नमस्कार दोस्तो, मैं हिमांशु मैं अभी 27 साल का हूँ। आपको अपनी एक हॉट सेक्स कहानी बताना चाहता हूँ। मुझे लड़कियों और औरतों की चूत अपने लंड से मारना पसंद हैं। एक बार जो लड़की या औरत मेरे नीचे आ जाती है वो मुझे भूल नहीं सकती।
दोस्तों मेरी यह सेक्स कहानी मेरी कामवाली और मेरे बीच हुई चुदाई की है।
बात उन दिनों की है, जब मैं अकेला रहता था। काम से देर से आता था और सुबह जल्दी चला जाता था, तो घर की साफ़ सफाई, कपड़े धोना, यह सब केवल संडे को ही हो पाता था। हफ्ते में एक छुट्टी, वो भी इन कामों में निकल जाती थी। कहीं घूमने या कुछ और करने का टाइम ही नहीं मिलता था।
फिर मैंने सोचा क्यों न कोई कामवाली रख ली जाए तभी मैंने पास दुकान वाले भैया को कहा की मुझे कोई कामवाली बताना तो उन्होंने कहा हाँ मेरी नज़र में एक कामवाली हैं ठीक हैं, भैया आपके घर भेज दूंगा।
दो दिन बाद एक 24-25 साल की औरत दरवाजे पर आयी उस वक्त मैं दूध लेकर आया ही था उसने बताया कि मुझे दुकान वाले भैया ने भेजा हैं उन्होंने बोला है कि आपको कोई काम वाली चाहिए।
उसके मस्त मोटे मोटे 36 साइज के बोबे, ब्लाउज से आधे बाहर झांक रहे थे. मेरी नजर उन्हीं पर चिपक गयी उसने झट से अपना साड़ी का पल्लू ठीक किया और बोली- क्या हुआ साहब ?
मैंने कहा कुछ नहीं फिर उसे अन्दर बुलाया काम की बातचीत की और पैसों की बात तय करके मैंने उसे काम पे रख लिया।
उसने बोला- मैं आज से ही काम पे लग जाती हूँ।
मैंने उसे चाय बनाने को बोला और अपने रूम में चला गया।
मेरी आंखों के आगे उसकी बड़ी बड़ी चूचियां घूम रही थी और मैं सपनों में खोया हुआ उसी के बारे में सोच रहा था। मेरा 7 इंच का लंड भी उसके बारे में सोच सोच कर खड़ा हो गया था।
तभी वो चाय का कप लेकर आ गई मैंने उससे पूछा- तुमने अपने लिए नहीं बनाई?
वो बोली- बनाई है बाहर रखी है, मैं वहीं पी लूँगी।
मैंने कहा- यहीं ले आओ, साथ में पीते हैं। यह बोलते वक्त मेरी नजर उसकी चूचियों की तरफ ही थी।
वो नजर नीची किए मुस्कुराई और बाहर चली गयी. शायद उसने मेरे पजामे में छिपे लण्ड के उभार को देख लिया था।
वो अपना कप लेकर रूम में ही आ गयी और फर्श पर ही बैठ गयी।
मैंने उसके बारे में पूछा- घर में कौन कौन है।
उसने बताया कि उसकी शादी को 6 साल हो गए हैं और पति मजदूरी करता है उसका पति जो कमाता है, शराब में उड़ा देता है। घर चलाने के लिए उसे ये काम करना पड़ता है।
मुझे उसकी कहानी सुन कर अफसोस भी हुआ और उसके पति पर गुस्सा भी आया खैर मैं कर भी क्या सकता था।
चाय पीकर वो काम में लग गई और मैं नहाने चला गया।
जब मैं नहा कर निकला और रूम में आया, तभी वो अन्दर आ गयी वो बोली- खाना क्या बनाऊं साहब?
उस वक्त मैं केवल चड्डी पहने खड़ा था मुझे इस हालात में देख कर वो थोड़ी हड़बड़ा गयी वो वापस जाने को मुड़ी, तब तक मैंने तौलिया कमर से लपेट लिया और उसे खाना क्या बनाना है, बता दिया।
कई हफ्ते तक कुछ नहीं हुआ एक दिन जब सन्डे को मैं घर पर ही था वो आयी और बोली कि साहब काम तो सारा हो गया है, मैं जाऊं?
मैंने बोला- ठीक है जाओ, पर वो वहीं खड़ी रही।
जब वो कुछ देर यूं ही खड़ी रही, तो मैंने पूछा- क्या बात है … जाना नहीं है क्या?
वो बोली- साहब, कुछ पैसों की जरूरत है।
मैंने कहा- बोलो कितने पैसे चाहिए?
उसने 3000 रुपए मांगे मैंने उसे रुपये दे दिए और कहा- जब भी जरूरत हो, मांग लिया करो।
मैंने उससे कहा- जाते जाते एक कप चाय तो पिलाती जा वो बोली- ठीक है चाय क्या … बोलो तो दूध पिला दूं।
मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोल दिया- पिलाना है, तो अपना पिलाओ तो कुछ हो।
इसके जवाब में वो कुछ नहीं बोली और चाय बनाने लगी।
जब हम दोनों चाय पी रहे थे, तो उसने पूछा- साहब आपको कैसी औरत पसंद है?
मैंने कहा- जैसी भी हो … मगर जिस्म तुम्हारे जैसा हो, तो मजा आ जाए. वो बोली- मेरे जिस्म में ऐसा क्या है साहब ?
