मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 25 साल है। मेरी एक छोटी बहन दिशा है, वो अभी कॉलेज में जाती है। मेरी माँ की उम्र अब 40 है और मेरी माँ एक स्कूल में टीचर है।
मेरे पापा की दो साल पहले मृत्यु हो गई इसलिए अब हमारे घर में सिर्फ़ हम तीन लोग ही रहते है। दोस्तों यह घटना आज से 2 महीने पहले की है जब एक रात को मेरी मम्मी मुझे बहुत उदास लग रही थी और फिर में तुरंत समझ गया था कि वो मेरे पापा को याद कर रही है।
फिर मैंने उनको कुछ देर इधर उधर की बातों से बहलाया और में उनको खुश करने की कोशिश करने लगा था और उसी समय मम्मी मेरे गले से लगकर रोने लगी।
मैंने उनसे कहा कि मम्मी हम दोनों आपको बहुत प्यार करते है और हम लोग मिलकर कभी भी आपको पापा की कमी महसूस नहीं होने देंगे, तब मेरी बहन दिशा भी वहाँ पर आ गयी थी इसलिए अब वो भी मम्मी से बोली कि हाँ मम्मी प्लीज़ आप दिल छोटा ना करिए हम दोनों की देखभाल करने के लिए भैया है ना, देखो यह हम दोनों का कितना ख्याल रखते है।
वो बोली कि हाँ बेटी, लेकिन मेरा कुछ ध्यान सिर्फ़ तेरे पापा ही रख सकते थे, जिसको तुम नहीं समझ सकते, मेरी बहन ने कहा कि नहीं मम्मी आप भैया से एक बार कह कर तो देखिए और फिर हमारी बातें धीरे धीरे शांत हो गई।
फिर उसी रात को दिशा अपने रूम में थी और में रात को टॉयलेट जाने के लिए उठा तब टॉयलेट जाते हुए मुझे मेरी मम्मी के रूम से कुछ आवाज़ आई।
तब तक 12 बज चुके थे और मम्मी अभी तक जाग रही थी, यह बात सोचकर में उनके रूम की तरफ चला गया और फिर मैंने देखा कि मम्मी के रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था।
अब में दरवाजा खोलकर अंदर गया तो में एकदम से चौंक गया। मैंने देखा कि मेरी मम्मी अपनी सलवार को उतार अपनी चूत में एक मोमबत्ती को डाल रही थी और अचानक से दरवाज़े के खुलने की आवाज़ सुनकर उन्होंने पीछे मुड़कर देखा और मुझे देखकर वो घबरा सी गयी। में भी शरमा गया कि में बिना दरवाजे को बजाए अंदर चला गया।
अब मैं वापस पीछे मुड़ा तो मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा प्लीज़ किसी से मत कहना, तो मैंने उनको कहा कि नहीं मम्मी में किसी से यह बात नहीं कहूँगा, तब वो कहने लगी बेटा जब से तेरे पापा इस दुनिया से गये है तब से आज तक, शशह्ह हाँ मम्मी में भी अब सब समझता हूँ यह आपकी जरूरत है, लेकिन क्या करूँ अब पापा तो है नहीं?
फिर मैं मम्मी के पास गया और उनके हाथों को पकड़कर बोल मम्मी आप यह दरवाज़ा भी बंद कर लिया करो, तो वो बोली कि बेटा आज में इसको बंद करना भूल गयी और फिर मैं वापस आ गया।
फिर अगले दिन सब पहले की तरह शांत था, शाम को मैं वापस आया तो हम लोगों ने साथ ही बैठकर चाय पी चाय के बाद दिशा मुझसे बोली कि भैया बाज़ार से रात के लिए आप सब्ज़ी ले आओ जो भी आपको खाना हो। अब मैं जाने लगा तो मम्मी ने कहा कि बेटा किचन में आओ तो कुछ और सामान मैं तुम्हे बता दूँ वो भी तुम लेते आना।
अब मैं किचन में जाकर बोला हाँ आप बताओ क्या लाना है मम्मी? मम्मी ने बाहर झांककर देखा और दिशा को देखते हुए धीरे से वो बोली, बेटा 5-6 लंबे वाले बेंगन लेते आना मैं मम्मी की बात सुनकर पता नहीं कैसे बोल पड़ा मम्मी क्या अंदर करने के लिए? तब मम्मी शरमा गयी और मैं भी अपनी इस बात पर झेप गया और माफ़ करना यह शब्द बोलता हुआ मैं बाहर चला गया।
कुछ देर बाद सब्ज़ी लाकर मैंने दिशा को दे दी और में 4 बेंगन लाया था जिनको अपने पास रख लिए। फिर दिशा ने खाना बनाया फिर रात को खा पीकर हम लोग सोने चले गये और तभी करीब 11 बजे मम्मी मेरे रूम में आ गई और बोली कि बेटा क्या तुम बेंगन लाए थे?
