बुरी तरह चूसने लगी और उसके मम्मों को मसलने लगी।

फिर उसने अपनी टांगों को चौड़ा कर दिया.. जिससे मेरी चूत उसकी चूत के ऊपर आ गई। अब उसने मेरे चूतड़ों पर अपनी टाँग भी लपेट ली थी जिससे मेरी चूत उसकी चूत से बिल्कुल चिपक गई।

इसी स्थिति में मैं उसके निचले होंठ को अपने दोनों होंठों के बीच दबा कर चूसने लगी।

फिर ऐसा ही मैंने उसके ऊपरी होंठ के साथ किया और जब मैं थक गई तो प्रीती ने आगे बढ़कर मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए।

मैं नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर अपनी चूत को प्रीती की चूत पर मारने लगी, जैसे मैं एक आदमी हूँ और उसे चोद रही हूँ ।

काफ़ी देर तक हम एक-दूसरे को स्मूच करती रही और फिर नंगी ही सो गई।

पूरी दोपहर कब निकल गई.. मुझे पता ही नहीं चला।

शाम को जब मैं उठी तो प्रीती शीशे के आगे खड़ी होकर अपने बाल बना रही थी। वो उस समय भी नंगी थी।

मैंने उठते ही उसे देखा और बोली- हाय हाय.. किसके लिए बाल बना रही है? तो वो मुस्कुराते हुए बोली- तेरे लिए मेरी जान।

मैं भी मुस्कुरा दी और फिर मैंने उससे पूछा- टाईम क्या हो रहा है?

वो बोली- शाम के 5 बज रहे हैं।

मैंने कहा- ओहहह.. हम पूरी दोपहर सो रहे थे।

वो बोली- मैं नहीं.. तू सो रही थी। मैं तो एक घंटे बाद ही उठ गई थी।

मैंने पूछा- तूने मुझे क्यों नहीं उठाया?

तो वो बोली- तू सोती हुई इतनी प्यारी लग रही थी कि मैंने तुझे उठाया नहीं।

फिर मैंने कहा- अच्छा.. खूबसूरत और मैं..? मुझे तुझ पर विश्वास नहीं है।

वो बोली- तो मत मान।

मैंने कहा- अच्छा उसे छोड़.. तू यह बता इतनी देर पहले उठ गई थी.. तो तूने अभी तक कपड़े क्यों नहीं पहने?

वो बोली- पहने थे.. लेकिन अभी जब मैं वापस कमरे में आई.. तो उतार दिए।

मैंने कहा- क्यों? और इतनी देर तूने किया क्या?

वो बोली- कुछ खास नहीं, मैंने अकेले ही लंच किया.. फिर कुछ देर टी.वी. देखी और फिर ऊपर आई.. तुझे नंगी देखकर मैं दुबारा कामुक हो गई तो सारे कपड़े निकालकर तेरे मम्मों से खेलने लगी थी।

मैं बोली- तू भी ना.. अगर बताया तो होता तो हम एक बार और मजे करते।

वो बोली- मैंने तो कर लिया.. अब तू तड़पती रह।

मैं उठी और प्रीती के पास गई और उसके चूतड़ों पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा।

उसके मुँह से ‘आअहह..’ निकल गई और वो अपने चूतड़ों को मसलती हुई बोली- इतनी ज़ोर की मारते हैं क्या?

मैंने कहा- यही है तेरी सज़ा, अकेले-अकेले मुझसे तो मज़े ले लिए और मैं खाली रह गई।

मैं यह तो जान गई थी कि प्रीती किसी से चुदी हुई नहीं थी। वो एक कच्ची कली थी.. लेकिन फिर भी मैंने उससे पूछा- प्रीती, तूने ये सब कहाँ से सीखा?

तो वो बोली- अरे यार.. मैं अपने होस्टल में अपनी रूममेट के साथ-साथ लेस्बियन सेक्स करती हूँ। हम दोनों को बहुत मज़ा आता है।

मैंने उससे पूछा- तूने कभी किसी लड़के के साथ क्यों नहीं किया?
वो बोली- यार मुझे डर लगता है कि कोई मेरी चुदाई की वीडियो भी बना सकता है और मुझे बदनाम कर सकता है। मैं किसी ऐसे लड़के के साथ सेक्स करना चाहती हूँ.. जिस पर मुझे पूरा भरोसा हो जाए।

प्रीती ने मुझसे मेरे पांचवें बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा.. तो मैंने कहा- मैं तुझे बताऊँगी तो तू मुझे गलत मत समझना।

वो बोली- मेरी जान मैंने आज तक तेरी किसी बात को गलत समझा है क्या?
मैंने कहा- नहीं। ‘तो बेहिचक बता न..’

