दो मर्दों के लंड से चुत चुदाई का मज़ा

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम पिंकी है। मेरी इस चुदाई की कहानी में आप सभी का स्वागत है।

मैं वैसे तो शादीशुदा हूँ लेकिन मैं अकेली रहती हूँ क्योंकि मेरे बिजनेसमैन पति दिल्ली में रहते हैं। उधर मेरी सेक्स की प्यास ऐसी है कि कभी बुझने का नाम ही नहीं लेती।

घर से कुछ विवाद के कारण हम पति पत्नी ने अलग घर ले लिया और उसमें शिफ्ट हो गए। फिर मेरे पति ने अलग बिजनेस भी शुरू कर दिया, ऊपर वाले की कृपा से बिजनेस इतना चला कि इंडिया के काफ़ी शहरों में फैल गया।

मेरे पति ने दिल्ली में हेड ऑफिस बनाया और शिफ्ट हो गए, पर मैंने जाने से मना कर दिया क्योंकि मेरी कानपुर की ही कंपनी में एक बहुत अच्छी सी जॉब लग गई थी, मेरी अच्छी सेलरी थी इसलिए जॉब करने लगी।

अब ज़्यादा बकवास ना करते हुए मैं अपने बारे में ख़ास-ख़ास बात बता दूँ। मेरी उम्र 27 साल है.. मेरे स्तनों का साइज काफ़ी अच्छा है इनकी सख्ती और तने हुए रहने के कारण देखने वालों के लंड खड़े हो जाते हैं। मेरा फिगर 38-32-40 का है.. हाइट 5 फुट 8 इंच है.. आप यूं कह सकते हैं कि मैं एक माल लगती हूँ।

अब मैं उस वाकिये को सुनाती हूँ, जिसमें कैसे मेरी चुदाई की प्यास ने मुझे एक साथ 2 मर्दों से चुदवा दिया।

यह बात एक रविवार की है, मेरे ऑफिस की छुट्टी रहती है। मैं घर पर अकेली थी, मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैंने सोचा कि अपने एक बॉयफ्रेंड को बुला लूँ।

ओह सॉरी.. ख़ास बात मैं बताना भूल गई कि मेरे 3 ब्वॉयफ्रेंड शादी के बाद भी हैं, जो मुझे खूब चोदते हैं।

तो मैंने अपने एक ब्वॉयफ्रेंड को फोन किया उसका नाम विक्की है.. विक्की भी शादीशुदा है। उसकी शादी भी मेरी शादी के 2 महीने बाद हुई थी लेकिन आज भी हम दोनों आपस में चुदाई करते हैं। विक्की बहुत स्मार्ट है और एक बॉडीबिल्डर भी है, उसका अपना जिम है।

मैं- हैलो विक्की, कहाँ हो आज? विक्की- घर पर ही हूँ। मैं- मुझसे मिलने नहीं आओगे?

विक्की- यार क्या कहूँ, साली बीवी कहीं भी नहीं आने-जाने देती। मैं- अपनी बीवी के आते ही मुझे अलग कर दिया! विक्की- नहीं यार ऐसा नहीं है.. मुश्किल है.. आज मैं नहीं आ पाऊँगा।

मैं मायूस हो गई इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आशीष को फोन करूँ, वो दूसरे शहर में रहता है लेकिन अक्सर कानपुर आता रहता है। मैं- हैलो..
आशीष- हैलो जान.. मैं- कैसे हो और कहाँ हो? आशीष- बस कानपुर पहुँचने वाला हूँ कोई खास काम?

मैं- नहीं बस मिलने का मन था। आशीष- यार बहुत काम है लेकिन तुमसे आते ही मिलूँगा जरूर.. काम बाद में निपटा लूँगा। मैं- ओके आई एम वेटिंग।

‘आशीष को आने तो दो, वो काम भूल ही जाएगा..’ मैं चूत सहलाते हुए बुदबुदाई।

मैं नहा कर तैयार हुई.. मैंने आशीष की मन पसंद पेंटी पहनी। आशीष को मेरा ब्रा पहनना पसंद नहीं, तो ब्रा नहीं पहनी और ऊपर से शॉर्ट स्कर्ट और टॉप पहना जिसमें मेरे चूचे और गांड बहुत मस्त दिखते हैं, ये टॉप भी थोड़ा चुस्त फिटिंग का है, जिसमें मेरी नाभि ओपन रहती है।

