दोस्तों हेलो मेरा नाम मोनिका हैं और मैं लखनऊ में रहती हूँ और मेरे घर के पास एक ऑफिस मे कंप्यूटर ओपेरटर की जॉब करती हूँ। मेरे ऑफिस में मेरे अलावा एक और लड़की काम करती हैं जिसका नाम नीतू हैं।
वो मेरी कलीग हैं हम दोनों साथ काम करने के साथ साथ मौज मस्ती भी करते हैं हम दोनों हमउम्र हैं इसलिये एक दूसरे से कई प्रकार के मजाक भी कर लेती थीं।
उसने बहुत बार मुझे अपने घर चलने को कहा और एक दिन मैं ऑफिस के बाद उसके घर चली गई।
उसके माता-पिता ने मेरा बहुत सत्कार किया और बहुत आदर मान से रात को उनके यहाँ रुकने को कहा। मैं उनका आग्रह टाल नहीं सकी और मैंने घर पर फोन करके बता दिया कि मैं रात को अपनी कलीग नीतू के घर पर रुकूँगी।
रात को खाना खाने के बाद हम दोनों नीतू के कमरे में चली गईं। नीतू ने मुझे अपनी एक टी-शर्ट और पायजामा दिया तो मैंने सिर्फ टी-शर्ट पहन ली और अपनी पैंटी में ही उसके साथ बिस्तर में घुस गई और हम दोनों बातें करने लगी।
बातों बातों में नीतू मुझसे लड़कों के साथ चुदाई के बारे में बातें करने लगी।
हम दोनों ऑफिस के लड़कों और दूसरे लड़कों के बारे में बातें करते रहे।
मैंने देखा कि हम दोनों थोड़ी सी उत्साहित हो गई थीं। नीतू मुझे सैक्स के बारे में लगातार छेड़ रही थी और मेरी जांघ को सहला रही थी।
मैं उत्तेजित होने लगी और लड़के के लण्ड के बारे में सोचने लगी। मेरी साँस कुछ भारी हो गई थी और मेरी चूत भी गीली हो गई थी।
कुछ देर बाद हम दोनों लेट गईं तो मैंने देखा कि नीतू भी गहरी साँसें ले रही थी और उसके मोम्मे उसके साँस लेने से ऊपर नीचे हो रहे थे।
मेरा दिल किया कि उनको दबा दूँ परंतु चूँकि आज से पहले तक हम दोनों के बीच में कभी कोई अंतरंग बातचीत नहीं हुई थी, केवल हँसी मजाक ही हुआ था, इसलिए मुझे डर था कि कहीं नीतू बुरा ना मान जाए।
थोड़ी देर में मुझे लगा कि नीतू सो गई है। तभी नीतू ने करवट लेकर अपना चेहरा मेरी ओर कर लिया और अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख कर सो गई।
“ नीतू ! सो गई क्या?” मैंने धीरे से उसे आवाज़ दी।
जब कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने सोचा कि नीतू सो गई है और अब मैं बाथरूम में जाकर अपनी चूत को उंगली से शांत कर सकती हूँ।
मैंने बड़े आराम से उसकी बाँह को अपने ऊपर से हटाना चाहा ताकि नीतू की नींद ना खुल जाए और मैं बाथरूम जा सकूँ।
तभी नीतू हिली और बोली,”मोनिका कहाँ जा रही है?”
“नहीं कहीं भी तो नहीं!” और मेरी बाथरूम में अपनी चूत को शांत करने की आशा पर पानी फिर गया।
“फिर ठीक है!” नीतू ने कहा और उसने मेरे गाल को चूम लिया।
मैंने भी करवट लेकर उसकी ओर मुँह कर लिया और अब हम दोनों के चेहरे आमने सामने थे।
नीतू ने अपनी एक बाँह मेरी गर्दन के नीचे डालने की कोशिश की तो मैंने अपनी गर्दन थोड़ी सी उठा कर उसको अपनी बाँह मेरी गर्दन के नीचे डालने की जगह दे दी।
मैंने अपनी गर्दन उसकी बाँह पर रख दी और अपनी दूसरी बाँह उसके ऊपर लपेट कर उसके थोड़ा और पास हो गई।
अगर मैं घर पर होती तो कोई समस्या नहीं थी क्योंकि मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर अपनी चूत को शांत कर सकती थी परंतु यहाँ नीतू के घर पर उसके सामने अपनी चूत कैसे शांत करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैं चुपचाप लेटी रही।
मैंने धीरे से नीतू के चेहरे को चूम लिया,”शुभ रात्रि !”
