चुदाई की तमन्ना को पूरा किया भाई के साथ

नमस्ते दोस्तों मेरा नाम सोनिया है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. मैं एक सेक्सी जवान लड़की हूं और मेरे जिस्म को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. अभी मैं 23 साल की हुई हूं. मेरी गांड बहुत ही सेक्सी है.

मेरे परिवार में चार सदस्य हैं. माता-पिता के अलावा मेरा एक भाई भी है. वो २० वें साल में है मैं उसकी बॉडी को देख कर कई बार आकर्षित हो जाती हूं. वो जब बाथरूम से नहा कर निकलता है तो मेरा मन इतना कामुक हो जाता हैं ऐसा मन करता हैं की उसके तौलिया को उतार दूं और उसके जिस्म को नंगा देखूं. अपने भाई से चुदाई करवाऊँ.

मैंने एक बार उसे चड्डी में भी देखा था. उसका लंड चड्डी में उभरा उभरा सा दिखाई दे रहा था. मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूं उसका लंड काफी बड़ा दिखाई देता है चड्डी में भी मैं कई बार उसको देख कर गर्म हो जाती हूं. मेरा मन करता है कि अपनी चूत में उसका लंड लेकर भाई से चुदाई करवा लूं.

वो भी बहुत ठरकी किस्म का है अधिकतर मेरे चूचों को घूरता ही रहता है जो कहानी में आपके सामने पेश कर रही हूँ दोस्तों वो मेरे और मेरे भाई के बीच चुदाई के बारे में हैं

यह करीब छह महीने पहले की बात हैं जब हम दोनों हमारे दादा दादी के घर पर गए थे मेरे दादा दादी गाँव में रहते हैं गाँव में हमारे किसी रिश्तेदार की शादी थी तो शादी में शामिल होने के बाद कुछ दिनों के लिए हम वहां रुक गए

मेरी आदत हैं की जल्दबाज़ी में मैं कई बार जल्दी में नहाने के टाइम पर अपनी ब्रा और पैंटी को बाथरूम में ही छोड़ देती थी और बाथरूम भी एक ही था मेरा भाई मेरे बाद नहाने के लिए जाता था. मैंने कई बार देखा था कि मेरा भाई मेरी ब्रा और पैंटी को लेकर छत पर चला जाता था.

एक दिन मैंने ध्यान से देखा कि मेरी ब्रा और पैंटी में निशान बने हुए थे जैसे किसी ने उस पर कुछ पदार्थ डाल दिया हो.

फिर एक दिन मैंने नहाने के तुरंत बाद देखा कि मेरी ब्रा पर मेरे भाई का वीर्य लगा हुआ था. मैंने उसको हाथ लगा कर देखा तो मुझे वो चिपचिपा लगा. मैंने उस दिन अपनी चूत को सहलाया भाई के लंड के बारे में सोचते हुए.
मेरी चूत गर्म हो गई थी. मैं भाई के लंड के बारे में सोच कर उत्तेजित हो रही थी. मगर अपनी चूत में उंगली करके उसको खुश कर लेती थी.

फिर किसी काम से एक दिन मैं भाई के साथ बाज़ार चली गई बाइक पर बैठकर रास्ते में अचानक बारिश होने लगी. उस दिन मैंने नीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई थी. गीली कच्ची सड़क पर चलते हुए मेरे चूचे भाई की गीली पीठ से चिपक रहे थे.

उस दिन मैं भाई की गर्म पीठ से लग कर मजा ले रही थी.

चलते हुए रास्ते में अचानक बाइक के नीचे पत्थर आ गया तो मैं उछल पड़ी. मैंने भाई की जांघ पर हाथ रखा हुआ था. अचानक से मेरा हाथ सरक कर भाई के लंड पर जाकर लगा. भाई का लंड पहले से तना हुआ था. शायद वो भी मेरे चूचों को अपनी पीठ पर महसूस कर रहा था और गर्म हो गया था.

मैंने भाई के लंड को पकड़ा तो उसे दर्द हुआ और चिल्लाया. वो डांटते हुए बोला- आराम से बैठो.
भाई के लंड से मैंने हाथ वापस पीछे कर लिया.

उसके बाद हम दोनों वापस शाम को घर में आ गये. फिर रात को कपड़े बदल कर सोने लगे. मेरा भाई भी मेरे साथ ही सो रहा था. मेरी आंख लग गई थी. मगर फिर देर रात को अचानक मुझे महसूस हुआ कि किसी के हाथ मेरे चूचों को छेड़ रहे थे.