अब मैं आशीष का वेट करने लगी। करीब 40 मिनट बाद बेल बजी। मैंने सोचा कि ये जरूर आशीष होगा। मैंने उठ कर डोर ओपन किया तो मैं शॉक हो गई।

ये क्या… ये तो विक्की था..! ‘ओह विक्की तुम?’ विक्की- और क्या किसी और का वेट कर रही थी क्या? मैं- नहीं नहीं.. आओ तुमने मना किया था कि नहीं आओगे लेकिन आ गए तो मैं थोड़ा शॉक हो गई।

विक्की सीधा मुझे उठा कर बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर मुझे पटक दिया और बोला- आज तो कसम से पटाखा लग रही हो।

और वो मुझे पर टूट पड़ा.. उसने मेरा टॉप लगभग खींचते हुए उतार दिया। मैंने ब्रा पहनी नहीं थी तो मेरे बड़े चूचे उसकी आँखों के सामने आ गए, जिन्हें वो कस के दबाने लगा।

मैंने भी विक्की का साथ देना शुरू किया और उसका चेहरा पकड़ कर उसको लिप किस करने लगी।

विक्की आज सब बहुत तेज कर रहा था। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चूत पर टूट पड़ा और उसे चाटने लगा। मैं तो जैसे सातवें आसमान पर थी, उसकी जीभ कितने दिनों बाद मेरी चूत में गुदगुदी कर रही थी और मैं ‘आह. उमम्म.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… विक्की.. आउउम्म..’ की आवाज निकालने लगी।

मैंने विक्की को झटका देकर अलग किया और बिस्तर से उतर कर खड़ी हो गई। मैं उसके सामने एकदम नंगी खड़ी थी, वो मुझे देख रहा था उसकी नजरें मेरी चूत में खुजली मचा रही थी।

मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसे लिटा दिया, फिर उसकी छाती को चूमते हुए उसकी पैंट खोली और अंडरवियर के साथ उतार दी।

उसका लंड मेरी आँखों के सामने था.. वही तगड़ा और मोटा लंड जो मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है। मैंने उसका लंड पकड़ा, वो अभी पूरी तरह से खड़ा नहीं था.. पर थोड़ा-थोड़ा जाग रहा था। मैंने उसके लंड को जीभ से चाटा और जीभ से सहलाने लगी। विक्की बोला- चूसो तो इसे मेरी जान!

मैंने उसके बोलते ही लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी। फिर मुँह से निकाल कर मैंने उस पर थूक लगाया और उसे हाथ से रगड़ कर मुँह में ले लिया। मैंने करीब 5 मिनट उसका लंड इस कदर चूसा कि उसके लंड ने अपना पानी मेरे मुँह के अन्दर ही छोड़ दिया, जो मैं चाहती भी थी।

मैंने उसका सारा पानी पी लिया और उसका लंड निचोड़ कर चूसने लगी, उसके लंड की एक-एक बूँद में पी गई।

अब विक्की उठा और मुझे लेटा कर मेरी चूत फिर से चाटने लगा, मैं मज़े से ‘आआमम्म्म.. आअहह..’ की आवाजें निकालने लगी।

विक्की ने चूत चाटते हुए उसने अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद में घुसा दी। मैं इसके लिए तो तैयार नहीं थी तो मैं एकदम से चिहुंक गई और मैंने विक्की का सर और कसके अपनी चूत में दबा दिया।

उसने करीब दस मिनट मेरी चूत चाटी.. फिर मेरी चूत का पानी निकल गया। चूत से पानी निकलने के बाद मैं ऐसे ही पड़ी रही। विक्की मेरे बगल में आकर लेट गया। कब हम दोनों की आँख लगी, पता ही नहीं चला।

अचानक मेरी चूत चाटने की वजह से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा विक्की मेरे बगल में ही सोया था। ओ माय गॉड.. मैं डोर लॉक करना भूल ही गई और आशीष अन्दर आ चुका था।

