गर्ल्स हॉस्टल में सेक्स

दोस्तो मेरा नाम प्रिया है, मैं 23 साल की खूबसूरत और सेक्सी लड़की हूँ और मैं इंदौर में पढ़ती हूँ।

हमारे शहर में कोई बड़ा कॉलेज नहीं था तो मैं शहर के एक गर्ल्स कॉलेज में एड्मिशन लिया और रहने के लिए कॉलेज के ही हॉस्टल में भी एड्मिशन ले लिया।

पहले दो तीन दिन तो ठीक ठाक गुजरे, चौथे दिन हमारे कॉलेज की कुछ सीनियर लड़कियाँ हमारी क्लास में आई, सबसे इंटरो की।

उसके बाद उनमें से जो सबसे ज़्यादा लंबी चौड़ी थी, वो बोली- लुक गर्ल्स, यह कोई रैगिंग नहीं है, हल्का फुल्का सेक्सी हंसी मज़ाक है, अगर इसे खेल की तरह से लोगी, तो मज़ा करोगी, अगर अकड़ोगी तो तुम्हारी अकड़ निकालने के हमारे पास बहुत से और तरीके भी हैं।

तो एक एक कर के सामने आओ, और तुम में क्या खूबी है, हमें बताओ, और शरमाना नहीं, लड़कियों का कॉलेज है, इधर कोई भी लड़का या मर्द नहीं आएगा, चलो।

उसके बाद लड़कियों ने हमारी क्लास की लड़कियों से सेक्सी डांस, किसी से सेक्स एक्सपिरियन्स के बारे में पूछा गया, मतलब ढंग की बात तो पूछी ही नहीं।
कुछ सवाल उन्होंने हमसे पूछे जैसे: ‘अगर कोई लड़का तुम से दोस्ती करना चाहे तो क्या तुम उसे सेक्स करने दोगी?’

‘तुम्हारे ब्रा का साइज़ क्या है?’

‘क्या कभी किसी मर्द को नंगा देखा है?’

‘क्या अपने घर में तुमने अपने किसी बड़े को सेक्स करते देखा या सुना है?’

‘सेक्सी डांस करके दिखाओ!

कुछ लड़कियों ने तो उनका खूब साथ दिया, एक दो ने मना भी कर दिया, मना करने वाली लड़कियों में से एक मैं भी थी क्योंकि हम सब तो अभी अभी स्कूल पास करके आई थी और हमें उनकी बातें अच्छी नहीं लगी ।

मुझे पूछा- सेक्स के बारे में तुम क्या जानती हो?

मैंने गुस्से में उलट कर कह दिया- मैं आप जैसी बदतमीज़ नहीं हूँ।

मेरी इस बात से वो सब लड़कियाँ गुस्सा हो गई। तभी एक प्रोफेसर अंदर आ गई और वो लड़कियाँ मुझे घूर के बाहर निकल गई।

कॉलेज खत्म हुआ तो हम अपने हॉस्टल में चली गई। रात का खाना खाकर जब मैं और मेरी रूम पार्टनर अपने कमरे में लेटी थी, तभी वो दोपहर वाली हमारी सीनियर्स हमारे कमरे में आ गई।

‘क्यों भाई लड़कियों, क्या हाल चाल है, कोई तकलीफ तो नहीं है यहाँ पे?’

मैंने कहा- जी नहीं दीदी, सब ठीक है।
तो वो बोली- देख, मैंने तेरी कोई दीदी वीदी नहीं हूँ, और अब बड़ा दीदी दीदी कर रही है, दोपहर को तो बहुत अकड़ रही थी।

मैंने मौके के नजाकत को समझते हुए झट से सॉरी कह दी, मगर वो बोली- देख, माफ तो तुझे नहीं करेंगे, तू तो अकड़ू है न, तेरी अकड़ ही तोड़ेंगी, चल अब जो हम कहेंगी, वो करके दिखा दे ।

मैंने अपनी रूम मेट की तरफ देखा, मगर वो भी मेरी क्या मदद कर सकती थी, तो मैंने मन बना लिया कि देखते हैं जो भी मुझसे करवाएँगे वो सब करूंगी।

‘यह लोअर बहुत बढ़िया पहन रखा है, कौन सी कम्पनी का है, दिखा तो ज़रा?’ उसने पूछा।

मैं उसे लोअर दिखाने उसके पास गई तो वो कड़क कर बोली- अरे मदरचोद… इधर किधर चली आ रही है, इसे उतार के दिखा!

मुझे तो बड़ी शर्म सी आई, मगर यहाँ न तो कोई मुझे देखने वाला था और न ही कोई बचाने वाला, सो मैंने अपना लोअर उतार कर उसे दिया तो उसने उस पर एडीडास का लोगो देखा और देख कर उसे दूर फेंक दिया।

‘ये जो टीशर्ट पहन रखी है, कौन सी कंपनी की है?’ उसने पूछा तो मैंने वो भी उतार कर उसे दे दी।

अब मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी।

वो बोली- साली तुझे तो बहुत शौक चढ़ा है नंगी होने का?