मैंने उसे मेरी और मोहित की सारी कहानी बता दी।

वो एकदम से हतप्रभ रह गई और थोड़ी देर तक बिना कुछ बोले वो मेरी तरफ देखती रही।

फिर वो मुस्कराकर बोली- यार तू इतना शर्मा क्यों रही थी।

मैं बस उसकी तरफ देखे जा रही थी।

वो बोली- यार तूने मुझे पहले बताया होता.. तो मैं भी तुम दोनों के साथ शामिल हो जाती।

मैंने भी मोहित के बारे में सोचा था कि मैं मोहित के साथ सेक्स कर सकती हूँ और वो किसी को बताएगा भी नहीं।

मैं मंद-मंद मुस्कुरा रही थी।

फिर वो बोली- मोहित मेरे साथ करेगा?

मैंने कहा- वो तो तुझे चोदने के लिए पागल हुआ जा रहा है।

यह सुनकर प्रीती ख़ुशी से पागल हो गई और उसने मेरे चूतड़ों पर बहुत जोर से एक थप्पड़ मार दिया।

मैंने भी जवाब में उसकी चूची को जोर से दबा दिया।

उसे बहुत दर्द हुआ.. वो बहुत जोर से चीखी और उसके हल्क़े से आंसू भी निकल आए।

मैंने उसकी और देखा और उसके बेफिक्र चेहरे पर चुदने की इच्छा को देखकर मैं मुस्कुरा दी और उसके चूतड़ों पर हल्का सा थप्पड़ मारा और बोली- तू तो बिल्कुल रंडी हो गई है।

उसने मेरी और देखा और मुस्कुराते हुए मेरे चूतड़ पर हल्का सा ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोली- आख़िर हूँ तो तेरी छोटी बहन ही ना!

फिर हम दोनों एक-दूसरे की तरफ हँस पड़ी।

फिर बात करते-करते प्रीती अपना टॉप उतारने लगी।

मैं जब तक कुछ बोलती उससे पहले उसने अपने मम्मे बिल्कुल नंगे कर दिए।

मैंने कहा- पागल हो गई है तू!

तो वो बोली- तू भी उतारकर देख, बड़ा अच्छा सा महसूस हो रहा है।

मैंने कहा- नहीं.. मैं तेरी तरह पागल नहीं हूँ।

फिर उसने अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो गई। अब मैं क्या बोलती? वो तो बिल्कुल पागलपन कर रही थी।

तभी प्रीती ने मेरा पजामा नीचे कर दिया और मेरा पजामा नीचे होते ही मैं पैन्टी में आ गई।

लेकिन अगले ही सेकेंड उसने मेरी पैन्टी भी नीचे खींच दी।

फिर मैं अपना टॉप उतारकर बिल्कुल नंगी हो गई।

यह देख प्रीती मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और बोली- देख आया ना मज़ा?
मैंने उसे ऊपर से नीचे देखा और उसे देख मुस्कुरा दी और बोली- हाँ मज़ा तो आ रहा है।

मैंने उसके कूल्हों को हल्का सा नोंचा और मेरे नोंचते ही उसके मुँह से हल्की सी ‘आहह..’ निकली।
वो जैसे ही मेरी तरफ मुड़ी.. तो मैंने उसे कसकर अपनी और खींचा और फिर उसका स्मूच ले लिया।

वो पहले तो पीछे हटने की कोशिश करने लगी, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और मैं उसे स्मूच करते हुए उसके चूतड़ों को मसलने लगी।

उसने भी पंजे उठाकर अपनी चूत मेरी चूत से बिल्कुल चिपका दी और हम दोनों ऐसे ही 1-2 मिनट तक स्मूच करते रहे।

मेरी चूत उसकी गांड से चिपकी हुई थी और मेरे चूचे उसके कंधे को टच कर रहे थे।

तब प्रीती को मेरे हाथ का स्पर्श अपनी चूत पर होने का पता चला, वो मेरी ओर मुड़ी और फिर हमने एक-दूसरे के होंठ से होंठ मिला दिए और वो मेरे होंठों को चूसने लगी।

मैंने उसकी एक टाँग उठाकर अपनी कमर पर टिका ली, जिससे मुझे उसकी चूत के दरवाजे का आसानी से रास्ता मिल गया।

फिर मैं उसकी चूत को तेज़ी से रगड़ने लगी और रगड़ते-रगड़ते वो झड़ने की कगार पर आ गई, लेकिन मैं उसकी चूत को और तेज़ी से सहलाने लगी।
वो मेरे मम्मों को मसलने लगी।

