पड़ोसन को चोदा ससुर जी ने

हाय दोस्तो… कैसे हो जी.. मस्त ना.. मस्त ही रहना! मैं अमित, कानपुर से आपके लिए बहुत ही सेक्सी कहानी लेकर हाजिर हूँ जो मेरी आँखों देखी चुदाई की घटना है।

मैं तो अपनी ही मस्ती में रहता था। अड़ोस-पड़ोस की बातों पर मैं कभी गौर नहीं करता था। पर मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी वो मुझे बहोत पसंद थी, पूनम नाम है उसका। उम्र यही कोई 24-25 साल के आस पास। शादी को चार साल हो चुके है पूनम की। एक बच्चे की माँ है वो!

जब वो शादी करके ससुराल आई थी तो उसका बदन किसी कमसिन कली जैसा नाजुक सा था पर अब जब से वो माँ बनी है उसका शरीर कुछ भर सा गया है तो मस्त माल बन गई है पूनम।

पूनम का घर मेरे घर के बिल्कुल सामने ही है। उस दिन दोपहर में मैं छत पर किसी काम से गया तो मुझे पूनम के घर में कुछ हलचल सी महसूस हुई।

तभी पूनम के घर से उसके चिल्लाने की आवाज आई। मैंने उसके चिल्लाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्यूंकि उसके घर में तो अक्सर झगड़ा होता रहता था।

पर उसी शाम को मेरे कॉलोनी के ही एक लड़के ने मुझे कुछ ऐसा बताया कि मैं समझ ही नहीं पाया कि यह सच है या झूठ। उसने मुझे बताया था कि पूनम के ससुर लाल सिंह ने पूनम के चुच्चे मसल दिए थे इसीलिए पूनम दिन में चिल्ला रही थी।

‘चुचे मसल दिए थे? और वो भी उसके ससुर ने…?’ मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी बात को मजाक समझ कर नजरंदाज कर दिया। पर उसकी बात सुन कर मेरे अंदर सच जानने की बेचैनी बढ़ गई थी।

पूनम का पति अक्सर हफ्तों के लिए घर से बाहर रहता था तो मुझे लगा कि बात सच भी हो सकती है। अब तो मेरी नजर हर समय पूनम के घर पर लगी रहती। रविवार के दिन जब घर पर होता तो सारा दिन बस इसी काम पर लगा रहता।

करीब पन्द्रह दिन हो गए थे नजर रखते हुए पर अभी तक कुछ नजर नहीं आया था। एक फायदा जरूर हो गया था कि पूनम से मेरी नजरें चार होने लगी थी।

वो शायद यह समझ रही थी कि मैं उसको पटाने के मूड में हूँ पर उसे क्या पता था कि मेरा इरादा क्या है।उस दिन भी रविवार था, मैं सुबह सुबह ही कुछ लेने के बहाने से उनके घर गया तो पता लगा कि घर में आज सिर्फ पूनम और उसका ससुर ही है।

उसकी सास उसके देवर को लेकर किसी रिश्तेदारी में गई थी और पति तो पहले से ही बाहर गया हुआ था। मुझे एहसास हुआ कि आज कुछ ना कुछ देखने को मिल सकता है।

गर्मियों के दिन थे तो दोपहर के समय कॉलोनी की गलियाँ खाली पड़ी थी। हमारा घर भी एक बंद गली में है तो उसमे वैसे भी लोगों का आना जाना ना के बराबर ही होता है।

मेरे कान और आँख दोनों पूनम के घर पर ही लगे थे। करीब दो बजे मुझे पूनम के जोर जोर से बोलने की आवाज आई तो मैं सतर्क हो गया।

मैं अपने घर से निकला और पूनम के घर की खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया। ‘पापा जी… कुछ तो शर्म करो… बहू हूँ मैं तुम्हारी…’ ‘बहु जो मर्जी कह पर अब मुझ से नहीं रुका जाता… जब से तेरी जवानी देखी है मेरे लंड में दुबारा से मस्ती चढ़ने लगी है।’

‘बुड्ढे कुछ तो शर्म कर… ज्यादा आग लगी है तो अपनी औरत के पास जा… मुझे क्यों खराब करने पर तुला है?’ ‘बस एक बार बहू… सारी उम्र तेरी गुलामी करूँगा…’

‘आह्ह… पापा जी छोड़ो मुझे… आह चूची छोड़ो मेरी… दर्द हो रहा है… उईई माँ… बहनचोद छोड़ मुझे!’ मैं समझ गया था कि बुड्ढा पूरी रौनक में है और आज तो वो पूनम की चूत फाड़ कर ही मानेगा।