मगर मैं ढीठ की तरह खड़ी रही, फिर वो मेरी रूम मेट से बोली- तुझे क्या निमंत्रण भेजना पड़ेगा, उठ कर यहाँ आ और इसकी तरह अपने कपड़े उतार!

वो भी मेरे पास आकर खड़ी हो गई और बोली- दीदी, मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी है।

तो हमारी सीनियर बोली- कोई बात नहीं, इसकी भी उतरवा देते हैं! चल री अपनी ब्रा पेंटी भी उतार दे।

उसने कहा, मैंने अपनी ब्रा पेंटी और मेरी सहेली ने अपने कपड़े उतार दिये।

हम दोनों बिल्कुल नंगी खड़ी थी, तब पहले तो हमे नंगी हालत में ही मोबाइल पे गाना लगा कर डांस करने को कहा, जब हमने डांस किया तो सेक्सी डांस करने को कहा, डांस के दौरान हमे गंदी गंदी बातें कही गई।

फिर डांस रोक दिया गया और वो उठ कर हमारे पास आई, और हम दोनों के बदन के सभी नाज़ुक हिस्सों पर हाथ फेर कर बोली- साली के हाथ पाँव देख, बहुत करारे हैं।

जो दूसरी हमारी सीनियर थी, वो भी आई और उसने भी हम दोनों लड़कियों के बूब्स पे, कमर पे, हिप्स पे हाथ फेर के देखा।

उसके बाद हमारी सीनियर ने हमसे पूछा- अब दोनों बताओ, आज तक क्या कुछ किया है?
हम दोनों चुप!

‘अरे बोलो न, तुम दोनों का कोई यार है क्या?’

हम दोनों ने ना में सिर हिलाया।

‘कमाल है, साली अच्छी ख़ासी सुंदर हो, सेक्सी हो, तो बहनचोद किसी लड़के ने तुमको लाइन नहीं मारी?’ उसने पूछा।

मैंने कहा- जी लाइन तो मारी एक दो ने मगर मैंने उनको भाव नहीं दिया।

वो मेरे पास आई और मेरी चूत को अपने हाथ में पकड़ के बोली- क्यों, क्या इसमें मर्द का लंड लेने की इच्छा नहीं है तेरी?

मैं तो शर्म से पानी पानी हो गई, मगर चुप रही।

मगर मेरी सीनियर ने मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और एक हाथ से मेरा बूब पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरी चूत का दाना सहलाने लगी, मेरी गर्दन के आस पास चूमते हुये बोली- क्यों,

सच बताना… मज़ा आ रहा है क्या? हैं? तू नहीं चाहती कि तेरा कोई
बॉय फ्रेंड हो और वो जैसे मैं कर रही हूँ, इस तरह तेरे बूब्स से खेले, तेरी चूत को छूये, तेरे बूब्स पे काटे, तेरे होंठ चूसे, और तुझे कुतिया बना के चोदे?

उसकी बातों और छूने से मेरे दिल दिमाग और जिस्म में तूफान उठ रहा था।
मैं झूठ क्यों बोलती, मैंने कह दिया- हाँ आ रहा है। वो बोली- और मज़ा लेगी? मैंने कहा- हाँ।

तो वो मुझे मेरे बेड पे ले गई और मुझे बेड पे लिटा दिया। मेरे सामने ही उसने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगी हो कर मेरी बगल में लेट गई।

उसके साथ जो दूसरी लड़की आई थी, उसने भी मेरी रूम पार्टनर के साथ वैसे ही किया।

इस बेड पर हम दोनों नंगी लेटी थी और उस बेड पे वो दोनों नंगी लेटी थी।

पहले तो वो मेरे बूब्स से खेलती रही, उसके बाद बोली- ले मेरा दूध पी के देख!

कह कर उसने अपना बड़ा सा बूब मेरे मुँह से लगा दिया।

मैंने उसका निप्पल अपने होंठों में लिया और धीरे धीरे चूसने लगी।

वो बोली- ऐसे नहीं यार, थोड़ा ज़ोर से चूस, देख ऐसे चूसते हैं!

कह कर उसने मेरा बूब चूसा तो मेरे तो मुँह से सिसकारी निकल गई, क्योंकि मुझे बूब्स में बहुत गुदगुदी होती है। मैं जब तड़पी तो वो मेरे ऊपर ही चढ़ गई, मुझे बहुत वज़न महसूस हुआ, तो बोली- साली नखरे मत कर, जिस दिन अपने यार को चढ़ाएगी न अपने ऊपर, उस दिन तुझे वज़न नहीं लगेगा, अब नखरे करती है?