हाँ मम्मी, लेकिन ज्यादा लंबे नहीं मिले और वो मोटे भी कम ही है। अब माँ बोली कि कोई बात नहीं बेटे अब जो है सही है, तो मैंने कहा कि बहुत ढूँढा मम्मी, लेकिन कोई भी मुझे लंबे नहीं मिले।
अब वो बोली क्या मतलब बेटा? मैं बोला कि मम्मी मतलब यह कि इनसे लंबा और मोटा तो मेरा है और तब मम्मी ने कुछ सोचा फिर कहा, क्या करे बेटा ? अब जो किस्मत में है वही सही। फिर मेरी पेंट के उभार को देखते ही वो बोली बेटा तेरा क्या बहुत बड़ा है?
हाँ मम्मी करीब 6 इंच है, बेटा तेरे पापा का भी इतना ही था बेटा तू दिखा दे दो तो तेरे पापा की याद ताज़ा हो जाए, लेकिन मम्मी मैं तो आपका बेटा हूँ? हाँ बेटा तभी तो मैं यह बात तुझसे कह रही हूँ तू मेरा बेटा है और अपनी माँ से क्या शर्म? तू एकदम अपने पापा पर गया है देखूं तेरा वो भी तेरे पापा के जैसा है या नहीं?
तब मैंने अपनी पेंट उतारी और अंडरवियर को भी उतारा तो मेरे लंबे तगड़े लंड को देखकर मम्मी एकदम से खुश हो गई और वो तुरंत मेरे लंड को देखकर नीचे बैठ गई और मेरा लंड उन्होंने अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली कि हाए बेटा तेरे पापा का भी एकदम ऐसा ही था।
हाए बेटा यह तो मुझे तेरे पापा का ही लग रहा है, बेटा क्या में इसको थोड़ा सा प्यार कर लूँ? तो मैंने उनसे कहा कि मम्मी अगर आपको इससे पापा की याद आती है और आपको अच्छा लगे तो आप कर लीजिए।
वो बोली बेटा मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे में तेरा नहीं बल्कि तेरे पापा का लण्ड पकड़ रही हूँ और फिर मम्मी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और वो उसको चाटने लगी।
दोस्तों यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था इसलिए मेरे लिए सम्भल पाना बड़ा मुश्किल था।
करीब 6-7 मिनट में ही मैं उनके मुँह में झड़ गया और करीब एक मिनट के बाद मम्मी ने लंड को अपने मुँह से बाहर किया और वो मेरे पास बैठ गयी। फिर मैं उनसे बोला मुझे माफ़ करना मम्मी मैंने आपका मुँह गंदा कर दिया, तो वो कहने लगी नहीं बेटा तेरे पापा भी रोज़ रात को मेरे मुँह को पहले ऐसे ही गंदा किया करते थे फिर मेरी चू….।
मम्मी इतना कहकर चुप हो गयी और मुँह उनके चेहरे को देखते हुए बोला फिर क्या क्या करते थे पापा? मम्मी जो पापा इसके बाद करते थे वो मुझे बता दो तो मैं भी कर दूँ तो आपको पापा की कमी नहीं महसूस होगी।
अब मम्मी मेरे चेहरे को पकड़कर बोली बेटा यह जो हुआ है हम दोनों में नहीं होता, लेकिन बेटा इस वक़्त तुम मेरे बेटे नहीं बल्कि मेरे पति हो, अब तुम मेरे पति की तरह ही करो और वो मेरे मुँह में अपना झाड़कर अपने मुँह से मेरी चूसते थे फिर मुझे।
इतना कहकर वो फिर से अटक गई। फिर मैंने कहा कि मम्मी अब जब आप मुझे अपना पति कह रही है तो इतना शरमा क्यों रही है आप सब कुछ खुलकर कहिए ना।
फिर वो बोली हाँ बेटा तू सच कहता है, चल अब तू मेरी चूत चाट और फिर मुझे चोद जैसे तेरे पापा चोदते थे। फिर मैंने कहा हाँ मम्मी ठीक है आओ बिस्तर पर चलो और फिर मम्मी को अपने बेड पर लेटा दिया और उनको पूरा नंगा कर दिया।
फिर मैंने महसूस किया कि मम्मी के बूब्स अभी भी सख़्त थे दो तीन साल से किसी ने उनको छुआ भी नहीं था और मैंने उनकी चूत को देखा तो में एकदम मस्त हो गया। फिर मम्मी की चूत कसी लग रही थी और 40 की उम्र में मम्मी 30 की ही लग रही थी।
फिर मम्मी को बेड पर लेटाकर मैंने अपने कपड़े अलग किए और फिर मम्मी के बूब्स को पकड़ उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया। बूब्स को दबा दबाकर चूत चाटने लगा और अपने झड़े लंड को कसने लगा।
10-15 मिनट तक चुत को चाटने के बाद मम्मी ने कहा की बेटा अब मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा अब मुझे अपने इस लण्ड से चोद दे, इतना सुनते ही मेने अपने लंड को मम्मी की चुत पर सेट किया और एक जोर से धका के साथ लंड को चुत में पेल दिया, तकरीबन 25-30 मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक एक दूसरे को कसकर जकड़कर लेट गए।
उसके बाद मम्मी अपने कमरे में जाकर सो गयी और में भी।
दोस्तों, आपको ये माँ की चुदाई वाली स्टोरी किसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये, धन्यवाद।