मैंने उसके होंठ चूसना छोड़ा और हल्का सा नीचे झुककर उसके निप्पलों को चूमा।

अब मैंने धीरे-धीरे उसके निप्पलों को चूसना शुरू कर दिया और दूसरी और उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अन्दर-बाहर करने लगी।

प्रीती की चूत बड़ी टाईट थी और उंगली ज्यादा अन्दर तक नहीं जा रही थी, लेकिन मैंने भी अधिक कोशिश ना करते हुए जितनी उंगली अन्दर गई थी.. उसे ही अन्दर-बाहर करने लगी।

उसको हल्का सा दर्द तो हुआ, लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा।

फिर उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और मज़े में खो गई।

मैं उसके निप्पल को चूसने के बाद धीरे-धीरे उसकी नाभि को चूसते हुए उसकी चूत तक पहुँच गई।

मैं उसके दोनों पैरों के बीच बैठ गई और अब मैंने उसकी चूत के होंठों से अपने होंठ मिला दिए।

दो-चार बार उनको चूमा और फिर मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया।

वहाँ ऐसे बैठने से मेरी गांड खुल गई थी और उसमें ताज़ी-ताज़ी हवा लग रही थी।

प्रीती की चूत को चूसते-चूसते बड़ा मज़ा आ रहा था।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ की दरार को फैलाया और फिर अपनी उंगली से उसकी गांड के छेद को सहलाने लगी, वो सिसकारियां भरने लगी।

अब मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी, मेरी जीभ का स्पर्श पाते ही वो थरथरा उठी और चूत में अन्दर कुछ देर तक जीभ फेरने के बाद, मैंने अपनी जीभ उसकी चूत से बाहर निकाल दी और दो-चार बार फिर से चूत को चूमा और फिर उसकी कमर पकड़ कर, मैंने उसको पलट दिया जिससे अब उसकी गांड मेरे सामने थी।

मैंने उसे पंजों पर खड़ा होने को कहा, उसने वैसा ही किया और मैंने उसकी चूत से लेकर गांड के छेद पर दो-चार बार जीभ फेरी।

वो पागल हो उठी और फिर मैंने उसकी गांड के छेद को चूसना शुरू कर दिया।

प्रीती कुछ ही देर में झड़ गई और मेरी बहन की चूत बिल्कुल गीली हो गई।

वो ज़मीन पर चूतड़ों के बल बैठ गई.. उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थीं।

मैं भी उसके बगल में बैठकर उसके मम्मों को सहलाने लगी, वो कुछ देर में नॉर्मल हो गई और फिर उसने मुझसे उसके ऊपर खड़े होने को कहा।

मैं खड़ी हो गई और वो मेरे पैरों के बीच में बैठ गई और मेरी चूत को चूसने लगी।

मैं भी उसके होंठों का स्पर्श अपनी चूत पर होने की वजह से पागल हो गई और मैं उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत से उसके मुँह को सटा दिया।

कुछ देर तक, वो मेरी चूत चूसती रही और मैं अपने हाथों से अपने ही मम्मों को सहलाती रही।

फिर उसने मेरी चूत को चूसते-चूसते मेरी चूत में उंगली डाल दी।

उंगली डालते ही मैं हल्का सा उछल पड़ी।

वो अपनी उंगली मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगी.. तो मुझे भी मज़ा आने लगा।

प्रीती अपने मुँह को मेरी गांड के छेद के ऊपर ले गई और अपने दोनों होंठों को मेरी गांड के छेद पर रख दिया और चूसने लगी।

इस तरह कुछ देर में ही मैं झड़ गई और प्रीती के ऊपर ही गिर गई.. और उसके होंठों को चूमने लगी।

वो भी मेरे होंठों को चूमने लगी और कुछ देर मैं प्रीती के ऊपर ही पड़ी रही।

फिर हम एक दूसरी को नंगी देख कर हँस रही थी।

मैंने पूछा- कपड़े नहीं पहनेगी?

वो बोली- . आज ऐसे ही नंगे सोते हैं।

उसकी बात सुन कर मैं अपने बिस्तर से उठी और प्रीती के बगल में जाकर लेट गई, उसने अपना एक हाथ फिर से मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत की दरार में अपनी हल्की सी उंगली अन्दर कर दी और चूत को अपनी उंगली से सहलाने लगी।

मैंने भी उसे जो कर रही थी करने दिया। थोड़ी देर मस्ती करने के बाद हम थक कर लेट गई।

इस पर मैं हँसने लगी और उसे उल्टा करके उसके चूतड़ों पर चांटे मारने लगी।

इसके बाद कुछ देर बात करने के बाद हमने किस किया और सो गए।

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