कह कर उसने मेरे दोनों होंठ अपने होंठों में ले लिए और चूसने लगी, न सिर्फ चूसने लगी बल्कि उसने अपनी जीभ से मेरे होंठों को चाटा।

मुझे मज़ा आया मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी तरफ से भी होंठ चूसने में उसको सहयोग दिया।

जब हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रही थी, तभी मेरी रूम पार्टनर की हल्की सी चीख हमे सुनी, हमने उधर देखा तो दूसरी सीनियर ने अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत में घुसेड़ दी थी।

बेशक वो हल्का सा चीखी थी, मगर फिर भी वो लेटी रही, और टाँगें फैला कर उंगली करवा रही थी।

उनसे ध्यान हटा कर हम फिर अपने आप में उलझ गई। उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाली और बाहर निकाली, मुझे उंगली दिखा के बोली- देख, तेरी चूत कैसे पानी छोड़ रही है, मतलब है कि तू अब चुदने को तैयार है, मगर मेरे पास लंड नहीं है तुझे चोदने को, तो मैं कोई दूसरा तरीका अपनाऊँगी।

कह कर वो मेरी चूत की तरफ मुँह करके लेट गई और अपनी चूत उसने मेरे मुँह के पास कर दी, मेरी टाँगें खोली और अपने होंठ मेरी चूत पे रख दिये और फिर अपनी जीभ से मेरी चूत के अंदर तक चाट गई।

मेरे तो सारे बदन में बिजली दौड़ गई, मैं अकड़ गई, मगर वो वैसे ही मेरी चूत चाटती रही और एक उंगली मेरी चूत के अंदर बाहर करती रही।

मैं तो इतनी आनंदित हुई कि पूछो मत।

फिर उसने अपनी चूत उठा कर मेरे मुँह पे रख दी और मैं बिना किसी विरोध के जैसे वो मेरी चूत चाट रही थी, वैसे ही उसकी चूत को चाटने लगी।

मैंने अपने हाथ का अंगूठा उसकी चूत में डाल दिया और एक उंगली उसकी गांड के अंदर घुसेड़ दी।

मुझे नहीं पता कि मुझमें ये समझ कहाँ से आई कि चूत के साथ साथ गांड में भी कुछ डालते हैं।

हम दोनों चपाचप एक दूसरे की चूतें चाट रही थी, तो साथ वाले बेड पे वे दोनों एक दूसरे की चूतों को अपनी हाथ की उँगलियों से चोदने में लगी थी।

और देखने वाली बात यह थी कि कमरे के दरवाजा खुला था और आस पास के कमरे 4-5 और लड़कियाँ भी हमारे कमरे में चल रहे प्रोग्राम को देख रही थी।

न सिर्फ देख रही थी, मगर अपने अपने पाजामे में हाथ डाल कर अपनी अपनी चूतें भी सहला रही थी।
मगर हम इन सब से बेखबर थी। मैं जी भर के अपनी चूत चटवाई और उसकी चूत चाटी।

जब हम दोनों का पानी झड़ गया तो हम शांत सी होकर लेट गई।

2-4 मिनट बाद साथ के बेड वाली भी तड़प के शांत हो गई तो मेरी सीनियर ने पूछा- बोल, मज़ा आया? मैंने कहा- बहुत! ‘रोज़ करेगी मेरे साथ?’ उसने फिर पूछा। मैंने कहा- हाँ, करूंगी।

उसके बाद हम दोनों बहुत अच्छी दोस्त बन गई। यही नहीं, उसके बाद उसके साथ जाकर मैंने और भी लड़कियों देखी, किसी के गोल चूचे, किसी लटके से, किसी के काले, किसी के गोरे, तरह तरह के चूतड़, तरह तरह की जांघें।

हमने बहुत सी लड़कियों को नंगी करके देखा, बहुतों के साथ सेक्स का मज़ा लिया। मगर मैंने सिर्फ इतना किया के जो प्यार से मान जाए उसके साथ प्यार से कर लो पर अगर कोई नहीं मानती उसे छोड़ दो।

मगर फिर भी हॉस्टल की बहुत सी लड़कियाँ मान जाती थी।

बाद में तो हम इतना फ्री हो गई, के हॉस्टल के कॉरिडॉर में भी सिर्फ ब्रा और पेंटी में घूमती थी और अपने अपने कमरे में तो बिल्कुल नंगी भी रह लेती थी।

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अगर हमारे हॉस्टल में कुछ कमी थी तो यह कि लड़के अंदर नहीं आ सकते थे, मगर हम अपने अपने बॉय फ्रेंड्स के साथ बाहर मज़ा कर आती। जिस दिन मैं चुद कर आई, उस दिन आकर हॉस्टल में अपनी सहेलियों को पार्टी भी दी।

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