आंखें बंद रखे हुए ही मैं लेटी रही. अब मैं जाग गई थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी. मेरी गांड मेरे भाई की तरफ थी. वो मेरे चूचों को पीछे से हाथ लाकर दबा रहा था. मुझे भी मजा आने लगा. कुछ देर तक वो मेरी चूचियों को दबाता रहा. उसके बाद उसने मेरे चूचों से हाथ हटा लिया. फिर उसके हाथ मेरी गांड को दबाने लगे.

मुझे मजा आ रहा था. उसने मेरी गांड को दबाया. फिर उसने मेरी लेंगिंग को उतार कर नीचे कर दिया. कमरे में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था.

उसने मेरी पैंटी को खींचने की कोशिश की लेकिन मेरी पैंटी मेरी जांघों में फंसी हुई थी.
मैंने हल्का सा उठते हुए उसकी मदद की मगर उसको पता नहीं लगने दिया कि मुझे भी मजा मिल रहा था उसके बाद भाई ने मेरी पैंटी को उतार दिया.

वो मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा. मैं अब गर्म होने लगी थी. धीरे धीरे मेरी चूत गीली हो रही थी. उसने मेरी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. शायद मेरी चूत में पानी आने लगा था. मुझे अब अपनी चूत में गीलापन महसूस होने लगा था

वो मेरी चूत में उंगली कर रहा था मेरी सांसें तेज हो रही थी. उसके बाद उसने मेरी चूत को हथेली रगड़ते हुए अपना लंड मेरी गांड में लगा दिया. मुझे उसका गर्म लंड अपनी गांड पर महसूस होने लगा. मेरी चूत बिल्कुल पानी पानी हो गई थी.

शायद भाई को भी पता लग गया था कि मैं जाग रही हूं क्योंकि मेरी गीली चूत ने उसको बता दिया था कि मैं केवल सोने का नाटक कर रही हूं और भाई से चुदाई करवा लूंगी.

उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूतड़ों पर रगड़ना शुरू किया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसका लंड बहुत गर्म था और मैं चाहती थी कि वो और आगे बढ़े.

मेरे कहने से पहले ही उसने मेरे मुंह को अपनी तरफ घुमा लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.

अब मैंने भी अपनी आंखें खोल दीं और भाई का साथ देने लगी. हम दोनों ही एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे. वो मेरे होंठों को इस कदर चूस रहा था जैसे उनको खा ही जायेगा.

वो अपने लंड को मेरी जांघ पर रगड़ रहा था. मैं भी अपने भाई को बांहों में लेकर उसके होंठों को चूस रही थी. मेरे अंदर की प्यास धीरे धीरे बुझते हुए मुझे मज़ा आने लगा था

उसके बाद उसने मेरे टॉप को उतार दिया. मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे दूधों को दबाने लगा. उसने मेरी ब्रा खोल कर एक तरफ फेंक दी और मेरे भाई ने मेरे चूचों को अपने मुंह में भर लिया.

वो मेरे चूचों को बारी बारी से एक एक करके चूसने लगा मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा. उसकी जीभ मेरे चूचों के निप्पलों पर तैर रही थी. मैं हर पल चुदासी होती जा रही थी.

उसने कई मिनट तक मेरे चूचों को पीया और उसके बाद वो मेरी पैंटी की तरफ बढ़ा. उसने मेरी पैंटी को मेरी टांगों से बिल्कुल अलग कर दिया.

उसने मेरी टांगों को चौड़ा कर दिया और मेरी चूत में मुंह देकर मेरी चूत को चूसने लगा. मैं तो जैसे पागल सी होने लगी. उसकी गर्म जीभ मेरी चूत को बहुत मजा दे रही थी.

भाई ने मेरी चूत को कई मिनट तक चूसा. उसके बाद उसने मेरी चूत में जीभ अंदर तक घुसा दी. मैं सेक्स के लिए पागल हो उठी. वो जोर से अपनी जीभ को मेरी चूत में अंदर और बाहर करने लगा. मैंने उसके बालों को पकड़ कर नोंचना शुरू कर दिया.

उसका मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी. फिर मैंने उसको उठाया और उसकी पेंट को खींच कर नीचे करते हुए उसके लंड को अपने मुंह में भर लिया.

भाई का मोटा लंड चूसने में मुझे बहुत मजा आने लगा. मैंने उसके लंड को पूरा मुंह में ले रखा था और भाई के मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी.

मैंने भाई के लंड को चूसते हुए उसका पानी चखा. उसका पानी नमकीन सा लगा. अब उसके लंड में बहुत ही जोर का कड़ापन आ गया था.

उसने मेरे मुंह से लंड को निकाल लिया. फिर उसने अपने मोटे लंड को मेरी चूत पर रख दिया.

भाई का लंड वाकई में बहुत बड़ा था. मैंने कहा- ये मेरी चूत के अंदर नहीं जा पायेगा.