मैंने कहा- तेरा पति बहुत किस्मत वाला है।
मेरी इस बात पे वो कुछ उदास सी हो गयी और बोली- मेरी किस्मत खराब है पति तो शराब में ही डूबा रहता है मुझे देखने का टाइम ही कहां है उसके पास।
उससे बात करते करते दोपहर हो चुकी थी और उस टाइम 2:30 बज रहे थे मई का महीना था मैंने उससे कहा इतनी तपती दोपहर में कहाँ जाएगी मैंने उससे कहा यहीं रुक जा, बाहर गर्मी है।
उसने एक पल को सोचा और बोली- ठीक है हाँ गर्मी तो बहुत हैं क्या मैं आपके बाथरूम में नहा सकती हूँ?
मैंने कहा- हां ठीक है … नहा ले।
वो बाथरूम में नहाने चली गई । वो जल्द बाजी में दूसरे कपडे लेना ही भूल गई जो उसके बेग में थे।
मैं ड्राइंग रूम में टीवी देख रहा था तभी जैसे ही वो नहाकर बाहर आकर निकली तो तौलिया लपेटे हुई थी उसको यह नहीं पता था की सामने से मैं देख रहा हूँ।
मैं टीवी की जगह उसकी चुचियों का मस्त नजारा देखने लगा उस दिन मैंने उसकी चुचियों को सही ढंग से देखा था काफी कामुक नजारा था।
मुझे खुद पर काबू न रहा, मैं अपना लंड सहलाता हुआ उसके बदन को देखता रहा. मुझे नहीं पता कब मैं नंगा होकर उसके करीब जा पहुँचा और और उसे पकड़ लिया तभी तौलिया गिर गया और मैं उसकी चुची को सहलाने लगा। उसे मज़ा मिलने लगा।
मैंने पहले थोड़ा आराम से सहलाया फिर उसकी चुचियों के बीच की घाटी में उंगली डाल दी। अब मेरी हिम्मत और बढ़ी मैंने उसके दोनों चुचों को दोनों हाथों की हथेलियों से पकड़ के दबोच लिया और थोड़ी सख्ती से से दबाने लगा। अब उसकी सांसें थोड़ी गर्म और तेज होने लगीं।
मैंने उसकी एक चुची छोड़ कर उसे पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। मेरे होंठों में उसका चूचुक आते ही उसकी सिसकारी निकल गयी और उसके दोनों हाथ मेरे सर और पीठ पर आ गए।
वो तेज तेज सिसकारियां लेने लगी मैं नीचे बैठा था और वो सोफे पर लेटी थी मैं एक हाथ से उसकी चुची दबा रहा था, दूसरे हाथ से उसकी जांघ को सहला रहा था।
मेरे लगातार चुची चूसने और दबाने से उसके जिस्म की गर्मी बढ़ती जा रही थी. वो भी अपने हाथ को इधर उधर घुमा कर कुछ ढूंढ रही थी।
तभी मैं उठ कर खड़ा हो गया। मेरा सात इंच का लंड पूरा तन कर टाइट हो चुका था। उसकी नजर जब उस पर पड़ी, तो वहीं चिपक गई। वो एकटक मेरा लंड देखे जा रही थी।
मैंने अपना लंड उसके आगे किया, तो उसने झट से पकड़ लिया और मुँह आगे करके चूसने के लिए लपकी। तभी मैंने अपना लंड पीछे कर लिया, जिससे लंड उसके हाथ से निकल गया और वो खड़ी हो गयी।
मैंने उसे अपने सामने घुटनों के बल बैठा कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, जिसे वो मजे ले लेकर चूसने लगी। कभी कभी सुपारे के चारों तरफ जीभ फिराती और गप से पूरा लंड मुँह में ले लेती। मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था, जिसे वो रंडी की तरह मजे लेकर चूस रही थी।
कोई दस मिनट लंड चूसने के बाद वो बोली- साहब … बहुत मस्त लौड़ा है तुम्हारा।
मैंने उसे पकड़ कर उठाया और सोफे पर बैठा कर उसकी टांगें उठा कर अपना मुँह उसकी चुत पर रख दिया और जीभ से उसकी चुत को चूसना शुरू कर दिया। उसकी चुत के दाने को चूस चूस के लाल कर दिया और जीभ चुत के अन्दर बाहर करने लगा।
वो लम्बी लम्बी सांस लेने लगी तभी मैंने अपना लंड उसकी चुत पर रखा और जोर से पेला, एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर तो चला गया।
उसकी भी चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने पूछा- दर्द क्यों?
तो वो बोली- कम से कम 1 साल बाद चुद रही हूँ।
मैंने बोला- पर चुत चिकनी रखती हो … ऐसा क्यों?
वो- नहीं आज ही साफ़ की है।
इसके जवाब मैं वो आंख मार कर हंसी और मैंने जोरदार धक्कों के साथ चुदाई का खेल शुरू कर दिया उस दिन शाम को 5 बजे तक मैंने उसे 4 बार चोदा।
अब तो सन्डे का पूरा दिन वो नंगी रहती है और घर का काम करती रहती है और उसे संडे के दिन 2-3 बार चोद देता हूँ।
तो दोस्तों आपको मेरी कामवाली के साथ सेक्सी की कहानी को पढ़कर कितना मज़ा आया कमेंट बॉक्स में बताना न भूले।