बारिश में पापा बेटी की चुदाई

मेरे प्यारे दोस्तो. आप सब कैसे हो, मेरा नाम सोनिया है और मेरी उम्र 19 साल है, मैं गुजरात से हूँ. हमारे परिवार में 5 सदस्य हैं। मम्मी-पापा, मैं, दीदी, भाई और दादी, परिवार में सबसे ज्यादा सेक्सी मेरी दीदी हैं।

पर दीदी मेरे लिए कहती हैं कि मैं भी किसी से कम नहीं हूँ। मेरे छोटे छोटे नुकीले चूचे और टाइट चूत वास्तव में मुझे बड़ी मजबूती देती है. मेरी चूत पर अभी हल्के हल्के बाल आना शुरू हुए हैं पर मेरी चुत है बहुत गोरी।

मेरे चूचे भी एकदम गोल मटोल और आगे से नुकीले हैं, दूध के बाद मेरी नाभि सबसे अधिक सेक्सी है।

वो जुलाई का महीना था 11 बजे खाना खाने के बाद हम सब सोने की तैयारी करने लग गए. इतने में लाइट चली गयी।

मैंने मम्मी पापा से कहा कि मैं छत पर सोने जा रही हूँ, मुझे नीचे गर्मी में नींद नहीं आएगी।

मम्मी ने कहा- बेटा, अकेले कैसे सोएगी… जा अपनी दीदी को भी बोल दे उसे भी साथ ले जा। मैंने दीदी से कहा, पर दीदी ने मना कर दिया।

इतने में पापा बोले- चल मैं तेरे साथ चलता हूँ। मैं अपने पापा के साथ दो बार चुदाई कर चुकी थी, पर ये बात मम्मी को मालूम नहीं थी। पापा होने के नाते माँ ने कोई शक नहीं किया। अब मैं और पापा छत पर चले गए. हमने छत पर ही बिस्तर लगाया और लेट गए।

कुछ देर बाद पापा ने धीरे से एक पैर मेरे ऊपर रखा और कहा- बेटी, क्या ख्याल है?

मैंने कहा- पापा क्या ख्याल होगा… मैं मना करूंगी, तो कौन सा आप कुछ नहीं करोगे. कुछ करने के लिए ही तो आप छत पर आए हो।

पापा हंसने लग गए और कहा- मेरी बिटिया तो समझदार हो गयी.

यह कहते हुए पापा ने मेरे चुचे दबा दिए।

मैंने एक छोटी सी आह्ह्ह भरी, मैंने उस दिन ब्लैक वाइट रंग की स्कर्ट पहन रखी थी। पापा मेरी स्कर्ट ऊपर करके कच्छी के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाने लग गए, मुझमें मदहोशी छाने लग गयी… मैं गर्म होने लगी।

पापा के साथ दो बार चुदाई के बाद मेरी शर्म खत्म हो चुकी थी। गर्म होने के बाद मैं पापा के ऊपर चढ़ गई और उनके होंठ चूसने में लग गयी. जैसे ही मैं पापा के होंठ चूस रही थी, वैसे मैंने देखा कि मेरे पेट पर कुछ महसूस हो रहा है। शायद पापा का लंड खड़ा हो गया था।

फिर मैं पापा को किस करने लगी मैं कभी उनके गले पर, तो कभी सीने पर चुम्मी करके उनके पेट से होते हुए नीचे आ गयी।

पहली बार की चुदाई में मुझे पापा का लंड चूसना अजीब सा लगा था. पर दूसरी चुदाई में मैंने लंड खूब चूसा था… और अब तो मुझे लंड एक कुल्फी लगने लगा था।

मैंने पापा के लंड को उनके कच्छे से बाहर निकाला, उनका लंड मैंने कभी नापा तो नहीं था, पर 7 इंच का तो होगा ही… और मोटा भी खूब है, क्योंकि जब मैंने अपनी सील अपने पापा से तुड़वाई थी, तो पूरे 15 दिन तक मेरी चूत में दर्द होता रहा था।

ये उनके मोटे और लम्बे लंड को लेने की वजह से हुआ था. दूसरी बार उनके लंड से चुदाई में मुझे कुछ मजा आया था. पर बस जब पापा ने मेरी चूत में अपना लौड़ा डाला था… मुझे पता है कि आज भी लंड अन्दर जाने वाला है।