वो बोला बस अब तू मुझ पर छोड़ दे देखती जा अब ये मेरा बड़ा सा लौड़ा तेरी चूत को कैसे खुश करता हैं तू तो बस चुपचाप लेट कर लंड का मजा ले यह कहते हुए उसने अपने लंड पर थूक लगाया और लंड को मेरी चूत में पेल दिया

उसने मेरी चूत में लंड को धकेलना जारी रखा और बहुत कोशिश करने के बाद मेरी चूत में जैसे ही उसके लंड का सुपारा गया तो मेरी जैसे जान निकल गयी.

मैं उसको हटाने लगी. मगर उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. अपने लंड के टोपे को मेरी चूत में घुसा कर वो मेरे होंठों को पीने लगा तो मुझे आराम मिला.

दो मिनट के बाद उसने फिर से लंड को धकेलना शुरू कर दिया मुझे दर्द हो रहा था लेकिन भाई कोशिश करते हुए पूरा लंड अंदर घुसेड़ देना चाह रहा था. उसने धीरे धीरे करके पूरे लंड को मेरी चूत में उतार दिया.

उसके मोटे लंड से चुद कर मुझे अब मजा आने लगा था. उसने अब धक्के तेज कर दिये. अब मैं भी चुदाई में उसका पूरा साथ देने लगी.

इस तरह से मेरे भाई का लंड मेरी चूत की प्यास बुझा रहा था उसने फिर मेरी टांगों को ऊपर उठा लिया और मेरी चूत को कसके फाड़ने लगा.

एकदम से मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और चुदाई में पच-पच की आवाज होने लगी थी भाई का मोटा लंड मेरी चूत में अंदर बाहर होता रहा

ऐेसे ही चूत चुदवाते हुए मैं दोबारा से गर्म हो गई. मैं फिर से गांड उठा उठा कर भाई के लंड चूत में लेकर मजे लेने लगी. उसके बाद उसने मुझे उठाया और कुतिया बना दिया. उसने पिछवाड़े से मेरी चूत में लंड को पेल दिया और मेरी चूत को फाड़ने लगा.

भाई से चुदाई करवा के मुझे बहुत मजा मिल रहा था. भाई के मोटे लंड से चुदते हुए मैं बहुत खुश हो गई और मेरी चूत भी जैसा मैंने सोचा था वैसे ही खुश कर रहा था उसका लौड़ा हम दोनों को मतलब मुझे और मेरी चूत को

मैं दोबारा से झड़ना शुरू हो गई फिर एकाएक मेरी चूत से दोबारा पानी निकल गया. मगर भाई अभी भी नहीं रुका. उसके धक्के मेरी चूत में अभी भी जोर से लग रहे थे.

मुझे दर्द होने लगा था. मैं दर्द से चिल्ला उठी लेकिन कुछ देर बाद मुझे फिर से मज़ा आने लगा. मैं गांड हिलाते हुए लंड लेने लगी और मैंने कहा- मार और जोर से … और तेज मार … फाड़ डाल.
भाई भी जोर से मेरी चुदाई करने लगा.

पांच मिनट बाद उसने अपना लंड निकाला और मेरे मुँह में दे दिया और मैंने लंड चूसना चालू किया. भाई के लंड पर लगा हुआ मेरी चूत के पानी का स्वाद भी मेरे मुंह में आने लगा था. मैं तेजी से भाई का लंड चूस रही थी. दो मिनट तक मैंने पूरा मन लगा कर भाई का लंड चूसा.

भाई ने पूरा लंड मेरे गले तक उतार दिया. मेरा दम घुटने लगा लेकिन उसने पूरा लंड घुसाये रखा.

एकाएक उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी और मेरे गले में गिरने लगी. भाई का वीर्य मेरे अंदर मुंह में जाने लगा. मैं उसके वीर्य का स्वाद अपने मुंह में फील कर रही थी. उसने पूरा वीर्य मेरे मुंह में छोड़ दिया, फिर मेरे मुंह में लंड डाल कर लेट गया.

उसके बाद हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. कुछ देर तक उसने लंड को मेरे मुंह में ही रखा.

कुछ देर के बाद उसका लंड मेरे मुंह में फिर से तन गया और उसने एक बार फिर से मेरी चूत फाड़ दी. उस रात को भाई ने तीन बार मेरी चूत की जमकर चुदाई की.

मेरी चूत की प्यास बुझ गई और मुझे भाई के लंड से चुदने की आदत सी हो गई.

अब हम दोनों भाई-बहन कभी भी चुदाई कर लेते हैं. ऐसा लगता है कि जैसे हम भाई-बहन नहीं बल्कि पति-पत्नी हो