मैंने एक बार फिर से नीतू को चूम लिया। फिर मुझे लगा कि शायद मैंने यह ठीक नहीं किया और तभी नीतू ने मेरा सिर अपने और पास करने की कोशिश की।
एक बार मुझे लगा कि शायद नीतू भी यही चाहती है और मैंने उसे फिर से चूम लिया।
नीतू ने अपनी आँखें खोल लीं और मुझे होंठों पर चूम लिया। मेरी एक हल्की सी आह निकली और मेरा दिल जोर से धड़कने लगा।
नीतू ने अपना चेहरा मेरे और पास किया और मेरे होठों को चूसने लगी।
अब मैं समझ गई कि नीतू भी उत्तेजित है, मैं उसका साथ देने लगी,”ओह नीतू ! तुझे नहीं पता कि तू कितनी सैक्सी है और तेरे यह गुलाबी होंठ कितने मस्त हैं!”
नीतू कुछ नहीं बोली और मुझे चूमती रही। फिर उसने मुझे इशारे से अपने ऊपर आने को कहा। मैं उसके ऊपर आ गई और अपनी चूत को नीतू की चूत पर दबाने लगी।
मैं अपना चेहरा थोड़ा नीचे कर के बिल्कुल नीतू के चेहरे के सामने ले आई और उसकी आँखों में देखने लगी।
मैं नीतू के होठों के आस पास चाटने लगी और उसके होठों को हल्के हल्के काटती हुई उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगी।
मैंने थोड़ा ऊपर हो कर अपनी टी-शर्ट उतार दी तो नीतू ने अपने हाथ मेरे पीछे कर के मेरी ब्रा के हुक खोल दिये और मैंने उसे उतार कर फ़ेंक दिया।
नीतू ने मेरी गाण्ड पर हाथ फेरते हुए मेरी पैंटी भी नीचे कर दी तो मैंने उसे भी उतार दिया और फिर से नीतू के होठों को चूसने लगी।
हम दोनों पलटी, मैंने नीतू के कपड़े भी उतार दिये और उसको फिर से नीचे लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत से उसकी चूत पर धक्के देने लगी।
नीतू ने मेरे एक चुचूक को अपनी उंगली से दबा दिया। मैं जोर से चीखी तो नीतू हँस कर कहने लगी,”मोनिका तुझे ऐसे मज़ा आता है?”
मैंने हाँ में सिर हिलाया तो उसने दोबारा मेरे चुचूक दबा दिये।
“तेरी चूत तो बहुत गरम हो गई है ! तेरी चूत के पानी से मेरी चूत गीली हो रही है ! मुझे पता है कि अब तेरा दिल चुदाई का कर रहा है !
है ना?” कहते हुए नीतू ने मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर आकर मुझे चूमने लगी।
नीतू अपने दोंनों हाथों से मेरे मोम्मे दबा रही थी। मेरी चूत बहुत गीली थी और मैं एक हाथ से नीतू के बालों को सहलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी।
नीतू धीरे-धीरे अपना मुँह मेरे मम्मों तक ले गई और उन पर टूट पड़ी, ”मोनिका तेरे मम्मे कितने बड़े हैं ! मोटे मोटे गद्दे जैसे ! लड़कों को इनको चोदने में मज़ा आता होगा ना?
” नीतू का पूरा ध्यान मेरे मम्मों पर था, मेरी सिसकारियाँ निकल रहीं थीं,”आह्ह! नीतू, चूस, और जोर से चूस मेरे मम्मे ! काट ले इनको !”
नीतू मेरे मम्मों को और जोर से दबाने और चूस चूस कर काटने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से नीतू की गाण्ड को दबाना शुरू कर दिया।
धीरे से मैंने अपना एक हाथ नीतू की चूत पर रखा और उसकी चूत को सहलाने लगी। उसकी चूत भी बहुत गीली थी। मैं अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल कर हिलाने लगी।
नीतू मेरे ऊपर से उतर कर मेरे साथ लेट गई और उसने भी मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी।
मैंने धीरे से अपनी दूसरी उंगली भी नीतू की चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगी। नीतू ने अपनी उंगली मेरी चूत से निकाल कर मेरे बालों को खींचते हुए मेरे होंठों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया तो मैं समझ गई कि अब वो मस्त हो गई है।
मैं अपनी उँगलियों को उसकी चूत के अंदर-बाहर करने की गति धीरे धीरे बढ़ाने लगी। जैसे जैसे मेरे हाथ की गति बढ़ती नीतू की सिसकारियों की आवाज़ भी उतनी जोर से आती।
मैं धीरे धीरे उसके चेहरे गर्दन और मम्मे चूमती हुई उसके पेट से होते हुए नीचे तक आकर ठीक उसकी चूत के कुछ ऊपर उसको चूमने लगी।
कुछ देर तक वहाँ चूमने-चाटने के बाद मैं उसकी चूत के बिलकुल ऊपर चाटने लगी। मुझे बहुत मादक सुगंध आ रही थी।
मैंने जोर से वहाँ सूँघा और बोली,”नीतू, तेरी चूत की खुशबू से तो किसी भी लड़के का लण्ड खड़ा हो जाएगा !”