अंदर की आवाजें सुन कर मेरी बेचैनी बढ़ गई थी। अब तो मैं यह देखने को बेचैन था कि आखिर कमरे में हो क्या रहा है। मैं अंदर झाँकने के लिए जगह ढूँढ रहा था।

तभी मुझे ध्यान आया कि पूनम के घर के पिछली तरफ खाली प्लाट है और उस तरफ की दीवार भी बहुत नीची है। मैं दौड़ कर उधर गया। पर नजर फिर भी कुछ नहीं आया। मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी।

आखिर में मैंने थोड़ा खतरा मोल लेने का मन बना लिया और फिर बिना देर किये मैं दीवार की खिड़की से पूनम के कमरे के अंदर झाकने लगा। जिसमें से उन दोनों की आवाजें आ रही थी।

‘पापा जी मत करो ऐसा… अगर तुम्हारे बेटे को पता लग गया तो सोच लो वो तुम्हारी क्या हालत करेगा!’ पूनम अब कुछ मत बोल बेटा… अब मैं नहीं रुक सकता…

‘आह्हह्ह!’ पूनम की बड़ी सी आह सुनकर मैं समझ गया कि बुड्ढा कुछ कर रहा है। मैंने कमरे के अंदर झाँका तो मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा हो चुका था, फटने को हो गया।

मैंने देखा कि उसका ससुर नीचे से बिल्कुल नंगा होकर अपना लंड सहला सहला कर खड़ा कर रहा था। पूनम बेड पर बैठी हुई थी और रो रही थी।

लाल सिंह बीच बीच में उसकी चूची को पकड़ कर मसलता तो वो छटपटा उठती थी।

मुझे पूनम का ऐसे बेड पर बैठे रहना अजीब लग रहा था क्यूंकि अगर पूनम चुदवाना नहीं चाहती थी तो वो बेड पर इतने आराम से कैसे बैठी थी। वो उठ कर बाहर क्यों नहीं आ रही थी या क्यों नहीं वो बूढ़े का ज्यादा विरोध कर रही थी। बात कुछ समझ नहीं आ रही थी।

तभी लाल सिंह ने पूनम का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा। पूनम ने एक बार तो हाथ पीछे खींच लिया पर जब लाल सिंह ने दुबारा उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रखा तो वो रोते हुए लाल सिंह का लंड सहलाने लगी।

लाल सिंह अब आँखें बंद करके आहें भर रहा था। कुछ देर बाद लालसिंह ने पूनम को लंड चाटने के लिए कहा तो पूनम ने मना कर दिया। लाल सिंह ने जबरदस्ती लंड मुँह में घुसाया तो पूनम ने मुँह झटक कर लंड बाहर निकाल दिया।

लाल सिंह थोड़ा नाराज हुआ और फिर वो पूनम के कपड़े उतारने लगा। नजारा बहुत मस्त तैयार हो रहा था तो मैंने झट से मोबाइल निकाला और उनकी मूवी बनाने लगा। पूनम थोड़ा विरोध कर रही थी पर लाल सिंह ने कुछ ही देर में पूनम को नंगा कर दिया।

पूनम का नंगा बदन देख कर मेरी हालत खराब होने लगी थी। दिल कर रहा था कि अभी कमरे में घुस जाऊँ और खुद ही चोद डालूं उस मदमस्त जवानी को।

नंगी होने के बाद पूनम अपने हाथों से अपनी चूचियों और चूत को छुपाने की कोशिश करते हुए बेड पर बैठ गई। तभी लाल सिंह ने उसको धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और खुद उसकी टांगों के बीच बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा।

पूनम का विरोध अब लगभग खत्म हो गया था। अब रोने की आवाज सिसकारियों और सीत्कारों की आवाज में बदल गई थी। ‘आह्ह… पापा जी… ओह्ह्ह… आह्ह्ह… पूनम बड़बड़ा रही थी।

उसका हाथ अब लाल सिंह का सिर अपनी चूत पर दबा रहा था जिससे एहसास हो रहा था कि पूनम भी अब चुदास से भरने लगी थी।

दो मिनट के बाद कमरे का नजारा ही बदल गया था। पूनम पूरी गर्म हो गई थी और उसने अब लाल सिंह को अपने नीचे कर लिया था। अब वो लाल सिंह के मुँह के ऊपर बैठ कर अपनी चूत चटवा रही थी। ‘बहन के लंड… खा मेरी चूत को खा जा… आह्ह… खा मेरी चूत को खा…ओह्ह्ह…’