अब मैं पापा का लंड बड़े मजे से चूस रही थी. पापा मस्ती में अपनी आंखें बंद करके कहे जा रहे थे- आह रंजू बेटा और चूस … आह अपने पापा का लंड चोर ले.… आह मजा आ रहा है बेटा… बस ऐसे ही चूसती रह।

मैं भी पूरी शिद्दत से अपने पापा का लंड चूसती रही। कुछ ही देर में हम दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे. फिर पापा ने मुझे नीचे गिराया और मेरी स्कर्ट ऊपर करके मेरी कच्छी को नीचे कर दिया।

मैंने स्कर्ट के ऊपर कमीज पहन रखी थी. पापा ने एक एक करके उसके बटन खोले और कमीज को उतार दी। अब मैं ब्रा और स्कर्ट में थी। वो स्कर्ट मुझे मेरी बुआ ने दी थी और ब्रा पापा खुद लाये थे।

पापा कहने लगे कि मेरी बिटिया ब्रा और स्कर्ट में कितनी सेक्सी और हॉट लगती है। दुनिया की सबसे ज्यादा हॉट लौंडिया। मैंने कहा- पापा मैं जैसी भी हूँ … बस अब तुम्हारी हूँ।

पापा मेरी गांड सहलाते हुए कहने लगे- मेरी बिटिया की गोरी गोरी जांघें कितनी चिकनी हैं… गोल गोल नुकीले चुचे ये कहते हुए पापा नेम मेरे निप्पल मींज दिए मैंने बस ‘आह्ह्ह्ह..’ भर दी।

अब पापा मेरी चूत चाटने में लग गए. मैंने टांगें हवा में उठा दीं। पापा मेरी बुर चाटे जा रहे थे … और मैं गांड उठा कर पापा को अपनी चुत में घुसेड़ लेना चाहती थी। मुझे इतनी अधिक उत्तेजना बढ़ गई थी कि मैं कुछ ही पलों में झड़ गयी. पापा ने मेरी चूत का सारा गर्म गर्म रस पी लिया।

‘आःह्ह’ सच में अपने पापा से अपनी चुत चुसवाने में कितना मजा आया था पापा ने मेरी बुर का गर्म रस चाटने के बाद भी मेरी चुत को चुसना नहीं छोड़ा. इससे हुआ ये कि मेरी जवान चूत जल्दी ही फिर से चुदासी हो गई।

अब मैंने पापा से कहा- पापा अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, आप जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो. पापा ने मेरी चूचे मसलते हुए कहा- क्या हुआ मेरी रंडी?

मैं- हां पापा, आपकी रांड बिटिया की चूत अपने पापा का लंड लेने के लिए मचल रही है। पापा ने मुझसे पूछा- तू ऊपर से आ कर लंड लेना चाह रही है या नीचे से मैं ही लंड पेलूँ?

मैंने कहा- पापा मुझे नीचे से मजा आता है… आप ही मेरे ऊपर चढ़ जाओ… आप ऊपर से जमकर चोदते हो पापा ने कहा- ठीक है … तू अपनी टांगें खड़ी कर दे और अपने हाथ से लंड को चूत में लगा दे।

मैंने ऐसे ही किया. पापा का लंड हाथ में लेकर अपनी चूत के मुँह पर लगा दिया… और पापा ने एक झटके में लंड अन्दर घुसा दिया।

इसलिए मुझे पापा का लंड लेते ही चुत में दर्द होने लगा हालांकि इस बार दर्द कम हुआ था. जितना पहली और दूसरी चुदाई में हुआ था … इस बार उतना दर्द नहीं था।

जल्द ही पापा ने अपना पूरा लंड मेरी चुत की जड़ तक पेल दिया और अब वो धीरे धीरे धक्के मारने लगे थे।

आज मैं खुली छत पर अपने पापा से चुद रही थी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों के बदन गर्मी के चलते पसीने में लथपथ होने लगे थे।

इतने में बारिश होने लगी। बारिश की बूंदों ने मेरी गर्मी को मस्ती देना शुरू कर दिया था। पापा ने मेरी एक टांग अपने कंधे पर उठा रखी थीं और पापा मेरी चुत को भोसड़ा बनाने की जुगत में जोरदार धक्के मार रहे थे।