मैंने उसकी चूत को उँगलियों से चोदने की गति बढ़ाई और साथ ही उसकी चूत को जोर जोर से चाटने लगी।
नीतू ने मेरे सिर को अपनी जांघों में दबा रखा था और दबी आवाज़ में जोर जोर से साँसें भर रही थी। तभी नीतू झड़ गई और अपना सिर इधर उधर हिलाते हुए ओह आह की आवाजें निकालने लगी।
मैंने अपनी उँगलियाँ बाहर नहीं निकालीं और उसकी चूत को चाट चाट कर साफ़ करने लगी। जब उसका झड़ना शांत हो गया तो वो मेरा सिर पकड़ कर ऊपर खींचने लगी।
मैं उसके शरीर को अब नीचे से ऊपर की ओर चूमती हुई उसके चेहरे पर पहुँच गई और उसके होंठों को चूम कर बोली,”नीतू तेरी चूत तो बहुत स्वादिष्ट है ! दिल कर रहा है कि एक बार और चाट लूँ !”
नीतू मेरा चेहरा चाटने लगी और धीरे धीरे मेरे नीचे की ओर जाने लगी। मेरी गाण्ड को अपने दोनों हाथों से दबाते हुए मेरे मोम्मों तक पहुँच कर उनको चूसने लगी।
उसने मेरे चुचूक काटने शुरू कर दिये। फिर नीचे आते आते वो मेरे पेट को चाटती हुई मेरी चूत तक पहुँच गई और मेरी जांघों को चाटने लगी।
मैं अपनी गाण्ड को आगे पीछे करते हुए अपनी चूत को उसके मुँह पर मारने लगी। नीतू मेरी चूत से लेकर मेरी गाण्ड के छेद तक चाटने लगी और फिर उसने भी अपनी दो उँगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं और उन्हें मेरी चूत के अंदर-बाहर करने लगी।
कुछ देर वहाँ चाटने के बाद नीतू ने मुझे घोड़ी की तरह बनने को कहा।
मैं घोड़ी बन गई तो नीतू पीछे से मेरी चूत में अपनी उँगलियाँ डाल कर मेरी गाण्ड को चाटने लगी।
मैं अपनी गाण्ड को कभी आगे पीछे और कभी ऊपर नीचे कर रही थी। नीतू ने अपना मुँह बिल्कुल मेरे नीचे कर के अपनी उँगलियों से मेरी चूत को चोदते हुए मेरी जांघों को चाटना शुरू कर दिया।
“आह्ह आह्ह नीतू ! मेरी नीतू !” मेरी आहें निकल रहीं थीं,”नीतू, तू यह क्या जादू कर रही है?”
“नीतू, प्लीज़ ! अब बस कर, मैं झड़ने वाली हूँ !!!” मैंने कहा।
“झड़ जा मेरी जान !!! आज इतनी जोर से झड़ जा ताकि तुझे झड़ने का मज़ा आ जाए !!!” नीतू कहने लगी।
मैं जोर जोर से अपनी गाण्ड को आगे-पीछे कर रही थी। मेरी गाण्ड का छेद स्वयं खुल और बंद हो रहा था और मेरा दिल कर रहा था कि इस समय कोई लड़का अपना लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड़ दे।”आह्हह्ह ! ओह्ह्ह्ह !!! नीतू !”
मैंने अपना मुँह तकिये में दबा लिया ताकि मेरी चीख की आवाज़ बाहर ना जाए। परंतु नीतू मेरी जांघों को सहलाते हुए मुझे उँगलियों से चोदती रही और मैं झड़ने लगी।
मेरा पानी मेरी चूत से निकल कर नीतू के हाथों को भिगो रहा था और नीचे बिस्तर पर गिर रहा था।
थोड़ी देर के बाद मैं वैसे ही बिस्तर पर गिर गई और जोर जोर से हांफने लगी।
नीतू मेरे ऊपर लेट कर मुझे चूमते हुए कहने लगी,”मोनिका, अब किसी दिन दोनों मिल कर लड़कों के साथ मज़ा करते हैं !”
फिर नीतू ने मेरी चूत चाट चाट कर साफ़ कर दी और हम दोनों एक बार फिर से एक दूसरे की बाँहों में आ गईं।