दोस्तों मेरा नाम मनीष हैं मेरी उम्र २३ साल है और मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं। कॉलेज के तृतीय वर्ष में हूँ और मुंबई में रहता हूं। कॉलेज में और दोस्तों की गर्लफ्रेंड को देखकर मेरा मन भी करने लगा कि में भी एक गर्लफ्रेंड बनाऊ।
मैं भी सोच रहा था कि कोई हो जिसके साथ मैं घूमने-फिरने के लिए जा सकूं, पार्टी कर सकूं और इन सबके साथ ही उसके साथ सेक्स का मज़ा भी ले सकूं।
जब मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में था, तो उसी समय से मेरे अंदर कामुक इच्छा ने जन्म लेना शुरू कर दिया था। कुछ लड़कियों पर मैंने लाइन मरने लगा था, लेकिन वो मुझे भाव नहीं दे रही थी। हर बार मुझे निराशा हाथ लग रही थी। जिस भी लड़की को पटाने की कोशिश करता था, वही मुझसे पीछा छुड़ा लेती थी
ऐसा लगने लगा था कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड बन ही नहीं पायेगी, जिसके साथ मैं भी कुछ मस्ती के पल बिता सकूँ।
फिर अचानक से एक दिन मेरी जिन्दगी में भी ख़ुशी के बादल छाए और एक लड़की से मुलाक़ात हुई वो किसी दूसरे कॉलेज की स्टूडेंट थी।
उसका नाम कनिका था। हम दोनों में बातें हुईं। वो बहुत खुले विचारों वाली लड़की थी की वो मेरे साथ सेक्स भी आराम से कर लेगी।
हम दोनों जल्दी ही एक दूसरे के करीब आ गए थे। हम अक्सर देर तक फ़ोन पर बातें किया करते थे। सेक्स चैट भी हमारे बीच आम थी, लेकिन अब हम दोनों का मन था की हम रियल सेक्स करें।
एक रात हम दोनों बाहर रेस्टोरेंट में खाने के लिए गये और उसने सेक्स के बारे में खुलकर इच्छा जताई मैंने भी हाँ कह दी।
रेस्टोरेंट में उसने वाइन पीने की इच्छा जताई, उसके कहने पर मैंने वाइन की दो बोतलें ले लीं हम दोनों मेरे रूम पर आ गये रूम पर आकर हम दोनों वाइन पीने लगे।
मैं एक लड़की के साथ वाइन पहली बार ही पी रहा था। पहली बार कोई लड़की मेरे सामने वाइन पी रही थी, वैसे भी वो काफी खुले विचारों वाली लड़की थी।
दो तीन वाइन के पैग लगाने के बाद दोनों को नशा सा चढ़ने लगा। मैं उसकी गोद में लेट गया हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा, उसने मेरे सीने पर हाथ रख कर मेरे शर्ट के बटन खोल दिए फिर क्या है देखते ही देखते वो मेरे सीने को चूमने लगी।
मैंने उसको उठाया और उसे अपनी तरफ खींच लिया, उसके होंठों को अपने होंठों की तरफ झुका लिया। हमारे होंठ एक दूसरे से मिल गये।
काफी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, मगर वो अब मेरी पैंट की तरफ हाथ बढ़ाने लगी। मेरा लंड तो काफी देर से तना हुआ था। जब उसने मेरे लंड पर हाथ रखा तो मेरे लंड में अलग ही जोश आ गया।
मैंने अपनी जिप को खोल दिया और पैंट को खोलते हुए अंडवियर नीचे करके लंड को बाहर निकाल लिया। मेरे 7 इंच के बड़े से लंड को उसने अपने हाथ में ले लिया।
वो मेरे होंठों को छोड़ कर सीधा मेरे लंड को चूसने लगी आह्ह… लंड
मैंने पहली बार किसी लड़की के मुंह में दिया था, मुझे बहुत मज़ा मिल रहा था।
वो मेरे लंड को बड़े ही मज़े लेकर चूस रही थी। मैं अन्दर ही अन्दर खुश हो रहा था, की इतना मज़ा आ रहा था। उसको मेरा लंड चूसने में और मुझे अपना लंड उसको चुसवाने में।
