मैं ट्रैन में चुद गई

मेरा नाम नेहा है, मैं 28 साल की हूँ, सुन्दर हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और 5′ 5″ के कद वाली हूँ।

मैं अक्सर साड़ी में रहती हूँ क्योंकि मेरी गुन्दाज़ बांहें और बाँहों की गोलाइयाँ बड़ी मन मोहक है।

लोग मेरी बांहें देख कर ही मेरे पर लट्टू हो जाते हैं। मेरी मस्तानी चूचियाँ बहुत बड़ी बड़ी हैं और सुडौल भी।
मैं साड़ी के नीचे सिर्फ एक तंग ब्रा जैसा ब्लाउज पहनती हूँ, पूरा ब्लाउज़ तो पहनती ही नहीं।

सन्नी लियोनी की तरह मेरी मस्त मस्त चूचियाँ मेरे ब्रा से बाहर निकलने के लिए हमेशा बहनचोद बेक़रार रहती हैं।
मेरे चूतड़ भी थोड़ा बड़े बड़े हैं और चलते समय उनका मटकना तो स्वाभाविक ही है।
लोग मेरी मटकती हुई गांड देख देख कर मज़ा लेते हैं।

मैं यकीन के साथ कह रही हूँ कि जो लोग मुझे आते जाते हुए देखते हैं, वो सब मेरे नाम का मुट्ठ जरूर मारते हैं; एक बार नहीं कई बार मेरा नाम नाम ले ले के मुट्ठ मारते हैं.
इसकी जानकारी मुझे मेरी सहेलियों से मिलती रहती है।

एक बार मैंने न्यूड हॉट सेक्स इन ट्रेन किया. मैं दिल्ली से कोलकाता जा रही थी। मैं ए / सी फर्स्ट क्लास में थी जिसमे 4 बर्थ होतीं हैं दो नीचे दो ऊपर।
चारों ही बर्थ में पैसेंजर थे।

नीचे की बर्थ में मेरे सामने मेरी ही उम्र का एक लड़का विजय बैठा था। मैंने उसका नाम लिस्ट में देख लिया था।

दो लड़के और आये उन्होंने अपना सामन नीच जमाया और नीचे ही मेरे बगल में बैठ गए।
शायद दोनों भाई थे।

मैंने सिर्फ इतना पूछा- क्या आप लोग भी कोलकता जा रहे हैं?
वे बोले- हां कोलकाता ही जा रहे हैं।

ट्रेन समय पर चल पड़ी।

आधे घंटे में टी टी आ गया, उसने टिकट चेक किया और कहा- अब आप लोग आराम कीजिये. बीच में न किसी को उतरना है और न किसी को चढ़ना।

रात को 10 बजे ऊपर की बर्थ में बैठा एक लड़के का फोन आ गया।
कोई गंभीर बात थी तो वो दोनों ही अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतर गए।

उसके बाद टी टी फिर आया और बोला- मेम अब इस डिब्बे में कोई और आने वाला नहीं है। अगर आप कहें तो मैं आपको किसी और डिब्बे में शिफ्ट कर दूँ।
मैंने कहा- नहीं नहीं ऐसी कोई जरूरत नहीं है, मैं बिलकुल सेफ हूँ। ये लड़का मेरी जान पहचान का ही है, मेरा देवर है।

टी टी चला गया तो विजय बोला- अरे वाह, आपने तो बिलकुल सफाई से उसे समझा दिया मेम! आपका कोई जबाब नहीं।
मैंने कहा- मेरे पास तो हर रोज़ सब ऐसा ही कुछ होता रहता है।

फिर वह कुछ और पूछने लगा और मैं उसे जवाब देने लगी।

वह धीरे धीरे मेरे नजदीक आने की कोशिश करने लगा.
मैं भी उसे लिफ्ट देने लगी और हंस हंस कर बातें करने लगी।

सच्चाई यह है कि मेरी नियत उस पर ख़राब हो चुकी थी।

मैं जब कभी अपने मन पसंद का कोई लड़का देखती हूँ तो उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ; उसके लण्ड के साइज का अंदाज़ा लगाने लगती हूँ।

वह हैंडसम था स्मार्ट था और गोरा चिट्टा था। मेरी निगाह बस उसके लण्ड की ही तरफ थी।

वह बोला- मेम, अब तो मैं आपका सच में देवर हो गया।
मैंने भी मुस्कराकर कहा- फिर मैं भी सच में तेरी भाभी हो गयी विजय!