वो पूरा नंगा होकर मेरी चूत चाट रहा था, मैं डर गई कि कहीं विक्की जगा तो वो मुझे शायद दोबारा कभी ना चोदे। मैं अपने मुँह पर हाथ रख कर उसको चूत चाटने दे रही थी। मैंने सोचा क्यों ना आशीष को जल्दी से चुदाई करके जाने दूँ।

यह सोच कर मैंने उसका लंड पकड़ लिया और तुरंत अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी। मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है इसलिए में चूसते-चूसते विक्की के बारे में भूल ही गई।

मैं आशीष का लंड चूस रही थी कि किसी ने मुझे पीछे से दबोच कर मेरे चूचे दबाने शुरू कर दिए। मैंने लंड निकाला और पलट कर देखा तो विक्की जाग चुका था।

उसने मुझे आँख मारते हुए घोड़ी बनने को कहा। मैं मुस्कुराते हुए जल्दी से घोड़ी बन गई। अब आशीष ने मेरे मुँह में अपना लंड घुसेड़ दिया और विक्की मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा। मेरी चूत गीली थी तो विक्की का लंड थोड़ी सी मेहनत से ही अन्दर चला गया।

विक्की का लंड मोटा था और मैं 15 दिन बाद किसी से चुद रही थी, तो मुझे हल्का सा दर्द हुआ। मैंने चीखना चाहा.. लेकिन मुँह में एक और मोटा लंड घुसा था तो मेरी चीख घुट गई।

अब मेरी चुत चुदाई का दौर चालू हो गया था। मेरा मुँह और चूत चुद रहे थे और अचानक विक्की ने अपनी उंगली मेरे गांड में डाल दी।

यह देख कर आशीष ने कहा- अब तुम पोज़िशन चेंज कर लो। यह कहते हुए वो चित लेट गया।

मैं तुरंत समझ गई कि वो क्या चाहता है, मैंने तुरंत उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में लंड लगाते हुए बैठ गई।

एक ‘फक्क..’ की आवाज के साथ पूरा लंड चूत की जड़ तक घुसता चला गया। पीछे से विक्की आया और मेरी गांड में थूक लगा कर मेरी चूत में लंड डाल दिया। अब मैं तो समझो जन्नत में थी.. दो लंड मेरी जबरदस्त चुदाई कर रहे थे।

करीब 20 मिनट चोदने के बाद आशीष का काम होने वाला था, उसने मुझे अलग किया और मेरे मुँह में लंड डाल कर मेरा मुँह चोदने लगा। उधर पीछे से विक्की ने मेरी चूत में लंड डाल मेरी चुत चुदाई शुरू कर दी।

मैं चुदाई का मजा ले रही थी और तभी आशीष मेरे मुँह में झड़ गया। मुझे मजा आ गया.. आज दूसरी बार किसी के लंड का पानी पीने को मिला था। मैं वो सारा पानी गटक गई।

फिर आशीष वहीं बैठ कर मुझे चुदते देखने लगा। विक्की मेरी चूत में लंड घुसा कर मेरी जबरदस्त चुत चुदाई कर रहा था, वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

मेरी चूत 3 बार पानी छोड़ चुकी थी और कई मिनट की लम्बी चुदाई के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया। हम तीनों थक कर उसी हालत में सो गए। जब आँख खुली तो देखा दोनों जा चुके थे। मैं सोच में पड़ गई कि ये क्या हो गया, अब शायद ये दोनों मुझसे मिलने नहीं आएंगे।

तभी आशीष का फोन आया- हैलो मेरी जान। मैं- हैलो.. सॉरी आशीष, आज जो हुआ उसके लिए आई एम रियली सॉरी। आशीष- अरे कोई बात नहीं.. इनफॅक्ट मुझे आज सबसे ज़्यादा मजा आया.. थैंक्स फॉर टुडे फ़क।

मेरी जान में जान आई, मैंने विक्की को फोन किया। ऐसा ही जवाब विक्की का भी था। मैं बहुत खुश हुई.. पर मुझे पता ही नहीं था कि उन दोनों ने अपने मोबाइल नंबर एक्सचेंज कर लिए हैं। अब जब भी आशीष कानपुर आता है वो विक्की को भी बुला लेता है और मेरी ग्रुप में चुदाई होती है।

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