मेरा जोश बढ़ने लगा और मैंने उसके टॉप को निकाल दिया। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी। उसके गोरे बदन पर गुलाबी रंग की ब्रा बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा, फिर होटों से चूसना और जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
वो अभी भी मेरे लंड के साथ खेल रही थी, फिर मैंने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी जीन्स को भी खोलने लगा। उसको नीचे से नंगी करके उसकी पैन्टी भी उतार दी जैसे ही मैंने नंगी चूत देखी तो मेरी कामाग्नि बढ़ गई।
मैंने उसकी चूत में अपने होंठों को रख दिया। मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया। मैंने उसकी चूत को चाटा और उसकी चूत के साथ कई मिनट तक खेलता रहा वो बहुत गर्म हो गई थी।
अब मैं उसके ऊपर आ गया। मेरा लंड उसकी चूत में घुसने के लिए बेताब था। मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरू किया। वो मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी।
मैं जोर से उसके निप्पलों को चूसने लगा, अपने दांतों से काटने लगा तो वो मादक सिसकिया भरने लगी आह उह्ह्ह सी सस्सी शायद उसे मीठा दर्द होने लगा था।
उसकी चूचियों को काफी देर तक पीने के बाद, मैंने उसकी चूत में लंड को लगा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में धकेल दिया।
कब मेरी गांड अपने आप ही आगे पीछे होते हुए। उसकी चूत में मेरे लंड को धकेलने लगी, मैं तो सोच भी नहीं पाया।
उसने मेरी गांड पर अपने पैरों को जकड़ लिया और मैंने उसके ऊपर लेटकर लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। दोनों ही पहली चुदाई का मजा लेने लगे। मैं उसके होंठों को भी साथ में ही चूस रहा था, इसलिए ज्यादा देर तक वीर्य के वेग को रोक पाना मुश्किल लग रहा था।
पांच मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने के करीब पहुंच गया। उसकी चूत में ही अपना वीर्य छोड़ दिया। चूत में वीर्य झाड़ने का पहला अहसास मुझे उसी से मिला। मैं तो जैसे स्वर्ग में था, जब उसकी चूत में सारा वीर्य झटके दर झटके के साथ मेरे लंड से खाली हो गया, मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
उसको पता लग गया था कि मैं झड़ चुका हूं, मगर वो फिर भी मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर लेटी रही। मैंने लंड को उसकी चूत में ही रखा और दो मिनट के बाद दोबारा से उठ कर उसके होंठों को चूसने लगा। लंड में तनाव तो नहीं था, लेकिन मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर नहीं आने दिया।
पहली बार की चुदाई का आनंद बहुत निराला होता है। अनीसा ने भी अपनी टांगों को नहीं हटाया। हम दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए ऐसे ही एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे। पांच-सात मिनट की चूमा-चाटी के बाद लंड में फिर से तनाव आना शुरू हो गया।
लंड उसकी चूत में ही तन गया और मैंने दोबारा से उसकी चुदाई शुरू कर दी। इस बार उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे लंड पर बैठ कर उछलने लगी। मेरे हाथों को उसने पकड़ कर अपनी चूचियों पर रखवा दिया और बूब्स को दबाने का इशारा किया।
मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और वो मेरे लंड पर उछलते हुए खुद ही चुदने लगी। इस पोजीशन का आनंद भी अलग ही था। लंड गच-गच करके उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। वो भी मस्ती में अपनी चूत को चुदवा रही थी।
फिर अचानक से वो मेरे होंठों को चूसने लगी और काटने लगी। उसकी चूत से कुछ गर्म पदार्थ निकलता हुआ मुझे अपने लंड पर महसूस हुआ, शायद वो भी इस बार झड़ गई थी।
झड़ने के बाद भी उसने मेरे लंड पर अपनी चूत को धकेलना जारी रखा। दो मिनट के बाद मैं दोबारा से उसकी चूत में स्खलित हुआ। पहली चुदाई का सुख सच में बहुत ही मदहोश करने वाला था।
उसके बाद हम दोनों नंगे ही पड़े रहे, रात को नंगे ही एक दूसरे के जिस्मों से लिपटे रहे।
हम दोनों ने काफी इन्जॉय किया। रात को दो बार चुदाई हुई, शुरूआत में ही ऐसा पहली बार था कि पहली ही दफा मैंने किसी के साथ एक दिन में ही दो बार सेक्स किया।
मैं अपनी किस्मत पर फूला नहीं समा रहा था। मैं रोज भगवान से प्रार्थना करता था कि हम दोनों ऐसे ही साथ में रहें और वो मेरे जिन्दगी से कभी न जाये।
ऐसे ही महीने बीत गये। मगर अब मुझे लगने लगा था कि हम लोग सेक्स में कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हैं। रोज़ नहीं तो हर दूसरे दिन कम से दो राउंड सेक्स के हो ही जाते थे।
इस बारे में मैंने उससे अपनी बात रखने के लिए सोचा। मैंने उससे कहा कि हमें इतना ज्यादा सेक्स नहीं करना चाहिए। हफ्ते में एक बार सेक्स कर लेना शारीरिक संतुष्टि के लिए काफी होता है।
जब मैंने उससे कहा तो उसने हां में गर्दन तो हिला दी, मगर वो असल में मेरी बात को सीरीयसली नहीं ले रही थी। उसे अच्छी तरह पता था कि मैं क्या कहना चाह रहा हूं, मगर वो जानबूझ कर मेरी बात को अनदेखा कर रही थी।
फिर उसने मुझे देर रात को कॉल करना शुरू कर दिया। मैं अपनी पढ़ाई कर रहा होता था और वो उसी समय फोन किया करती थी। कई बार तो मैं सो रहा होता था और वो सेक्स चैट करने के लिए बोलती थी।
मैं हैरान था कि यह लड़की बिल्कुल पागलों वाली हरकतें कर रही है। जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं उसके रूम पर गया ताकि सब कुछ बात करके उसको क्लियर कर सकूं। इस तरह तो मेरा जीना मुश्किल होता जा रहा था।
रूम पर जाकर मैंने उससे कहा कि वो मुझे सोने के टाइम पर कॉल क्यों करती है और उस समय भी सेक्स चैट करने के लिए कहती है। मेरा इतना कहना था कि उसने अपना इमोशनल ड्रामा शुरू कर दिया।
वो कहने लगी कि वो मुझे बहुत प्यार करती है, कहते हुए उसने मुझे कस कर गले से लगा लिया। जैसे ही उसने गले से लगाया तो मेरी सारी नाराजगी दूर हो गई।
उसके बाद हम दोनों आराम से बैठ कर बातें करने लगे। मैंने उसको समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि किसी भी चीज की अति अच्छी बात नहीं होती है। सेक्स के साथ ही भी ऐसा ही है। अगर सेक्स एक लिमिट तक किया जाये तो ही ठीक है। सेक्स इतना भी नहीं करना चाहिए कि किसी का शरीर ही जवाब देने लगे।
वो मेरी बात सुन कर रोने लगी। मैंने उसके आंसू पौंछे और चुप होकर वो मेरे सीने लग गई। मैंने उसको पीठ पर सहलाया तो वो मेरे कपड़े उतारने लगी। मैं भी उसको रोक नहीं पाया। जब कपड़े उतर गये तो सेक्स भी होना ही था। हमने सेक्स किया मगर उस वक्त इतने मन से नहीं कर पाया मैं।