पूनम मस्ती में बड़बड़ा रही थी और लाल सिंह की बोलती बंद थी। वो चुपचाप पड़ा पूनम की चूत चाट रहा था। कुछ देर बाद पूनम नीचे उतरी और लाल सिंह के लंड को जोर जोर से मसलने लगी। लाल सिंह का लंड पूरे शवाब पर आ चुका था।

तभी पूनम नीचे बैठ कर लाल सिंह के लंड को मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी और लाल सिंह मस्ती के मारे बेहाल हो गया।

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद लाल सिंह ने पूनम को उठा कर फिर से बेड पर लेटा दिया और एक तकिया पूनम के चूतड़ों के नीचे लगा दिया। जैसे ही लाल सिंह ने अपने लंड का लाल लाल सुपाड़ा पूनम की चूत पर रखा तो पूनम मस्ती से चिल्ला उठी।

‘अब जल्दी से अंदर डालकर चोद… अब किसका इंतज़ार कर रहा है।’ लाल सिंह ने बिना कुछ कहे एक जोरदार धक्का लगा दिया और लंड पूनम की चूत में उतार दिया। पूनम एकदम से चीख पड़ी थी। ‘बहुत मोटा है तेरा तो… काश तेरे बेटे का भी तेरे जैसा होता…’

इससे आगे पूनम कुछ बोल पाती, इससे पहले ही लाल सिंह ने दो तीन ताबड़तोड़ धक्के लगा कर पूरा लंड पूनम की चूत में उतार दिया। पूनम दर्द के मारे छटपटा गई।

पूरा लंड घुसाने के बाद लालसिंह थोड़ा रुका और पूनम की चूचियों को चूसने लगा। पूनम की छटपटाहट कम हुई तो लाल सिंह ने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

पूनम का चुदक्कड़ रूप सामने आने लगा था। वो भी अब हर धक्के का जवाब अपने कूल्हे उठा उठा कर देने लगी थी।

चोद मेरे राजा…चोद मुझे… तेरा बेटा तो आग लगा कर भाग जाता है… अब तू ही ठंडा कर इस आग को… चोद अपने मोटे लंड से मुझे जोर जोर से चोद… पूरा जोर लगा …’ पूनम अब लाल सिंह को जोर जोर से चोदने के लिए उकसा रही थी।

लाल सिंह भी लंबे लंबे धक्के लगा लगा कर पूनम को चोद रहा था। वो दोनों चुदाई में मग्न थे पर मेरा लंड अब दर्द करने लगा था। मन में आया कि वापिस चलूँ पर चुदाई देखने का मौका बार बार नहीं आता है सो वहीं खड़े खड़े लंड को बाहर निकाल कर मसलने लगा।

लगभग आठ दस मिनट की चुदाई के बाद पूनम झड़ गई तो लाल सिंह भी चिल्ला उठा,’ मैं गया… मैं गया…’

और आठ दस धक्कों के बाद ही वो पूनम के ऊपर औंधे मुँह गिर पड़ा। पूनम ने भी अपनी टांगों में जकड़ लिया अपने ससुर जी को और प्यार से उसके बालों में हाथ फेरने लगी। दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे।

चुदाई पूरी हो चुकी थी। अब मैं भी वहाँ खड़ा होकर क्या करता सो चुपचाप दीवार कूद कर अपने घर वापिस आया और बाथरूम में जाकर लंड को शान्त किया।

कुछ दिन बाद पूनम मुझे अकेली मिली। उसने मुझे बताया कि उस दिन उसने मुझे उन दोनों की चुदाई करते देख लिया था। मुझे विश्वास नहीं हुआ।

आज भी पूनम मुझ से चुदने को तैयार बैठी है पर ना जाने क्यूँ उसको चोदने का मेरा मन ही नहीं होता है। मुझे पता है कि वो आज भी अपने ससुर से चुदवाती होगी। बस यही सोच कर मैं पीछे हट जाता हूँ।

आप बताओ क्या बोलते हो मुझे पूनम को चोद देना चाहिए या नहीं?

Payment Rs 10/- Only for Demo

डेमो लेने के लिए 10 रुपये की पेमेंट करे और स्क्रीनशॉट इंस्टाग्राम अकाउंट @rakhi_official_club पर भेजें