हम दोनों मस्ती से बातें करने लगे और मैं भी उस पर डोरे डालने लगी।

फिर मैंने धीरे से अपने बैग से शराब की बोतल निकाली और दो गिलास टेबल पर रख दिये।

मैंने कहा- विजय क्या तुम मेरा साथ दोगे?
वह बोला- जी हाँ बिलकुल दूंगा मेम।

हम दोनों शराब पीने लगे।

धीरे धीरे बातें होने लगीं और वह बोला- आप तो बहुत खूबसूरत है, बहुत अच्छी है मेम!
मैंने कहा- मेम की माँ का भोसड़ा यार … मेम की माँ की चूत! मैं मेम नहीं हूँ, मैं तो तेरी बुर चोदी भाभी हूँ। तेरी भोसड़ी वाली भाभी हूँ, मुझे भाभी कहो।

वह हंसने लगा और मैं भी!
वास्तव में मैं उसे सेक्स के लिए तैयार करना चाहती थी। उसके लण्ड में आग लगाना चाहती थी।
गालियां सुनाकर उसके लण्ड में आग लगा दी मैंने!

उसकी नज़र मेरी चूचियों पर थी और मेरी नज़र उसके लण्ड पर!
मैं जल्दी से जल्दी उसका लण्ड पकड़ कर देखना चाहती थी।

थोड़ा नशा चढ़ा तो मेरी भी इच्छा बढ़ने लगी और उसकी भी!
मैं भी कुछ शरारत करने की सोंचने लगी और वह भी।

मैंने पूछा- तुम क्या करते हो विजय?
वह बोला- मैं एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ।

“अरे वाह! क्या वहां को-एजुकेशन है? लड़के लड़कियां साथ साथ पढ़ते हैं?”
“हां बिल्कुल है। दोनों साथ साथ ही पढ़तें हैं।”

“फिर तो तुम्हारी दोस्ती लड़कियों से जरूर होगी?”
“हां कुछ फीमेल टीचरों से भी है और कुछ लड़कियों से भी है।”

“अच्छा अब मुझे साफ साफ बताओ कि कभी किसी लड़की की बुर ली है तुमने?”
उसने शराब का एक घूँट पिया और बोला- हां ली है।

“कभी किसी फीमेल टीचर की बुर में लण्ड पेला है तुमने?”
मैं एकदम खुल कर बोलने लगी.

“दो फीमेल टीचर की बुर में पेला है मैंने और आज भी जब कब पेलता हूँ।”
“वो अपने आप पेलने देती हैं या तुम्हें उनको बड़ी देर तक मनाना पड़ता है?
“वे अपने आप ही पहले घर बुलाती हैं मुझे और फिर बड़े प्यार से खुद ही पकड़ लेती हैं मेरा!”

“तुम्हें किसकी बुर ज्यादा अच्छी लगती है टीचरों की या लड़कियों की?”
“दोनों की अच्छी लगती हैं क्योंकि दोनों ही दिल खोल कर बड़े प्रेम से देती हैं। आजकल की लड़कियां इस मामले में लड़कों से कहीं ज्यादा बोल्ड होती हैं। वो अकेले में कपड़े खोल कर खड़ी हो जाती हैं और लपक कर मेरा पकड़ भी लेती हैं। फिर मैं भी प्यार से चोदता हूँ।”

मैंने मजाक किया और कहा- ‘लण्ड’ से चोदते हो या ‘प्यार’ से चोदते हो?
वह बड़ी जोर से हंसने लगा।

फिर मैंने धीरे से अपने बैग से शराब की बोतल निकाली और दो गिलास टेबल पर रख दिये।

मैंने कहा- विजय क्या तुम मेरा साथ दोगे?
वह बोला- जी हाँ बिलकुल दूंगा मेम।

हम दोनों शराब पीने लगे।

धीरे धीरे बातें होने लगीं और वह बोला- आप तो बहुत खूबसूरत है, बहुत अच्छी है मेम!
मैंने कहा- मेम की माँ का भोसड़ा यार … मेम की माँ की चूत! मैं मेम नहीं हूँ, मैं तो तेरी बुर चोदी भाभी हूँ। तेरी भोसड़ी वाली भाभी हूँ, मुझे भाभी कहो।

वह हंसने लगा और मैं भी!
वास्तव में मैं उसे सेक्स के लिए तैयार करना चाहती थी। उसके लण्ड में आग लगाना चाहती थी।
गालियां सुनाकर उसके लण्ड में आग लगा दी मैंने!

मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनकर उसके ‘लण्ड’ में करंट लग गया।

हमारा तीसरा पैग चल रहा था।
मैं भी नशे में थी और वह भी नशे में!

पिंकी भाभी की ज्युसी चूत की चुदाई

कुछ देर में वह उठा और अपनी लुंगी लेकर बाहर बाथरूम जाने लगा, बोला- कपड़े चेंज करने जा रहा हूँ।
मैंने कहा- भोसड़ी के विजय, नशे में हो कहीं बाहर मत जाओ। यही कपड़े बदलो मेरे सामने!