उस रात को हमने चुदाई के तीन राउंड किये, मगर उसका अब भी मन नहीं भरा था। उसने मेरे सोये हुए लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर दिया। मेरे लंड को पकड़ कर बुरी तरह से खींचने लगी। इतनी जोर से कि मेरे लंड में दर्द होने लगा।
उससे बहस करने की बजाय मैंने उसको रोकना चाहा। उसका विरोध किया मगर वो मेरी बात को सुन ही नहीं रही थी। उसको मेरी बात पल्ले ही नहीं पड़ रही थी। मैंने किसी तरह बचते हुए अपने कपड़े पहने और वहां से भाग निकला। वो सच में सेक्स के लिए पागल सी लगी मुझे।
उस दिन के बाद से मैंने उसको अपने हर सोशल साइट अकाउंट से ब्लॉक कर दिया। दिल तो मेरा भी टूटा हुआ था और मुझे ऐसा करते हुए दर्द भी हो रहा था, मगर मैं मजबूर था। वो मेरी बात सुनने के लिए राजी ही नहीं थी। मजबूर था और मेरे पास ऐसा करने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं था उससे पीछा छुडा़ने के लिए।
जब उस दिन नहाने गया तो मैंने देखा कि मेरे लंड का रंग गहरा लाल मगर कुछ नीला पड़ गया था। मेरे लंड में बहुत दर्द हो रहा था। उस दिन के बाद से मैंने कसम खा ली कि मैं उसके पास दोबारा नहीं जाऊंगा।
मगर कुछ ही दिनों के बाद उसने मेरे खिलाफ झूठा केस कर दिया। जिसमें उसने कहा कि उसके साथ बलात्कार किया गया है, केस होते ही मुझसे पूछताछ की गई और मुझे सबूतों के बल पर जेल में बंद कर दिया गया।
मैं दो दिन तक जेल में बंद रहा। मगर मुझे मेरी सफाई देने का मौका भी नहीं दिया गया। जबकि कानून यह कहता है कि आरोपी को अपने बचाव में दलीलें देने और सफाई पेश करने का मौका दिया जाना चाहिए।
फिर पता नहीं कैसे उस डायन ने अपनी कंप्लेंट वापस ले ली। उसने अपने बयान में कहा कि उसने मुझे मेरे गुनाह के लिए माफ कर दिया है। जेल से रिहा होने के बाद मैंने उससे हाथ जोड़ कर कहा कि वो मेरी जिन्दगी से चली जाये।
मगर उसने बजाय मेरी बात सुनने के मुझे धमकी दे डाली। वो कहने लगी कि मुझे उसके साथ ही रहना होगा। उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध भी बनाने होंगे वर्ना वो फिर से मुझे जेल भिजवा सकती है। मेरे खिलाफ दोबारा से शिकायत कर सकती है।
मैं उसके साथ फंस गया था। उस डायन ने चूस-चूस कर मुझे निचोड़े हुए सूखे आम जैसा कर दिया। मेरी सेहत एकदम से गिरती चली गई और मैं धीरे धीरे अत्यधिक सेक्स होने के कारण हड्डियों का एक कंकाल बन कर रह गया हूं, जिस पर अब कहीं कहीं मांस बचा हुआ है।
सेक्स की अति के कारण मैं अपनी सेहत और अपनी पढ़ाई दोनों से ही हाथ धो बैठा। मुझे नहीं पता था कि सेक्स के लिए मेरी यह भूख मेरी जिन्दगी को नर्क बना देगी।
मैं सभी पाठकों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप मेरी तरह सेक्स की प्यास को शांत करने के चक्कर में इस तरह किसी डायन के चंगुल में न फंसें। लड़कियों का कोई भरोसा नहीं होता है।
मर्द को हर तरह से मुजरिम करार दिया जाता है, चाहे उसकी गलती हो या न हो।
यहां पर मैं नहीं कह रहा कि मेरी गलती नहीं थी, मेरी गलती सिर्फ इतनी थी कि मैंने किसी ऐसी लड़की पर भरोसा किया जो केवल सेक्स की प्यासी थी।