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मैंने पापा से कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… पापा बड़ा मजा आ रहा है… आप रुकना मत… आज ऐसे ही बारिश में अपनी की चूत बजाते रहो, आपकी सोनिया बारिश में भीगते हुए ही चुदना चाहती है।

पापा को पानी बूंदों से मजा आ रहा था। वो बारिश की ठंडी बूंदों में अपने लंड और मेरी चुत की आग को बुझाने में लग गए और उनकी रफ्तार पहले से तेज हो गई।

पापा मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करने में लगे हुए थे। जैसे जैसे बारिश और तेज हो रही थी, वैसे वैसे पापा के धक्कों की रफ्तार बढ़ रही थी। ऐसा लग रहा था मानो बारिश की बूंदों और पापा के धक्कों में कम्पटीशन हो रहा हो।

पापा ने मुझे चोदते हुए कहा- आह… मेरे साथ बारिश में नंगी होकर डांस करेगी? मैंने हामी भर दी।

हम दोनों खड़े हुए और बारिश में डांस करने लग गए. हम दोनों बाप बेटी बिल्कुल नंगे थे। डांस करते करते मैं बीच बीच में पापा का लंड चूस लेती. अब पापा ने मुझे गोद में उठाकर डांस करने लगे।

वो डांस करते करते मुझे एक कोने में ले गए और मेरी एक टांग दीवार पर टिका कर वहीं खड़े खड़े मेरी चूत में लंड डाल दिया। लंड अन्दर पेलते ही पापा मेरी चुत में जोर जोर से धक्के मारने लगे।

अब मेरा आनन्द आसमान पर था. मुझे पापा से खड़े खड़े चुदने में बहुत मजा आ रहा था। मैं भी इस चुदाई की मस्ती में अपने पापा से ना जाने क्या क्या बोल रही थी।

मैं कहने लगी- वोह्ह मेरे पापा… चोदो ना अपनी रांड बिटिया को… आज से मैं आपकी रखैल हूँ।

पापा ने कहा- ये तुम और आप बोलना छोड़… और मुझे तू अबे बोल… गाली दे भैन की लौड़ी छिनाल साली लंडखोर!

मैंने भी उनकी बात मान ली और बोलने लगी- आज से ये सोनिया तेरी रांड बेटीचोद… जब मर्जी चोदना मुझे भोसड़ी वाले … आह्ह ऊह्ह्ह कुत्ते… आज रगड़ दे अपनी नाजुक छिनाल बिटिया को… मसल दो अपने लंड से आज मुझे… आह्ह्ह.

पापा वहीं खड़े खड़े बारिश में मेरी चूत बजाए जा रहे थे. मेरी चुत को दुनिया का हर सुख दे रहे थे।

मैंने पापा से कहा- आज मैं तेरी पत्नी बन गई हूँ… चोदो मेरे राजा… फाड़ दो आज अपनी पत्नी सोनिया की चूत … आज से मैं तेरी सब कुछ हूँ… रांड भी, रखैल भी, बिटिया भी, गर्लफ्रेंड भी और पत्नी भी… आज पूरा निचोड़ दो अपनी जान को. आहह पापा।

मेरे पापा… आह्ह्ह पापा… बना दो आज अपनी बिटिया को माँ… चोद चोद कर फाड़ दो आज मेरी चूत…

इस पर पापा भी बोलने लग गए- ले कुतिया. … साली… मेरी सोनिया रांड… हां आज से मैं तेरा खसम हूँ… अब हर रात तेरे साथ तेरी चूत बजाऊंगा… भैन की लवड़ी खा अपने बाप का लौड़ा!

ये कहते हुए पापा के लंड के धक्कों की स्पीड तेज हो गयी … और मेरी आवाज भी।

मैं बोलने- माँ के लौड़े हरामी साले… आज तू पूरा बेटीचोद बन गया… तू मेरा राजा और मैं तेरी रानी… चोद मेरे राजा… आह्ह्ह.

पापा अब मुझे पूरी ताकत और जोर से चोदने लगे थे। मैं भी चरम सीमा पर आ गई थी। मैं झड़ने वाली थी।

इतने में पापा ने अपने लंड का गर्म गर्म वीर्य मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया। उसके बाद पापा ने लंड बाहर निकाला और मैंने मुँह से पापा का लंड चूसकर साफ़ कर दिया।

अब बारिश भी कम हो गयी थी। ये रात मेरे लिए बहुत यादगार थी।