वह कपड़े खोलने लगा।

आखिर में उसकी नेकर जब नीचे गिरी और वह लुंगी लपेटने लगा तो मैंने झट से लुंगी पकड़ कर खींच ली.
वह मेरे आगे नंगा हो गया।

मैंने कहा- मादरचोद, तू मेरा देवर हूँ और देवर को भाभी के आगे नंगे होने में शर्म कैसी? मुझसे कैसी शर्म? चल घूम कर दिखा मुझे अपना भोसड़ी का लण्ड।

वह घूमा तो मैंने लपक कर उसका लण्ड पकड़ लिया।
मैंने कहा- अब आया है बहनचोद लण्ड मेरे हाथ में … जिसका मैं बड़ी देर से इंतज़ार कर रही थी।

अब मैंने लण्ड चूमा, कई बार चूमा और फिर उसका सुपारा चाटा।
मुझे उसका लण्ड एक ही नज़र में भा गया।
मैं उसके पेल्हड़ भी चाटने लगी।

तब उसने मुझे नंगी कर दिया और बोला- देवर के आगे भाभी को नंगी होने में क्या शर्म?

वह मेरी चूचियाँ दबाने लगा और मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत पर उंगलियां फिराने लगा।
मैं मस्त होती जा रही थी, मेरी चूत गर्माती जा रही थी।

मैंने उसका लण्ड मुंह में ले लिया और सन्नी लियोनी की तरह चूसने लगी।
मुझे बहुत दिनों के बाद लण्ड मिला था चूसने को!

दरवाजा बंद था, किसी को आना भी नहीं था तो और ज्यादा मस्त होकर लण्ड चाटने और चूसने लगी।

वह भी लेट कर मेरी चूत चाटने लगा और हाथ ऊपर करके मेरी चूचियाँ सहलाने लगा।

मैंने कहा- यार विजय, तेरा लण्ड तो वाकई बड़ा गज़ब का है। तेरी फीमेल टीचरें तो बड़ा मज़ा करती होंगी?
वह बोला- हां, कुछ तो बड़ी देर तक लण्ड चाटा और चूसा करती हैं। मुंह से निकालती ही नहीं लण्ड … और मैं कभी कभी उनके मुंह में ही झड़ जाता हूँ। ऐसा अक्सर हर लड़की के साथ पहली बार होता है। दूसरी बार वो जम कर चुदवाती हैं।

मैंने कहा- तो फिर आज तुम मुझे जम कर चोदो। जितनी तेरी गांड में दम हो उतना चोदो। मैं चुदवाती रहूंगी। खलास नहीं हूँगी। मेरी चूत भी मस्त जवान है और मैं भी! मैं तेरे लण्ड को पहले खलास कर दूँगी।

उसने जब चोदना शुरू किया तो सच में बड़ी देर तक चोदता ही रहा।
वह मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था।

मैं मर्दों को अपने ऊपर चढ़वा लेती हूँ और फिर खूब प्यार से चुदवाती हूँ।

मर्द वही है जो औरत के ऊपर चढ़कर चोदे; लण्ड बार बार पूरा निकाल निकाल कर अंदर पेले और चोदे।
अपनी बीवी की तरह सबकी बीवी चोदे! आगे से भी चोदे पीछे से भी चोदे और लण्ड पे बैठा के भी चोदे।

जिस मर्द को हर तरफ से बुर चोदना आता है तो समझो कि उसको सब कुछ आता है।
जिसको चोदना नहीं आता, उसको कुछ भी नहीं आता।

मैं बोली- तुम बहुत बढ़िया चोद रहे हो विजय! तुम्हें चोदना आता है खूब चोदो मुझे। भाभी की बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा देवर को ही आता है। भाभी भी देवर से खूब अच्छी तरह खुल कर चुदवाती है जैसे मैं चुदवा रही हूँ। मुझे जितना चोदोगे उतना ही तेरा लण्ड मजबूत होगा। उतना ही तेरा लण्ड तजुर्बेकार होगा।

वह भी बोला- हाय मेरी नमकीन भाभी जी, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हें चोदने में! मैं तेरी बुर चोदी चूत का हलवा बना दूंगा। अभी तो मैं तेरी चूचियाँ भी चोदूंगा। तेरी माँ की चूत नेहा! तेरी बहन की फुद्दी … तू बहुत बड़ी छिनार है, माँ की लौड़ी। आज मैं तेरी चूत की गर्मी निकाल दूंगा। तेरी चूत का बना दूंगा भोसड़ा … फाड़ डालूँगा तेरी हरामजादी बुर!

विजय ने मुझे खूब अच्छी तरह से चोदा, पीछे से भी चोदा और लण्ड पे बैठा के भी चोदा।

आखिर में उसने मेरी चूचियाँ भी चोदी और खूब मज़ा लूटा।

मैंने कहा- यार, सच में मेरी बुर खलास हो गयी.
वह बोला- तो फिर मेरा लण्ड भी खलास कर दो मेरी जान!

मैंने लण्ड पकड़ा और सड़का मारने लगी।
बस कुछ सेकंड में लौड़ा उगलने लगा वीर्य … जिसे मैं पी गयी और लण्ड चाट चाट कर लाल कर दिया।

फिर हम दोनों नंगे नंगे ही सो गए।

सुबह जब होने वाली थी तो फिर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और बोला- नेहा, मैं एक बार फिर तेरी चूत का कचूमर बना दूंगा। एक बार फिर चोदूंगा तेरी यह फड़फड़ाती हुई बुर!

फिर उसने मुझे खूब हचक हचक के चोदा।

इस तरह रात में उसने मुझे 3 बार चोदा।

जाते समय हमने एक दूसरे को अपना अपना कार्ड दिया और कहा- हम लोग फिर जल्दी ही मिलेंगे।

मुझे वह चुदाई आज भी याद है और मैंने सोच लिया कि मैं इतवार को उसे अपने घर बुलाऊंगी।
मैंने उसे बुलाया भी!

उस दिन रविवार था।
वह जब आया तो बड़ा खुश नज़र आ रहा था।

मैंने उसे नंगा कर दिया और उसने मुझे!

फिर हम दोनों नंगे नंगे ही शराब पीने लगे।
मैं उसका लण्ड शराब के गिलास में डुबो डुबो कर चाटने लगी और वह मेरी बुर में शराब डाल डाल कर चाटने लगा।

उसके बाद जिस तरह उसने मुझे चोदा वह मुझे आज भी याद है।

ऐसे ही एक दिन एक और लड़के से मुलाक़ात हो गयी वह भी ट्रेन में ही!
उसका नाम था राघव!

वह 26 साल का नौजवान था; एकदम गोरा चिट्टा हट्टा कट्टा देखने में जबरदस्त हैंडसम!
मेरा तो सच में दिल उस पर आ गया।

वह ट्रेन में बार बार उतर और चढ़ रहा था, टी टी के पीछे घूम रहा था।

असली बात यह थी कि पूरे ए / सी कोच में सब फॅमिली वाले थे; कोई खाली सीट नहीं थी। बस दो सीट वाला कोच ही खाली था जिसमे मैं थी।

टी टी ने कहा- अगर मेम मान जाएँ तो आप उनके साथ ट्रैवेल कर सकते हैं. नहीं तो आप सेकंड क्लास में चले जाइये।

राघव ने मुझसे पूछा तो मैंने मुस्कराकर कहा- मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं इसे ऊपर की सीट दे सकती हूँ।

वह तो बहुत खुश हो गया और मेरे कूपे में आ गया। उसने अपना सामान लगा दिया और बैठ कर राहत की सांस ली।
फिर वह बोला- मेम, आपको बहुत बहुत थैंक्स आपने मुझे जगह दे दी।

मैंने कहा- मैं इसी तरह सबकी मदद करती हूँ और चाहती हूँ कि सब लोग मेरी भी मदद करें।

फिर मैंने अपने कपड़े उतार कर एक ढीला ढाला गाउन पहन लिया और इसी बीच मैंने अपनी चूचियों की झलक उसे दिखला दी।
नीचे न ब्रा थी और न पैंटी।

उसने भी अपनी चड्डी उतार कर एक लुंगी पहन ली और बैठ गया।

फिर मैंने ड्रिंक्स का सेट लगाया और उसे शराब पिलाने लगी।

उसने बताया- मैं एक आई टी कंपनी में काम करता हूँ।
मैंने कहा- वहां तो लड़कियां भी काम करती हैं।
वह बोला- हां, बहुत लड़कियां काम करती हैं।

मैंने फिर खुलकर पूछा- यार राघव, तुम जवान हो। साफ़ साफ़ मुझे बताओ कि तुमने कितनी लड़कियां चोदी हैं?
वह थोड़ा रुका, फिर बोला- 3 लड़कियां चोदी हैं मैंने!

उसने बताना शुरू किया- पहले लड़की ने मुझे एक दिन शाम को अपनी कार में बैठाया और एक पार्क में ले गयी। वहां अन्धेरा था। कार खड़ी करके उसी कार में ही उसने मेरा लण्ड चूसा और इतना चूसा कि मैं उसके मुंह में ही खलास हो गया और वह सब चट कर गयी। फिर एक दिन मौक़ा पाकर उसने मुझसे चुदवाया।

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